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Aage Badhata Kadam Bhag-3 class 10 - Himachal Pradesh Board: आगे बढ़ता कदम भाग-३ कक्षा १० - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaआपके जीवन के इस पड़ाव पर, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड आपको भावी "आपदा प्रबंधकों" के रूप में तैयार करना चाहता है, ताकि आपदाओं से निपटने के लिए हमारे पास विशेषज्ञों की बेहतर टीमें उपलब्ध हों। पुस्तक का प्रारम्भ सूनामी पर एक विशेष अध्याय से किया गया है। इस अध्याय में यह बताया गया है कि सूनामी लहरें क्या होती हैं और उनके प्रभाव से अपनी रक्षा के लिए कौन-कौन से संभावित कदम उठाए जा सकते हैं। इस पुस्तक में विद्यार्थियों को जीवन रक्षा के विभिन्न कौशलों के बारे में व्यावहारिक अनुभव से परिचित कराने का प्रयास किया गया है। कोई आकस्मिक स्थिति उत्पन्न होने पर इस अनुभव के आधार पर अनेकों बेशकिमती जानें बचाई जा सकती हैं। इस पुस्तक में उन विभिन्न वैकाल्पिक संचार प्रणालियों के बारे में भी चर्चा की गई है जिनका प्रयोग आपदा के समय मौजूदा संसार प्रणाली के विफल होने पर किया जा सकता है। सुरक्षित निर्माण की कार्य पद्धतियों को अपनाना और अपनी मौजूदा इमारतों को सुदृढ़ करना जरूरी है। हम आपको यकीन दिलाना चाहेंगे कि समुदाय की सुरक्षा के इस पावन कार्य में आप अकेले नहीं है। अध्याय छह में उन अनेकों सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं के बारे में बताया गया है जिनकी, आपदाओं के प्रबंधन के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है और आवश्यकता पड़ने पर आपकी सहायता कर सकती हैं। उनके बारे में सही जानकारी होने से यह लाभ होगा कि जरूरत पड़ने पर उनकी सहायता लेने में आपको आसानी होगी। अतएव अपने प्रियजनों की सुरक्षा के बारे में विचार करके योजना बनाने के लिए यह सही समय है। अध्याय 7 में कुछेक ऐसे उपायों के बारे में चर्चा की गई है जिनको ध्यान में रखकर ही कोई योजना बनाई जानी चाहिए।
Aamod Sampurn-Sanskritam class 9 - Maharashtra Board: आमोदः सम्पूर्ण-संस्कृतम् इयत्ता नववी - महाराष्ट्र बोर्ड
by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Puneआमोदः सम्पूर्ण-संस्कृतम् इयत्ता नववी हे महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक निर्मिती व अभ्यासक्रम संशोधन मंडळ, पुणे यांनी या पुस्तकाचे लेखन केले आहे तसेच श्री. विवेक उत्तम गोसावी यांनी हे पुस्तक संस्कृत भाषेमध्ये प्रकाशित केले आहे. या पुस्तकाचे एकूण सोळा अध्याय आहेत तसेच एक घटक परिक्षेचा एक भाग दिला आहे. त्यानुसार अभ्यासक्रमाची रचना केली आहे. परीक्षेच्या फायद्यासाठी उपयुक्त असलेले हे पाठ्यपुस्तक आहे. त्या दृष्टीने पाठ्यपुस्तकात विविध कृती योजल्या आहेत.
Aantararastriya Arthashastra T.Y.B.A. Savitribai Phule Pune University
by R. K. Datir Prof. G. J. Lomate D. G. UshirAantararastriya Arthashastra text book for T.Y.B.A. from Savitribai Phule, Pune University in Marathi.
Aantararastriya Arthashastra TY BA Pune University
by G. J. Lomate DR D. G. Ushir R. K. DatirAantararastriya Arthashastra Marathi text book for Third year from The Pune Universtity in Marathi.
