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VASANT bhag 3
by National Council Of Educational Research TrainingThis book prescribed by central board of secondary education, India for the students of class 8th subject Hindi, studying through Hindi medium. This accessible version of the book doesn't leave any part of the book. The book is handy companion of the school and university students desiring to read facts in interesting way. NCERT books are must read for aspirants of competitive and job related examinations in India.
Vasant Bhag-2 class 7 - NCERT - 23: वसंत भाग-२ ७वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadवसंत भाग २ यह पाठ्यपुस्तक राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (2005) के आधार पर तैयार किए गए पाठ्यक्रम पर आधारित है। यह पारंपरिक भाषा-शिक्षण की कई सीमाओं से आगे जाती है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की नयी रूपरेखा भाषा को विद्यार्थी के व्यक्तित्व का सबसे समृद्ध संसाधन मानते हुए उसे पाठ्यक्रम के हर विषय से जोड़कर देखती है। इस नाते पाठ्यसामग्री का चयन और अभ्यासों में विद्यार्थी के भाषायी विकास की समग्रता को ध्यान में रखा गया है। कई प्रश्न-अभ्यास भाषा शिक्षण की परिचित परिधि से बाहर जाकर प्रकृति, समाज, विज्ञान, इतिहास आदि में विद्यार्थी की जिज्ञासा को नए आयाम देते हैं। पाठ केंद्रित प्रश्नों को क्रमशः विस्तार देते हुए पाठ के आसपास के ज्ञान-क्षेत्रों को भी दूसरे प्रश्न-समूहों में साथ रखने का प्रयास किया गया है।
Vasant Bhag 2 class 7 - NCERT: वसंत भाग 2 कक्षा 7 - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadयह पाठ्यपुस्तक राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (2005) के आधार पर तैयार किए गए पाठ्यक्रम पर आधारित है। यह पारंपरिक भाषा-शिक्षण की कई सीमाओं से आगे जाती है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की नयी रूपरेखा भाषा को विद्यार्थी के व्यक्तित्व का सबसे समृद्ध संसाधन मानते हुए उसे पाठ्यक्रम के हर विषय से जोड़कर देखती है। इस नाते पाठ्यसामग्री का चयन और अभ्यासों में विद्यार्थी के भाषायी विकास की समग्रता को ध्यान में रखा गया है। कई प्रश्न-अभ्यास भाषा शिक्षण की परिचित परिधि से बाहर जाकर प्रकृति, समाज, विज्ञान, इतिहास आदि में विद्यार्थी की जिज्ञासा को नए आयाम देते हैं। पाठ केंद्रित प्रश्नों को क्रमशः विस्तार देते हुए पाठ के आसपास के ज्ञान-क्षेत्रों को भी दूसरे प्रश्न-समूहों में साथ रखने का प्रयास किया गया है। भाषा की बात करते हुए ऐसे शब्दों और प्रयोगों पर विद्यार्थी का ध्यान दिलाया गया है जिन्हें समाज की जीवंतता को साहित्यिक कृतियों में समेटते हुए साहित्यकार अपनी कृति में रखना आवश्यक समझते हैं और अकसर ऐसे आंचलिक शब्द और वाक्य प्रयोग आज के शहरी जीवन में अपेक्षाकृत कम सुनाई पड़ते हैं।
Vasant Bhag 2
by National Council Of Educational Research TrainingThis book prescribed by central board of secondary education, India for the students of class 7th subject Hindi, studying through Hindi medium. This accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. The book is handy companion of the school and university students desiring to read facts in interesting way. NCERT books are must read for aspirants of competitive and job related examinations in India.
