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Chakravyuh: चक्रव्यूह

by Shalini Soni

जब इंसान स्वप्न के उड़नखटोले पर बैठकर खुले आसमान में उड़ता है, तो उसे अद्भुत आनंद का अहसास होता है। लेकिन जब यही उड़नखटोला उसे हकीकत के घरातल पर उतारता है, तो धरती की तपेदिक उसके पदों को घायल कर देती है, जिसे सहन कर पाना आसान नहीं होता। आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में, हर बच्चे को भाग लेना अनिवार्य हो गया है, चाहे वह अपनी मर्जी से हो या परिवार की इक्षापूर्ति के लिए। नतीजतन, कभी-कभी उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं मिलते, कभी काबिलियत की कमी के कारण तो कभी चाहत की पूर्ति न होने से। इस दौड़ में कोटा जैसे कोचिंग हब में बच्चों की तादाद बढ़ रही है, जहां से उनका उच्च शिक्षा और स्वाभिमान का सफर शुरू होता है। लेकिन कई बार यह देखा गया है कि जो कुछ भलाई के लिए बनाया गया होता है, वह अक्सर बुराई में परिणत हो जाता है। आज कोटा एक शिक्षा का शहर होने के बजाय आत्महत्या का केंद्र बन रहा है, जो अभी तक चेतावनी नहीं दे रहा है, पर आने वाले कल में एक चिंतनीय विषय बन सकता है। इन्ही बढ़ती कुरीतियों को रोकने की कोशिश में माताएं अपनी जान जोखिम में डाल कर किस तरह साहस का परिचय देती है यह हमें आगे जानने को मिलेगा।

Hidden Hindu Secrets: द हिडन हिंदू सीक्रेट

by Akshat Gupta

द हिडन हिंदू एक रोमांचक और रहस्यमय उपन्यास है जो हिंदू पौराणिक कथाओं और इतिहास को आधुनिक दुनिया के साथ जोड़ता है। कहानी एक अधेड़ अघोरी ओम्‌ शास्त्री के इर्द-गिर्द घूमती है, जो दावा करता है कि वह अमर है और सभी चार युगों में जीवित रहा है। ओम्‌ अन्य अमर लोगों की तलाश में है, जो हिंदू पौराणिक कथाओं में पाए जाते हैं। द हिडन हिंदू एक रोमांचक और रहस्यमय कहानी है जो हिंदू पौराणिक कथाओं और इतिहास के साथ एक अनूठी कहानी बुनती है। पहला खंड: ओम्‌ की पकड़ और पूछताछ के साथ शुरू होता है। विशेषज्ञों की एक टीम उसे नशे की दवा देकर और सम्मोहित करके उसके अतीत के बारे में जानकारी निकालने की कोशिश करती है। ओम्‌ के खुलासे चौंकाने वाले होते हैं, और वे प्राचीन धारणाओं को हिला देते हैं। दूसरा खंड: ओम्‌ के अतीत और अन्य अमर लोगों की तलाश के बारे में और अधिक जानकारी प्रदान करता है। ओम्‌ और उसके साथी एक प्राचीन ग्रंथ, मृत संजीवनी की तलाश में हैं, जो अमरता प्रदान करने का दावा करता है। ग्रंथ के श्लोकों को पूरा करने के लिए, उन्हें छिपे हुए शब्दों को खोजने की आवश्यकता है। तीसरा खंड: ओम्‌ और अन्य अमर लोगों के बीच एक अंतिम संघर्ष का चित्रण करता है। देवध्वज, एक शक्तिशाली राक्षस, मृत संजीवनी को हासिल करने और दुनिया पर शासन करने का प्रयास करता है। ओम्‌ और उसके साथी उसे रोकने के लिए एकजुट होते हैं, लेकिन उन्हें अपनी जान की बाजी लगानी पड़ सकती है। द हिडन हिंदू एक ऐसी कहानी है जो आपको एक बार शुरू करने के बाद छोड़ने नहीं देगी। यह एक ऐसी कहानी है जो आपको सोचने पर मजबूर करेगी और आपको हिंदू धर्म की समृद्ध और जटिल संस्कृति के बारे में जानने के लिए प्रेरित करेगी।

Holi (Traditions And Celebrations Ser.)

by Ranjeeta Ramkumar

Holi is about celebrating the triumph over good and evil. It is also a celebration of love. It is a Hindu holiday. People have a bonfire to represent the story of Prahlad and Holika. They also gather in the streets to throw colored paint on one another and have a big feast. Readers will discover how a shared holiday can have multiple traditions and be celebrated in all sorts of ways.

