Yayati: ययाति
By:
Sign Up Now!
Already a Member? Log In
You must be logged into Bookshare to access this title.
Learn about membership options,
or view our freely available titles.
- Synopsis
- ययाति एक उपन्यास है, इस उपन्यास में राजा ययाति की कहानी बताई गई है, जो चंद्रवंशी राजा नहुष के छह पुत्रों में से एक थे। जब ययाति अचानक बूढ़े हो जाते हैं, तो उनकी अधूरी इच्छाएं उन्हें परेशान करती हैं। वह अपने बेटों से अपनी जवानी उधार मांगते हैं और उनका बेटा पुरु उनकी मदद के लिए आता है। पुरु की जवानी स्वीकार करने के कुछ ही मिनटों के भीतर ययाति उसे लौटाने का संकल्प लेते हैं। इस घटना से ययाति को अपनी गलतियों का एहसास होता है और देवयानी का भी हृदय परिवर्तन होता है। उपन्यास के अंत में ययाति आशीर्वाद के साथ शासन की ज़िम्मेदारी पुरु को सौंप देते हैं और देवयानी और शर्मिष्ठा के साथ वन में जीवन व्यतीत करना चाहते हैं। इस तरह ययाति की आसक्ति से वैराग्य की यात्रा पूरी होती है।
- Copyright:
- 2015
Book Details
- Book Quality:
- Excellent
- Book Size:
- 299 Pages
- ISBN-13:
- 9788170285595
- Publisher:
- Rajpal and sons
- Date of Addition:
- 06/26/24
- Copyrighted By:
- Mandakini Khandekar
- Adult content:
- No
- Language:
- Hindi
- Has Image Descriptions:
- Yes
- Categories:
- History, Literature and Fiction
- Submitted By:
- Bookshare Staff
- Usage Restrictions:
- This is a copyrighted book.