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Vigyan
by National Council Of Educational Research TrainingThis book prescribed by central board of secondary education, India for the students of class 7th subject Science, studying through Hindi medium. This accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. The book is handy companion of the school and university students desiring to read facts in interesting way. NCERT books are must read for aspirants of competitive and job related examinations in India.
Vigyan
by National Council Of Educational Research TrainingThis book prescribed by central board of secondary education, India for the students of class 8th subject Science, studying through Hindi medium. This accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. The book is handy companion of the school and university students desiring to read facts in interesting way. NCERT books are must read for aspirants of competitive and job related examinations in India.
Vigyan Evam Prodyogiki ka Vikash
by Shilvant SinghBook on development of science and technology for civil service aspirants in India
Vishwas Ki Jeet
by Mitra Phukanयह कहानी सात वर्ष की लड़की ममानी और उसके परिवार की कहानी है। इस कहानी में ममानी अपने विश्वास पर यकीन कर हाथी गणेश के सामने गाना गाती है। जिसको सुनकर हाथी वापिस जंगल चला जाता है। इस तरह वह हाथी से अपने गन्ने के खेत को बचाती है। और अन्त में उसके विश्वास की जीत होती है। This is a story of Seven years old Mamani and her family. Mamani believes in singing a song in front of the elephant Ganesha. After listening to the song elephant goes back to the Jungle. In this way she protects the sugar plantation. from the elephant .And finally faith wins.
Yayati: ययाति
by Vishnu Sakharam Khandekarययाति एक उपन्यास है, इस उपन्यास में राजा ययाति की कहानी बताई गई है, जो चंद्रवंशी राजा नहुष के छह पुत्रों में से एक थे। जब ययाति अचानक बूढ़े हो जाते हैं, तो उनकी अधूरी इच्छाएं उन्हें परेशान करती हैं। वह अपने बेटों से अपनी जवानी उधार मांगते हैं और उनका बेटा पुरु उनकी मदद के लिए आता है। पुरु की जवानी स्वीकार करने के कुछ ही मिनटों के भीतर ययाति उसे लौटाने का संकल्प लेते हैं। इस घटना से ययाति को अपनी गलतियों का एहसास होता है और देवयानी का भी हृदय परिवर्तन होता है। उपन्यास के अंत में ययाति आशीर्वाद के साथ शासन की ज़िम्मेदारी पुरु को सौंप देते हैं और देवयानी और शर्मिष्ठा के साथ वन में जीवन व्यतीत करना चाहते हैं। इस तरह ययाति की आसक्ति से वैराग्य की यात्रा पूरी होती है।
yuwak bharti class 11
by संपादक मंडल महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षण मंडलBased on the national policy of education, the Maharastra government has made this book to suit the needs of the students of Maharstra. This book contains the language and literature of Hindi for class eleventh of Maharastra Education Board.<P><P>
Aaj Bhi Khare Hain Talab
by Anupam MishraThe pond is also a major public event to be filled to capacity. The larger context of society and which would have flowed on the placenta of the pond. Bhuj culminating in the biggest pond pier Hmirsr a statue of elephant walking placenta indicator. When water touches the statue then spread the news was all over town. The losses come on the town pond. The event turned into a festival area short of water takes.
Aalok class 11 - RBSE Board: आलोक 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerआलोक कक्षा 11 के विद्यार्थियों के लिखी गई पाठ्यपुस्तक प्रस्तुत करते हुए अत्यंत प्रसन्नता है । पुस्तक लेखन पाठ्यसामग्री संकलन में यह ध्यान रखा गया है कि हिंदी साहित्य की समृद्ध संपदा के राष्ट्रीय फलक से विद्यार्थियों को परिचित करवाते समय राजस्थान के आदर्श नायकों तथा रचनाकारों का व्यक्तित्व एवं कृतित्व भी विद्यार्थियों के समक्ष आए ताकि हमारे विद्यार्थी हिंदी की मुख्यधारा में राजस्थान के योगदान को रेखांकित करने में समर्थ बनें। छोटे कलेवर वाली इस पुस्तक में संकलित सामग्री एक संकेत मात्र है, जिसके