पाठ 1 बेटी- पढ़ना लिखना, तरक्की करना एवं दुनिया में उजियारा फैलाने में नारी कभी पीछे नहीं रही । वह खुद स्वाभिमान से जी कर स्वनिर्भर बन सकती है[प्रस्तुत पाठ में संजय गया है, 2 हम भी बनें महान प्रस्तुत इकाई में स्वामी विवेकानंद, गोपालकृष्ण गोखले, सचिन तेंदुलकर और हजरत अली के जीवन से जुड़े कुछ प्रसंग दिए गए हैं, जिनमें उनकी महानता के कुछ बुनियादी गुण दृष्टव्य होते हैं । यही गुण हमारे जीवन के लिए प्रेरणा पीयूष हैं । ऐसे गुणों को अपनाकर हम भी महान बन सकते हैं । 3 सच्चा हीरा प्रस्तुत कहानी में व्यक्ति के ज्ञान के साथ साथ उसके कर्म को भी महत्व दिया गया है । अच्छा ज्ञान, अच्छी बात है लेकिन वह आचरण में नहीं है तो, निरर्थक है । इस बात को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया गया है । 4 देश के नाम संदेश इसमें देशवासियों के मन में देशाभिमान की भावना उत्पन्न हो, ऐसी सीख भी है । 5 धरती की शान पंडित भरत व्यास जी हमारे जाने माने गीतकार थे यह गीत सन् १९५८ में आई हिन्दी फिल्म गाँव गौरी से लिया गया है । 6 मालवजी फौज़दार प्रस्तुत एकांकी में एक छोटे बालक मालवजी फौजदार की निर्भयता, प्रतिज्ञापालन, कर्तव्य भावना और मातृप्रेम प्रस्तुत किया गया है 7 बढ़े कहानी
मनुष्य कहानी प्रिय है । कहानी बनाना दिलचश्प और चुनौतीपूर्ण कार्य है । छात्र में कहानी निर्माण के प्रति रुचि उत्पन्न हो इसलिए यहाँ वैविध्यपूर्ण अभ्यास दिए गए हैं । कहानी विकास और विस्तार की प्रवृतियाँ कहानी लेखन की ओर नई दिशा देंगी । 8 मुस्कान के मोती हास्य मनुष्य को जीवन शक्ति प्रदान करता है, उसे दीर्घायु बनाता है । हँसी क्रोध, चिन्ता और क्षोभ को भगा देती है । साथ ही वह सुख और स्वास्थ्य की चाबी है । ‘मुस्कान के मोती' के रूप में यहाँ ऐसे ही कुछ चुटकुले दिए गए हैं । 9 समय-सारिणी समय का हमारे जीवन में बहुत ही महत्व है । समय के सदुपयोग के लिए जीवन में किसी भी काम का व्यवस्थित आयोजन करना अत्यंत आवश्यक है
10 अंदाज अपना-अपना किसी भी विषय के सम्बन्ध में तर्कपूर्ण सोचना या चिंतन करना, मनन करते हुए अपनी बात को प्रगट करना तार्किक चिंतन कहलाता है प्रस्तुत इकाई में तार्किक चिंतन के बहु आयामी सोच का विकास-विस्तार हो, ऐसे वैविध्यपूर्ण कुछ अभ्यास रखे गए हैं ।और अंत में पुनरावर्तन 1 और 2 है.