Vasant Bhag-1 class 6 - NCERT - 23: वसंत भाग-१ ६वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadवसंत भाग-१ यह किताब राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (2005) के आधार पर तैयार किए गए पाठ्यक्रम पर आधारित है। यह पारंपरिक भाषा शिक्षण की कई सीमाओं से आगे जाती है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की नयी रूपरेखा भाषा को बच्चे के व्यक्तित्व का सबसे समृद्ध संसाधन मानते हुए उसे पाठ्यक्रम के हर विषय से जोड़कर देखती है। इस नाते पाठ्यसामग्री का चयन और अभ्यासों में बच्चे के भाषायी विकास की समग्रता को ध्यान में रखा गया है। कई अभ्यास-प्रश्न भाषा शिक्षण की परिचित परिधि से बाहर जाकर प्रकृति, समाज, विज्ञान, इतिहास आदि में बच्चे की जिज्ञासा को नए आयाम देते हैं। उदाहरण के लिए शमशेर बहादुर सिंह की कविता 'चाँद से थोड़ी सी गप्पें' में दिया गया एक प्रश्न चंद्रमा की कलाओं के बारे में है और सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता 'झाँसी की रानी' में इतिहास और भूगोल के भी कुछ प्रश्न दिए गए हैं। ऐसे प्रश्नों के ज़रिए बच्चों को हिंदी की विपुल शब्द-संपदा के विविध हिस्सों का स्पर्श मिलेगा। वे आज के शहरी जीवन में अपेक्षाकृत कम सुनाई पड़ने वाले शब्दों और प्रयोगों को अपना सकेंगे।
Vasant
by National Council Of Educational Research TrainingThis book prescribed by central board of secondary education, India for the students of class 6th subject Hindi, studying through Hindi medium. This accessible version of the book doesn't leave any part of the book. The book is handy companion of the school and university students desiring to read facts in interesting way. NCERT books are must read for aspirants of competitive and job related examinations in India.
Vartman Tirthankar Shree Simandhar Swami (Small): वर्तमान तीर्थकर श्री सीमंधर स्वामी
by Dada Bhagwanइस काल में इस क्षेत्र से सीधे मोक्ष पाना संभव नहीं है, ऐसा शास्त्रों में कहा गया हैं। लेकिन लंबे अरसे से, महाविदेह क्षेत्र में श्री सीमंधर स्वामी के दर्शन से मोक्ष प्राप्ति का मार्ग खुला ही हैं। लेकिन परम पूज्य दादाश्री उसी मार्ग से मुमुक्षुओं को मोक्ष पहुँचानें में निमित्त हैं और इसकी प्राप्ति का विश्वास, मुमुक्षुओं को निश्चय से होता ही है। इस काल में, इस क्षेत्र में वर्तमान तीर्थंकर नहीं हैं। लेकिन महाविदेह क्षेत्र में वर्तमान तीर्थंकर श्री सीमंधर स्वामी विराजमान हैं। वे भरत क्षेत्र के मोक्षार्थी जीवों के लिए मोक्ष के परम निमित्त हैं। ज्ञानीपुरुष ने खुद उस मार्ग से प्राप्ति की और औरों को वह मार्ग दिखाया है। प्रत्यक्ष प्रकट तीर्थंकर की पहचान होना, उनके प्रति भक्ति जगाना और दिन-रात उनका अनुसंधान करके, अंत में, उनके प्रत्यक्ष दर्शन पाकर, केवलज्ञान को प्राप्त करना, यही मोक्ष की प्रथम और अंतिम पगडंडी है। ऐसा ज्ञानियों ने कहा हैं। श्री सीमंधर स्वामी की आराधना, जितनी ज़्यादा से ज़्यादा होगी, उतना उनके साथ अनुसंधान विशेष रहेगा। इससे उनके प्रति ऋणानुबंध प्रगाढ़ होगा। अंत में परम अवगाढ़ दशा तक पहुँचकर उनके चरणकमलों में ही स्थान प्राप्ति की मोहर लगती है।
Vartaman Tirthankar Shree Simandhar Swami: वर्तमान तीर्थकर श्री सीमंधर स्वामी
