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Bharatiya Samaj class 12 - NCERT - 23: भारतीय समाज १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भारतीय समाज कक्षा 12 वीं का पुस्तक हिंदी भाषा में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने प्रकाशित किया गया है । इस पाठ्यपुस्तक का मूल उद्देश्य है राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा की रूपरेखा 2005 के नए मार्गदर्शक सिद्धांतों को क्रियान्वित करना। पाठ्यपुस्तक मे कुछ सुस्पष्ट उदाहरण अध्याय 3, 5 और 6 में हैं जिनमें जाति व अन्य प्रकार की विषमताओं व अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित विषयों का जिक्र है। गतिविधियाँ इस पाठ्यपुस्तक का अभिन्न अंग हैं; इन्हें सुविचारित व योजनाबद्ध तरीके से विषयवस्तु में सम्मिलित किया गया है। 'अभ्यास' पुस्तक में दिए गए किसी खास उद्धरण अथवा तालिका पर आधारित हैं, और इनमें छात्रों से अपेक्षा की जाती है कि वे सटीक सवालों के सटीक जवाब दें।

Bhautik Bhugol Ke Mul Siddhant class 11 - NCERT - 23: भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में छह इकाईयाँ दी गई है। इकाई 1 में भूगोल एक विषय के रूप में भूगोल एक समाकलित विषय के रूप में, स्थानिक गुण विज्ञान के रूप में; भूगोल की शाखाएँ; भौतिक भूगोल की विशेषता। इकाई 2 में पृथ्वी-पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास, पृथ्वी का आंतरिक भाग; वेगनर का महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत एवं प्लेट विवर्तनिकी, भूकंप एवं ज्वालामुखी। इकाई 3 में भू-आकृतियाँ खनिज एवं शैल-शैलों के प्रमुख प्रकार एवं उनकी विशेषताएँ; भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ-अपक्षय, बृहत्क्षरण, अपरदन एवं निक्षेपण, मृदा-निर्माण, भू-आकृतियाँ तथा उनका विकास। इकाई 4 में जलवायु वायुमंडल-संघटन एवं संरचना; मौसम एवं जलवायु के तत्व, वर्षण: वाष्पीकरण, संघनन-ओस, पाला, धुंध, कोहरा एवं मेघ; वर्षा-प्रकार एवं विश्व वितरण, विश्व जलवायु-वर्गीकरण (कोपेन), ग्रीनहाउस प्रभाव, भूमंडलीय ऊष्मन एंव जलवायु परिवर्तन और इकाई 5 में जल (महासागर) जलीय चक्र; महासागर-अंतः समुद्री उच्चावच, लवणता एवं तापमान का वितरण; महासागरीय-तरंगें, ज्वार भाटा एवं धाराएँ आदी के बारे में पाठपुस्तक बताया गया है। इकाई 6 में पृथ्‍वी पर जीवन इस इकाई के विवरण: जैवमंडल - पाद्प एवं अन्य जीवों की विशेषताएँ, पारितंत्र; जैव-भू रासायनिक चक्र, पारिस्थितिक संतुलन तथा जैवविविधता एवं संरक्षण।

Bhautiki Bhag-1 class 11 - NCERT - 23: भौतिकी भाग-१ ११ वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भौतिकी भाग 1 11 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अन्य क्षेत्रों अथवा दैनिक जीवन में कुछ अनुप्रयोगों को दर्शाना, सरल प्रयोग सुझाना, भौतिकी के विभिन्न क्षेत्रों में अभिधारणाओं में संबंध, एकरसता अथवा नीरसता को तोड़कर पुस्तक को सजीव बनाना है। पुस्तक के प्रत्येक अध्याय के अंत में सारांश, विचारणीय विषय, अभ्यास तथा अतिरिक्त अभ्यास एवं उदाहरण जैसे विशिष्ट लक्षणों को बनाए रखा गया है। संकल्पनाओं पर आधारित कई अभ्यासों को अध्यायों के अंत में दिए गए अभ्यासों से 'उदाहरण एवं उनके हल' के रूप में पाठ्य सामग्री में स्थानांतरित किया गया है। यह आशा की जाती है कि ऐसा करने से अध्याय में दी गई संकल्पनाएँ अधिक बोधगम्य बन जाएँगी।

