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Dost Banaye Naye Naye

by Alka Shanker

Dost Banaye Naye Naye is two story book is written by Alka Shankar tells us the story of two girls who take care of kittens in her home इस पुस्तक में दो कहानियाँ है जिसमें दो बहने बिल्ली के बच्चों को अपने घर में पालती है तथा दूसरी कहानी में लीला की नानी लीला को एक पौधा उपहार में देती है और लीला उसकी देखभाल करती है। दोनों कहानियाँ हमें दूसरों की मदद करना सिखाती है।

gajmukta ki talaash

by Ira Suxena Surendra Suman

Gajmukta pearl handed over to his granddaughter Ambika Dewan live in the freedom struggle have gone to jail. Ambika and her friends Jeelni such problems arose because the British Government at all costs wanted to Gajmukta. Ultimately who win? To know this read the story of ‘Gajmukta Ki talaash’.

Prasiddha Lok Kathayen

by Shankar

The book Famous Folk Stories is written by Shankar. Folklore of children is given in this book. Which is very Inspirational.

Konark: कोणार्क

by Pratibha Rai

उड़िया भाषा की प्रतिभासम्पन्न लेखिका प्रतिभा राय के उड़िया उपन्यास ‘शिलापद्म’ को ‘ओड़ीसा साहित्य अकादमी पुरस्कार’-1986 प्रदान किया गया था। उसी उपन्यास का हिन्दी रूपान्तर ‘कोणार्क’ के रूप में प्रस्तुत है। यह कोई इतिहास नहीं है, यहाँ इतिहास-दृष्टि भी प्रमुख नहीं है-साहित्य दृष्टि ही इसके प्राणों में है। इस कृति में केवल पत्थरों पर तराशी गईं कलाकृतियों का मार्मिक चित्रण नहीं है। उड़िया जाति की कलाप्रियता और कलात्मक ऊँचाइयों की ओर संकेत करते हुए लेखिका ने उस कोणार्क मंदिर को चित्रित किया है जो आज भारतीय कला-कौशल, कारीगरी एवं आदर्शों का एक भग्न स्तूप है। शिल्पी कमल महाराणा और वधू चंद्रभागा के त्याग, निष्ठा, उत्सर्ग, प्रेम-प्रणय-विरह की अमरगाथा को बड़े सुन्दर ढंग से इस प्रशंसित और पुरस्कृत उपन्यास में प्रस्तुत किया गया है।

Draupadi: द्रौपदी

by Pratibha Rai

द्रौपदी महाभारत ही नहीं, भारतीय जीवन तथा संस्कृति का एक अत्यन्त विलक्षण और महत्त्वपूरर्ण चरित्र है- परन्तु साहित्य ने अब तक उसे प्राय: छुआ नहीं था। उपन्यास के रूप में इस रचना का एक विशिष्ट लक्ष यह भी है कि इसे एक महिला ने उठाया और वाणी दी है, जिस कारण वे इसके साथ न्याय करने में पूर्ण स्थान हुई हैं। डॉ. प्रतिभा राय उडिया की अग्रणी लेखिका हैं जिनके अनेक उपन्यास प्रकाशित होकर लोकप्रिय हो चुके हैं। उन्हें अनेक पुरस्कार मिले हैं, फिल्मे बनी है तथा कई कृतियां हिन्दी में भी आमने आ चुकी हैं। कृष्ण समर्पित तथा पांच पांडवों से ब्याही द्रोपदी का जीवन अनेक दिशाओं में विभवत्त है है फिर भी उसका व्यक्तित्व बँटत्ता नहीं, टूटता नहीं, वह एक ऐसी इकाई के रूप में निरन्तर जीती है जो तत्कालीन घटनाचक्र क्रो अनेक विशिष्ट आयाम देने में समर्थ है। नारी-मन की वास्तविक पीडा, सुख-दुख और व्यक्तिगत अन्तर्संबंधों की जटिलता को गहराई से पकड़ पाना, इस उपन्यास की विशेषता है।

Kitne Pakistan: कितने पाकिस्तान

by Kamleshwar

कमलेश्वर का यह उपन्यास मानवता के दरवाजे पर इतिहास और समय की एक दस्तक है इस उम्मीद के साथ कि भारत भर में एक के बाद दूसरे पाकिस्तान बनाने की लहू से लथपथ यह परम्परा अब खत्म हो। "कमलेश्वर ने उपन्यास के बने-बनाए ढाँचे को तोड़ दिया है और लेखकीय अभिव्यक्ति के लिए सब कुछ सम्भव बनाने का दुर्लभ द्वार खोल कर एक नया रास्ता दिखाया है।" "यह उपन्नास बीसवीं सदी की उपलब्धि है। अच्छी पुस्तकें हर काल में सामने आती हैं, आती रहेंगी, लेकिन यह पुस्तक जिस मुकाम पर पहुँची है, वहाँ हमेशा बनी रहेगी।"