by Dada Bhagwanइस काल में इस क्षेत्र से सीधे मोक्ष पाना संभव नहीं है, ऐसा शास्त्रों में कहा गया हैं। लेकिन लंबे अरसे से, महाविदेह क्षेत्र में श्री सीमंधर स्वामी के दर्शन से मोक्ष प्राप्ति का मार्ग खुला ही हैं। लेकिन परम पूज्य दादाश्री उसी मार्ग से मुमुक्षुओं को मोक्ष पहुँचानें में निमित्त हैं और इसकी प्राप्ति का विश्वास, मुमुक्षुओं को निश्चय से होता ही है। इस काल में, इस क्षेत्र में वर्तमान तीर्थंकर नहीं हैं। लेकिन महाविदेह क्षेत्र में वर्तमान तीर्थंकर श्री सीमंधर स्वामी विराजमान हैं। वे भरत क्षेत्र के मोक्षार्थी जीवों के लिए मोक्ष के परम निमित्त हैं। ज्ञानीपुरुष ने खुद उस मार्ग से प्राप्ति की और औरों को वह मार्ग दिखाया है। प्रत्यक्ष प्रकट तीर्थंकर की पहचान होना, उनके प्रति भक्ति जगाना और दिन-रात उनका अनुसंधान करके, अंत में, उनके प्रत्यक्ष दर्शन पाकर, केवलज्ञान को प्राप्त करना, यही मोक्ष की प्रथम और अंतिम पगडंडी है। ऐसा ज्ञानियों ने कहा हैं। श्री सीमंधर स्वामी की आराधना, जितनी ज़्यादा से ज़्यादा होगी, उतना उनके साथ अनुसंधान विशेष रहेगा। इससे उनके प्रति ऋणानुबंध प्रगाढ़ होगा। अंत में परम अवगाढ़ दशा तक पहुँचकर उनके चरणकमलों में ही स्थान प्राप्ति की मोहर लगती है।
Vardaan - Sankshipt Sanskaran
by PremchandVardaan is a tragic story of two lovers. The lovers who played together since childhood and dreamt of spending their lives together, dreams shattered like playing cards. The novel has the love story of Virjan and Pratap and at the same time Madhvi and Pratap. In the end Madhvi decides to leave everything and becomes a yogini. An intense story which is a must-read for Premchand lovers.
Vansh Se Rajya Tak
by Romila ThaparThe book contains lectures of Heras Memorial lecture series on state and dynasties in ancient india. The lectures were given by Romila Thapar in February 1980 at St Xaviers college. In these lectures the nature of Indian society in the first millenium BC has been highlighted.
Vajpayee - Ek Rajneta ke Agyat Pehlu: वाजपेयी: एक राजनेता के अज्ञात पहलू
by Ullekh N. P.सांसद में नेहरूवाद से मिलते-जुलते अपने 'धर्मनिरपेक्ष' बयानों के बावजूद अटल बिहारी वाजपेयी यदा-कदा कट्टरपंथी जमात में थोड़ी घुसपैठ कर जाते थे। 1983 में उन्होंने असम चुनावों के दौरान भड़काऊ भाषण दिया जिससे प्रदेश में 'बांग्लादेशी विदेशियों' की मौजूदगी बड़ा मुद्दा बन गया। यहां तक कि भाजपा ने भी वाजपेयी के भाषण से किनारा कर लिया। संभवतः इस भाषण के कारण उस वर्ष असम के नल्ली में 2000 से अधिक लोगों का संहार हुआ, जिनमें से ज़्यादातर मुस्लिम थे। वाजपेयी भारत के चतुर राजनेताओं में से एक हैं और उन्हें कई तरह की विरोधाभासी बातें करने के लिए जाना जाता है : उग्रवादी राष्ट्रवादी से अपने गुप्त पारिवारिक जीवन तक, साम्यवाद के प्रति रुझान, भोजनप्रियता और यदि स्वयं को उदारवादी के रूप में पेश न कर सके तो मध्यमार्गी की तरह पेश करने तक। यह पुस्तक वाजपेयी के करियर के अहम पड़ावों और एक अनुभवी राजनेता के रूप में उनकी विशेषताओं को खंगालती हुई उनके अपनी पार्टी के नेताओं से संबंधों और आरएसएस तथा उसके सहयोगी संगठनों के साथ प्रेम व् द्वेष वाले संबंधों पर नज़र डालती है। बेहतरीन शोध, पुख़्ता तथ्यों से समर्थित तथा अंतर्कथाओं और उपाख्यानों के साथ, अंतर्दृष्टियों से युक्त साक्षात्कारों तथा सहेजने योग्य छायाचित्रों से सज्जित यह पुस्तक एक कवि-राजनेता के जीवन की झलक पेश करती है।
