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Ganit class 6 - RBSE Board: गणित 6वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Rajsthan Rajya Pathyapustak Mandal Jaipur

इस पाठ्यपुस्तक की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित है- विद्यार्थियों को विषय से परिचय उनके आसपास से संबंधित उदाहरणों से कराया गया हैं। इसमें यह भी ध्यान रखा गया है कि अधिगम हेतु आवश्यक सामग्री कम लागत या आसपास के परिवेश से उपलब्ध हो सके ताकि कक्षा शिक्षण में अध्यापक उन सामग्रियों का उपयोग कर, गतिविधि के माध्यम से बालकों की सहभागिता के साथ अधिगम को प्रभावी बना सके। बालक को केंद्र बिन्दु मानकर सीखने की प्रक्रिया में बालक का भागीदारी सुनिश्चित कर उन्हें स्वयं करके देखने अपनी गलतियों को स्वयं ठीक करने के लिए समुचित अवसर उपलब्धा करवाने एवं उनमें समझ विकसित करने के लिए कार्य किया जाए। निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 के प्रावधानानुसार सतत् एंव व्यापक मूल्यांकन के अनुसार विषयवस्तु निर्मित की गई है। अतः बालकों को स्तरानुसार समूह में बाँटकर समूह शिक्षण पर बल देकर बालकों में दक्षताएँ विकसित की जाए। पाठ्यपुस्तक में अवधारणाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है तथा अधिक संख्या में चित्रों के माध्यम से समझाया गया है। उदाहरण और अभ्यास सम्मिलित किए गए हैं, ताकि विद्यार्थियों में अवधारणाओं को अपने स्तर पर समझ कर प्रश्नों को बेहतर ढंग से हल करने की दक्षता में वृद्धि हो सके तथा समस्याओं को हल करने में उनकी भागीदारी बढ़ सके । बालकों में गणितीय सोच विकसित करने, गणितीय तथ्यों की पुनः खोज करने, आरेखण एवं मापन के लिए उपयुक्त दक्षता के विकास हेतु अनेक गतिविधियाँ दी गई हैं जिन्हें 'करो और सीखो' का नाम दिया गया है। बालकों को यह गतिविधियाँ इसी भावना जिम्मेदारी, सहिष्णुता एवं सहयोग के अनुरुप करवाया जाना अपेक्षित है। पाठ्यपुस्तक में राष्ट्रीय सरोकार यथा पर्यावरण संरक्षण, सड़क सुरक्षा, जेण्डर संवेदनशीलता, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सामाजिक अवरोधों की समाप्ति की आवश्यकता एवं जागरूकता आदि का ध्यान में रखा गया है। अध्यापकों को इन तथ्यों के प्रति सचेत रहना चाहिए। उन्हें विद्यार्थियों के मस्तिष्क में उक्त प्रमुख संदेशों को गणितीय समस्याओं की शब्दावली के माध्यम से पहुँचाने चाहिए । बालकों को इन राष्ट्रीय सरोकारों के साथ जोड़ने एवं इनके प्रति उनमें समझ बनाने का प्रयास किया जाना अपेक्षित है।

Ganit class 7 - RBSE Board: गणित 7वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Rajsthan Rajya Pathyapustak Mandal Jaipur

