Devshakti Adbhut Divyastra: देवशक्ति अद्भुत दिव्यास्त्र
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- Synopsis
- शक्ति- एक ऐसा शब्द जिसे प्राप्त करने के लिये, मनुष्य, देवता, दैत्य ही नहीं अपितु अंतरिक्ष के जीव भी सदैव लालायित रहते हैं। शक्ति का पर्याय स्वामित्व से जुड़ता है, इसलिये ब्रह्मांड के सभी जीव शक्ति को प्राप्त कर, स्वयं को श्रेष्ठ दिखाना चाहते हैं। वन में मौजूद एक सिंह भी, अन्य वन्य प्राणियों के समक्ष अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने से नहीं चूकता। ठीक उसी प्रकार कुछ देवता भी मनुष्यों के समक्ष, अपना शक्ति प्रदर्शन कर, उनमें भय की भावना उत्पन्न करते रहते हैं। जैसे देवराज इंद्र के द्वारा जलप्रलय लाना या सूर्यदेव के द्वारा सूखे की स्थिति उत्पन्न कर देना। यह सब भी शक्ति प्रदर्शन के अद्वितीय उदाहरण हैं। दैत्यों ने हमेशा त्रिदेवों से ही शक्ति प्राप्त कर, उनका प्रयोग देवताओं के ही विरुद्ध किया है। इन शक्तियों को प्राप्त करने के लिये, मनुष्यों ने भी घोर तप किये हैं। कुछ ऐसी ही देवशक्तियों को, पृथ्वी की सुरक्षा के लिये, देवताओं ने पृथ्वी के अलग-अलग भागों में छिपा दिया, जिससे समय आने पर कुछ दिव्य मानव, उन देव शक्तियों को धारण कर, पृथ्वी की सुरक्षा का भार उठा सकें। ऐसे ही देवशक्ति धारक कुछ विलक्षण मनुष्य बाद में ब्रह्मांड रक्षक कहलाये।
- Copyright:
- 2021
Book Details
- Book Quality:
- Excellent
- Book Size:
- 253 Pages
- ISBN-13:
- 9789391042493
- Publisher:
- Sooraj Pocket Books
- Date of Addition:
- 05/29/24
- Copyrighted By:
- Shivendra Suryavanshi
- Adult content:
- No
- Language:
- Hindi
- Has Image Descriptions:
- Yes
- Categories:
- Literature and Fiction, Science Fiction and Fantasy
- Submitted By:
- Bookshare Staff
- Usage Restrictions:
- This is a copyrighted book.