Yayati: ययाति

by Vishnu Sakharam Khandekar

ययाति एक उपन्यास है, इस उपन्यास में राजा ययाति की कहानी बताई गई है, जो चंद्रवंशी राजा नहुष के छह पुत्रों में से एक थे। जब ययाति अचानक बूढ़े हो जाते हैं, तो उनकी अधूरी इच्छाएं उन्हें परेशान करती हैं। वह अपने बेटों से अपनी जवानी उधार मांगते हैं और उनका बेटा पुरु उनकी मदद के लिए आता है। पुरु की जवानी स्वीकार करने के कुछ ही मिनटों के भीतर ययाति उसे लौटाने का संकल्प लेते हैं। इस घटना से ययाति को अपनी गलतियों का एहसास होता है और देवयानी का भी हृदय परिवर्तन होता है। उपन्यास के अंत में ययाति आशीर्वाद के साथ शासन की ज़िम्मेदारी पुरु को सौंप देते हैं और देवयानी और शर्मिष्ठा के साथ वन में जीवन व्यतीत करना चाहते हैं। इस तरह ययाति की आसक्ति से वैराग्य की यात्रा पूरी होती है।

Aapko Apne Jeevan Mein Kya Karna Hai?: आपको अपने जीवन में क्या करना है?

by J. Krishnamurti

जीवन से जुडे़ जीवंत प्रश्नों का गहन अन्वेषण जे. कृष्णमूर्ति का बीसवीं सदी के मनोवैज्ञानिक व शैक्षिक विचार में मौलिक तथा प्रामाणिक योगदान है। ‘आपको अपने जीवन में क्या करना है?’ यह पुस्तक उनकी विभिन्न पुस्तकों से संकलित अपने प्रकार का पहला संग्रह है, जिसमें विशेषकर युवा वर्ग को शिक्षा तथा जीवन के विषय में कृष्णमूर्ति की विशद दृष्टि का व्यवस्थित एवं क्रमबद्ध परिचय प्राप्त होता है।

Maalgudi ki Kahaniyan

by R. K. Narayan

Indian short stories offer readers an authentic peek into the various aspects of Indian life. The ones that have been written by R.K. Narayan stand out in the large collections of Indian short tales available for reading. Malgudi Ki Kahaniyan (Hindi) is a set of stories that are based in the fictional town of Malgudi. The town of Malgudi is a South Indian village created by the author and offers a valuable peek into the quality of rural life during the pre-independence era. The characters in these stories come from different walks of life and each has a unique tale to tell.

Guide: गाइड

by R. K. Narayan

आर.के. नारायण उन पहले भारतीय लेखकों में से थे जिनको विश्व-स्तर पर साहित्यिक ख्याति मिली। ‘गाइड’ उनका सबसे बेहतरीन उपन्यास है जिसे साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। इस उपन्यास में प्रेम का उत्कर्ष तो है ही, इसमें जीवन के बहुत-से अर्थ खुलकर सामने आते हैं। इसमें उलझी हुई परतों को बहुत ही मार्मिक ढंग से व्यक्त किया गया है। इस उपन्यास पर इसी नाम से बनी फिल्म की लोकप्रियता आज भी कायम है। आर.के. नारायण का यह उपन्यास बार-बार पढ़े जाने लायक एक क्लासिक रचना है।

Pratham Aur Antim Mukti: प्रथम और अंतिम मुक्ति

by J. Krishnamurti

प्रथम और अंतिम मुक्ति में जे कृष्णमूर्ति की अंतर्दृष्टियों का व्यापक व सारगर्भित परिचय तथा उनमें सहभागिता का चुनौती भरा निमंत्रण प्राप्त होता है। कृष्णमूर्ति की शिक्षाओं के विविध सरोकारों का समावेश इस एक पुस्तक में उपलब्ध है जो अंग्रेजी पुस्तक द फर्स्ट एंड लास्ट फ्रीडम का अनुवाद है। इस पुस्तक का प्रकाशन १९५४ में हुआ था लेकिन आज भी यह पुस्तक कृष्णमूर्ति की सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली पुस्तकों में से एक है। कृष्णमूर्ति की शिक्षाओं के सघन अध्ययन में एक और आयाम जुड़े, इसी अभिप्राय से यह संस्करण प्रस्तुत है।