माध्यम से विद्यार्थी इस दिशा में सोचना तथा इस राह पर अग्रसर होना शुरु करेंगे। निर्धारित पाठ्यक्रमानुसार पुस्तक के संपादन का गुरुत्तर दायित्व प्रदान करने हेतु माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर का आभार । यद्यपि इस पुस्तक में मानक हिंदी का अनुसरण किया गया है तथापि कहीं-कहीं पाठ की मूल भावना को ध्यान में रखते हुए पुरानी वर्णमाला का प्रयोग किया गया है। कृतज्ञता उन लेखकों एवं प्रकाशकों के प्रति, जिनके ग्रंथों से सामग्री साभार ली गई है। संपादक-मंडल ने अपनी पूर्ण चेतना से राष्ट्र के भावी कर्णधारों के व्यक्तित्व विकास हेतु अपेक्षित साहित्यिक सामग्री संकलित-संपादित करने का सद्प्रयास किया है।
Aaphudri Ek Jiddi Ladki Ki Atmakatha: आपहुदरी एक जिद्दी लड़की की आत्मकथा
by Ramnika Guptaविविधता भरे अनुभवों की धनी रमणिका गुप्ता की आत्मकथा की यह दूसरी कड़ी 'आपहुदरी' एक बेहद पठनीय आत्मकथा है। उनकी आत्मकथा की पहली कड़ी ‘हादसे' से यह कई अर्थों में अलग है। सच कहें, तो यही है उनकी असल आत्मकथा…। यहां लेखिका का निजी जीवन, उनके संघर्ष का सच एक स्त्री की कसौटी पर उद्घाटित हुआ है। यहां एक सुदीर्घ जीवन की कहानी है जहां एक रचनाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और राजनेता के रूप में रमणिका जी का धनबाद तक का जीवन बड़े रोचक ढंग से सामने आता है। हिन्दी में यह एक निर्भीक स्त्री के जीवन पर आधारित ऐसी आत्मकथा है जिसे पाठक एक रोचक उपन्यास की तरह पढ़ेंगे। उम्र के जिस दौर में लोग हांफ कर घर बैठ जाते हैं, रमणिका जी 86 साल की उम्र में भी युवा रचनाकारों से ज्यादा सक्रिय हैं। रमणिका जी की इस बेहद बोल्ड आत्मकथा को पढकर कुछ और रचनाकार आत्मकथा लिखने की हिम्मत दिखाएं तो हमारा यह प्रयास सफल होगा। यह आत्मकथा बताती है कि जीवट किसे कहते हैं।
Aatam Shakshatkar: आत्मसाक्षात्कार
by Dada Bhagwanजीवमात्र क्या ढूंढता है? आनंद ढूंढता है, लेकिन घड़ीभर भी आनंद नहीं मिल पाता | विवाह समारोह में जाएँ या नाटक में जाएँ, लेकिन वापिस फिर दुःख आ जाता है | जिस सुख के बाद दुःख आए, उसे सुख ही कैसे कहेंगे? वह तो मूर्छा का आनंद कहलाता है | सुख तो परमानेन्ट होता है | यह तो टेम्परेरी सुख हैं और बल्कि कल्पित हैं, माना हुआ है | हर एक आत्मा क्या ढूंढता है? हमेशा के लिए सुख, शाश्वत सुख ढूंढता है | वह ‘इसमें से मिलेगा, इसमें से मिलेगा | यह ले लूँ, ऐसा करूँ, बंगला बनाऊ तो सुख आएगा, गाड़ी ले लूँ तो सुख मिलेगा’, ऐसे करता रहता है | लेकिन कुछ भी नहीं मिलता | बल्कि और अधिक जंजालों में फँस जाता है | सुख खुद के अंदर ही है, आत्मा में ही है | अत: जब आत्मा प्राप्त करता है, तब ही सनातन (सुख) ही प्राप्त होगा |
Adhigam Ke Lie Maargadarshan-1 NES-103 - IGNOU
by Indira Gandhi Rashtriya Mukta VishvavidyalayaNES- 103 अधिगम के लिए मार्गदर्शन खंड 1 में मानव जीवन में अधिगम का महत्वपूर्ण स्थान है और इसका योगदान औपचारिक शिक्षा अनुभवो से कही बढकर है। इस खंड में हम उस अधिगम प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया है जो घर एवं विघालय में होती है। अधिगम एक सतत प्रक्रिया है तथा इस प्रक्रिया से गुजरते हुए जब बच्चे जटील समस्याओं का सामना करते है, तब उनके अधिगम को सुगम कैसे बनाया जाए इस बारे में विचार किया गया है।
Adjust Everywhere: ऐडजस्ट एवरीव्हेयर
by Dada Bhagwanयदि एक सीवर में बदबू आए तो क्या हम सीवर से लड़ते हैं ? इसी प्रकार ये झगडालू दृष्टिकोणवाले मनुष्य भी दुर्गंध फैलाते हैं, तो क्या हम उनसे कुछ कहने जाएँ ? दुर्गंध फैलाए वे सभी सीवर कहलाएँ, तथा सुगंध फैलाए वे सभी बाग़ कहलाएँगे। जिस-जिस से दुर्गंध आती है, वे सभी कहते हैं, “आप हमसे वीतराग रहें” | हमने जीवन में अनेकों बार, परिस्थितियों के साथ समझौता किया है। उदाहरणत: बारिश में हम छाता लेकर जाते हैं। पढाई पसंद हो या न हो करनी ही पड़ती है। ये सभी एडजस्टमेन्ट लेने पड़ते हैं। फिर भी नकारात्मक लोगों से सामना होने पर हम टकराव में आ जाते हैं। ऐसा क्यों होता है ? परम पूज्य दादाश्री ने खुलासा किया है कि ‘एडजस्ट एवरीव्हेर’ वह ‘मास्टर की’ है जो आपके संसार को सुखमय बना देगी। यह सरल सूत्र आपके संसार को बदल देगा! और जानने के लिए आगे पढ़े
Agni Ki Udaan
by Arun Tiwari A. P. J. Abdul KalamThe book Agni Ki Udaan is the Hindi translation of the book Wings of Fire by Dr. A.P.J Abdul Kalam. Published by Prabhat Prakashan, this book is truly inspirational.