Kurukshetra April 2024: कुरुक्षेत्र अप्रैल २०२४

by Publications Division

अप्रैल 2024 संस्करण, ए जर्नल ऑन रूरल डेवलपमेंट का कुरुक्षेत्र "पर्यटन: समृद्ध ग्रामीण विकास" विषय पर केंद्रित है। यह संस्करण बताता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास और सतत विकास को चलाने के लिए पर्यटन को एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है। कवर में प्रतिष्ठित भारतीय परिदृश्यों और सांस्कृतिक स्थलों की जीवंत छवियां हैं, जो देश भर में विविध पर्यटन संभावनाओं को उजागर करती हैं।

Kurukshetra February 2024: कुरुक्षेत्र फरवरी २०२४

by Publications Division

कुरुक्षेत्र फरवरी २०२४ पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु खाद्य भंडारण अवरंसरचना हैं। संक्षेप में, देश में वर्तमान में खाद्य भंडारण अवसंरचना की कमी के चलते जो बाधाएं हमारी आत्मनिर्भरता और विकास के मार्ग में आ रही हैं, उन्हें दूर करने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इस अंक में विशेषज्ञों के लेखों के माध्यम से खाद्य भंडारण क्षेत्र की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई है और उनके समाधान ढूँढने के लिए किए जा रहे प्रयासों का भी जिक्र किया गया है। उम्मीद है कि इस विषय में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए ये अंक संग्रहणीय होगा।

Kurukshetra January 2024: कुरुक्षेत्र जनवरी २०२४

by Publications Division

कुरुक्षेत्र जनवरी २०२४ पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु ग्रामीण भारत को पुनर्परिभाषित करते स्टार्टअप्स हैं। स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप संस्कृति को उत्प्रेरित करना और भारत में नवाचार और उद्यमिता के लिए एक मज़बूत और समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है जिससे देश का आर्थिक विकास हो एवं बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न हो।

Kurukshetra March 2024: कुरुक्षेत्र मार्च २०२४

by Publications Division

कुरुक्षेत्र मार्च २०२४ पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु “लाभदायक खेती” हैं। खेती को लाभदायक बनाने के लिए नवीनतम कृषि तकनीकों को अपनाने के साथ-साथ कृषि लागत में कमी करना और उत्पादन बढ़ाना बेहद जरूरी है जिसके लिए मिट्टी की जांच, जैविक खादों का अधिक उपयोग, उन्नतशील प्रजातियों के बीजों को प्रयोग में लाना, अधिक मुनाफा देने वाली फसलों का चयन, फसल विविधीकरण और फसल चक्र अपनाने जैसे कुछ महत्वपूर्ण सुझाव इस अंक में विशेषज्ञों द्वारा दिए गए हैं। उम्मीद है कि इस अंक में शामिल खेती को लाभदायक बनाने के सुझाव और सफलता की कहानियाँ सुधि पाठकों को उत्साहित और प्रेरित करेंगी।

Namaste Bharat: नमस्ते भारत

by Manu Manoj

भारत का इतिहास कई सुनहरी गाथाओं को संजो कर रखे हुए है जो आज भी मानवता के लिए प्रेरणा हैं। उपनिषदों और दर्शन में भारतीयों का चिंतन उत्कृष्ट कोटी का है। कई महान व्यक्ति इस धरती पर पैदा हुए हैं जिन्होने सम्पूर्ण मानवता के लिए ज्ञान के नए द्वार खोले हैं। वैश्विक स्तर के कई महाविद्यालय इस धरती पर हुआ करते थे और नमस्ते भारत नाम का यह उपन्यास इस सुनहरे इतिहास को देखने का मात्र एक प्रयास है।

