Tandav Stuti Khand-3 (Kalkikaal Katha): ताण्डव स्तुति खंड-तीन (कल्किकाल कथा)
By:
Sign Up Now!
Already a Member? Log In
You must be logged into Bookshare to access this title.
Learn about membership options,
or view our freely available titles.
- Synopsis
- कोई मसीहा कहता है तो कोई अवतार, लेकिन सच यह है कि मुसीबत में हम मानव ही किसी एक मानव में ईश्वर को खोजने लगते हैं और उससे उम्मीद करते हैं कि वह सारी मुसीबतों का हनन कर दे। जब वह मानव ऐसा कर देता है तो आने वाली पीढ़ियों में मानव रूपी भगवान के नाम से जाना जाता है, अवतार या मसीहा के नाम से जाना जाता है। यह कहानी है एक ऐसे ही अवतार की जो तकदीर को भी बदलने की क्षमता रखता है। घायल पृथ्वी तथा रक्तरंजित मानवजाति को बचाने की इस अविस्मरणीय यात्रा में आप कल्कि नामक एक ऐसे नायक के उदय का गवाह बनेंगे जो अतीत व भविष्य की दिशा बदल देगा। मस्तिष्क को झकझोर देने वाली अकल्पनीय व अविश्वसनीय घटनाओं तथा किंवदंतियों से परिपूर्ण इस कहानी में आयामों की भूल-भुलैया में खो चुकी परम कुंजी ही महासंकट को खत्म करने का जरिया होगी। मानव सभ्यता के विभिन्न युगों के रहस्यमय पात्रों की सहायता से परम कुंजी को प्राप्त करने के लिये कल्कि को साक्षात समय से लड़ना होगा और ऐसी रहस्यमयी दुनिया पर विजय पाना होगा जहाँ भौतिकी के नियम भी आत्म-समर्पण कर देते हैं। प्रकृतिका कानून अटल है, निर्णय अटल है। उसके खिलाफ ना कोई सुनवाई है और ना कोई पुनर्विचार अर्जी। प्रकृति की गतिविधियों को नियंत्रित करने का प्रयास किया तो मृत्यु ताण्डव निश्चित है। विज्ञान तथा पौराणिक कथाओं के प्रशंसकों के लिए रचित इस अभूतपूर्व गाथा में भाग्य के चौराहे पर खड़ी पृथ्वी व मानवजाति का भविष्य किस दिशा में जायेगा? आयामों की विकृति को पार कर, क्या कल्कि अनदेखे-अनकहे भीषण संकट का सामना कर पाएगा? चिरंजीवी समूह क्या एलियन प्रजाति को विनाशकारी पथ पर जाने से रोक पाएगा?
- Copyright:
- 2023
Book Details
- Book Quality:
- Excellent
- Book Size:
- 166 Pages
- ISBN-13:
- 9788119562527
- Publisher:
- Anjuman Prakashan
- Date of Addition:
- 05/29/24
- Copyrighted By:
- Prashant Singh
- Adult content:
- No
- Language:
- Hindi
- Has Image Descriptions:
- Yes
- Categories:
- Literature and Fiction
- Submitted By:
- Bookshare Staff
- Usage Restrictions:
- This is a copyrighted book.