Aantrashtriya Sangathan M.A. – Kolhan University Chaibasa, Jharkhand: अन्तर्राष्ट्रीय संगठन एम. ए. – कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा, झारखंड
by Surendra Sinhalअन्तर्राष्ट्रीय संगठन कक्षा एम. ए. यह पुस्तक लक्ष्मी नारायण अग्रवाल ने हिंदी भाषा मे प्रकाशित किया है, इस पाठपुस्तक में नवीन परीक्षा प्रणाली को दृष्टि में रखकर प्रश्नों को स्थान दिया गया है और पुस्तक को लिखते समय यह प्रयास किया गया है कि यह पुस्तक विद्यार्थियों के लिए सरल और पूर्णरूपेण उपयोगी बन सके । यह पुस्तक विभिन्न विश्वविद्यालयों के राजनीतिशास्त्र के नवीन पाठ्यक्रमानुसार तैयार की गई है ।
Aapda Prabandhan Bhag-2 class 9 - Himachal Pradesh Board: आपदा प्रबंधन भाग-२ कक्षा ९ - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaहिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 9 के लिए " पदा प्रबंधन भाग-२" का डिजिटल संस्करण, 2013 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। अब हम यह सीखेंगे कि आपदाओं के दुष्प्रभावों को कम कैसे करें जिससे कि उनका प्रभाव समुदायों पर कम हो तथा संकट को आपदा बनने की संभावना से रोका जा सके। समुदाय एक दल के रूप में कैसे काम कर सकते हैं और सक्षम आपदा प्रबंधक बन सकते हैं (समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन)। यह इसलिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि आपदा की स्थिति में जवाबी कार्रवाई करने वालों में समुदाय सबसे आगे आता है। आगे हमें यह भी समझने की आवश्यकता है कि हम विद्यालयों के लिए आपदा प्रबंधन योजनाएं कैसे तैयार करें तथा जवाबी कार्रवाई के कौशल के लिए स्वयं को कैसे प्रशिक्षित करें ताकि संकट के समय हम अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकें। अंततः विद्यार्थी तथा अध्यापक के रूप में हमारा यह कर्तव्य बनता है कि हम अपने परिवार तथा पड़ोसियों को सजग एवं शिक्षित करें ताकि हम सब मिलकर एक सुरक्षित भारत का निर्माण कर सकें।
Aarogya Va Sharirik Shikshan Class 11 - Maharashtra Board: आरोग्य व शारीरिक शिक्षण इयत्ता अकरावी - महाराष्ट्र बोर्ड
by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Puneआरोग्य व शारीरिक शिक्षण इयत्ता अकरावी हे पुस्तक महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक निर्मिती व अभ्यासक्रम संशोधन मंडळ, पुणे यांनी लेखन केले आहे तसेच श्री. विवेक उत्तम गोसावी यांनी हे पुस्तक मराठी भाषेमध्ये प्रकाशित केले आहे. पुस्तकात शारीरिक सुदृढता विकसन, स्थूलता, निसर्ग व आहार, योग आणि मुद्रा, उत्तेजक द्रव्ये, दुखापतीचे व्यवस्थापन, आधुनिक तंत्रज्ञानाकडून सक्रियतेकडे, खेळातील व्यवसाय संधी, विविध खेळ, विविध क्रीडा स्पर्धा, खेळाडूंच्या यशोगाथा या प्रकरणांचा समावेश करण्यात आला आहे. आरोग्य व शारीरिक शिक्षण या विषयाचे महत्त्व अनन्यसाधारण असून उद्याच्या आरोग्यसंपन्न व उद्यमशील भारताचे आदर्श नागरिक आपण बनणार आहात. यासाठी शरीराबरोबरच मनाचीही तयारी असणे गरजेचे आहे. अध्ययन-अध्यापन प्रक्रिया विद्यार्थीकेंद्रित असावी, कृतिप्रधानता व ज्ञानरचनावादावर भर दिला जावा, शारीरिक सुदृढतेच्या किमान क्षमता प्राप्त कराव्यात, तसेच शिक्षणाची प्रक्रिया रंजक आणि आनंददायी व्हावी हाच दृष्टिकोन समोर ठेवून या पाठ्यपुस्तकाची रचना केली आहे.