इस पाठ्यपुस्तक के निर्माण की प्रक्रिया का प्रमुख आधार राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 (NCF-2005) एवं शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के मार्गदर्शक के सिद्धान्त है। इस पाठ्यपुस्तक के निर्माण की प्रक्रिया में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, नई दिल्ली (एन.सी.ई.आर.टी.) व अन्य राज्यों के पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों का अध्ययन कर उनमें उपस्थित महत्त्वपूर्ण एवं आवश्यक विषय वस्तु एवं मूल्यपरक बिन्दुओं को राजस्थान के परिप्रेक्ष्य में समाहित किया गया है। पाठ्यपुस्तक में अवधारणाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है तथा अधिक संख्या में चित्रों के माध्यम से समझाया गया है। उदाहरण और अभ्यास सम्मिलित किए गए हैं, ताकि विद्यार्थियों में अवधारणाओं को अपने स्तर पर समझ कर प्रश्नों को बेहतर ढंग से हल करने की दक्षता में वृद्धि हो सके तथा समस्याओं को हल करने में उनकी भागीदारी बढ़ सके । बालकों में गणितीय सोच विकसित करने, गणितीय तथ्यों की पुनः खोज करने, आरेखण एवं मापन के लिए उपयुक्त दक्षता के विकास हेतु अनेक गतिविधियाँ दी गई हैं जिन्हें 'करो और सीखो' का नाम दिया गया है। बालकों को यह गतिविधियाँ इसी भावना जिम्मेदारी, सहिष्णुता एंव सहयोग के अनुरुप करवाया जाना अपेक्षित है । अध्यापक अपनी सुविधानुसार कक्षा के बालकों को छोटे - छोटे समूह एवं उपसमूह बनाकर उन्हें गतिविधि करने का मौका दें ताकि स्व-अध्ययन कि प्रवृत्ति को बढ़ाकर एक सहयोगी के रूप में अपनी जिम्मेदारी तय कर सके । पाठ्यपुस्तक में विद्यार्थियों के अवबोधन एवं परिपक्वता के स्तर के अनुरूप शब्दावली एवं पारिभाषिक शब्दों का प्रयोग किया गया है। प्रत्येक अध्याय के अंत में महत्त्वपूर्ण संकल्पनाओं एवं परिणामों को "हमने सीखा" के रूप में स्थान दिया गया है ।

Ganit class 8 - RBSE Board: गणित 8वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Rajsthan Rajya Pathyapustak Mandal Jaipur

गणित 8वीं कक्षा में पाठ्यपुस्तक की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित है- विद्यार्थियों को विषय से परिचय उनके आसपास से संबंधित उदाहरणों से कराया गया हैं । इसमें यह भी ध्यान रखा गया है कि अधिगम हेतु आवश्यक सामग्री कम लागत या आसपास के परिवेश से उपलब्ध हो सके ताकि कक्षा शिक्षण में अध्यापक उन सामग्रियों का उपयोग कर, गतिविधि के माध्यम से बालकों की सहभागिता के साथ अधिगम को प्रभावी बना सके । निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 के प्रावधानानुसार सतत् एंव व्यापक मूल्यांकन के अनुसार विषयवस्तु निर्मित की गई है । अतः बालकों को स्तरानुसार समूह में बाँटकर समूह शिक्षण पर बल देकर बालकों में दक्षताएँ विकसित की जाए । पाठ्यपुस्तक में अवधारणाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है तथा अधिक संख्या में चित्रों के माध्यम से समझाया गया है । उदाहरण और अभ्यास सम्मिलित किए गए हैं, ताकि विद्यार्थियों में अवधारणाओं को अपने स्तर पर समझ कर प्रश्नों को बेहतर ढंग से हल करने की दक्षता में वृद्धि हो सके तथा समस्याओं को हल करने में उनकी भागीदारी बढ़ सके । बालकों में गणितीय सोच विकसित करने, गणितीय तथ्यों की पुनः खोज करने, आरेखण एवं मापन के लिए उपयुक्त दक्षता के विकास हेतु अनेक गतिविधियाँ दी गई हैं जिन्हें ‘करो और सीखो’ का नाम दिया गया है । बालकों को यह गतिविधियाँ इसी भावना जिम्मेदारी, सहिष्णुता एंव सहयोग के अनुरुप करवाया जाना अपेक्षित है ।

