Jagat Karta Kaun?: जगत कर्ता कौन?
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- Synopsis
- अनादी कल से जगत की वास्तविकता जानने की मनुष्य की लालसा है मगर वह सही जान नहीं पाया है| मुख्यत: वास्तविकता में मैं कौन हूँ, इस जगत को चलाने वाला कौन है तथा इस जगत का रचयिता कौन है, यह जानना है| प्रस्तुत संकलन में सच्चा कर्ता कौन है, यह रहस्य खुल्ला किया गया है| आमतौर पर अच्छा हुआ तो ‘मैंने किया” मान लेता है और बुरा हुआ तो दूसरे पर आक्षेप देता है कि ‘इसने बिगाड़ दिया|’ नहीं तो ‘मेरी ग्रह दशा बिगड़ गयी है’बोलेगा या तो ‘भगवान् ने किया’ ऐसा भी आक्षेप दे देता है| यह सब रोंग मान्यताएं हैं| भगवांन क्या पक्षपात करने वाला है कि आपका नुकसान करे? यह दुनिया किसने बनाई? अगर बनाने वाला होता तो उसको किसने बनाया? फिर उसको भी किसने बनाया? याने उसका अंत ही नहीं है| और दूसरा यह भी प्रश्न पैदा होता है कि दुनिया उसको बनानी ही थी, तो फिर ऐसी कैसी दुनिया बनाई कि जिसमे सभी दुखी हैं? किसी को भी सुख नहीं है? उसकी मज़ा और अपनी सजा, यह कैसा न्याय?! इस काल में करता सम्बन्धी का सिद्धांत पहली बार विश्व को यथार्थ स्वरुप में परम पूज्य दादा भगवान् ने दिया है और वह यह है कि इस दुनिया में कोई स्वतंत्र कर्ता नहीं है| इस दुनिया को रचने वाला या चलाने वाला कोई भी नहीं है| यह जगत चलता है, वह साइंटिफिक सरकमस्टेन्शियल एविडेंस से चलता है| जिसको परम पूज्य दादाश्री ‘व्यवस्थित शक्ति’ कहते हैं| जगत में कोई भी स्वतंत्र करता नहीं है, मगर, सब नैमितिक कर्ता हैं, सभी निमित हैं| गीता में भी भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कहा था कि, "हे! अर्जुन! तू इस युद्ध में निमित मात्र है, तू युद्ध का कर्ता नहीं है| प्रस्तुत पुस्तिका में करता का रहस्य परम पूज्य दादाश्री की सादी, सरल भाषा में दिल में उतर जाए, इस तरह से समझाया गया है|
- Copyright:
- 2016
Book Details
- Book Quality:
- Excellent
- Book Size:
- 52 Pages
- ISBN-13:
- 9789386289544
- Publisher:
- Dada Bhagwan Vignan Foundation
- Date of Addition:
- 09/28/21
- Copyrighted By:
- Dada Bhagwan Foundation
- Adult content:
- No
- Language:
- Hindi
- Has Image Descriptions:
- Yes
- Categories:
- Nonfiction, Self-Help, Religion and Spirituality
- Submitted By:
- Bookshare Staff
- Usage Restrictions:
- This is a copyrighted book.