Swar Vihar Sangeet class 12 - RBSE Board: स्वर विहार संगीत 12वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
By:
Sign Up Now!
Already a Member? Log In
You must be logged into Bookshare to access this title.
Learn about membership options,
or view our freely available titles.
- Synopsis
- विश्व इतिहास में भारत ऐसे लोगों का प्रतिनिधित्व करता है जो कि संगीत, काव्य, दर्शन की सीमाओं में सत्य की खोज हेतु प्राचीनकाल से शोधरत हैं, जिनके शोध का मूल अंतर्दृष्टि है। अंतदृष्टि बुद्धि और शरीर की आवश्यकताओं के उत्तर में कार्य करती है तथा साधक को नवीन अन्वेषण हेतु दिशा प्रदान करती है। यद्यपि विज्ञान एवं कला दोनों का स्रोत अंतर्दृष्टि ही है, लेकिन रंगों, लय, स्वर, ध्वनि के आंदोलनों से स्पंदित अंतर्दृष्टि ही संगीत के सौन्दर्य को आहतनाद में व्यक्त करके 'सत्यं शिवं सुन्दरं' रुपी अनाहतनाद का बोध कराती है। आध्यात्मिक दृष्टि से निराकार संगीत ही निराकार ब्रह्म का स्पर्श / अनुभव कर पाता है । प्रत्येक व्यक्ति संपूर्ण विश्व रुपी वाद्यवृंद में एक वाद्य है और प्रत्येक आवाज इस वाद्य की ध्वनि । शब्द एवं स्वर के अंतर्निहित स्वरुप को समझकर, उसके गहनतम गह्वर में प्रविष्ट होकर दिव्य चेतना के साथ एकाकार होना ही संगीत का लक्ष्य हैं । इसी दायित्व के साथ नादब्रह्म की इयता, सत्ता, महत्ता का सम्मान एवं उसकी शुचिता के निर्वहन का प्रयास रखते हुए "स्वर विहार" संगीत पाठ्य पुस्तक कक्षा 12 के लिए यह द्वितीय भाग प्रस्तुत है।
- Copyright:
- 2020
Book Details
- Book Quality:
- Excellent
- Book Size:
- 313 Pages
- Publisher:
- Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer
- Date of Addition:
- 08/10/21
- Copyrighted By:
- Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer
- Adult content:
- No
- Language:
- Hindi
- Has Image Descriptions:
- Yes
- Categories:
- Nonfiction
- Submitted By:
- Bookshare Staff
- Usage Restrictions:
- This is a copyrighted book.