Swikriti (Kahani Atmglani ki): स्वीकृति (कहानी आत्मग्लानि की)
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- Synopsis
- यूँ तो प्रेम ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत एहसास है। मगर वही प्रेम जब धोखे और झूठ की बली चढ़ जाए तो उस से भयानक किसी अनुभव का अनुमान इंसान लगा ही नहीं सकता। हर इंसान अलग है। हर इंसान की ज़िंदगी और रिश्तो को लेकर सोच अलग है। क्या हो जब कोई किसी ऐसे से प्रेम कर बैठे जिसके लिए वो रिश्ता महज़ एक वक़्त बिताने का ज़रिया हो ? क्या हो जब एक साथी के लिए रिश्ते को निभाने से ज़्यादा अहम जीवन की मौज-मस्ती हो ? क्या हो जब हम किसी ऐसे से प्रेम कर बैठे जिसे कोई भी चीज़ या व्यक्ति कुछ वक़्त बाद बोर कर जाता हो? ये कुछ वही लोग होते है जो सच्चे प्रेम कर रहे लोगो के सीने में जख्म का कारण बन जाते है। इस कहानी के पात्रों का जीवन कई इसी तरह की घटनाओं के इर्द-गिर्द घूमता है। जिसमे झूठ , धोखा , दर्द और आत्मग्लानि सभी भावनाओं का सटीक मिश्रण देखने को मिलता है। कहानी में कई उतार-चढ़ाव आते है जो पढ़ने वाले को खुद से बांधे रखने में सक्षम है। आज के इस आधुनिक युग में जहाँ आज का युवा रिश्तो की गंभीरता समझ ही नहीं पाता वहाँ ये कहानी कई लोगों की आप-बीती हो सकती है।
- Copyright:
- 2021
Book Details
- Book Quality:
- Excellent
- Book Size:
- 220 Pages
- Publisher:
- Dimple Titra
- Date of Addition:
- 06/28/24
- Copyrighted By:
- Dimple Titra
- Adult content:
- No
- Language:
- Hindi
- Has Image Descriptions:
- Yes
- Categories:
- Romance, Literature and Fiction
- Submitted By:
- Bookshare Staff
- Usage Restrictions:
- This is a copyrighted book.