Gnani Purursh 'Dada Bhagwan' Bhag-1: ज्ञानी पुरुष 'दादा भगवान' (भाग-१)

by Dada Bhagwan

हरेक काल चक्र में बहुत से ज्ञानी और महान पुरुष जन्म लेते हैं, लेकिन उनकी आंतरिक ज्ञान दशा का रहस्य अभी भी गुप्त (अप्रगट) ही रह जाता हैं| प्रस्तुत ग्रंथ “ज्ञानी पुरुष” में परम पूज्य दादाभगवान की ज्ञानदशा के पहले के विविध प्रसंग और उनकी विचक्षण जीवनशैली सहित अद्भुत द्रश्यो का तादृष्य, यहाँ विस्तार से जानने को मिलता हैं | एक सामान्य मानव होतें हुए भी उनके अंदर समाहित असामान्य लाक्षनिकताओ रूपी खजाना बाहर प्रगट हुआ हैं | उनके जीवन के मात्र एक प्रसंग में से अद्भुत आध्यात्मिक खुलासे (स्पष्टिकरण) द्वारा प्रस्तुत ग्रंथ के माध्यम से विश्व-दर्शन कराया हैं | जीवन व्यवहार में सही निर्णयशक्ति की सुझ (समझ) तथा व्यवहारिक समझ की अड़चनों के खुलासे द्वारा अनोखी सुझ का भंडार “ज्ञानी पुरुष” ग्रंथ के माध्यम से जगत को प्राप्त होगा | इस पवित्र ग्रंथ का अध्ययन करके, ज्ञानी पुरुष के जीवन-दर्शन का अद्भुत सफ़र करने का अमूल्य अवसर प्राप्त करेंगे...

Gnani Purush Kee Pahachaan: ज्ञानीपुरुष की पहचान

by Dada Bhagwan

कभी ज्ञानीपुरुष मिल जाए, जो मुक्त पुरुष हैं, परमेनन्ट मुक्तिहै, ऐसा कोई मिल जाए तो अपना काम हो जाता है। शास्त्रों के ज्ञानी तो बहुत है, मगर उससे तो कोई काम नहीं चलेगा। सच्चा ज्ञानी चाहिए, मोक्ष का दान देनेवाला चाहिए।

Golu Gudup Gudupdas

by Pramod Kumar Sharma

प्रमोद कुमार शर्मा दवारा रचित यह पुस्तक कई रोचक और शिक्षाप्रद कहानियों का संग्रह है।This book, Golu Gudup Gudupdas written by Pramod Kumar Sharma, is a collection of interesting and educational stories.

Guide: गाइड

by R. K. Narayan

आर.के. नारायण उन पहले भारतीय लेखकों में से थे जिनको विश्व-स्तर पर साहित्यिक ख्याति मिली। ‘गाइड’ उनका सबसे बेहतरीन उपन्यास है जिसे साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। इस उपन्यास में प्रेम का उत्कर्ष तो है ही, इसमें जीवन के बहुत-से अर्थ खुलकर सामने आते हैं। इसमें उलझी हुई परतों को बहुत ही मार्मिक ढंग से व्यक्त किया गया है। इस उपन्यास पर इसी नाम से बनी फिल्म की लोकप्रियता आज भी कायम है। आर.के. नारायण का यह उपन्यास बार-बार पढ़े जाने लायक एक क्लासिक रचना है।

Gupt Khajaana

by Premchand

प्रेमचन्द की प्रसिद्ध कहानियाँ

Guru Shishya: गुरु शिष्य

by Dada Bhagwan

लौकिक जगत् में बाप-बेटा, माँ-बेटी, पति-पत्नी, वगैरह संबंध होते हैं। उनमें गुरु-शिष्य भी एक नाजुक संबंध है। गुरु को समर्पित होने के बाद पूरी ज़िंदगी उसके प्रति ही वफादार होकर, परम विनय तक पहुँचकर, गुरु की आज्ञा के अनुसार साधना करके, सिद्धि प्राप्त करनी होती है। लेकिन सच्चे गुरु के लक्षण और सच्चे शिष्य के लक्षण कैसे होते हैं ? उसका सुंदर विवेचन इस पुस्तक में प्रस्तुत किया गया है। गुरुजनों के लिए इस जगत् में विविध मान्यताएँ प्रवर्तमान है। तब ऐसे काल में यथार्थ गुरु बनाने के लिए लोग उलझन में पड़ जाते हैं। यहाँ पर ऐसी ही उलझनों के समाधान दादाश्री ने प्रश्नकर्ताओं को दिए है। सामान्य समझ से गुरु, सदगुरु और ज्ञानीपुरुष –तीनों को एक साथ मिला दिया जाता है। जब कि परम पूज्य दादाश्री ने इन तीनों के बीच का एक्ज़ेक्ट स्पष्टीकरण किया है। गुरु और शिष्य –दोनों ही कल्याण के मार्ग पर आगे चल सके, उसके लिए तमाम दृष्टीकोणों से गुरु-शिष्य के सभी संबंधों की समझ, लघुतम फिर भी अभेद, ऐसे ग़ज़ब के ज्ञानी की वाणी यहाँ संकलित की गई है।

