Hindi ke Prachin Pratinidhi Kavi: हिन्दी के प्राचीन प्रतिनिधि कवि
By:
Sign Up Now!
Already a Member? Log In
You must be logged into Bookshare to access this title.
Learn about membership options,
or view our freely available titles.
- Synopsis
- “हिन्दी के प्राचीन प्रतिनिधि कवि” प्रस्तुत ग्रन्थ में हिन्दी के प्राचीन काव्य की विविध धाराओं के प्रवर्तक एवं प्रतिनिधि कवियों का अध्ययन एवं अनुशीलन उपस्थित किया गया है, जो हिन्दी-साहित्य के जिज्ञासु-प्रेमियों के साथ-साथ बी. ए. तथा एम. ए. के हिन्दी छात्रों के लिए अत्यन्त उपयोगी है । इस अध्ययन के अन्तर्गत चेष्टा यह की गई है कि अध्येता को आरम्भ से लेकर रीतिकाल की रीति-बद्ध एवं रीति-मुक्त काव्य-धारा तक के सम्पूर्ण प्रतिनिधि कवियों तथा प्राचीन काव्य की विविध धाराओं का सम्यक ज्ञान प्राप्त हो जाय ।
- Copyright:
- 2021
Book Details
- Book Quality:
- Excellent
- Book Size:
- 489 Pages
- Publisher:
- Vinod Pustak Mandir Agra
- Date of Addition:
- 06/30/22
- Copyrighted By:
- Vinod Pustak Mandir, Agra
- Adult content:
- No
- Language:
- Hindi
- Has Image Descriptions:
- Yes
- Categories:
- Poetry, Literature and Fiction
- Submitted By:
- Bookshare Staff
- Usage Restrictions:
- This is a copyrighted book.