Swami Aur Uske Dost: स्वामी और उसके दोस्त

by R. K. Narayan Mehandra Kulshrestha

His greatest passion is the M CC - the Malgudi Cricket Club - which he founds together with his friends: his greatest day is when the examinations are over and school breaks up - a time for revelry and cheerful ritousness. But the innocent and impulsive Swami lands in trouble when he is carried away by the more serious unrest of India in 1930. Somehow he gets himself expelled from two schools in succession, and when things have gone quite out of hand he is forced to run away from home.This is far more than a simple narrative of Swami's adventures - charming and entertaining as they are. By the delicate sympathetically observed, the author establishes for us the child's world as the child himself sees it: and beyond, the adult community he will one day belong to - in Swami's case, the town of Malgudi, which provides the setting of almost all Narayan's later novels.

English Teacher: इंग्लिस टीचर

by R. K. Narayan

काल्पनिक मालगुडी पर आधारित यह उपन्यास कहीं न कहीं लेखक आर.के. नारायण की अपनी ज़िन्दगी से प्रेरित है। कृष्ण एक कॉलेज में अध्यापक है और उसकी पत्नी व बेटी थोड़ी दूरी पर उसके माता-पिता के साथ रहते हैं। फिर अवसर मिलता है सारे परिवार को साथ रहने का, लेकिन विवाहित जीवन का आनन्द कृष्ण कुछ ही दिन तक भोग पाता है और… विश्वप्रसिद्ध भारतीय लेखक आर.के. नारायण की यह विशेषता रही है कि वह ज़िन्दगी की छोटी से छोटी बात को बहुत जीवंत और मनोरंजक बना देते हैं। ‘गाइड’ और ‘मालगुडी की कहानियाँ’ की तरह उस उपन्यास में भी जीवन के हर रस का आनन्द पाठक को मिलता है।

Uchchtar Samajshastriya Sidhant - Competitive Exam

by S. L. Doshi M. S. Trivedi

इस पुस्‍तक में समाजशास्त्रीय सिद्धान्‍तों को प्रस्‍तुत किया गया है। भारतीय समाज के समाजिक विचार, चिन्‍तन के कारक, उद्भव, सामाजिक सिद्धान्‍त संरचना और अर्थ, विशेषताएँ, प्रकार, और नये विचारकों के सिद्धान्‍तों को मिलाजुला कर इसके पाठयक्रम तैयार किये गये है। समाजशास्त्रीय सिद्धान्‍त और आनुभाविक अनुसंधान से पारस्‍परिकता, प्रकार्यवादी सिद्धान्‍त, सामाजिक क्रिया का सिद्धान्‍त, विसंगति, संघर्ष सिद्धान्‍त, विवेचनात्‍मक सिद्धान्‍त, माइक्रो तथा मेकरो सिद्धान्‍तीकरण एक सूत्र में बाँधने का प्रयास प्रतीकात्‍मक अन्‍तः क्रियावाद के अन्‍तर्गत बौद्धिक आधार, निर्वचन विधि, अभिनय कला, फीनोमिनोलॉजिकल सिद्धान्‍त, लोक विधि विज्ञान, संरचना सिद्धान्‍त, भारत में समाजशास्‍त्रीय निर्माण, उत्तर संरचनावाद या नव संरचनावाद आदि सिद्धान्‍त के विषय शामिल है। इन विषयों के उद्देश्‍य जानकर छात्रों में नयी उपलब्धि होती है।

Samajik Samasyaen

by Ram Aahujaa

This Book gives a research based assessment of social problems existing in India. There has been lots of development in India but there also has been rise of complex social problems of late there has been lots of youth unrest and agitations, violence against women and drugs abuse cases in India. India has seen change of Government in the name of corruption and black money. This Book is an effort to analyse and understand these problems it is an honest attempt by the writer to apply principles and indicate the flaws in our attempt to solve the issues.

Samajik Anusandhan - Competitive Exam

by Ram Ahuja

यह पुस्‍तक स्‍नाकोत्तर छात्रों को लिए सैद्धान्तिक ज्ञान को सरल विधि से प्रस्तुत करने में सहायक सिद्ध होती है इसमें वैज्ञानिक अनुसंधान, सामाजिक अनुसंधान जाँच के तर्क के नियम, समस्‍या निरूपण प्रश्‍नावली, साक्षात्‍कार, अवलोकन, वैयक्तिक अध्‍ययन का अर्थ विशेषताएं, और सिद्धान्‍त, उद्देश्‍य, विषय वस्‍तु, प्रक्षेपी तकनीकें, आधार सामग्री संसाधन, माप और अनुमाप तकनीकें आदि विषय को बहुत ही सरल भाषा में समझाने का तरीका बताया है। सभी विषय की अलग अलग समस्‍यायें, उनकी क्‍या सीमायें है उनके गुण, लाभ, और उनके सिद्धान्‍तों के विकास के बारे में वर्णन किया गया है। इस प्रकार यह पुस्‍तक वास्‍तव में सामाजिक अनुसंधान के समस्‍त विषय को सही तरीके से छात्रों के पढ़ने और सीखने के लिए उपयोगी सिद्ध हुई है।