Aarogya Va Sharirik Shikshan class 12 - Maharashtra Board: आरोग्य व शारीरिक शिक्षण इयत्ता बारावी - महाराष्ट्र बोर्ड
by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Puneआरोग्य व शारीरिक शिक्षण इयत्ता बारावी हे पुस्तक महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक निर्मिती व अभ्यासक्रम संशोधन मंडळ, पुणे यांनी लेखन केले आहे तसेच श्री. विवेक उत्तम गोसावी यांनी हे पुस्तक मराठी भाषेमध्ये प्रकाशित केले आहे. व्यायाम व आरोग्याची जाणीव निर्माण होण्यासाठी तसेच योग्य सवयी लागण्यासाठी त्यांचा अंगीकार करणे आवश्यक आहे. भावी आयुष्य निरामय होण्यासाठी योग्य व्यायाम, आहार, खेळ व कृतिशील जीवनशैली याची सवय लागावी हा या अभ्यासक्रमाचा हेतू आहे. शारीरिक शिक्षणाचा अभ्यासक्रम हा आयुष्यभर व्यायाम वर्तनाचा विकास घडवणारा, मानवी हालचालींचे ज्ञान देणारा, खेळातील आवश्यक कौशल्ये आत्मसात करण्यास प्रवृत्त करणारा, 'स्व' ची जाणीव निर्माण करून देणारा व विद्यार्थ्यांना खेळ-क्रीडा, मनोरंजन यांच्या परस्पर संबंधाविषयी माहिती देणारा आहे. सुदृढ शरीर व उत्तम मानसिक स्वास्थ्य या दोन्हींचा विचार करून आवश्यक असलेली माहिती या पाठ्यपुस्तकात कार्यपुस्तिकेच्या स्वरूपात दिली आहे. विद्यार्थ्यांचे क्रीडाकौशल्य विकसित व्हावे व उपक्रम करताना त्यांचे मनोरंजन होऊन आनंद मिळावा व त्यामागची शास्त्रीय माहितीही मिळावी हा दृष्टिकोन ठेवून लेखन केले आहे.
Aaroh Bhag-1 class 11 - NCERT - 23: आरोह भाग-१ ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadआरोह भाग 1 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है । इस पुस्तक के दो खंड है- गद्य खंड और काव्य खंड, जिसमें गद्य और काव्य की विभिन्न छवियों को समाहित किया गया है। गद्य खंड में भारतेंदु युगीन (आधुनिक चेतना और नवजागरण की ऊर्जा संपन्न) हिंदी से लेकर वर्तमान हिंदी गद्य रचनाओं को चुना गया है। काव्य खंड में मुख्य रूप से खड़ी बोली की कविताओं को ही चुना गया है। चयन में तीन बातें ध्यान देने योग्य हैं, एक हिंदी कविता की पृष्ठभूमि की जानकारी के लिए कबीर और मीरा के पदों का चयन। दो- आधुनिक हिंदी कविता की शैलियों और मुहावरों से परिचय के लिए रामनरेश त्रिपाठी से लेकर दुष्यंत तक की कविताओं की प्रस्तुति। तीन अक्क महादेवी, पाश और निर्मला पुतुल की कविताओं के माध्यम से हिंदी कविता के समानांतर भारतीय भाषाओं की कविता की समझ पैदा करना। अभ्यासों में पाठ के साथ और पाठ के आस-पास की दुनिया और शब्दों के संदर्भगत अर्थ-छवियों के लिए शब्द-छवि को समाहित किया गया है, जो राष्ट्रीय पाठ्यचर्या का एक प्रमुख उद्देश्य है।
Aaroh Bhag-1 Vitan Bhag-1 class 11 - Goa Board: आरोह भाग-१ वितान भाग-१ कक्षा ग्यारहवीं - गोवा बोर्ड
by Goa Board of Secondary and Higher Secondary Education Alto Betim Goaयह पुस्तक ग्यारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए तैयार की गई है और भाषा के साथ साहित्यिक समझ विकसित करने पर केंद्रित है। "आरोह" मुख्य पाठ्यपुस्तक है जिसमें आधुनिक और पारंपरिक लेखकों की रचनाएँ शामिल हैं, जैसे प्रेमचंद, मन्नू भंडारी, और कबीर, जो भाषा, संस्कृति, और नैतिक मूल्यों की समझ विकसित करती हैं। इसमें गद्य और काव्य के अलग-अलग खंड हैं, जिनसे साहित्यिक विधाओं का गहरा परिचय मिलता है। "वितान" पूरक पाठ्यपुस्तक के रूप में है, जिसमें समाज, कला, और संस्कृति से संबंधित विविध विषयों पर लेखन प्रस्तुत किया गया है। दोनों खंड मिलकर विद्यार्थियों को सृजनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और भाषा कौशल में निपुण बनाने का प्रयास करते हैं। इस पुस्तक का उद्देश्य केवल पाठ रटना नहीं बल्कि प्रश्न पूछने, विमर्श करने और स्वयं सीखने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देना है। साहित्य को जीवन से जोड़कर प्रस्तुत करना, और हिंदी साहित्य के ऐतिहासिक विकास को समझना इस पुस्तक का मुख्य ध्येय है।
