Khoon Se Ranga Chaku: खून से रंगा चाकू
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- Synopsis
- "खून से रंगा चाकू" सुरेन्द्र मोहन पाठक द्वारा लिखित एक जासूसी उपन्यास है, जिसमें सुनील नामक एक प्रमुख पात्र एक रहस्यमयी हत्या की गुत्थी सुलझाने में जुटा है। कहानी की शुरुआत एक महत्वपूर्ण असाइनमेंट से होती है, जिसमें सुनील को दीवान अयोध्या प्रसाद के घर एक रिसेप्शन कवर करना होता है। दीवान अयोध्या प्रसाद एक धनी व्यापारी है, जिसका नाम एक पुराने एक्सपोर्ट स्कैण्डल से जुड़ा हुआ है। कहानी धीरे-धीरे रहस्य, धोखाधड़ी, और हत्या के इर्द-गिर्द घूमती है, जहां सुनील सच्चाई तक पहुंचने के लिए कई खतरों का सामना करता है। "खून से रंगा चाकू" की कहानी में सुनील को दीवान अयोध्या प्रसाद की भतीजी दिव्या के शादी के रिसेप्शन को कवर करने का मौका मिलता है। दिव्या की शादी अनूप नामक एक युवक से होती है, और इसी शादी के जरिए पुराने एक्सपोर्ट स्कैण्डल और कुछ छिपे हुए राज फिर से सामने आते हैं। कहानी में दिव्या, अनूप, और दीवान अयोध्या प्रसाद के बीच के रिश्तों में खटास और तनाव उभरता है, जिससे कई रहस्यों का खुलासा होता है। सुनील को जल्द ही पता चलता है कि इस केस के पीछे साजिशें और धोखे की एक जटिल जाल बिछी हुई है, जिसमें हत्या और षड्यंत्र की गहरी साजिश छिपी है। यह उपन्यास सस्पेंस, थ्रिल और रहस्य से भरा हुआ है, जहां सुनील न केवल सच का पता लगाने की कोशिश करता है, बल्कि अपनी जान भी जोखिम में डालता है।
- Copyright:
- 1983
Book Details
- Book Quality:
- Excellent
- Book Size:
- 253 Pages
- Publisher:
- Surender Mohan Pathak
- Date of Addition:
- 10/29/24
- Copyrighted By:
- Surender Mohan Pathak
- Adult content:
- No
- Language:
- Hindi
- Has Image Descriptions:
- Yes
- Categories:
- Literature and Fiction, Mystery and Thrillers
- Submitted By:
- Bookshare Staff
- Usage Restrictions:
- This is a copyrighted book.