Yogiraj Shri Krishna: योगिराज श्रीकृष्ण

by Lala Lajpat Rai

परवर्ती काल में कृष्ण के उदात्त तथा महनीय आर्योचित चरित्र को समझने में चाहे लोगों ने अनेक भूलें ही क्यों न की हो, उनके समकालीन तथा अत्यन्त आत्मीय जनों ने उस महाप्राण व्यक्तित्व का सहीं मूल्यांकन किया था । सम्राट युधिष्ठिर उनका सम्मान कस्ते थे तथा उनके परामर्श को सर्वोपरि महत्व देते थे । पितामह भीष्म, आचार्य द्रोण तथा कृपाचार्य जैसे प्रतिपक्ष के लोग भी उन्हें भरपूर आदर देते थे । जिस प्रकार वे नवीन सामाज-निर्माता तथा स्वराज्यस्रष्ठा युगपुरुष के रूप में प्रतिष्ठित हुए, उसी प्रकार अध्यात्म तथा तत्त्व-चिन्तन के क्षेत्र में भी उनकी प्रवृतियाँ चरपोत्कर्ष पर पहुँच चुकी थीं । सुख-दु:ख को समान समझने वाले, लाभ और ह हानि, जय और पराजय जैसे द्वंद्वो को एक-सा मानने वाले, अनुद्विग्न, वीतराग तथा जल में रहने वाले कमल पत्र के समान सर्वथा निर्लेप, स्थितप्रज्ञ व्यक्ति को यदि हम साकार रूप में देखना चाहें तो वह कृष्ण से भिन्न अन्य कौन-सा होगा ? प्रवृत्ति और निवृत्ति, श्रेय और प्रेय, ज्ञान और कर्म, ऐहिक और पारलौकिक जैसी आपातत: विरोधी दीखने वाली प्रवृत्तियों में अपूर्व सामंजस्य स्थापित का उन्हें स्वजीवन में चरितार्थ करना कृष्ण जैसे महामानव के लिए ही सम्भव था । उन्होंने धर्म के दोनों लक्ष्यों अभ्युदय और नि:श्रेयस के उपलब्धि की । अत: यह निरपवाद रूप से कहा जा सकता है कि कृष्ण का जीवन आर्य आदर्शों की चरम परिणति है ।

BHDF -101 Hindi Me Aadhar Pathyakram - Khand 3 Sahitya Ka Aasvadan - IGNOU: BHDF -101 हिंदी में आधार पाठ्यक्रम - खंड 3 साहित्य का आस्वादन -इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BHDF-101 हिंदी में आधार पाठ्यक्रम (खंड 3: साहित्य का आस्वादन) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में हम कुल छह इकाइयाँ दे रहे हैं। इकाई 13 में प्रेमचंद की कहानी ‘पूस की रात’ वाचन के लिए दी जा रही है। इकाई 14 में हरिशंकर परसाई द्वारा लिखित एक व्यंग्य-निबंध : ‘वैष्णव की फिसलन’ दिया गया है। इकाई 15 में मोहन राकेश का ‘बहुत बड़ा सवाल’ शीर्षक एकांकी वाचन के लिए दिया गया है। इकाई 16 में ‘जीने की कला’ शीर्षक महादेवी का एक नारी समस्या से संबंधित निबंध दिया गया है। इकाई 17 में 'जूठन' शीर्षक ओम प्रकाश वाल्मीकि की आत्मकथा का एक अंश दिया गया है। अंतिम इकाई में सूरदास, तुलसीदास, मैथिलीशरण गुप्त, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ एवं महादेवी वर्मा का काव्य, वाचन के लिए दिया गया है। इस प्रकार इन इकाइयों में कहानी, व्यंग्य, निबंध, आत्मकथा और कविता नामक विधाओं का अध्ययन करेंगे। वाचन के अतिरिक्त इनमें इन विधाओं की विशेषताएँ बतायी गयी हैं।