Aaroh Bhag-2 Class 12 - NCERT - 23: आरोह भाग-२ १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadआरोह भाग 2 12वीं कक्षा 12 के लिए हिंदी (आधार) की पाठ्यपुस्तक राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पुस्तक में सोच-विचार और विस्मय, छोटे समूहों में बातचीत एवं बहस, और हाथ से की जाने वाली गतिविधियों को प्राथमिकता दि गई है। इस पाठ्यक्रम कि गद्य खंड में आर्थिक चिंतन, दलित विमर्श, स्त्री विमर्श, संस्कृति और विज्ञान, पर्यावरण और प्रकृति, लुप्त प्राय प्राचीन कला, विभाजन की दरार से झाँकते मनुष्य, फ़िल्मी चरित्र में आम आदमी पर केंद्रित रचनाओं को सम्मिलित किया गया है।
Aaroh Bhag-2 Class 12 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: आरोह भाग-2 कक्षा 12 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड
by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.आरोह भाग-2 कक्षा 12 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है । इस पुस्तक में सोच-विचार और विस्मय, छोटे समूहों में बातचीत एवं बहस, और हाथ से की जाने वाली गतिविधियों को प्राथमिकता दि गई है। इस पाठ्यक्रम कि गद्य खंड में आर्थिक चिंतन, दलित विमर्श, स्त्री विमर्श, संस्कृति और विज्ञान, पर्यावरण और प्रकृति, लुप्त प्राय प्राचीन कला, विभाजन की दरार से झाँकते मनुष्य, फ़िल्मी चरित्र में आम आदमी पर केंद्रित रचनाओं को सम्मिलित किया गया है।
Aarón Soñador y la serpiente sigilosa / Aaron Slater and the Sneaky Snake
by Andrea Beaty¡Una nueva entrega de la exitosa serie de libros de capítulos cortos, Los Preguntones, protagonizada por Aarón Soñador, ilustrador! Fred, el cuidador del zoológico, ama las serpientes, pero su favorita es una serpiente verde muy pequeña llamada Vern. Vern es astuto y constantemente trata de esconderse en el almuerzo de Fred. Cuando Vern se escapa y va suelto por el zoológico, aterriza en la cabeza de un niño, ¡y ahí habrá un problema! Unos ciudadanos exigen que se deshagan de todas las serpientes y el alcalde cierra el zoo hasta que el Ayuntamiento decida qué se va a hacer. ¿Es Vern una amenaza? ¿Son las serpientes un peligro para la sociedad? ¿O un recurso valioso para todos? ¿Quién debería decidir esas cosas? Los Preguntones necesitan todo su talento para ayudar al cuidador del zoológico, pero al final, es el arte de Aaron el que aclara el camino.
Aarthik Bhugol 1 Paper 2 SYBA Third Semester - SPPU: आर्थिक भूगोल १ पेपर २ एस.वाय.बी.ए. सेमिस्टर ३ - सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी
by Prof. Amit Eknath Sonawane Prof. Shivram Mahadu Korde Dr Vasudev Shivaji Saluke Prof. Dilip Dnyaneshwar Muluk'आर्थिक भूगोल' हे पुस्तक आपल्या असंख्य वाचकांचे हाती देताना आम्हास अत्यंत आनंद होत आहे. प्रथम सावित्रीबाई फुले, पुणे विद्यापीठाने एस.वाय.बी.ए. या वर्गास हा विषय विशेष स्तरावर लागू केल्याबद्दल त्यांचे विशेष अभिनंदन. कारण दिवसेंदिवस वाढत्या स्पर्धांमुळे 'आर्थिक भूगोल' या विषयाचे महत्व देखील वाढत आहे. 'आर्थिक भूगोल' या विषयाची माहिती संशोधनात्मक दृष्टिकोनातून अद्ययावत देण्याचा प्रयत्न आम्ही केलेला आहे. नवनवीन संकल्पना व संज्ञा अतिशय सोप्या भाषेत मांडण्याचा प्रयास यशस्वी ठरेल यात शंका नाही. ज्या राज्यात आपण राहतो त्याची अद्ययावत माहिती व्हावी हा एक महत्वाचा उद्देश हा विषय सुरू करताचा आहे.
