Papi Dharmatma: पापी धर्मात्मा
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- Synopsis
- जनप्रिय लेखक ओमप्रकाश शर्मा जी का लेखन एक अलग संसार की रचना करता है। एक ऐसा संसार जिसमें जीवन का स्पंदन और मानवता का रंग अपने सकारात्मक आयाम में उभरता है। ‘पापी धर्मात्मा’ एक ऐसे नायक कि कथा है जो परिस्थितिवश जासूस से आध्यात्मिक राह पर चलकर योगी बन जाता है। अपने जीवन में वह योगी बनने के उपरान्त क्या करता है, और क्यों करता है, यह देखना पाठक के अंतर्मन की परतों को कुछ इस प्रकार उद्घाटित करता है कि उपन्यास के अंत तक वह अनिवर्चनीय आनंद से संतुष्ट हो उठता है। यह छोटा सा उपन्यास एक जीवन दर्शन दे जाता है। इस उपन्यास को पढ़कर मानवता का सही अर्थ आप सहज ही जान सकेंगे। राजनीति की दशा और दिशा भी जान सकेंगे। आज के समय में पनप रही व्यग्रता के मध्य यह उपन्यास एक प्रकाश स्तंभ के समान आपकी सोच को सही दिशा दे सकेगा। ये एक अलग किस्म का उपन्यास है। एक समग्र वक्तव्य है।
- Copyright:
- 2021
Book Details
- Book Quality:
- Excellent
- Book Size:
- 245 Pages
- Publisher:
- Shabdgaatha Media Publishers
- Date of Addition:
- 10/28/23
- Copyrighted By:
- Virendra Sharma
- Adult content:
- No
- Language:
- Hindi
- Has Image Descriptions:
- Yes
- Categories:
- Literature and Fiction
- Submitted By:
- Bookshare Staff
- Usage Restrictions:
- This is a copyrighted book.