Satya Ke Prayog Athava Atmakatha
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- Synopsis
- इस पुस्तक की प्रस्तावना में गांधीजी में गींधीजी ने लिखा हैः “मेरी बिनती है कि कोई मेरे लेखों को प्रमाणभूत न समझे। मैं सिर्फ इतना चाहता हुँ कि इनमें बताये गये प्रयोगों के दृष्टांतरुप मानकर सब अपने-अपने प्रयोग यथाशक्ति और यथामति करें। मेरा विश्वास है कि इस संकुचित क्षेत्र में आत्मकथा के मेरे लेखों से पाठको को बहुत कुछ मिल सकता है।” राष्ट्रपुता महात्मा गांधी के जीवन और कार्यपद्धति को समझने की अभिलाषा रखनेवाले प्रत्येक भारतीय को यह अमुल्य ग्रंथ अवश्य पढ़ना चाहिये।
- Copyright:
- 2017
Book Details
- Book Quality:
- Publisher Quality
- ISBN-13:
- 9788172294595
- Publisher:
- Navajivan Trust
- Date of Addition:
- 06/30/17
- Copyrighted By:
- Navajivan Trust
- Adult content:
- No
- Language:
- Hindi
- Has Image Descriptions:
- No
- Categories:
- History, Nonfiction, Biographies and Memoirs
- Submitted By:
- Bookshare Staff
- Usage Restrictions:
- This is a copyrighted book.