Ruk Jana Nahi: रुक जाना नहीं

by Atul Prabha

'रुक जाना नहीं।' यह कहानी है बड़े होते हुए तीन स्कूली छात्रों की। उनके सपनों की और उनके संघर्षों की। उनकी बदलती हुई दुनिया की। असल में यह कहानी भारत के पिछले पाँच दशकों की सच्ची दास्ताँ भी है। समर, वीना और अनुज एक ही साल में पैदा हुए, एक ही स्कूल में पढ़े पर फिर कई दशकों तक एक दूसरे से नहीं मिले। इतने अर्से के बाद जब वो मिले तो लगा जैसे ज़िन्दगी ने बूमरेंग किया हो। पचास साल के इस सफ़र में अलग-अलग पड़ाव तय करते-करते, वो फिर उसी मोड़ पर आ खड़े हुए जहाँ उन तीनों को ही ज़िन्दगी फिर से शुरु करनी थी। यह एक नई दुनिया थी और एक सर्वथा नई लड़ाई जो उन्हें लड़नी ही थी। पर वो न ही हिम्मत हारे और न ही घबराए। उन्होंने नई बदलती दुनिया से तालमेल फिर से बैठाया। ज़िन्दगी के लगभग अंतिम पड़ाव में उन्होंने जाना कि वो तीनों असल में एक फाइटर हैं।

Sapanon Ka Sarathi: सपनों का सारथी

by Dr Anand Choubey Aniruddha Rawat

रविंद्र कुमार बिहार के जिला बेगूसराय के एक छोटे से गाँव बसही में जनमे। उच्च शिक्षा के लिए राँची चले गए और आई.आई.टी. प्रवेश परीक्षा में चयनित हुए। उन्होंने मर्चेंट नेवी में प्रशिक्षण प्राप्त किया और शिपिंग क्षेत्र में सेवाएँ दीं। नौकरी छोडक़र कड़ी मेहनत से आई.ए.एस. अधिकारी बने। रविंद्र कुमार भारत के प्रथम व एकमात्र आई.ए.एस. अधिकारी हैं, जिन्होंने दो बार माउंट एवरेस्ट पर सफ लतम चढ़ाई की। रविंद्र कुमार ने सिक्किम, उत्तर प्रदेश तथा केंद्र सरकार में विभिन्न पदों पर सेवाएँ दीं। वर्तमान में जिलाधिकारी झाँसी के पद पर कार्यरत हैं। वे एक आशुकवि व लेखक हैं। अब तक उनकी सात कृतियाँ प्रकाशित हैं। अपनी कृति ‘एवरेस्ट : सपनों की उड़ान, सिफर से शिखर तक’ के लिए वर्ष 2020 में ‘अमृतलाल नागर पुरस्कार’ से सम्मानित। यह पुस्तक रविंद्र कुमार के जीवन के अनेक अनछुए पहलुओं का लेखा-जोखा है। यह एक व्यक्ति के संघर्ष, दृढ़ संकल्प व सकारात्मक सोच से उपलब्धियों की ओर बढऩे की ऐसी कहानी है, जो युवा पीढ़ी को कुछ कर-गुजरने की प्रेरणा देती है।

Yojana April 2024: योजना अप्रैल २०२४

by Yojana

विकास मासिक पत्रिका "योजना" के अप्रैल 2024 संस्करण का विषय "हमारा पारिस्थितिकी तंत्र" है। यह संस्करण पारिस्थितिकी तंत्र के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित है, जिसमें जैव विविधता और संरक्षण प्रयासों के महत्व पर जोर दिया गया है। कवर में पारिस्थितिकी तंत्र के विभिन्न तत्वों की जीवंत कल्पना शामिल है, जिनमें शामिल हैं: वन्यजीव, वनस्पति, पक्षी प्रवास।