Bhautiki Bhag 1 class 12 - NCERT - 23: भौतिकी भाग-१ १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भौतिकी भाग 1 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अन्य क्षेत्रों अथवा दैनिक जीवन में कुछ अनुप्रयोगों को दर्शाना, सरल प्रयोग सुझाना, भौतिकी के विभिन्न क्षेत्रों में अभिधारणाओं में संबंध, एकरसता अथवा नीरसता को तोड़कर पुस्तक को सजीव बनाना है। पुस्तक के प्रत्येक अध्याय के अंत में सारांश, विचारणीय विषय, अभ्यास तथा अतिरिक्त अभ्यास एवं उदाहरण जैसे विशिष्ट लक्षणों को बनाए रखा गया है। संकल्पनाओं पर आधारित कई अभ्यासों को अध्यायों के अंत में दिए गए अभ्यासों से 'उदाहरण एवं उनके हल' के रूप में पाठ्य सामग्री में स्थानांतरित किया गया है। यह आशा की जाती है कि ऐसा करने से अध्याय में दी गई संकल्पनाएँ अधिक बोधगम्य बन जाएँगी।

Bhautiki Bhag-2 class 11 - NCERT - 23: भौतिकी भाग-२ ११ वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भौतिकी भाग 2 11 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अन्य क्षेत्रों अथवा दैनिक जीवन में कुछ अनुप्रयोगों को दर्शाना, सरल प्रयोग सुझाना, भौतिकी के विभिन्न क्षेत्रों में अभिधारणाओं में संबंध, एकरसता अथवा नीरसता को तोड़कर पुस्तक को सजीव बनाना है। पुस्तक के प्रत्येक अध्याय के अंत में सारांश, विचारणीय विषय, अभ्यास तथा अतिरिक्त अभ्यास एवं उदाहरण जैसे विशिष्ट लक्षणों को बनाए रखा गया है। संकल्पनाओं पर आधारित कई अभ्यासों को अध्यायों के अंत में दिए गए अभ्यासों से 'उदाहरण एवं उनके हल' के रूप में पाठ्य सामग्री में स्थानांतरित किया गया है। यह आशा की जाती है कि ऐसा करने से अध्याय में दी गई संकल्पनाएँ अधिक बोधगम्य बन जाएँगी।

Bhautiki Bhag 2 class 12 - NCERT - 23: भौतिकी भाग-२ १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भौतिकी भाग 2 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अन्य क्षेत्रों अथवा दैनिक जीवन में कुछ अनुप्रयोगों को दर्शाना, सरल प्रयोग सुझाना, भौतिकी के विभिन्न क्षेत्रों में अभिधारणाओं में संबंध, एकरसता अथवा नीरसता को तोड़कर पुस्तक को सजीव बनाना है। पुस्तक के प्रत्येक अध्याय के अंत में सारांश, विचारणीय विषय, अभ्यास तथा अतिरिक्त अभ्यास एवं उदाहरण जैसे विशिष्ट लक्षणों को बनाए रखा गया है। संकल्पनाओं पर आधारित कई अभ्यासों को अध्यायों के अंत में दिए गए अभ्यासों से 'उदाहरण एवं उनके हल' के रूप में पाठ्य सामग्री में स्थानांतरित किया गया है। यह आशा की जाती है कि ऐसा करने से अध्याय में दी गई संकल्पनाएँ अधिक बोधगम्य बन जाएँगी।