Aarthik Bhugol 1 SYBA Third Semester - SPPU: आर्थिक भूगोल १ पेपर २ एस.वाय.बी.ए. सेमिस्टर ३ - सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी
by A. B. Savadi P. S. Kolekarसावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठाने (SPPU) SYBA Geography (G-2) Semester 3 साठी (जून 2020 पासून) 'आर्थिक भूगोल' विषय अभ्यासाकरिता आहे. आर्थिक भूगोल ही मानवी भूगोलाची एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण शाखा आहे. पर्यावरणातून प्राप्त झालेली साधनसंपत्ती आणि मानवी आर्थिक क्रिया यामधून जसा साधनसंपत्तीचा विकास झाला त्याचबरोबर पर्यावरणातील अविवेकी मानवी हस्तक्षेपामुळे काही पर्यावरणीय समस्याही निर्माण झाल्या आहेत. आर्थिक विकास ही एक निरंतर प्रक्रिया आहे. यासाठी साधनसंपत्तीचा वापर अनिवार्य आहे. साधनसंपत्ती आणि मानवी आर्थिक यांचा आपणास परिचय व्हावा या दृष्टीने विद्यापीठाने 'आर्थिक भूगोल' हा विषय द्वितीय वर्ष कला-सेमिस्टर-3 साठी भूगोल विषयाच्या अध्ययनासाठी निश्चित केला आहे.
Aarthik Bhugol 2 Paper 2 SYBA Fourth Semester - SPPU: आर्थिक भूगोल २ पेपर २ एस.वाय.बी.ए. सेमिस्टर ४ - सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी
by Dr Arjun Haribhau Musmade Dr Rajesh Tryambak Birajdar Dr Babasaheb Kachru Vani Dr Santosh Anil Bhailumeसावित्रीबाई फुले, पुणे विद्यापीठाने एस.वाय.बी.ए. या वर्गास 'आर्थिक भूगोल 2' हा विषय सामान्य स्तरावर लागू केला आहे. 'आर्थिक भूगोल 2' या विषयाची माहिती संशोधनात्मक दृष्टिकोनातून अद्ययावत देण्याचा प्रयत्न केला आहे. प्रस्तुत पुस्तकातून व्यापार आणि वाहतूक तसेच उद्योगधंदे या आर्थिक क्रियांचा सविस्तर आढावा घेतला आहे. तसेच वेगवेगळ्या प्रदेशांतील साधनसंपत्तीचे योग्य नियोजन करून प्रादेशिक विकास साधणे सहज सोपे आहे हे सोप्या भाषेत विद्यार्थी व शिक्षक यांच्यापर्यंत पोहोचविण्याचा प्रयत्न केलेला आहे. ग्रामीण विकास साधनांना विविध शासकीय योजनांची काही प्रमाणात माहिती विद्यार्थी व शिक्षक या पुस्तकातून मिळवू शकतील.
Aarthik Bhugol 2 SYBA Fourth Semester - SPPU: आर्थिक भूगोल २ एस.वाय.बी.ए. सेमिस्टर ४ - सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी
by Prof. A. B. Savadi Prof. P. S. Kolekarसावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठाने (SPPU) SYBA Geography (G-2) Semester - IV साठी (नोव्हेंबर-डिसेंबर 2020 पासून) 'आर्थिक भूगोल - 2' विषय [Cg 210 (B)] हे क्रमिक पुस्तक विद्यार्थ्यांसाठी सादर केले आहे. मानवी भूगोलाची एक महत्त्वपूर्ण शाखा 'आर्थिक भूगोल' आहे. सेमिस्टर - IV मध्ये या शाखेच्या अभ्यासातून मानवी आर्थिक क्रिया विशेषतः वाहतूक व व्यापार, उद्योगधंदे, प्रादेशिक विकास आणि प्रादेशिक विकासातील असंतुलन, भारतातील ग्रामीण विकासाचे कार्यक्रम यांचा परिचय व्हावा या दृष्टीने विद्यापीठाने 'आर्थिक भूगोल – 2' हा विषय भूगोल अध्ययनासाठी निश्चित केला आहे.
Aas Paas III Class 5 - Ncert
by NcertThis is a Mathematics Hindi Medium Textbook for class 5 Published by Ncert.