Yojana February 2024: योजना फरवरी २०२४

by Yojana

योजना फरवरी २०२४ पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जेनरेटिव एआई, उद्योग, साइबर सुरक्षा, गवर्नेस, लोक सेवाएं, मीडिया हैं। योजना के इस संग्रहणीय अंक में, भारत में एआई को अपनाए जाने के गतिशील परिदृश्य को समेटने की कोशिश की है। इसमें एआई से संबंधित विषयों के विशेषज्ञों के महत्वपूर्ण योगदानों के जरिए कृत्रिम मेधा के संभावित लाभों, चुनौतियों तथा एक संतुलित और समावेशी डिजिटल भविष्य को प्रोत्साहित करने की अनिवार्यता को समझने का प्रयास किया गया है।

Yojana January 2024: योजना जनवरी २०२४

by Yojana

योजना जनवरी २०२४ पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस (कारोबार करने में सुगमता) हैं। योजना के इस संग्रहणीय अंक में, व्यवसायों पर अनुपालन बोझ को कम करने, अधिक निवेश आकर्षित करने और विश्वास-आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने में जन विश्वास प्रावधानों का संशोधन अधिनियम की विशिष्टता का वर्णन किया गया है। उपर्युक्त विधायी प्रयास के माध्यम से, नियामक कठिनाइयों को संबोधित करके, पारदर्शिता को बढ़ावा देकर और डिजिटल परिवर्तन को प्रोत्साहित करके अधिक गतिशील और प्रतिस्पर्धी आर्थिक माहौल की स्थितियां बनाई गई हैं। हमें उम्मीद है कि विषय विशेषज्ञों और हितधारकों की अंतर्दृष्टि 'जन विश्वास' नामक इस अभूतपूर्व पहल के बारे में हमारे पाठकों की समझ को व्यापक बनाएगी, जो व्यापार सुगमता के परिदृश्य और देश की उद्यमशीलता की भावना को नया रूप देने के लिए तैयार है।

Yojana March 2024: योजना मार्च २०२४

by Yojana

योजना मार्च २०२४ पत्रिका का संस्करण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु “डिजिटल युग में कला और संस्कृति” हैं। रचनात्मक अभिव्यक्तियों के सृजन, उपयोग और आदान प्रदान को डिजिटल युग ने फिर से परिभाषित किया है, कला और संस्कृति अज्ञात क्षेत्रों की तरफ धकेले जा रहे हैं। डिजिटल युग में सोशल मीडिया, वैश्वीकरण और प्रौद्योगिकी सभी तरह के अवसरों और कठिनाइयां पर असर डालते हैं। यह बहुत जरूरी हो जाता है कि हम डिजिटल युग द्वारा उठाए गए नैतिक और सांस्कृतिक मुद्दों को स्वीकार करें, साथ ही हम जिस गतिशील वातावरण से गुजर रहे हैं उसे देखते इसकी क्रांतिकारी क्षमता को समझना भी उतना ही महत्वपूर्ण हो जाता है। योजना के इस अंक के माध्यम से, हम उन प्रेरणाओं और सफलताओं की खोज करने के लिए निकले हैं जिन्होंने हमारे आधुनिक रचनात्मक परिदृश्य को नया आकार दिया है. हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि डिजिटल युग में कला और संस्कृति कैसे बदल रही है।

21vi Sadi ke Liye 21 Sabak: २१वीं सदी के लिए २१ सबक़

by Yuval Noah Harari

21वीं सदी के लिए 21 सबक़ का हिंदी अनुवाद सेपियन्स ने अतीत का विश्लेषण किया है होमो डेयस ने भविष्य का विश्लेषण किया है 21 सबक़ ने वर्तमान का विश्लेषण किया है हम स्वयं को परमाणु युद्ध, परिस्थितिकीय विनाश और प्रौद्योगिकीय विध्वंस से कैसे बचा सकते हैं? झूठी ख़बरों की महामारी या आतंकवाद के खतरे के बारे में हम क्या कर सकते हैं? हमें अपने बच्चों को क्या शिक्षा देनी चाहिए? युवाल नोआ हरारी हमें वर्तमान के अति महत्वपूर्ण मुद्दों की रोमांचक यात्रा पर ले जाते हैं। निरन्तर भ्रम उत्पन्न करने वाले परिवर्तन के इस दौर में हम अपनी सामूहिक और वैक्तिक एकाग्रता को कैसे बरकरार रखें, यह चुनौती ही रोमांच और उमंग पैदा करने वाली इस नई पुस्तक का मूल बिंदु है। क्या हम अभी भी इस दुनिया को समझने में सक्षम हैं जो हमने रची हैं?

