Nirmala: निर्मला
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- Synopsis
- महिला-केंद्रित साहित्य के इतिहास में इस उपन्यास का विशेष स्थान है । इस उपन्यास की मुख्य पात्र 35 वर्षीय सुन्दर और खुशाल लड़की है । निर्मला नाम की लड़की का विवाह एक अधेड़ उम के व्यक्ति से कर दिया जाता है जिसके पूर्व पत्नी से तीन बेटे है। 'निर्मला का प्रेमचन्द्र के उपन्यासों की कडी में महत्त्वपूर्ण स्थान है । इसकी कथा के केन्द्र में निर्मला है, जिसके चारों ओर कथा भवन का निर्माण करते हुए असम्बद्ध प्रसंगों का पूर्णत: बहिष्कार किया गया है । इससे यह उपन्यास सेवासदन से भी अधिक सुग्रंथित एवं सुसंगठित बन गया है। इसे प्रेमचन्द का प्रथम 'यथार्थवादी' तथा हिन्दी का प्रथम 'मनोवैज्ञानिक उपन्यास' कहा जा सकता है। निर्मलाका एक वैशिष्ट्य यह भी है कि इसमें 'प्रचारक प्रेमचन्द' के लोप ने इसे न केवल कलात्मक बना दिया है।
- Copyright:
- 2002
Book Details
- Book Quality:
- Excellent
- Book Size:
- 138 Pages
- Publisher:
- Orient Publication
- Date of Addition:
- 03/31/21
- Copyrighted By:
- Orient Publication
- Adult content:
- No
- Language:
- Hindi
- Has Image Descriptions:
- Yes
- Categories:
- Literature and Fiction
- Submitted By:
- Bookshare Staff
- Usage Restrictions:
- This is a copyrighted book.