BHDF 101 Hindi Me Aadhar Pathyakram (Khand 2 Vachan Aur Vividh Vishay) IGNOU: BHDLA 135 हिंदी भाषा : विविध प्रयोग (खंड 2: वाचन और विविध विषय) इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BHDF-101 हिंदी में आधार पाठ्यक्रम (खंड 2: वाचन और विविध विषय) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में छः परस्पर संबद्ध इकाइयाँ हैं, इन इकाइयों में विषय क्षेत्र का व्यापक आधार सम्मिलित किया गया है और बहुत सी आधारभूत अवधारणाओं को स्पष्ट किया गया है। इन सब इकाइयों में पाठों से संबंधित व्याकरणिक बिंदुओं को विशेष रूप से समझाया गया है। ज्ञान - विज्ञान के विषयों को पढ़ने के लिए इन विषयों की विशिष्ट पारिभाषिक शब्दावली का ज्ञान आवश्यक है। पारिभाषिक शब्द बोलचाल की भाषा से भिन्न निश्चित अर्थ में प्रयुक्त होते हैं। ज्ञान -विज्ञान के विषयों का वाचन करने की प्रक्रिया में बहुत से पारिभाषिक शब्द उन विषयों के संदर्भ में आपके सामने आएँगे। इनके बारे में हमने इकाइयों में आपको विस्तार से जानकारी दी है।

BHDF 101 Hindi Me Aadhar Pathyakram Khand 4 Vyavaharik Hindi Aur Lekhan IGNOU: BHDF 101 हिंदी में आधार पाठ्यक्रम खंड 4 व्यावहारिक हिंदी और लेखन इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BHDF-101 हिंदी में आधार पाठ्यक्रम (खंड 4: व्यावहारिक हिंदी और लेखन) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में हम कुल छह इकाइयाँ दे रहे हैं। प्रस्तुत खंड में भाषा विषयक दो और पाठ दे रहे हैं, जिनमें क्रमशः हिंदी की शब्दावली और वाक्य रचना तथा सामान्य वार्तालाप में वाक्योच्चारण के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। इस तरह इन 4 इकाइयों में हिंदी भाषा की मूलभूत संरचना का संक्षिप्त परिचय दिया गया है। इस पाठ्यक्रम-परिचय में हमने यह उल्लेख किया था कि लेखन भाषा का एक प्रमुख कौशल है। यह पाठ्यक्रम हमने बोधन के अर्थात् भाषा को समझने के कौशल से शुरू किया था। भाषा समझने की क्षमता का स्वतः परिणाम भाषा की अभिव्यक्ति में ही है। इस पाठ्यक्रम में मौखिक अभिव्यक्ति की अपेक्षा हम लिखित अभिव्यक्ति पर ही अधिक बल दे रहे हैं।

EHI01 Swatantra Bharat Vikas ki Ore 1947-1964 - IGNOU

by Ignou

This is the 8th book of EHI01 with emphasis on these topics. Chapter 38. Yojana aur Audhyogikaran, Chapter 39. Yojana aur Bhoomi Sudhar, Chapter 40. Videsh Neeti 1947-1964, Chapter 41. Dharmnirpekshta: Siddhant aur vyavhaar

EHI01 Sangathit Rashtravaad ka Uday - IGNOU

by Ignou

This section traces the effort of britishers to strengthen them after revolt of 1857. The emergence of of various movements are also covered in this part. This unit explores the causes of the rise of congress. this unit will also make the readers aware of swadeshi movement.

EHI01 Aamul Parivartanvaadi Pravattiyan Rashtravaad aur Mahatama Gandhi - IGNOU

by Ignou

This unit will tell the readers about the growth of marxism and socialism. This also explains about the scientific socialism. The first world war took place in the same time so it traces the causes of world war also. Russian revolution, causes and effects have been discussed in detail for the benefit of student of history. This era also saw the rise of revolutionaries and its effect on India can also be seen. Readers will the the emergence of Gandhi at the end of the unit.

EHI01 Rastravad Vishwa Yudhdho ke Dauraan-1 - IGNOU

by Ignou

This unit discusses about the constitutional development happening between 1892 to 1920. Non cooperation movement and khilafat movement are discussed in detail. Regional movements like akali and non brahmin movement have also been discussed. swaraj party, its rise and fall has been discussed. The rise of communalism during national movement have also been analysed in this unit.

EHI01 Rashtravaad Vishwa Yudhdho ke Madhya-2 - IGNOU

by Ignou

This unit traces the Indian Naitional Movement during 1920 and 1930. Unit 23 studies the effect of literature on National movement. further chapters discuss about revolutionalry and terrorist movement in the late 1920. Congress started the second revolution in 1930. causes of start of non cooperation movement have also been discussed. communist moement has also been analysed in this unit.

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