Aapka Bhavishya Aapke Haath Mein: आपका भविष्य आपके हाथ में

by A. P. J. Abdul Kalam

"अगर सारी कठिनाइयों से हार न मान कर मै इतना कुछ हासिल कर सका हूँ तो कोई और भी ऐसा कर सकता है - यही संदेश है इस पुस्तक के ज़रिये अपने देश के युवाओं को देना चाहता हूँ। इस पुस्तक से प्रेरित होकर यदि एक भी युवा अपना सपना हासिल कर लेता है तो मैं मानूंगा कि इसे लिखने का मेरा प्रयास सफल हुआ। यह पुस्तक देश-भर से प्राप्त युवाओं के ई-मेल और उनके प्रश्नो पर आधारित है और मेरे जवाब अपने अनुभव और जो कुछ मैंने सीखा है - उसी का सार है। ये इस तरह पेश किये गए है कि मिलती-जुलती समस्याओं का सामना कर रहे किसी भी पाठक के लिए जवाबों में छुपे संदेष कारगर हो सकें।

Aapke Avchetan Man Ki Shakti: आपके अवचेतन मन की शक्ति

by Dr Joseph Murphy

यह पुस्तक मस्तिष्क की आधारभूत सच्चाइयों को आसान भाषा में समझाने की कोशिश है। जीवन और मस्तिष्क के आधारभूत नियमों को रोजमर्रा की सरल भाषा में समझाना पूरी तरह संभव है। मनुष्य दुखी क्यों होता है? दूसरा खुश क्यों होता है? एक मनुष्य सुखी और समृद्ध क्यों होता है? दूसरा गरीब और दुखी क्यों होता है? एक मनुष्य भयभीत और तनावग्रस्त क्यों होता है? दूसरा आस्थावान तथा आत्मविश्वासी क्यों होता है? एक मनुष्य के पास सुंदर, आलीशान बंगला क्यों होता है? दूसरा झोपड़ी में क्यों रहता है? एक मनुष्य बहुत सफल और दूसरा बुरी तरह असफल क्यों होता है? क्या आपके चेतन और अवचेतन मन में इन प्रश्नों का कोई उत्तर मिल सकता है? निश्चित रूप से मिल सकता है। इस पुस्तक का अध्ययन करने और इसमें बताई तकनीक को अमल में लाने से आप उस चमत्कारिक शक्ति को जान लेंगे, जो आपको दुविधा, दुख, उदासी और असफ्रफ़लता के कुचक्र से बाहर निकलने में मदद करेगी। यह चमत्कारिक शक्ति आपको मंजिल तक पहुँचने में मदद देगी, आपकी समस्याएँ सुलझाएगी, आपको मानसिक और शारीरिक बेड़ियों से स्वतंत्र करेगी। यह आपको पुनः स्वस्थ, उत्साही और शक्तिशाली बना सकती है। जब आप अपनी आंतरिक शक्तियों का प्रयोग करना सीख लेंगे, तो आप भय की कैद से स्वतंत्र हो जाएँगे और सुखमय जीवन का आनंद लेंगे।

Aaroh Bhag-1 class 11 - NCERT - 23: आरोह भाग-१ ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