Bhugol Main Prayogatmak Karya Bhag-1 class 11 - NCERT - 23: भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य भाग-१ ११वी कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य भाग 1 कक्षा 11वीं का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में बोझ की समस्या से निपटने के लिए पाठ्यक्रम निर्माताओं ने विभिन्न चरणों में ज्ञान का पुनर्निर्धारण करते समय बच्चों के मनोविज्ञान एवं अध्यापन के लिए उपलब्ध समय का ध्यान रखने की पहले से अधिक सचेत कोशिश की है। इस पाठ्यक्रम में सोच-विचार और विस्मय, छोटे समूहों में बातचीत एवं बहस और हाथ से की जाने वाली गतिविधियों को प्राथमिकता दि गई है।

Bhugol Main Prayogatmak Karya class 12 - NCERT - 23: भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य भाग-२ १२वी कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य भाग 2 12वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में बोझ की समस्या से निपटने के लिए पाठ्यक्रम निर्माताओं ने विभिन्न चरणों में ज्ञान का पुनर्निर्धारण करते समय बच्चों के मनोविज्ञान एवं अध्यापन के लिए उपलब्ध समय का ध्यान रखने की पहले से अधिक सचेत कोशिश की है। इस पाठ्यक्रम में सोच-विचार और विस्मय, छोटे समूहों में बातचीत एवं बहस और हाथ से की जाने वाली गतिविधियों को प्राथमिकता दि गई है।

Blackmail: ब्लैकमेल

by Santosh Pathak

ब्लैकमेलिंग का एक मामूली सा दिखने वाला केस अचानक ही बुरी तरह उलझकर रह गया। एक के बाद एक कत्ल होने लगे। किसी का कोई सिर पांव मेरी समझ में नहीं आ रहा था। ना ही मेरे मौजूदा केस से हत्या की उन वारदातों का कोई लेना देना दिखाई देता था। मगर इस बात में कोई शक नहीं था कि मैं हत्यारे के जाल में लगातार उलझता जा रहा था। वह लाशें बिछा रहा था और मैं बरामद कर रहा था। कातिल मुझसे बस एक कदम ही आगे आगे चल रहा था, बावजूद इसके मैं उसके किरदार से अंजान था, कोई हिंट तक नहीं था कि वह कौन था। फिर अचानक ही दिमाग की बत्ती जल उठी, मगर अफसोस इस बात का था कि तब तक मैं खुद भी हत्यारे की गोली का शिकार हो चुका था।

Chardiwari: चारदीवारी

by Deepa Mehta

नारी का जीवन एक अनंत यात्रा है। नारी की इसी अनकही जीवन यात्रा को शब्दों में समेटने का प्रयास है, प्रस्तुत लघु कथा संग्रह - चारदीवारी। नारी के बचपन, किशोरावस्था, युवावस्था, वृद्धावस्था के मूक क्षणों की आवाज है प्रस्तुत लघु कथाएं। नारी जीवन के कुछ अनदेखे - अनछुए पहलुओं का प्रतिनिधित्व करता प्रस्तुत लघु कथा संग्रह नारी के दुख, बैचेनी, परेशानियां, रोष, शिकायतों का पुलिंदा मात्र नहीं है। मां, पत्नी, बेटी आदि अनेकों भूमिकाओं को निभाती दृश्य - अदृश्य चारदीवारी में कैद भिन्न-भिन्न पहचान, शैक्षिक स्थिति, आयु वर्ग की नारी के रोजमर्रा के जीवन से संबंधित है यह लघु कथाएं। नारी की पहचान, समानता, ख्वाहिशों, सपनों, संबंधों, घरेलू हिंसा, छेड़छाड़, लैंगिक उत्पीड़न, प्रजनन, स्वास्थ्य, मातृत्व, बॉडी इमेज आदि महत्वपूर्ण मुद्दों से संबंधित यह विचारोत्तेजक लघु कथाएं प्रस्तुत है, पाठकों के अवलोकन और विचारमंथन के लिए। इस आशा के साथ कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में यह प्रयास जनमानस की मानसिकता को बदल नारी जीवन में परिवर्तन की एक नई बयार ला पाने में सफल होगा…।

