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Vaishveekrut Sansar Mein Nagarikata: वैश्वीकृत संसार में नागरिकता
by R. C. Varmaniपिछले कुछ दशकों में सामाजिक विज्ञानों के क्षेत्र में नागरिकता की धारणा एक केन्द्रीय विषय के रूप में उभरी हैं। नागरिकता का एक आदर्शात्मक धारणा एवम् एक सामाजिक-राजनीतिक तथ्य दोनों स्तरों पर गम्भीरता से अध्ययन किया जा रहा है। क्योंकि राज्य का प्राथमिक सम्बध जनता से है, अतः राजनीति का पहला विषय उन नियमों का चयन करना होता है जो इन सम्बधों को संचालित करेगें-अर्थात् सामाजिक नियमन के लिए कुछ ऐसे मूल नियमों का अस्तित्व अनिवार्य है जो यह निश्चित करें कि कौन किसी राज्य विशेष का सदस्य माना जायेगा, यह सदस्यता किस तरह प्राप्त की जा सकती है, शासकों के कर्त्तव्य क्या हैं अथवा व्यक्ति के क्या अधिकार हैं आदि। ये सभी प्रश्न नागरिकता की प्रकृति के अध्ययन तथा इसका अधिकार, स्वतन्त्रता, समानता तथा न्याय के साथ सम्बन्ध से जुड़े हुये हैं। टी.एच. मार्शल के सिद्धान्त का अनुसरण करते हुये नागरिकता का आधुनिक उदारवादी सिद्धान्त कानूनी समानता तथा राजनीतिक भागेदारी के अतिरिक्त आर्थिक एवम् सामाजिक अधिकारों पर भी बल देता है। परन्तु पिछले कुछ दशकों से नागरिक एवम् राजनीतिक अधिकारों के पहले चरण तथा सामाजिक-आर्थिक अधिकारों के दूसरे चरण का एक तीसरे चरण तक विस्तार किया जा रहा है जिसमें कई अधिकार शामिल है जैसे पर्यावरण अधिकार, आदिवासी अथवा मूल-निवासी अधिकार, एक राष्ट्र-राज्य के अन्दर बह-सांस्कृतिक तथा अल्पसख्यंक समूह अधिकार तथा प्रजातान्त्रिक अधिकारों के स्थान पर मानवीय अधिकारों को प्राथमिकता आदि। वर्तमान पुस्तक नागरिकता से सम्बन्धित इन समकालीन विषयों की एक संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत करती है।
Rasmirathi - Ramdhari Singh Dinkar
by Ramdhari Singh DinkarRashmirathi is a Hindi epic written by the Hindi poet Ramdhari Singh 'Dinkar'. The work is centered around the life of Karna, who was son of unmarried queen Kunti in the epic- Mahabharata.
Aantrashtriya Kanoon [INTERNATIONAL LAW] M.A. - Kolhan University Chaibasa, Jharkhand: अन्तर्राष्ट्रीय कानून [इंटरनॅशनल लॉ] एम. ए. - कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा, झारखंड
by Suresh Sinhalअन्तर्राष्ट्रीय कानून कक्षा एम. ए. यह पुस्तक लक्ष्मी नारायण अग्रवाल ने हिंदी भाषा मे प्रकाशित किया है, इस पाठपुस्तक में दीर्घ, लघु, अति लघु एवं वस्तुनिष्ठ प्रश्नों सहित नवीन परीक्षा प्रणाली को दृष्टि में रखकर प्रश्नों को स्थान दिया गया है और पुस्तक को लिखते समय यह प्रयास किया गया है कि यह पुस्तक विद्यार्थियों के लिए सरल और पूर्णरूपेण उपयोगी बन सके । यह पुस्तक समस्त भारतीय विश्वविद्यालयों के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (U.G.C.) द्वारा निर्धारित नवीन पाठ्यक्रमानुसार तैयार की गई है ।
Bhartiya Kavya Shastra Avam Pashchatya Sahitya Chintan B.A. SEM-V Ranchi University, N.P.U: भारतीय काव्यशास्त्र एवं पाश्चात्य साहित्य चिन्तन बी.ए. सेमीस्टर-V राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.