आरोह भाग 1 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है । इस पुस्तक के दो खंड है- गद्य खंड और काव्य खंड, जिसमें गद्य और काव्य की विभिन्न छवियों को समाहित किया गया है। गद्य खंड में भारतेंदु युगीन (आधुनिक चेतना और नवजागरण की ऊर्जा संपन्न) हिंदी से लेकर वर्तमान हिंदी गद्य रचनाओं को चुना गया है। काव्य खंड में मुख्य रूप से खड़ी बोली की कविताओं को ही चुना गया है। चयन में तीन बातें ध्यान देने योग्य हैं, एक हिंदी कविता की पृष्ठभूमि की जानकारी के लिए कबीर और मीरा के पदों का चयन। दो- आधुनिक हिंदी कविता की शैलियों और मुहावरों से परिचय के लिए रामनरेश त्रिपाठी से लेकर दुष्यंत तक की कविताओं की प्रस्तुति। तीन अक्क महादेवी, पाश और निर्मला पुतुल की कविताओं के माध्यम से हिंदी कविता के समानांतर भारतीय भाषाओं की कविता की समझ पैदा करना। अभ्यासों में पाठ के साथ और पाठ के आस-पास की दुनिया और शब्दों के संदर्भगत अर्थ-छवियों के लिए शब्द-छवि को समाहित किया गया है, जो राष्ट्रीय पाठ्यचर्या का एक प्रमुख उद्देश्य है।

Anandmay Ganit class 1 - NCERT - 23: आनंदमय गणित १ली कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

आनंदमय गणित कक्षा 1 पाठ्यपुस्तक का निर्माण करते हुए मुख्य रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने प्रारंभिक विकासात्मक चरण (3 से 8 वर्ष) के दौरान सीखने की एक मज़बूत नींव विकसित करने के महत्व को मान्यता दी है। इसमें बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता पर ज़ोर देने के साथ-साथ बच्चों का संज्ञानात्मक विकास शामिल है। पाठ्यचर्या के लक्ष्यों, दक्षताओं और सीखने के परिणामों को बुनियादी स्तर की राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2022 में स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। बच्चों के समग्र विकास के नीतिगत परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए बुनियादी स्तर के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (आधारभूत स्तर) शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक, नैतिक, संज्ञानात्मक, भाषा, साक्षरता, सौंदर्य और सांस्कृतिक और सकारात्मक सीखने की आदतें, जैसे-विकासात्मक डोमेन से जुड़े पाठ्यचर्या लक्ष्यों, दक्षताओं और सीखने के परिणामों की अनुशंसा करती है। इसके अनुवर्ती के रूप में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् द्वारा विकसित आधारभूत स्तर के पाठ्यक्रम में संज्ञानात्मक डोमेन के तहत गणित और संख्यात्मकता सम्मिलित है। पाठ्यपुस्तकों सहित गणित के लिए अधिगम शिक्षण सामग्री विकसित करते समय अन्य सभी डोमेन के एकीकरण पर भी बल दिया गया है।

Anandmay Ganit class 2 - NCERT - 23: आनंदमय गणित २री कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by National Council of Educational Research and Training

प्रस्तुत पाठ्यपुस्तक दक्षता आधारित सामग्री को सरल, रोचक और आकर्षक रूप में प्रस्तुत करने का एक प्रयास है। इस पाठ्यपुस्तक को समावेशी एवं प्रगतिशील बनाने के लिए पाठों और चित्रों की प्रस्तुति के माध्यम से अनेक रूढ़ियों को तोड़ा गया है। परंपरा, संस्कृति, भाषा प्रयोग तथा भारतीयता समेत स्थानीय संदर्भों की बच्चों के सर्वांगीण विकास में महती भूमिका इस पुस्तक में परिलक्षित होती है। इस पाठ्यपुस्तक को बच्चों के लिए आकर्षक एवं आनंददायी बनाने का प्रयास किया गया है। पुस्तक में कला और शिल्प का ऐसा बेजोड़ संयोजन है जिससे बच्चे गतिविधियों में अंतर्निहित सौंदर्यबोध की सराहना कर सकते हैं। यह पाठ्यपुस्तक बच्चों को स्वयं से संबंधित अवधारणाओं को अपने संदर्भों में समझने की स्थितिजन्य जागरूकता प्रदान करती है। यद्यपि इनमें विषय-वस्तु का बोझ कम है, तथापि ये पाठ्यपुस्तकें सारगर्भित हैं। इस पाठ्यपुस्तक में खिलौनों और खेलों के माध्यम से सीखने की अलग-अलग युक्तियों के साथ-साथ अन्य गतिविधियाँ और प्रश्न, जो बच्चों में तार्किक चिंतन और समस्या को सुलझाने की योग्यता विकसित करने के लिए प्रेरित करते हैं, को भी सम्मिलित किया गया है। इसके अतिरिक्त, पाठ्यपुस्तकों में ऐसी पर्याप्त विषय सामग्री और गतिविधियाँ भी हैं जो बच्चों में पर्यावरण के प्रति आवश्यक संवेदनशीलता विकसित करने में सहायक हैं। साथ ही ये पाठ्यपुस्तकें हमारे राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की संस्तुतियों के अनुरूप उनके द्वारा विकसित किए जाने वाले संस्करणों में स्थानीय परिदृश्य के साथ-साथ अन्य तत्वों के समायोजन/अनुकूलन की संभावना भी उपलब्ध कराती हैं।