Haddi Aur Anya Natak

by Chakmak

चकमक द्वारा प्रकाशित यह पुस्‍तक बच्‍चों के लिए तरह-तरह के नाटक मंच पर आधारित है। This book published by chakmak for children based on the stage play is varied.

Hamare Padosi

by Chandralekha Mehta

इस पुस्‍तक में भारत के पड़ोसी देशों के बारे में बताया गया है। पाकिस्‍तान नेपाल भूटान श्री लंका तथा म्‍यनमार इनके रहन-सहन, व खान-पीन, पर्यावरण, तथा आदि के बारे में बताया गया है। This book is told of India's neighbors. Pakistan, Nepal, Bhutan, Sri Lanka and Myanmar their lifestyle, and food and drink, environmental, and etc. have been reported.

Hansel Aur Gretel

by BPI India Pvt Ltd

The classic fairy tale that celebrates Hansel and Gretel's strength and spirit over the malevolence of the world around them

Heidi

by BPI India Pvt Ltd

It is a Story about the events in the life of a young girl under the care of her grandfather

Hindi class 10 - GSTB: हिंदी कक्षा 10 - जीएसटीबी

by Gstb

પ્રસ્તુત પાઠ્યપુસ્તક ધોરણ 10 ના હિન્દી વિષય નું પાઠ્યપુસ્તક છે જેમાં ૨૩ પાઠ આપેલ છે.

Hindi class 11 - GSTB: हिन्दी कक्षा 11 - जीएसटीबी

by Gstb

આ પુસ્તક ધોરણ 11 નું હિન્દી વિષય નું પાઠ્યપુસ્તક છે .

