Anjora: अंजोरा
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- Synopsis
- "अंजोरा" एक भावनात्मक और जीवन दर्शन से जुड़ी कहानियों का संकलन है, जिसे संजय सिन्हा ने बेहद सरल भाषा में प्रस्तुत किया है। यह पुस्तक न केवल पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों को गहराई से समझाती है, बल्कि जीवन के मूल्यों, परंपराओं और रोजमर्रा के संघर्षों से भी पाठकों को जोड़ती है। पुस्तक की शीर्षक कहानी "अंजोरा" में एक बच्चा अपनी दादी के साथ सुबह-सुबह उठने की रस्म को समझने की कोशिश करता है। दादी हर सुबह पूजा की शुरुआत करते हुए कहती हैं, "उठ जा बेटा, अंजोरा हो गया है।" इस शब्द का अर्थ बच्चा वर्षों बाद समझ पाता है कि ‘अंजोरा’ केवल भौतिक सूर्योदय नहीं, बल्कि वह क्षण है जब जीवन में रोशनी का आगमन होता है। यह कहानी जीवन को देखने के सकारात्मक दृष्टिकोण की ओर संकेत करती है। पुस्तक की अन्य कहानियाँ जैसे "मेहनत का पैसा", "रिश्तों का कुंदन", और "भरोसा" जीवन के विभिन्न पहलुओं—ईमानदारी, विश्वास, और परस्पर संबंधों—पर आधारित हैं। संजय सिन्हा ने सरल कथाओं के माध्यम से पाठकों को नैतिक और व्यावहारिक ज्ञान देने की कोशिश की है। उनकी शैली पुराने समय की दादी-नानी की कहानियों जैसी है, जो वर्तमान पीढ़ी को भावनात्मक रूप से जोड़ने का प्रयास करती है। यह पुस्तक उन पाठकों के लिए है जो जीवन के गहरे अर्थ को सरल कहानियों में तलाशना चाहते हैं और रोजमर्रा के अनुभवों से प्रेरणा लेना पसंद करते हैं।
- Copyright:
- 2018
Book Details
- Book Quality:
- Excellent
- Book Size:
- 221 Pages
- ISBN-13:
- 9789352664245
- Publisher:
- Prabhat Prakashan
- Date of Addition:
- 10/29/24
- Copyrighted By:
- Sanjay Sinha
- Adult content:
- No
- Language:
- Hindi
- Has Image Descriptions:
- Yes
- Categories:
- Literature and Fiction, Philosophy
- Submitted By:
- Bookshare Staff
- Usage Restrictions:
- This is a copyrighted book.