Chausar - The Game of Death: चौसर - द गेम ऑफ डेथ

by Jitender Nath

मुम्बई महानगर। न जाने कितने रहस्यों को अपने अंदर समेटे हुए सपनों का शहर। जब इंस्पेक्टर सुधाकर शिंदे एक कम्पनी के लापता हुए लोगों की तलाश में मुम्बई में निकला तो फिर शह और मात का एक ऐसा खेल शुरू हुआ जिसमें हर खिलाड़ी सिर्फ जीतना चाहता था। जिन्दगी और मौत के बीच बिछी चौसर की बिसात पर अपने कर्तव्य-पथ पर बढ़ते वीरों की हैरतअंगेज दास्तान…

Devyuddh - Mahasangram Gatha: देवयुद्ध - महासंग्राम गाथा

by Shivendra Suryavanshi

जब ब्रह्मदेव ने महादेव से पृथ्वी का भविष्य जानने की इच्छा व्यक्त की, तो महादेव ने उन्हें क्षीरसागर में स्थित रुद्रासन के पास भेज दिया। ब्रह्मदेव जब रुद्रासन को ढूंढते हुए क्षीरसागर में पहुंचे, तो वहां उन्हें सप्तकणों से निर्मित सप्तपुस्तकें दिखाई दीं। उन सप्तपुस्तकों में अलग-अलग प्रकार से भविष्य को देखने की शक्तियां थीं। ब्रह्मदेव ने उन सप्तशक्तियों की सहायता से, पृथ्वी का भविष्य देखने की कामना व्यक्त की। परंतु पृथ्वी का भविष्य देखकर ब्रह्मदेव अत्यंत चिन्तित हो गये, क्योंकि पृथ्वी के भविष्य में एक देवयुद्ध छिपा था, जिसमें पृथ्वी का महाविनाश संलिप्त था। ब्रह्मदेव ने पृथ्वी को महाविनाश से बचाने के लिये, उन सभी सप्तपुस्तकों को पृथ्वी के 7 सबसे सुरक्षित स्थानों पर छिपा दिया। ब्रह्मदेव को विश्वास था कि जब भविष्य में ब्रह्मांड रक्षक इन पुस्तकों को प्राप्त कर लेंगे, तो देवयुद्ध से होने वाले महाविनाश को टाला जा सकेगा। इसके बाद शुरु हुई एक समयचक्र की एक ऐसी कथा श्रृंखला जिसमें देवता तो क्या ब्रह्मांड के कई ग्रह भी उलझ गए।

Dohri Chaal: दोहरी चाल

by Amit Khan

दुश्मन के एक बेहद खतरनाक फौजी किले की कहानी। वाकई इस बार बड़ा अजीबोगरीब मामला था। इस बार वो मिशन था ही नहीं, जो बताया गया था। सब कुछ रहस्य के गहरे महासागर में छुपा था। आखिर असली मिशन क्या था? दिल की धड़कनों को थाम दे, भीषण प्रकम्पन्न पैदा कर दे- ऐसे विलक्षण मूड में ‘कमांडर करण सक्सेना’ का बेहद तेज़रफ़्तार उपन्यास।

Dragonfly: ड्रैगनफ़्लाई

by Anadi Shubhanand

अपनी एक्स गर्लफ्रेंड के शहर से अचानक ही गायब हो जाने की वजह जानने की उत्सुकता सीक्रेट सर्विस ऑफिसर अमर वर्मा के लिये धीरे-धीरे एक जुनून में परिवर्तित हो जाती है। आखिरकार जब वह उसके नये एड्रेस पर पहुँचता है तो उसे उसके नाम पर कोई और ही लड़की रहती हुई मिलती है। जब इस पूरे सिलसिले के तार भारत में मौजूद चीनी जासूसों के साथ जुड़ने लगते हैं तब इंडियन सीक्रेट सर्विस के सामने एक मौका आता है कि वह अपने दुश्मन देश के जासूसों और देश के गद्दारों को सबक सिखा सकें पर कोई तो था जो रहस्य की कई परतों में छिपा उनके प्लान को फेल करने के लिये घात लगा कर बैठा था। उस अनोखी शख्सियत का कोड नेम था ‘ड्रैगनफ़्लाई’।

