Adhoora Aasman Gazal Sangrah: अधूरा आस्माँ (ग़ज़ल संग्रह)
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- Synopsis
- ‘अधूरा आस्माँ’, इस पुस्तक की रचना उन दो संवेदनशील रचनाकारों ने की है जिनकी आँखों ने कभी रोशनी को महसूस तक नहीं किया है । गहन अंधेरे के अन्तहीन समन्दर की अनंत गहराइयों में जिनकी संवेदनाओं ने जिंदगी के हर उजले-काले पक्ष को देखा है, महसूस किया है और भोगा भी है, उन आसूदानी बंधुओं (श्री विनोद आसूदानी और श्री राजेश आसूदानी 'रकीब') ने जिंदगी के साथ गुफ्तगू करती हुई इस पुस्तक की रचना कर मानवीय क्षमता की एक और बुलंदी पर अपना नाम दर्ज कर दिया है। गज़ल संग्रह में विनोद और राजेश की पचास - पचास इस तरह कुल एक सौ गज़लें समाहित है। कवियों ने बहर और वज़न का पूरा-पूरा ध्यान रखने का प्रयास किया है और सभी गज़लें बहुत अच्छी हैं - पठनीय हैं । हाँ दो-तीन गजलें ज़रूर ऐसी है जिन्हें कुछ और तराशा जाता तो वे और अधिक निखर जातीं । गजलों की भाषा आम बोलचाल की भाषा वाली सरल सहज हिंदुस्तानी' है जिसे उर्दू के शब्दों ने और अधिक आकर्षक और प्रभावशाली बना दिया है ।
- Copyright:
- 2002
Book Details
- Book Quality:
- Excellent
- Book Size:
- 140 Pages
- Publisher:
- Prakshep Prakashan
- Date of Addition:
- 10/29/21
- Copyrighted By:
- Vinod Asudani and Rajesh Asudani 'Raqeeb'
- Adult content:
- No
- Language:
- Hindi
- Has Image Descriptions:
- Yes
- Categories:
- Nonfiction, Poetry
- Submitted By:
- Bookshare Staff
- Usage Restrictions:
- This is a copyrighted book.