Aaphudri Ek Jiddi Ladki Ki Atmakatha: आपहुदरी एक जिद्दी लड़की की आत्मकथा
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- Synopsis
- विविधता भरे अनुभवों की धनी रमणिका गुप्ता की आत्मकथा की यह दूसरी कड़ी 'आपहुदरी' एक बेहद पठनीय आत्मकथा है। उनकी आत्मकथा की पहली कड़ी ‘हादसे' से यह कई अर्थों में अलग है। सच कहें, तो यही है उनकी असल आत्मकथा…। यहां लेखिका का निजी जीवन, उनके संघर्ष का सच एक स्त्री की कसौटी पर उद्घाटित हुआ है। यहां एक सुदीर्घ जीवन की कहानी है जहां एक रचनाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और राजनेता के रूप में रमणिका जी का धनबाद तक का जीवन बड़े रोचक ढंग से सामने आता है। हिन्दी में यह एक निर्भीक स्त्री के जीवन पर आधारित ऐसी आत्मकथा है जिसे पाठक एक रोचक उपन्यास की तरह पढ़ेंगे। उम्र के जिस दौर में लोग हांफ कर घर बैठ जाते हैं, रमणिका जी 86 साल की उम्र में भी युवा रचनाकारों से ज्यादा सक्रिय हैं। रमणिका जी की इस बेहद बोल्ड आत्मकथा को पढकर कुछ और रचनाकार आत्मकथा लिखने की हिम्मत दिखाएं तो हमारा यह प्रयास सफल होगा। यह आत्मकथा बताती है कि जीवट किसे कहते हैं।
- Copyright:
- 2016
Book Details
- Book Quality:
- Excellent
- Book Size:
- 442 Pages
- ISBN-13:
- 9788171383153
- Publisher:
- Samayik Prakashan
- Date of Addition:
- 10/29/22
- Copyrighted By:
- Ramnika Gupta
- Adult content:
- No
- Language:
- Hindi
- Has Image Descriptions:
- Yes
- Categories:
- Biographies and Memoirs
- Submitted By:
- Bookshare Staff
- Usage Restrictions:
- This is a copyrighted book.