Durva Bhag-1 class 6 - NCERT - 23: दूर्वा भाग १ ६वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

यह पुस्तकमाला कक्षा छह से आठ तक के स्तरों पर द्वितीय भाषा के रूप में हिंदी शिक्षण करने वाले हिंदीतर क्षेत्रों के जवाहर नवोदय विद्यालय सहित सभी विद्यालयों के लिए निर्मित की गई है। कक्षा छह के लिए तैयार की गई दूर्वा भाग-1 की कुछ विशेषताएँ इस प्रकार हैं- इस पुस्तक में भाषा शिक्षण के लिए सर्वप्रथम चित्र के माध्यम से शब्द परिचय करवाया गया है। इसी के साथ लिपि की संरचना और शब्द के उच्चारण को भी विद्यार्थी जान सकता है। इससे सुनने, बोलने और पढ़ने की क्षमता विकसित हो सकेगी। विद्यार्थियों में सुनने, समझने और बोलने की क्षमता को सशक्त बनाने के लिए प्रारंभ में मौखिक पाठों के साथ ग्यारह पाठ दिए गए हैं। इनमें बारंबारता (फ्रीक्वेंसी) की प्रक्रिया अपनाई गई है, ताकि सिखाई जानेवाली भाषा से विद्यार्थी का परिचय उत्तरोत्तर बढ़ सके। बलाघात, अनुतान आदि उच्चारण संबंधी विशेषताओं को सिखलाने के लिए पाठों में वार्तालाप अधिक रखे गए हैं। पाठों की संरचनाएँ पूर्वनिर्धारित और अभिक्रमिक हैं। जिन पाठों में जो संरचनाएँ शिक्षण बिंदु के रूप में प्रमुखतः निर्धारित की गई हैं, उन्हें ही पाठ में स्वभाविक ढंग से उभारने का प्रयास किया गया है, ताकि विद्यार्थी हिंदी भाषा की संरचना से परिचित हो सके, साथ ही अपनी ज्ञात भाषा और हिंदी की संरचनाओं की समानता तथा उनके अंतर की पहचान भी कर सके।

Durva Bhag-2 class 7 - NCERT - 23: दूर्वा भाग-२ ७वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

दूर्वा भाग 2 कक्षा 7 के लिए हिंदी की पाठ्यपुस्तक-द्वितीय भाषा - यह किताब राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (2005) के आधार पर तैयार किए गए पाठ्यक्रम पर आधारित है। यह पारंपरिक भाषा-शिक्षण की सभी सीमाओं से आगे जाती है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की नयी रूपरेखा भाषा को बच्चे के व्यक्तित्व का सबसे समृद्ध संसाधन मानते हुए उसे पाठ्यक्रम के हर विषय से जोड़कर देखती है। भाषा की शिक्षा मातृभाषा से प्रभावित मात्र ही नहीं होती बल्कि वह द्वितीय भाषा कौशल की समृद्धि में भी लाभप्रद और सहायक सिद्ध होती है। इसी को ध्यान में रखकर विद्यार्थियों के हिंदी की सामान्य संरचनाओं की जानकारी को धीरे-धीरे उसकी विशिष्ट और विपुल संरचनाओं की जानकारी से जोड़ने की कोशिश इसमें की गई है। इसमें यथासंभव सहज और सरल भाषिक संरचनाओं वाले सरस और रोचक पाठों का चयन किया गया है। पाठों के चयन में हिंदी के महत्त्वपूर्ण रचनाकारों की बाल रचनाओं को शामिल कर द्वितीय भाषा के रूप में हिंदी पढ़ने-पढ़ानेवालों को हिंदी की समृद्ध साहित्य परंपरा के प्रति रुचि बढ़ाने की भी कोशिश है। पाठों की भाषा और विषयवस्तु न केवल महत्त्वपूर्ण है बल्कि अन्य विषयों के ज्ञान को भी अपने में समेटे हुए है, जो विद्यार्थियों की भाषा और साहित्य को पढ़ने-समझने और जानने-बताने की रुचि को बढ़ाने में सहायक होगी।