Hindi class 11 - GSTB: हिंदी कक्षा 11 - जीएसटीबी

by Gstb

साधो, देखो जग बौराना प्रस्तुत पद में कबीर ने अपने युग में व्याप्त हिन्दू-मुस्लिम धर्म की विसंगतियों तथा अन्तर्विरोधों, धार्मिक संकीर्णताओं, बह्यांडम्बरो आदि का खुलकर विरोध करते हुए धर्म के ठेकेदारों को आत्मज्ञान प्राप्ति की नसीहत दे रहे हैं | बापू की कुटिया में प्रस्तुत पाठ ‘बापू की कुतिया’ में लेखक को गांधीजी के जीवन-काल में उनसे न मिल पाने का रंज है तो दूसरी और उनकी अनुपस्थिति में कुटिया की हर वस्तु को आत्मसात करने का सुअवसर पाकर अपने आप को भाग्यशाली मानते हैं पुरानी चीजों के पक्ष में | प्रस्तुत कविता में सच के साथ मनुष्यता को बचाये रखने के लिए निरंतर संघर्ष करता मिलता है | चन्द्रशेखर आज़ाद प्रस्तुत संस्मरण में लेखक ने चन्द्रशेखर आज़ाद से जुडी हुई स्मृतियों के माध्यम से उनके जीवन व्यक्तित्व तथा उनकी निडरता पर ट्टष्टिपाट किया है शिक्षक के नाम पत्र यह पत्र अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने अपने पुत्र के अध्यापक को लिखा है- जिसमें अध्यापक के द्रारा किसी विधार्थी को ईमानदारी, विवेकशील, परिकश्रमी, धैर्यवान, आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ अपने विचार स्वयं बनाने पर बल दिया गया है |भारतमाता की जय प्रस्तुत लेख में अनपढ़ ग्रामीण लोग ‘भारतमाता की जय’ का नारा तो लगाते हैं किन्तु भारतमाता के सच्चे स्वरूप तथा उनकी वत्सलता से अनजान हैं |परशुराम – लक्ष्मण संवाद प्रस्तुत अंश ‘रामचरितमानस’ के ‘बालकांड’ से लिया गया है | रामचन्द्र द्रारा शिवजी के धनुष तोड़े जाने पर परशुरामजी के क्रोध का वर्णन है पंचलाइट ‘पंचलाइट’ रेणुजी की गिनीचुनी प्रसिद्ध कहानियाँ में से एक है | पंच के न्याय दंड-जुरमाना, नयी चीज के आनेपर धर्म-ध्यान और कीर्तन के माध्यम से ग्रामजीवन का बखूबी चित्रण हुआ है; गाँव के अनपढ़ लोगों में अज्ञान जातिगत देष को उजागर किया है चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती यहाँ संकलित कविता ‘चम्पा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती’ में गाँव की अनपद लड़कियों और सामान्य-जन को नायकत्व प्रदान किया गया है |अजन्ता प्रस्तुत प्रवास वर्णन में अजन्ता की गुफाओं का परिचय मिलता है नीति के दोहे यहाँ ‘नीति के दोहों’ में आचरण की शुद्धता पर बल दिया है | जीवन का सत्य उजागर करनेवाले इन संकलित दोनों में शक्ति की महता, मैत्री, संगति का फल, वाणी का प्रभाव, योग्यता, बड़े-छोटे का भेद दरिद्रता, कृपण, जिहवा की विशेषता, एवं उदारता का मार्मिक चित्रण है | दु:ख, कदम मिलाकर चलना होगा , नन्हा–सा पौधा,बाज़ लोग, कल्पना-शक्ति,गज़ल, पहली चूक,डंका,दो लघु-कथाएँ .वगेरे पाठ भी सुन्दर तरीकेसे प्रस्तुत किये गये है.

Hindi class 5 - Kerala Board - SCERT: हिंदी कक्षा ५ - केरला बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Evam Prashikshan Parishad Kerala

हिंदी भारत की राजभाषा है, और विश्व भर में उसकी प्रबल सत्ता है। हिंदी साहित्य सर्जना सर्वाधिक है, विशाल एवं गहरी है। पाँचवीं कक्षा की इस पुस्तक में आपके लिए छोटी-छोटी कविताएँ, कहानियाँ, चित्र कथाएँ आदि समाहित हैं जो सरस एवं सारपूर्ण हैं। पाँचवीं कक्षा के बच्चे हिंदी भाषा से परिचय पा रहे हैं। इसके लिए बालगीत, चित्र-कथा, भाषाई खेल आदि का सहारा ले सकते हैं। इस उद्देश्य को ध्यान में रखकर कुछ गतिविधियाँ तैयार की गई हैं। वह है 'तलाश' । इसके लिए चार कालांश निर्धारित है। किताब में प्रक्रियाओं के लिए संकेत चिह्न दिया गया है। उसके अनुसार ही कार्य चलाएँ। अधिगम उपलब्धियाँ हर इकाई के अंत में दी गई हैं, जिनसे आप पहले से परिचय पाएँ। निर्धारण कार्य भी करें। यदि छात्र अधिगम उपलब्धियाँ पाने में असमर्थ रहे तो उपचारात्मक गतिविधियाँ भी अपनाएँ। हर इकाई की शुरुआत चित्र से होती है। चित्रवाचन का अवसर दें। प्रश्नों के ज़रिए छात्रों को प्रतिक्रिया करने का अवसर भी दें। इकाइयों में अक्षर खेल दिया गया है। इसका सम्यक लाभ उठाएँ। ‘शब्दार्थ' में शब्दों का प्रासंगिक अर्थ दिया गया है। कक्षा में आप हिंदी का माहौल बनाएँ। ऐ.सी.टी का भी यथासंभव उपयोग करें। आशा है कि आप इस पुस्तक का पूरा लाभ उठाएँगे और हिंदी भाषा के वाक्य विन्यास, वर्तनी, प्रयोग, सही उच्चारण आदि में पर्याप्त सहायता देंगे।