Ahinsa: अहिंसा
by Dada Bhagwanइन छोटे-छोटे जीवों को मारना, वह द्रव्यहिंसा कहलाता है और किसी को मानसिक दुःख देना, किसी पर क्रोध करना, गुस्सा होना, वह सब भावहिंसा कहलाता है। लोग चाहे जितनी अहिंसा पाले, लेकिन अहिंसा इतनी आसानी से नहीं पाली जा सकती। और वास्तव में क्रोध-मान-माया-लोभ ही हिंसा हैं। द्रव्यहिंसा कुदरत के लिखे अनुसार ही चलती है। इसमें किसी का चले, ऐसा नहीं है। इसलिए भगवान ने तो क्या कहा है कि सबसे पहले, खुद को कषाय नहीं हो, ऐसा करना। क्योंकि ये क्रोध-मान-माया-लोभ, वे सबसे बड़ी हिंसा हैं। द्रव्यहिंसा हो तो भले हो, लेकिन भाव हिंसा नहीं होनी चाहिए। लेकिन लोग तो द्रव्यहिंसा रोकते हैं और भाव हिंसा तो चलती ही रहती है। इसलिए किसी ने निश्चित किया हो कि “मुझे तो मारने ही नहीं हैं” तो भाग्य में कोई मरने नहीं आता। अब वैसे तो उसने स्थूल हिंसा बंद कर दी, कि मुझे किसी जीव को मारना ही नहीं है। लेकिन बुद्धि से मारना, ऐसा निश्चित किया, तो उसका बाज़ार खुला ही रहता है। तब वहाँ कीट पतंगे टकराते रहते हैं। और वह भी हिंसा ही है न! अहिंसा के बारे में इस काल के ज्ञानी, परम पूज्य दादाश्री के श्रीमुख से निकली हुई वाणी, इस ग्रंथ में संकलित की गई है। इसमें हिंसा और अहिंसा – दोनों के तमाम रहस्यों से पर्दा हटाया है।
Akbar Birbal Ki Prasiddh Kahaniyan
by Shyam DuaThe Best of Akbar and Birbal by Mr shyam dua is a unique compilation of absorbing and entertaining stories of Akbar and Birbal. The stories are full of humour and depict ready-wittedness of Birbal. The author has related the stories very beautifully using plain and clear language. The book with all its specialities and necessary pictures is worth-read.
Akkad-Bakkad
by Manoj Shau ‘nidar’यह पुस्तक बाल-गीतों का संकलन है। जिनके माध्यम से लेखक ने बच्चों की कल्पनाशीलता, रचनात्मकता एवं भाषा कौशल, को विकसित करने का प्रयास किया है। This book is a compilation of children-songs. Through which the author has tried to develop the imagination, creativity and language skills of the children.
Alchemist
by Paulo CoelhoThe Alchemist is an allegorical novel that traces the journey of a young Andalusian shepherd, Santiago, to Egypt to find a treasure and ultimately to his enlightenment.
Anokha Uphaar
by Kamla Chamolaअनोखा उपहार, भोजपत्र पर आधारित कहानी है जिसे सब बकुल से छीन लेना चाहते है। एक साधु दवारा बकुल को दिया यह एक अनोखा उपहार किस रहस्य को उजागर करता है जानने के लिए पढ़े...अनोखा उपहार...Anokha Uphaar, is a story, based on birch bark, which everybody wants to take away from Bakul. What secret does birch bark contains, which has given to Bakul by the old monk. Read to know...