Durva Bhag-3 class 8 - NCERT - 23: दूर्वा भाग-३ ८वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

कक्षा 8 के लिए हिंदी की पाठ्यपुस्तक, एन.सी.ई.आर.टी. इस पुस्तक की रचना के लिए बनाई गई पाठ्यपुस्तक निर्माण समिति के परिश्रम के लिए कृतज्ञता व्यक्त करती है। परिषद् भाषा सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर नामवर सिंह और इस पुस्तक के मुख्य सलाहकार प्रोफ़ेसर पुरुषोत्तम अग्रवाल की विशेष आभारी है। पाठ्यपुस्तक के विकास में कई शिक्षकों ने योगदान किया, इस योगदान को संभव बनाने के लिए परिषद् उनके प्राचार्यों एवं उन सभी संस्थाओं और संगठनों के प्रति कृतज्ञ है जिन्होंने अपने संसाधनों, सामग्री तथा सहयोगियों की मदद लेने में हमें उदारतापूर्वक सहयोग दिया। परिषद माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रोफ़ेसर मृणाल मीरी एवं प्रोफ़ेसर जी.पी. देशपांडे की अध्यक्षता में गठित निगरानी समिति (मॉनिटरिंग कमेटी) के सदस्यों को अपना मूल्यवान समय और सहयोग देने के लिए धन्यवाद देती है।

Ek Tha Doctor Ek Tha Sant: एक था डॉक्टर एक था संत

by Arundhati Roy

वर्तमान भारत में असमानता को समझने और उससे निपटने के लिए, अरुंधति रॉय ज़ोर दे कर कहती हैं कि हमें राजनीतिक विकास और एम.के. गांधी का प्रभाव, दोनों का ही परीक्षण करना होगा। सोचना होगा कि क्यों बी.आर. आंबेडकर द्वारा गांधी की लगभग दैवीय छवि को दी गई प्रबुद्ध चुनौती को भारत के कुलीन वर्ग द्वारा दबा दिया गया। राय के विश्लेषण में, हम देखते हैं कि न्याय के लिए आंबेडकर की लड़ाई, जाति को सुदृढ़ करनेवाली नीतियों के पक्ष में, व्यवस्थित रूप से दरकिनार कर दी गई, जिसका परिणाम है वर्तमान भारतीय राष्ट्र जो आज ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र है, विश्वस्तर पर शक्तिशाली है, लेकिन आज भी जो जाति व्यवस्था में आकंठ डूबा है।

End Of The Game: एंड ऑफ द गेम

by Santosh Pathak

पुलिस की तमाम कोशिशें फेल हो रही थीं, हत्यारा आजाद घूम रहा था। किसी सूत्र की तलाश में विराट राणा और सुलभ जोशी भागे भागे फिर रहे थे। जो सामने था वह सिवाय प्रेतलीला के और कुछ नहीं दिख रहा था, जबकि उनका मन उस बात को कबूल करने को तैयार नहीं था। एक तरफ पापियों को इंटेरोगेट कर पाना नामुमकिन नजर आ रहा था, तो दूसरी तरफ केस को सॉल्व करने के लिए उनपर तगड़ा दबाव बनाया जा रहा था। हद तो तब हो गयी जब बाकी बचे पापियों में से दो और लोग पिशाच का शिकार बन गये। एक अबूझ पहेली जो लगातार उलझती जा रही थी।