by Sabhapati Mishraप्रस्तुत पुस्तक ‘भारतीय काव्यशास्त्र एवं पाश्चात्य साहित्य चिन्तन’ डॉ. सभापति मिश्र द्वारा लिखित है, जो जयभारती प्रकाशन, इलाहाबाद द्वारा चतुर्थ संस्करण के रूप में प्रकाशित किया जा रहा है। इस पाठ्यपुस्तक में काव्यशास्त्र प्राचीन ज्ञाशशाखा है जो अद्यतन प्रवाहित है। इस शास्त्र की एक सुंदीर्घ परम्परा रही है जिसका प्रवर्तन आचार्य भरतमुनि के 'नाट्यशास्त्र' में दृष्टिगोचर होता है। इसी प्रकार अरस्तू ने 'पोइटिक्स' में काव्यशास्त्र के सिद्धान्तों का निरूपण किया है। काव्यशास्त्र का प्रमुख उद्देश्य काव्य के तत्त्वों का विवेचन करना एवं काव्य के स्वरूप का निरूपण करना है। काव्यशास्त्र में अमिधा, लक्षणा और व्यंजना तीन शब्दशक्तियाँ मानी गयी हैं। काव्य सर्जन महाकाव्य, खण्डकाव्य, गीतिकाव्य आदि रूपों में होता है। काव्यशास्त्र के अन्तर्गत विविध काव्यभेदों के सिद्धान्त निरूपित किये गये हैं। काव्यभेदों के स्नान गद्य के भी भेद हैं। प्रस्तुत पुस्तक में भारतीय काव्यशास्त्र के साथ-साथ पाश्चात्य साहित्य-चिन्तन का विवेचन किया गया है।
Yoddha Sannyasi Vivekanand: योद्धा संन्यासी विवेकानन्द
by Hansraj Rahbarविवेकानंद कहते है : "मेरे मत में बाह्य जगत की एक सत्ता -हमारे मन के विचार के बाहर भी उसका एक अस्तित्व है । चैतन्य के क्रम विकास रूपी महान विधान का अनुवर्ती होकर यह समग्र विश्व उन्नति के पथ क्रम विकास रूपी महान विधान का अनुवर्ती होकर यह समग्र विश्व उन्नति के पथ पर अग्रसर हो रहा है । चैतन्य का यह क्रम विकास जड़ के क्रमविकास से पृथक है । विवेकानंद ने पहली बार क्रमविकास का सिद्धान्त भारतीय दर्शन पर लागू किया और अद्वैत की धर्म शास्त्र की चरम सीमा बताया । हमारे देश के उभरते हुए पूंजीपति वर्ग को इस विदेशी आक्रमण से अपनी सांस्कृतिक परम्पराओ की रक्षा करनी थी , क्योकि राष्ट्रीयता का विकास उन्हीं के आधार पर संभव था और राजनितिक लड़ाई भी उन्हीं के आधार पड़ लड़ी जा सकती थी । विवेकानंद ने धर्म- सभा में आक्रामक रुख अपनाकर मिशनरियों के इस दावे को झुठलाया कि ईसाई धर्म चूँकि विजेताओं का और समृद्धि का धर्म है, इसलिए यह सच्चा धर्म है और इसी को विश्व धर्म बनना है । विवेकानंद जी ने 1905 में स्वदेशी आंदोलन का राजनितिक रूप धारण किया । इसमें जो राष्ट्रीय एकता का जो प्रदर्शन हुआ उसके कारण ब्रिटिश सरकार को बंग- भंग की योजना रद्द करनी पड़ी । और इसी आंदोलन से स्वदेशी, बहिष्कार, राष्ट्रीय शिक्षा तथा स्वराज्य का चारसूत्री कार्यक्रम निर्धारित हुआ । इसके अलावा 1908 से क्रांति के जो गुप्त संगठन बने उनकी मुख्य प्रेणना भी विवेकानंद जी की शिक्षाए थी ।
Bhautik Bhugol - Ranchi University, N.P.U: भौतिक भूगोल - राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.
by Savindra Singhभौतिक भूगोल के विक्षय-क्षेत्र में होने वाले परिवर्तनों को देखते हुए भौतिक भूगोल की इस पुस्तक में भी परिवर्तन किए गये हैं। विषय वस्तु के विस्तरण को सीमित किया गया है तथा अनावश्यक एवं पुरानी पड़ गयी पाठ्य सामग्री को पुस्तक से हटा दिया गया है तथा नवीन तथ्यों को सम्मिलित किया गया है। पुस्तक का कलेवर भी सीमित किया गया है ताकि विद्यार्थी विषय वस्तु को आसानी से समझ एवं ग्रहण कर सकें।
Akbar Se Aurangzeb Tak
by W. H. MorlandThe second stage of the Economic history has been described in this book. It details the ousting of the Portuguese from Indian by Dutch and English. It gives a detailed analysis of the economic history of the times.
Adhunik Bharat KA Samajik Itihas
by Ravinder Kumar Aditya Narayan SinghThe book tells about the vast national movement as the most improtant historical process, establishment of independent states. The rise of nationalism in India and its success is a historical event of significance.
Madhyakalin Bharat me Itihas lekhan, Dharm aur rajya ka Swaroop
by Satish ChandraIn this book, essays on medieval Indian society, culture, including articles on the state have been selected. In places blocks where history writing and culture has been discussed, they display the changes which came in historical thinking in India after Independence.