Autism & Multiple Disability: स्वालीनता एवं बहु - विकलांगता (बहु - दिव्यांगता)

by Susheel Kumar

यह संक्षेपण विश्व स्वास्थ संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा परिभाषित दिव्यांगता और समावेश के अवधारणा का अवलोकन प्रदान करता है, जैसा कि भारतीय कानूनों में व्यक्त होता है। यह सभी व्यक्तियों के लिए समान अवसर और अधिकारों की आवश्यकता को जोर देता है, चाहे वे किसी भी क्षमता या दिव्यांगता के साथ हों। दिव्यांग जन अधिकार अधिनियम 2016 ने विभिन्न प्रकार की दिव्यांगता, जैसे ऑटिज़्म, बहु-दिव्यांगता और बहरेपन, को मान्यता दी है। पूर्ववर्ती दिव्यांग जन अधिनियम 1995 इन मुद्दों पर समारोह नहीं करता था। नेशनल ट्रस्ट एक्ट 1999 और अपंगता व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 भी समावेशितता और बहु-दिव्यांगता की महत्वपूर्णता पर बल देते हैं। यह संक्षेपण इन अवधारणाओं की हिंदी में सरलीकृत व्याख्या प्रदान करने का उद्देश्य रखता है, जिससे साधारण जनता व छात्र इस विषय को समझ सकें। लेखक सुझाव और सुधारों की प्रतीक्षा करता है, ताकि यह प्रयास पाठकों और छात्रों को ज्ञान की प्राप्ति में सशक्त कर सके।

Bhagya Twister: भाग्य ट्विस्टर

by Owen Jones

वेन का जन्म उत्तरी वेल्स के एक सुदूर खेत में एक जंगली, तूफानी रात में हुआ था। परिवार चाहता था कि उसकी डिलीवरी अस्पताल में हो क्योंकि वह बड़ा होने वाला था और ग्विनेड का पहला बच्चा था, लेकिन उसकी माँ और दादी रियानोन ने सोचा कि यह बहुत खतरनाक हो सकता है। परिवार की बाइबिल के अनुसार, उनके सभी परिवार 324 वर्षों के लिए फार्म, द ड्रैगन्स गार्डन में पैदा हुए थे - और वे सभी या तो चुड़ैल या जादूगर थे...

