Teesri Aankh: तीसरी आँख
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- Synopsis
- "तीसरी आँख" इस उपन्यास के संदर्भ में, डॉ. कृष्ण गोपाल ने इतिहास की भूमिका और राष्ट्र के दर्शन पर गहराई से विचार किया है। वे मानते हैं कि समाज की वास्तविक प्रगति उसकी ऐतिहासिक समझ पर निर्भर करती है, और एक राष्ट्र की दिशा उसके इतिहास, परंपरा, और वैशिष्ट्य पर आधारित होती है। डॉ. हेडगेवार और डॉ. अंबेडकर के दृष्टिकोण से, वे राष्ट्र के उद्देश्य, जिम्मेदारियों, और वैश्विक जागृति में योगदान पर जोर देते हैं। विशेषकर, डॉ. अंबेडकर के कश्मीर संबंधी रुख की आलोचना करते हुए, उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्र की एकता और समान अधिकार की बात को समझना और स्वीकारना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत को कश्मीर की रक्षा करनी चाहिए और कश्मीरियों को समान अधिकार देना चाहिए, लेकिन इसके लिए कश्मीर को भारत के साथ पूर्ण समानता और निष्ठा रखनी होगी।
- Copyright:
- 2023
Book Details
- Book Quality:
- Excellent
- Book Size:
- 155 Pages
- Publisher:
- Prabhat Prakashan
- Date of Addition:
- 08/28/24
- Copyrighted By:
- Dr. Krishan Gopal
- Adult content:
- No
- Language:
- Hindi
- Has Image Descriptions:
- Yes
- Categories:
- Self-Help, Religion and Spirituality, Philosophy
- Submitted By:
- Bookshare Staff
- Usage Restrictions:
- This is a copyrighted book.
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