Hindi class 5 - RBSE: हिंदी कक्षा 5 - आरबीएसई

by Rajasthan State Textbook Board

Hindi Textbook for Class 5

Hindi class 5 - RBSE Board: हिंदी 5वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Rajsthan Rajya Pathyapustak Mandal Jaipur

प्रस्तुत पुस्तक राष्ट्रीय पाठ्यचर्या 2005 की रूपरेखा को आधार मानते हुए बच्चों के बौद्धिक, शैक्षणिक, सामाजिक सद्भाव, शारीरिक विकास, जीवन मूल्यों एवं राष्ट्रीय भावनाओं को विकसित करने सहित भाषा के माध्यम से बालक / बालिकाओं के सर्वांगीण विकास हेतु कक्षा 3, 4 व 5 के लिए समृद्ध सामग्री का चयन किया गया है। पाठ्यसामग्री में विशेष रूप से प्रकृति प्रेम, देशप्रेम, भावनात्मक एकता, सामाजिक चेतना, संवेदनशीलता, महिला सशक्तीकरण, जेंडर संवेदनशीलता, सांस्कृतिक गौरव, पर्यावरण संरक्षण, आपसी प्रेम, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता, श्रम व कार्य के प्रति सम्मान, लोकतांत्रिक मूल्यों का विकास, सामाजिक सरोकारों के प्रति सजगता, शिष्टाचार आदि को सम्मिलित किया गया है। विविधताओं को समेटने हेतु विषयगत एवं विधागत दोनों ही रूपों के समावेश का प्रयास है। इसमें कहानी, कविता, संवाद, आत्मकथा, खेल, वृतांत, निबंध आदि विधाओं को सम्मिलित करने हेतु जीवंत चित्रों के माध्यम से पाठ्यसामग्री को सुरुचिपूर्ण बनाने का प्रयास किया गया है।

Hindi class 6 - RBSE: हिंदी कक्षा 6 - आरबीएसई

by Rajasthan State Textbook Board

Hindi Textbook for Class 6

Hindi class 6 - RBSE Board: हिंदी 6वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Rajsthan Rajya Pathyapustak Mandal Jaipur

पाठ्यपुस्तक में पाठ्यसामग्री चयन में राजस्थानी परिवेश को प्रधानता दी गई है। सामग्री चयन करते समय संवैधानिक मूल्यों, जेंडर संवेदनशीलता, विशेष योग्यजन, स्वच्छता, स्वास्थ्य आदि मुद्दों को भी ध्यान में रखा गया है। पाठों के माध्यम से देश भक्ति, जीवदया, जल संरक्षण, प्रकृति प्रेम, मानवीय संवेदना, स्वावलंबन, नैतिक मूल्यों, पर्यावरण संरक्षण आदि को विकसित करने की कोशिश की गई, जिनसे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके । पाठ्यपुस्तक में हिंदी की कविता, कहानी, प्रेरक प्रसंग, यात्रा वृत्तांत, संस्मरण, निबंध, व्यंग्य, जीवनी, एकांकी, पत्र, आत्मकथा आदि विधाओं का समावेश किया गया है। बच्चों के स्तर व रुचि को ध्यान में रखते हुए प्रसिद्ध लेखकों-कवियों की स्थापित रचनाएँ ली गई हैं। पाठ्यपुस्तक के प्रति विद्यार्थी के अपनेपन को और सघन बनाने के लिए पाठों के अतिरिक्त रोचक सामग्रियाँ भी दी गई हैं जो बच्चों में पढ़ने के प्रति ललक, पुस्तकालय से जुड़ाव, विद्यार्थी की जानकारी और जिज्ञासा को बढ़ाने वाली हैं जो केवल पढ़ने के लिए' शीर्षक से दी गई हैं।

