Dharm Darshan Ki Roop - Rekha- Competitive Exam
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- Synopsis
- धर्म दर्शन की रूपरेखा पुस्तक दो खंडों में विभक्त है। पुस्तक में धर्म दर्शन संबंधी सभी समस्याओं का स्पष्ट रुपसे समाधान किया गया है। धर्म दर्शन का स्वरूप दर्शन का इतिहास उनकी उपयोगिता, धार्मिक चेतना, धर्म का आधार, दैवी प्रकाशन का सिद्धान्त, मानवीय विवेक का सिद्धान्त, मानव शास्त्र एवं मनोविज्ञान में धर्म की उत्पत्ति, धर्म और विज्ञान, धर्म और कला, धर्म को नैतिकता और मनोविज्ञान से जुड़े विषय का वर्णन किया गया है। धर्म की परिभाषा उनके प्रकार अन्तर और विशेषताओं को भी सम्मिलित किया गया है। ईश्वर का विचार धर्म में उनका स्थान उनके अस्तित्व सम्बन्धि प्रमाण प्रस्तुत किये गये है। धर्मों की एकता, धार्मिक ज्ञान और उनका स्वरूप धार्मिक विश्वास और धर्म परिवर्तन को उदाहरण के साथ स्पष्ट किया गया है। द्वितीय खंड में बौद्ध धर्म से जुड़े सिद्धान्त का और धर्म का आधार उनके धार्मिक सम्प्रदाय, महात्मा बुद्ध की विरोधात्मक प्रवृत्ति का उल्लेख किया गया है। जैन धर्म, के विचार, जैन धर्म और हिन्दू धर्म का संबंध, इस्लाम धर्म ईसाई धर्म हिन्दू धर्म पारसी धर्म यहूदी धर्म, सिख धर्म, कनफ्युशियस धर्म और शिन्तों धर्म के सिद्धान्त विचार एवं उनके महत्व के बारे में बताया गया है। इस प्रकार यह पुस्तक समस्त धर्म से जुड़े सिद्धान्त विचार, उनके उ्देश्य को सही और स्पष्ट रूप का अध्ययन करती है और छात्रों के लिए उपयोगी है।
- Copyright:
- 2017
Book Details
- Book Quality:
- Publisher Quality
- ISBN-13:
- 9788120822917
- Publisher:
- Motilal Banarasidas
- Date of Addition:
- 01/27/20
- Copyrighted By:
- copyright Motilal Banarasidas
- Adult content:
- No
- Language:
- Hindi
- Has Image Descriptions:
- No
- Categories:
- Nonfiction
- Submitted By:
- Bookshare Staff
- Usage Restrictions:
- This is a copyrighted book.