Game Of Death: गेम ऑफ डेथ

by Santosh Pathak

आठ दोस्त जो एक दूसरे को पापी कहकर बुलाते थे, अचानक ही बस सात रह गये, क्योंकि राहुल हांडा को कोई चुड़ैल उठा ले गयी। बात यकीन के काबिल नहीं थी, पुलिस तो हरगिज भी नहीं करने वाली थी, मगर दो महीने बाद फिर से एक वैसी ही घटना घटित हुई और बाकी बचे दोस्तों में से मधु कोठारी को कोई पिशाच अपने साथ लेकर चला गया। हद तो तब हो गयी जब दोनों ही मामलों में पुलिस को साफ-साफ किन्हीं पैरानार्मल एक्टीविटीज का दखल दिखाई देने लगा। हर तरफ भूत प्रेतों के चर्चे, ना समझ में आने वाली बातें और हैरान कर देने वाला घटनाक्रम। ऐसे में विराट राणा के लिए सच्चाई की तह तक पहुंच पाना आसान नहीं था।

Ganit class 10 - NCERT - 23: गणित १०वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

गणित कक्षा 10वीं का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक का अध्ययन करते समय आप यह देखेंगे कि पाठ्यपुस्तक विकास समिति ने इन तथ्यों को ध्यान में रखा है। विशेष रूप से इस पुस्तक के सृजन से बच्चों को गणित के अन्वेषण के लिए स्थान उपलब्ध कराने और गणितीय रूप में तर्क देने की योग्यता विकसित करने को ध्यान में रखकर किया गया है। साथ ही इस पुस्तक में दो परिशिष्ट-गणित में उपपत्तियाँ और गणितीय निदर्शन दिए गए हैं। इन्हें इस पुस्तक में उन बच्चों के लिए रखा गया है, जो इनके पठन में रुचि रखते हों, और इस समय इसका स्थान केवल ऐच्छिक पठन के लिए ही है। समय अंतराल में इन विषयों को मुख्य पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जा सकता है।

Ganit class 7 - NCERT - 23: गणित ७वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

यह पुस्तक कक्षा VI में प्रारंभ की गई प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करते हुए उसे आगे जारी रखती है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 (NCF- 2005) में निहित मुख्य मुद्दों पर चर्चा की थी। इन मुद्दों में शामिल थे, गणित को बच्चों की क्षमताओं के विकास से जोड़ना तथा जटिल परिकलनों और एल्गोरिथ्मों के अनुसरण समझ एवं समझ की रूपरेखा का निर्माण करना। बच्चों के मस्तिष्क में गणितीय विचार केवल बताने या व्याख्याएँ देने से विकसित नहीं होते हैं। बच्चों को गणित सीखने, गणित में आत्मविश्वास जागृत करने तथा उसके मूलभूत विचारों को समझने के लिए उन्हें अवधारणाओं की अपनी स्वयं की एक रूपरेखा बनानी चाहिए। इसके लिए उन्हें एक ऐसी कक्षा की आवश्यकता होगी जिसमें वे विचार विमर्श कर सकें, समस्याओं के हल खोजें, नए प्रश्न बनाकर केवल उनको हल करने की विधियाँ विकसित करके उन्हें हल ही न करें, अपितु स्वयं को समझ में आने वाली अपनी भाषा में परिभाषाएँ भी बना सकें। जरूरी नहीं है कि ये परिभाषाएँ, आदर्श परिभाषाओं की तरह व्यापक और परिपूर्ण हों।

Ganit class 8 - NCERT - 23: गणित ८वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

