Gyanyog: ज्ञानयोग
By:
Sign Up Now!
Already a Member? Log In
You must be logged into Bookshare to access this title.
Learn about membership options,
or view our freely available titles.
- Synopsis
- स्वामी विवेकानन्द के ज्ञानयोग सम्बन्धित व्याख्यान, उपदेशों तथा लेखों को लिपिबद्ध कर 'ज्ञानयोग' पुस्तक में संकलित किया है। स्वामी विवेकानन्द द्वारा वेदान्त पर दिये गये भाषाणों का संग्रह ‘ज्ञानयोग’ है। इन व्याख्यानों में श्री स्वामीजी ने वेदान्त के गूढ़ तत्त्वों की ऐसे सरल, स्पष्ट तथा सुन्दर रूप से विवेचना की है कि आजकल के शिक्षित जनसमुदाय को ये खूब जँच जाते हैं। उन्होंने यह दर्शाया है कि वैयक्तिक तथा सामुदायिक जीवन-गठन में वेदान्त किस प्रकार सहायक होता है। मनुष्य के विचारों का उच्चतम स्तर वेदान्त है और इसी की ओर संसार की समस्त विचारधाराएँ शनैःशनैः प्रवाहित हो रही हैं। अन्त में वे सब वेदान्त में ही लीन होंगी। स्वामीजी ने यह भी दर्शाया है कि मनुष्य के दैवी स्वरूप पर वेदान्त कितना ज़ोर देता है और किस प्रकार इसी में समस्त विश्व की आशा, कल्याण एवं शान्ति निहित है और हमें पूर्ण विश्वास है कि वेदान्त तथा भारतीय संस्कृति के प्रेमियों को इस पुस्तक से विशेष लाभ होगा।
- Copyright:
- 2014
Book Details
- Book Quality:
- Excellent
- Book Size:
- 152 Pages
- Publisher:
- Prabhat Prakashan
- Date of Addition:
- 02/26/23
- Copyrighted By:
- Prabhat Prakashan
- Adult content:
- No
- Language:
- Hindi
- Has Image Descriptions:
- Yes
- Categories:
- Philosophy
- Submitted By:
- Bookshare Staff
- Usage Restrictions:
- This is a copyrighted book.