Hindi class 7 - RBSE: हिंदी कक्षा 7 - आरबीएसई

by Rajasthan State Textbook Board

Hindi Textbook for Class 7

Hindi class 7 - RBSE Board: हिंदी 7वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Rajsthan Rajya Pathyapustak Mandal Jaipur

पाठ्यपुस्तक में पाठ्यसामग्री चयन में राजस्थानी परिवेश को प्रधानता दी गई है। सामग्री चयन करते समय संवैधानिक मूल्यों, जेंडर संवेदनशीलता, विशेष योग्यजन, स्वच्छता, स्वास्थ्य आदि मुद्दों को भी ध्यान में रखा गया है। पाठों के माध्यम से देश भक्ति, जीवदया, जल संरक्षण, प्रकृति प्रेम, मानवीय संवेदना, स्वावलंबन, नैतिक मूल्यों, पर्यावरण संरक्षण आदि को विकसित करने की कोशिश की गई, जिनसे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके । पाठ्यपुस्तक में हिंदी की कविता, कहानी, प्रेरक प्रसंग, यात्रा वृत्तांत, संस्मरण, निबंध, व्यंग्य, जीवनी, एकांकी, पत्र, आत्मकथा आदि विधाओं का समावेश किया गया है। बच्चों के स्तर व रुचि को ध्यान में रखते हुए प्रसिद्ध लेखकों-कवियों की स्थापित रचनाएँ ली गई हैं। पाठ्यपुस्तक के प्रति विद्यार्थी के अपनेपन को और सघन बनाने के लिए पाठों के अतिरिक्त रोचक सामग्रियाँ भी दी गई हैं जो बच्चों में पढ़ने के प्रति ललक, पुस्तकालय से जुड़ाव, विद्यार्थी की जानकारी और जिज्ञासा को बढ़ाने वाली हैं जो केवल पढ़ने के लिए' शीर्षक से दी गई हैं।

Hindi class 8 - RBSE: हिंदी कक्षा 8 - आरबीएसई

by Rajasthan State Textbook Board

Hindi Textbook for Class 8

Hindi class 8 - RBSE Board: हिंदी 8वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

प्रस्तुत पुस्तक हिंदी कक्षा-8 वर्ग के विद्यार्थियों के लिये माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की कृषि विज्ञान की पाठ्यक्रम समिति के द्वारा नवीन पाठ्यक्रमानुसार की गई है। पाठ्यपुस्तक में पाठ्यसामग्री चयन में राजस्थानी परिवेश को प्रधानता दी गई है । सामग्री चयन करते समय संवैधानिक मूल्यों, जेंडर संवेदनशीलता, विशेष योग्यजन, स्वच्छता, स्वास्थ्य आदि मुद्दों को भी ध्यान में रखा गया है । पाठों के माध्यम से देशभक्ति, जीवदया, जल संरक्षण, प्रकृति प्रेम, मानवीय संवेदना, स्वावलंबन, नैतिक मूल्यों, पर्यावरण संरक्षण आदि को विकसित करने की कोशिश की गई, जिनसे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके । पाठ्यपुस्तक में हिंदी की कविता, कहानी, प्रेरक प्रसंग, यात्रा वृत्तांत, संस्मरण, निबंध, व्यंग्य, जीवनी, एकांकी, पत्र, आत्मकथा आदि विधाओं का समावेश किया गया है । बच्चों के स्तर व रुचि को ध्यान में रखते हुए प्रसिद्ध लेखकों-कवियों की स्थापित रचनाएँ ली गई हैं । पाठ्यपुस्तक के प्रति विद्यार्थी के अपनेपन को और सघन बनाने के लिए पाठों के अतिरिक्त रोचक सामग्रियाँ भी दी गई हैं जो बच्चों में पढ़ने के प्रति ललक, पुस्तकालय से जुड़ाव, विद्यार्थी की जानकारी और जिज्ञासा को बढ़ाने वाली हैं जो ‘केवल पढ़ने के लिए’ शीर्षक से दी गई हैं ।

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