"विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी" कक्षा 8 की पुस्तक झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा प्रकाशित की गई है। यह राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा-2005 पर आधारित है और छात्रों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करती है। पुस्तक में 18 अध्याय हैं, जो विज्ञान की विविध अवधारणाओं को सरल भाषा और रोचक गतिविधियों के माध्यम से समझाते हैं। कोशिका की संरचना, धातु-अधातु, बल-दाब, ज्वाला, घर्षण, प्रकाश, और ध्वनि जैसे विषयों के साथ-साथ किशोरावस्था, फसल उत्पादन, और पर्यावरण संरक्षण पर भी विस्तृत जानकारी दी गई है। हर पाठ में व्यावहारिक गतिविधियाँ, परियोजना कार्य, और अभ्यास प्रश्न दिए गए हैं, जो छात्रों को विषय को गहराई से समझने में मदद करते हैं। इस पुस्तक की प्रमुख विशेषता यह है कि यह दैनिक जीवन के अनुभवों से विज्ञान को जोड़ते हुए छात्रों को प्रयोग आधारित सीखने के लिए प्रेरित करती है। शिक्षकों के लिए मार्गदर्शन और क्यु. आर कोड से डिजिटल सामग्री तक पहुँच को भी शामिल किया गया है। स्थानीय और राष्ट्रीय संदर्भों को ध्यान में रखते हुए तैयार यह पुस्तक छात्रों के नैतिक और वैज्ञानिक मूल्य भी विकसित करती है। विभिन्न वैज्ञानिक शब्दावली को सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया है, जिससे छात्रों को कठिन अवधारणाएँ आसानी से समझने में मदद मिलती है। यह पुस्तक छात्रों को आत्म-विश्लेषण, निर्णय क्षमता, और पर्यावरण के प्रति जागरूकता विकसित करने में सहायक है। साथ ही, यह वैज्ञानिक खोजों और आविष्कारों की जानकारी प्रदान कर बच्चों को प्रेरित करती है। शिक्षक और छात्रों के सुझावों के आधार पर इसे और अधिक प्रभावी बनाने का प्रयास किया गया है। "अध्ययन ही जीवन की सर्वोत्तम तपस्या है" — इस आदर्श वाक्य के साथ यह पुस्तक छात्रों को निरंतर सीखने के लिए प्रोत्साहित करती है।