Bharat Ka Sangharsh - 1920-42: भारत का संघर्ष: १९२०-४२

by Subhash Chandra Bose

1857 की क्रांति के बाद गोरों को समझ आ गया कि वे केवल बर्बर बल प्रयोग के आधार पर लंबे समय तक भारत में नहीं टिक पाएँगे, इसलिए उन्होंने देश को निहत्था करना शुरू कर दिया। हमारे पूर्वजों की दूसरी सबसे बड़ी मूर्खता और गलती यह रही कि उन्होंने अंग्रेजों की इस करतूत को सिर झुकाकर स्वीकार कर लिया। अगर उन्होंने अपने हथियार इतनी आसानी से नहीं सौंपे होते तो 1857 के बाद से भारत का इतिहास संभवत आज के इतिहास से भिन्न होता। भारत में युवा पीढ़ी पिछले 20 सालों के अनुभव से यह सीख चुकी है कि सविनय अवज्ञा आंदोलन एक विदेशी प्रशासन को बंधक बना सकता है या पंगु तो कर सकता है, लेकिन बिना भौतिक बल के यह उसे उखाड़कर नहीं फेंक सकता या निष्कासित नहीं कर सकता। एक अंतिम चरण आएगा, जब सक्रिय प्रतिरोध सशस्त्र क्रांति में विकसित हो जाएगा, तब भारत में ब्रिटिश शासन का अंत होगा। इसी पुस्तक से यह पुस्तक नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रमुख राजनीतिक अध्ययन है, जिसमें उनकी स्वयं अपनी एक प्रमुख भूमिका थी। यह पुस्तक असहयोग और खिलाफत आंदोलनों के घुमड़ते बादलों से लेकर तूफान का रूप लेनेवाले 'भारत छोड़ो' तथा आजाद हिंद आंदोलनों तक का विशद और विश्लेषणात्मक विमर्श उपलब्ध कराती है। नेताजी की दूरदर्शिता, चिंतन और राष्ट्रीय भाव को रेखांकित करती एक पठनीय कृति।

Bharatiya Arthavyavstha Ka Vikas class 11 - NCERT - 23: भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास 11 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक में चार इकाई दी गई है। पहले इकाई के दो अध्यायों के द्वारा हम स्वतंत्रता पूर्व से लेकर नियोजित विकास के चार दशकों तक के भारत द्वारा चुने गये पथ का समग्र रूप से अवलोकन करेंगे। दूसरे इकाई में इस इकाई में सुधारों की प्रक्रिया तथा भारत के संदर्भ में उनके प्रयोग का मूल्यांकन किया गया है। तिसरे इकाई हम विकास के निहितार्थों को भी अपने पर्यावरण तथा धारणीय विकास की मांग के संदर्भ में देखेंगे। इन मुद्दों को सुलझाने के क्रम में सरकार की नीतियों का आलोचनात्मक आकलन किए जाने की ज़रूरत है, जिस पर इस इकाई में अलग से चर्चा की गई है। चौथे इकाई में इकाई में हम भारत के विकास अनुभवों की तुलना इसके दो महत्त्वपूर्ण और निर्णायक पड़ोसियों- पाकिस्तान और चीन से करेंगे।

Buland Awaaz: बुलंद आवाज

by Nand Kishore Yadav

बुलंद आवाज एक ऐसी आवाज, जिसे अनसुना करना नामुमकिन 'नंद किशोर यादव: बुलंद आवाज बिहार भाजपा के जनप्रिय नेता' नंदूजी यानी संघर्ष और विकास के प्रतीकपुरुष श्री नंद किशोर यादव के संसदीय जीवन का सफरनामा है। नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष के विधायक के तौर पर जन- आवाज बनकर उन्होंने जो अमिट लंबी लकीर खींची है, उसी का दस्तावेजीकरण प्रस्तुत पुस्तक में हुआ है। जदयू से गठबंधन टूटने के बाद सरकार से अलग होने पर वर्ष 2013 में श्री नंद किशोर यादव को भारतीय जनता पार्टी ने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का दायित्व सौंपा। सदन के भीतर और बाहर नीतीश कुमार जैसे मुख्यमंत्री की उस सरकार, जिसमें थोड़े दिन पहले तक वे खुद भी साझीदार थे, को उसकी विफलता का आईना दिखाना बड़ी चुनौती थी। सरकार से हटने के बाद जल्द ही प्रभावी विपक्ष के तेवर में स्वयं को ढालना और पार्टी का नेतृत्व करना सरल नहीं था, लेकिन बिहार की जनता ने देखा कि नंद किशोर यादव ने करीब दो साल नेता प्रतिपक्ष की अपनी भूमिका का किस आक्रामकता के साथ निर्वाह किया।"

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