Antim Jan Tak - Vikalaangajan Adhikaaraarjan Chetana Ke Purodha - Shri Santosh Kumar Rungata: अंतिम जन तक: विकलांगजन अधिकारार्जन चेतना के पुरोधा श्री संतोष कुमार रूंगटा
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- Synopsis
- अंतिम जन तक प्रोफेसर कुसुमलता मलिक द्वारा लिखित एक सामाजिक क्रांति का प्रेरक दस्तावेज़ है। यह राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ (NFB) के महासचिव श्री संतोष कुमार रूंगटा के जीवन और उनके संघर्षों का विस्तृत वर्णन करती है। पुस्तक विकलांग समुदाय के अधिकारों, उनके संघर्ष, और सामाजिक न्याय की आवश्यकता को गहराई से समझाने का प्रयास करती है। श्री रूंगटा ने दृष्टिहीनों के लिए समर्पित संघर्ष के माध्यम से यह सिद्ध किया कि विकलांगता कमजोरी नहीं, बल्कि जागरूकता और दृढ़ संकल्प के माध्यम से समाज को प्रेरित करने की शक्ति है। उन्होंने विकलांग समाज को आत्मनिर्भरता और सामाजिक सम्मान दिलाने में ऐतिहासिक योगदान दिया। यह पुस्तक रूंगटा जी के जीवन को केवल घटनाओं का संग्रह नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन और विकलांगता के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण का प्रतीक है। इसमें उनकी नेतृत्व शैली, संघर्षों, और समाज के प्रति उनके योगदान को रोचक और प्रेरक तरीके से प्रस्तुत किया गया है। प्रोफेसर मलिक ने इस पुस्तक में न केवल रूंगटा जी के जीवन को गहराई से देखा है, बल्कि इसे समाज के विभिन्न पहलुओं से जोड़कर एक उदात्त आख्यान बनाया है। अंतिम जन तक न केवल विकलांग जनों के लिए, बल्कि हर संवेदनशील व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
- Copyright:
- 2021
Book Details
- Book Quality:
- Excellent
- Book Size:
- 349 Pages
- ISBN-13:
- 9789391011970
- Publisher:
- Swaraj Prakashan
- Date of Addition:
- 01/19/25
- Copyrighted By:
- Kusumlata Malik
- Adult content:
- No
- Language:
- Hindi
- Has Image Descriptions:
- Yes
- Categories:
- Disability-Related, Biographies and Memoirs, Education
- Submitted By:
- Bookshare Staff
- Usage Restrictions:
- This is a copyrighted book.