Ashok Aur Mourya Samaj Ka Patan
by Romila ThaparThe book studies the history during the time of Mauryas. The book based on the Shilalekh of Ashoka describes about the finest period of ancient Indian history. The book gives the readers an entire new angle of looking at Mauryans. This book also describes about the various effect of Buddhism . A must for the students of Research in Indian History.
Communist Party Ka Ghoshnapatra
by Karl Marx Fredrick Angles Ramesh SinhaFredrick and Angles wrote detailed, theoretical and practical program of communist party. This is the declaration of the birth story of communist party.
Prachin Bharat Ka Itihas
by Romila ThaparA classical book written on the different explanations of Ancient Indian History. The writer takes reference from various authentic sources and presents a well balanced description of the society of the ancient India.
Alchemist
by Paulo CoelhoThe Alchemist is an allegorical novel that traces the journey of a young Andalusian shepherd, Santiago, to Egypt to find a treasure and ultimately to his enlightenment.
Rich Dad Poor Dad: रिच डैड पुअर डैड
by Robert T. Kiyosakiरिच डैड पुअर डैड यह पुस्तक इस मिथक तोड़ती है कि अमीर बनने के लिए ज़्यादा कमाना ज़रूरी है, खासकर ऐसी दुनिया में जहां तकनीक, रॉबर्ट और एक वैश्विक अर्थव्यवस्था नियमों को बदल रहे हैं। रॉबर्ट कियोसाकी ने दुनिया भर के लाखों-करोड़ों लोगों की पैसों के बारे में सोच को चुनौती देते हुए उसे बदल दिया है। ऐसे दृष्टिकोण के साथ जो परम्परागत सोच का विरोध करता है, रॉबर्ट ने सीधी बात, अवमानना और साहस के द्वारा अपनी छवि अर्जित की है। यह बेस्टसेलिंग पुस्तक सरल भाषा में सिखाती है कि पैसे की सच्चाई क्या है और अमीर कैसे बना जाता है। लेखक के अनुसार दौलतमंद बनने की असली कुंजी नौकरी करना नहीं है, बल्कि व्यवसाय या निवेश करना है। व्यक्तिगत वित्त-प्रबंधन की सर्वकालिक #1 पुस्तक!
Sochiye Aur Amir Baniye: सोचिये और अमीर बनिये
by Napoleon Hillइस पुस्तक में धन कमाने के ऐसे रहस्य दिये गए हैं जो आपका जीवन बदल सकते हैं। बेशुमार दौलत वाले प्रसिद्ध व्यक्तियों की सफलता का रहस्य उजागर करती पुस्तक। लेखक को ऐन्ड्रयू कारनेगी के सफलता के सूत्रों से यह किताब लिखने की प्रेरणा मिली। यह पुस्तक आपको जादुई फ़ॉर्मूले सिखाने के साथ ही महान लोगों के अमीर बनने के कारणों पर भी प्रकाश डालेगी। आप न सिर्फ़ यह जान जाएँगे कि आपको क्या करना है, बल्कि यह भी समझेंगे कि उसे कैसे करना है। आप इस पुस्तक में बताई गई सरल तकनीकें सीखकर सच्ची सफलता, धन-संपत्ति और व्यक्तिगत सामर्थ्य प्राप्त कर सकते हैं। इसमें सफलता दिलाने वाले तरीकों को उन सभी लोगों के लिए सुलभ बनाया गया है जो धन कमाने की प्रबल इच्छा रखते हैं और समृद्धि हासिल करना चाहते हैं।
Harry Potter Aur Paras Pathther
by J. K. Rowing Dr Shdhir DixitHarry Potter has no idea how famous he is. That's because he's being raised by his miserable aunt and uncle who are terrified Harry will learn that he's really a wizard, just as his parents were. But everything changes when Harry is summoned to attend an infamous school for wizards, and he begins to discover some clues about his illustrious birthright. From the surprising way he is greeted by a lovable giant, to the unique curriculum and colorful faculty at his unusual school, Harry finds himself drawn deep inside a mystical world he never knew existed and closer to his own noble destiny
Lomdi Aur Jameen
by ChakmakThe book is describe about many interesting stories . Children will be happy to reading these stories. प्रस्तुत पुस्तक में कई रोचक कहानियों का वर्णन किया गया है। इन कहानियों को पढ़कर बच्चे खुश होंगे।
Najanu ke rang
by Nicolai Nosovइस कहानी में एक बच्चा है उसका नाम नजानू है। वह खेल के मैदान में सब बच्चों के साथ अलग-अलग तरीके के खेल खेलता है। There is a child in this story, his name is Najunu. He plays different games with all the children in the playground.
Haddi Aur Anya Natak
by Chakmakचकमक द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक बच्चों के लिए तरह-तरह के नाटक मंच पर आधारित है। This book published by chakmak for children based on the stage play is varied.