Pashchyatya Rajniti Vicharak - Delhi Vishvavidyalaya: पाश्चात्य राजनीति विचारक - दिल्ली विश्वविद्यालय
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- Synopsis
- ‘पाश्चात्य राजनीति-विचारक’ के अंतर्गत मुख्यतः पश्चिमी जगत् के प्राचीन, मध्ययुगीन और आधुनिक राजनीति-दार्शनिकों के चिंतन का तुलनात्मक और आलोचनात्मक विवेचन प्रस्तुत किया गया है। इसके आरंभ में गौरव-ग्रंथों के सामान्य लक्षणों का विवरण देते हुए उनकी उपयोगिता और सार्थकता पर प्रकाश डाला गया है; उनकी व्याख्या की सामान्य समस्याओं की चर्चा करते हुए इस व्याख्या के विभिन्न उपागमों की जांच की गई है। फिर पश्चिमी राजनीति चिंतन के इतिहास से जुड़े प्रत्येक युग की सामान्य विशेषताओं का विवरण देते हुए उनके प्रतिनिधि दार्शनिकों की देन को परखा गया है। प्राचीन यूनानी दार्शनिकों में यहां सुक़रात, प्लेटो और अरस्तू के चिंतन का विश्लेषण किया गया है। फिर प्राचीन रोम और मध्ययुगीन यूरोप के प्रतिनिधि विचारकों का संक्षिप्त किंतु निकट परिचय दिया गया है। आधुनिक युग के मुख्य-मुख्य राजनीति-दार्शनिकों में मेकियावेली, बोदां, ग्रोश्यस, हॉब्स, लॉक, रूसो, मांतेस्क्यू, ह्यूम, बर्क, बेंथम, जे.एस. मिल, कांट, हेगेल, टी.एच. ग्रीन, मार्क्स, लेनिन, रोज़ा लक्ज़ेमबर्ग, माओ त्से-तुंग, ग्राम्शी, ल्यूकाच, हन्ना आरेंट और माइकल ओकशॉट के मुख्य-मुख्य विचारों की विस्तृत समीक्षा प्रस्तुत की गई है।
- Copyright:
- 2021
Book Details
- Book Quality:
- Excellent
- Book Size:
- 724 Pages
- ISBN-13:
- 9789388658379
- Publisher:
- National Paperbacks
- Date of Addition:
- 09/12/21
- Copyrighted By:
- Om Prakash Gauba
- Adult content:
- No
- Language:
- Hindi
- Has Image Descriptions:
- Yes
- Categories:
- Nonfiction
- Submitted By:
- Bookshare Staff
- Usage Restrictions:
- This is a copyrighted book.