Aas-Pass class 3 - NCERT - 23: आस-पास ३री कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadआस-पास ३री कक्षा पुस्तक में विषय-वस्तु बाल-केंद्रित रखी गई है, जिससे बच्चों को स्वयं खोजकर पता करने का अवसर मिले। पाठ्यपुस्तक में यह प्रयास किया गया है कि रटने की प्रवृत्ति कम हो। अतः परिभाषाएँ, वर्णन, अमूर्त्त प्रत्यय आदि को स्थान नहीं दिया गया है। पाठ्यपुस्तक में जानकारी देना बहुत ही सरल कार्य है। वास्तविक चुनौती है कि बच्चों को मौका दिया जाए, जिससे वे अपने विचार प्रकट करें, उत्सुकता को बढ़ा सकें, करके सीखें, प्रश्न करें तथा प्रयोग कर सकें। बच्चे पाठ्यपुस्तक से खुशी-खुशी जुड़े, इसके लिए पाठों का प्रस्तुतीकरण विविध तरीकों से किया गया है, जैसे- किस्से-कहानियाँ, संवाद, कविताएँ, पहेलियाँ, हास्य खंड, नाटक, क्रियाकलाप आदि। बच्चों में कुछ बातों के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने के लिए अकसर किस्से-कहानियों का इस्तेमाल महत्त्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि बच्चे कहानी के पात्रों से अपने को आसानी से जोड़ सकते हैं। पुस्तक में प्रयुक्त भाषा भी ‘औपचारिक’ नहीं है, बल्कि बच्चों की बोल-चाल की भाषा है।
Aas-Pass class 4 - NCERT - 23: आस-पास ४थीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadआस-पास ४थी कक्षा पुस्तक में विषय-वस्तु बाल-केंद्रित रखी गई है, जिससे बच्चों को स्वयं खोजकर पता करने का अवसर मिले। पाठ्यपुस्तक में यह प्रयास किया गया है कि रटने की प्रवृत्ति कम हो। अतः परिभाषाएँ, वर्णन, अमूर्त्त प्रत्यय आदि को स्थान नहीं दिया गया है। पाठ्यपुस्तक में जानकारी देना बहुत ही सरल कार्य है। वास्तविक चुनौती है कि बच्चों को मौका दिया जाए, जिससे वे अपने विचार प्रकट करें, उत्सुकता को बढ़ा सकें, करके सीखें, प्रश्न करें तथा प्रयोग कर सकें। बच्चे पाठ्यपुस्तक से खुशी-खुशी जुड़े, इसके लिए पाठों का प्रस्तुतीकरण विविध तरीकों से किया गया है, जैसे- किस्से-कहानियाँ, संवाद, कविताएँ, पहेलियाँ, हास्य खंड, नाटक, क्रियाकलाप आदि। बच्चों में कुछ बातों के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने के लिए अकसर किस्से-कहानियों का इस्तेमाल महत्त्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि बच्चे कहानी के पात्रों से अपने को आसानी से जोड़ सकते हैं। पुस्तक में प्रयुक्त भाषा भी ‘औपचारिक’ नहीं है, बल्कि बच्चों की बोल-चाल की भाषा है।
Aas-Pass class 5 - NCERT - 23: आस-पास ५वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadआस-पास ५वीं कक्षा का यह पाठ्यपुस्तक बाल-केंद्रित है, जिससे बच्चों को स्वयं खोजकर पता करने के अवसर मिलें, और वे रटने की मज़बूरी से बचें। अतः परिभाषाओं को कोई स्थान नहीं दिया गया है और मात्र जानकारी देने की अपेक्षा नहीं है। वास्तविक चुनौती है कि बच्चों को मौके दिए जाएँ कि वे अपने विचार प्रकट करें, उत्सुक बनें, करके देखें और सीखें, प्रश्न पूछें तथा प्रयोग करें। पुस्तक की भाषा 'औपचारिक' नहीं है, बल्कि बच्चों की बोल-चाल की भाषा है। बच्चे किताब के पृष्ठ को समेकित रूप से 'पढ़ते हैं, उसमें दिए शब्दों, चित्रों आदि को अलग-अलग नहीं देखते हैं। इस पुस्तक पृष्ठों को भी उसी नज़र से बनाया गया है और बच्चे इनका इस्तेमाल भी उसी समेकित तरह से करें। पाठ्यपुस्तक को ज्ञान का एकमात्र स्रोत न माना जाए, बल्कि बच्चों को स्वयं ज्ञान रचने में वह एक सहायक भूमिका निभाए, ताकि वे अपने आसपास के लोगों से, परिवेश से और समाचारपत्रों से भी सीखें।