Krishna Ek Rahasya: कृष्ण एक रहस्य
By:
Sign Up Now!
Already a Member? Log In
You must be logged into Bookshare to access this title.
Learn about membership options,
or view our freely available titles.
- Synopsis
- ‘कृष्ण एक रहस्य’ आध्यात्मिक उपन्यास (प्रथम भाग) जब मुझसे लिखा जा रहा था; तब उस पूरे काल में मैंने यह अनुभव किया कि मैं बाँसुरी हो गया हूँ। बाँसुरी होने की आत्मा को मैंने दिव्य रूप में अनुभव किया। मैंने देखा कि उसमें से जो संगीत झर रहा है, वह आ तो मुझमें से होकर तो आ रहा है; किंतु मैं भली-भांति जानता हूँ कि उसमें बहती प्राणवायु मेरी नहीं हैं। जिन अधरों पर यह बाँसुरी रखी है, उसके छिद्रों पर जो अंगुलियाँ नृत्य कर रही हैं और शब्दों का जो महारास हो रहा है-यह सब कृष्ण की विराट ऊर्जा से अनुप्राणित है। इस उपन्यास का आधार कृष्ण और सुदामा की सुप्रसिद्ध पारंपरिक लोक-कथा है। इस कथा में मैंने ध्यान के अनुभवों को समोने का आनंद लिया है। सुदामा को यादव शिरोमणि श्रीकृष्ण के पास उनकी पत्नी ने भेजा तो आर्थिक सहायता प्राप्ति के उद्देश्य से था; किंतु द्वारका पहुँचकर सुदामा ने देखा कि जिस कृष्ण को वे अभी तक अपना बालसखा समझे बैठे थे- वह तो करुणा, प्रेम, भक्ति, न्याय, सत्य, ज्ञान,रस, योग और भोग की पराकाष्ठा हैं। सुदामा बाकि सबकुछ भूल कर कृष्ण की थाह लेने में जुट जाते हैं। अपने इस खोजी अभियान में वे कृष्ण का पार तो पा नहीं पाते; अपितु यह अनुभव करते हैं कि कृष्ण उनकी प्रत्येक श्वास में आ बसे हैं और वे पूर्णतः कृष्णमय हो चुके हैं। कृष्ण उनके मन के उठनेवाले अनेक जटिल प्रश्नों के मौलिक उत्तर देकर उनकी प्यास बुझा रहे हैं। अंततः सुदामा नतमस्तक हो यह स्वीकार कर लेते हैं कि वे कृष्ण के विराट् रूप को बुद्धि के द्वारा तो जान ही नहीं सकते ; किंतु उनके प्रेम की गंगा में नित् स्नान कर आनंदित तो हो ही सकते हैं।
- Copyright:
- 2016
Book Details
- Book Quality:
- Excellent
- Book Size:
- 161 Pages
- ISBN-13:
- 9789380186016
- Publisher:
- Prabhat Prakashan
- Date of Addition:
- 07/26/24
- Copyrighted By:
- Prabhat Prakashan
- Adult content:
- No
- Language:
- Hindi
- Has Image Descriptions:
- Yes
- Categories:
- Literature and Fiction, Religion and Spirituality
- Submitted By:
- Bookshare Staff
- Usage Restrictions:
- This is a copyrighted book.