प्रस्तुत पुस्तक गणित ८वीं कक्षा उच्चतर प्राथमिक शृंखला की अंतिम पुस्तक है। गणित अधिगमन को भिन्न प्रकार से परिभाषित करना एक रोचक यात्रा रही है। ऐसी सामग्री की रचना करते समय, जो इस स्तर के शिक्षार्थियों की रुचि को संबोधित करे तथा उनके लिए एक पर्याप्त और सुगम्य चुनौती हो, गणित की प्रकृति को सुरक्षित करने और यह प्रश्न कि गणित क्यों पढ़ें, को सम्मिलित करने का प्रयास किया गया है। गणित के उद्देश्य पर अनेक दृष्टिकोण रहे हैं। ये दृष्टिकोण पूर्णतया उपयोगी से संपूर्णतया सौंदर्यपूर्ण या सुरुचिपूर्ण अवबोधनों तक विचरित हैं। इन दोनों का ही अंतत: सार है कि अवधारणों में न उलझना तथा जीवन में प्रतिभागी बनने के लिए शिक्षार्थी को उपलब्ध उपकरणों में संवर्धन करना। NCF में विचारों और शायद अनुभवों के भी गणितीयकरण की क्षमता विकसित करने पर बल दिया गया है। वह क्षमता जिससे एक समृद्ध जीवन और आसपास के परिवेश से अर्थपूर्ण संबंध ज्ञात करने के संघर्ष में गणित द्वारा प्रदान किए गए विचारों और रूपरेखा को समझने में सहायता होती है।

Ganit class 9 - NCERT - 23: गणित ९वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

गणित कक्षा 9वीं का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक का अध्ययन करते समय आप यह देखेंगे कि पाठ्यपुस्तक विकास समिति ने इन तथ्यों को ध्यान में रखा है। विशेष रूप से इस पुस्तक के सृजन से बच्चों को गणित के अन्वेषण के लिए स्थान उपलब्ध कराने और गणितीय रूप में तर्क देने की योग्यता विकसित करने को ध्यान में रखकर किया गया है। साथ ही इस पुस्तक में दो परिशिष्ट-गणित में उपपत्तियाँ और गणितीय निदर्शन दिए गए हैं। इन्हें इस पुस्तक में उन बच्चों के लिए रखा गया है, जो इनके पठन में रुचि रखते हों, और इस समय इसका स्थान केवल ऐच्छिक पठन के लिए ही है। समय अंतराल में इन विषयों को मुख्य पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जा सकता है।

Ganit Ka Jadu class 3 - NCERT - 23: गणित का जादू ३रीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

यह पुस्तक ३रीं कक्षा में प्रारंभ की गई प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करते हुए उसे आगे जारी रखती है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 में निहित मुख्य मुद्दों पर चर्चा की थी। इन मुद्दों में शामिल थे, गणित को बच्चों की क्षमताओं के विकास से जोड़ना तथा जटिल परिकलनों के अनुसरण समझ एवं समझ की रूपरेखा का निर्माण करना। बच्चों के मस्तिष्क में गणितीय विचार केवल बताने या व्याख्याएँ देने से विकसित नहीं होते हैं। बच्चों को गणित सीखने, गणित में आत्मविश्वास जागृत करने तथा उसके मूलभूत विचारों को समझने के लिए उन्हें अवधारणाओं की अपनी स्वयं की एक रूपरेखा बनानी चाहिए। दैनिक समय-सारणी में लचीलापन उतना ही जरूरी है जितना वार्षिक कैलेंडर के अमल में चुस्ती, जिससे शिक्षण के लिए नियत दिनों की संख्या हकीकत बन सके। शिक्षण और मूल्यांकन की विधियाँ भी इस बात को तय करेंगी कि यह पाठ्यपुस्तक स्कूल में बच्चों के जीवन को मानसिक दबाव तथा बोरियत की जगह खुशी का अनुभव बनाने में कितनी प्रभावी सिद्ध होती है। बोझ की समस्या से निपटने के लिए पाठ्यक्रम निर्माताओं ने विभिन्न चरणों में ज्ञान का पुनर्निर्धारण करते समय बच्चों के मनोविज्ञान एवं अध्यापन के लिए उपलब्ध समय का ध्यान रखने की पहले से अधिक सचेत कोशिश की है। इस कोशिश को और गहराने के यत्न में यह पाठ्यपुस्तक सोच-विचार और विस्मय, छोटे समूहों में बातचीत एवं बहस और हाथ से की जाने वाली गतिविधियों को प्राथमिकता देती है।

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