Vaishveekrut Sansar Mein Nagarikata: वैश्वीकृत संसार में नागरिकता
by R. C. Varmaniपिछले कुछ दशकों में सामाजिक विज्ञानों के क्षेत्र में नागरिकता की धारणा एक केन्द्रीय विषय के रूप में उभरी हैं। नागरिकता का एक आदर्शात्मक धारणा एवम् एक सामाजिक-राजनीतिक तथ्य दोनों स्तरों पर गम्भीरता से अध्ययन किया जा रहा है। क्योंकि राज्य का प्राथमिक सम्बध जनता से है, अतः राजनीति का पहला विषय उन नियमों का चयन करना होता है जो इन सम्बधों को संचालित करेगें-अर्थात् सामाजिक नियमन के लिए कुछ ऐसे मूल नियमों का अस्तित्व अनिवार्य है जो यह निश्चित करें कि कौन किसी राज्य विशेष का सदस्य माना जायेगा, यह सदस्यता किस तरह प्राप्त की जा सकती है, शासकों के कर्त्तव्य क्या हैं अथवा व्यक्ति के क्या अधिकार हैं आदि। ये सभी प्रश्न नागरिकता की प्रकृति के अध्ययन तथा इसका अधिकार, स्वतन्त्रता, समानता तथा न्याय के साथ सम्बन्ध से जुड़े हुये हैं। टी.एच. मार्शल के सिद्धान्त का अनुसरण करते हुये नागरिकता का आधुनिक उदारवादी सिद्धान्त कानूनी समानता तथा राजनीतिक भागेदारी के अतिरिक्त आर्थिक एवम् सामाजिक अधिकारों पर भी बल देता है। परन्तु पिछले कुछ दशकों से नागरिक एवम् राजनीतिक अधिकारों के पहले चरण तथा सामाजिक-आर्थिक अधिकारों के दूसरे चरण का एक तीसरे चरण तक विस्तार किया जा रहा है जिसमें कई अधिकार शामिल है जैसे पर्यावरण अधिकार, आदिवासी अथवा मूल-निवासी अधिकार, एक राष्ट्र-राज्य के अन्दर बह-सांस्कृतिक तथा अल्पसख्यंक समूह अधिकार तथा प्रजातान्त्रिक अधिकारों के स्थान पर मानवीय अधिकारों को प्राथमिकता आदि। वर्तमान पुस्तक नागरिकता से सम्बन्धित इन समकालीन विषयों की एक संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत करती है।
Vaishnav Ki Phisalan: वैष्णव की फिसलन
by Harishankar Parsaiवैष्णव की फिसलन हरिशंकर परसाई ‘वैष्णव की फिसलन’ प्रसिद्ध व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई की श्रेष्ठ रचनाओं का संकलन है। इस संग्रह की व्यंग्य रचनाएँ यह स्थापित करने में कामयाब हैं कि जीवन की श्रेष्ठ आलोचना की संज्ञा व्यंग्य है। सहज ढंग से चुभती हुई भाषा में ये व्यंग्य रचनाएँ अपनी बात कहते हुए गहरी चोट कर जाती हैं। इस व्यंग्य-संग्रह की रचनाओं की सफलता के पीछे जो सबसे बड़ी चीज़ है वह है - लेखक की पैनी दृष्टि, जिससे छुपकर भी कुछ भी छुपा नहीं रह जाता और अव्यक्त भी व्यक्त होने लगता है। यह संग्रह चिन्ताओं का नहीं चिन्तन का संग्रह है, और यह लेखक की कुशलता ही है कि इसे वह विचार और संवेदना के सामंजस्य से कर पाया है। ‘वैष्णव की फिसलन’ में संकलित रचनाएँ हमारे आसपास की ज़िन्दगी को उघाड़कर इस प्रकार सामने रख देती हैं कि ऊपर से सीधी-सादी दिखनेवाली घटनाएँ और स्थितियाँ नए अर्थ देने लगती हैं, उनके अन्तर्निहित आशय उजागर हो उठते हैं। इस संग्रह की रचनाएँ आज के जीवन की विसंगतियों और विरूपताओं, अवरोधों और कुंठाओं पर चोट करती हैं और बताती हैं कि विसंगति के विरुद्ध क़लम कैसे तलवार का काम करती है।
Vah: वह: किन्नर समुदाय के संघर्ष की गाथा
by Shrigopal Singh Sisodia 'Nisar'यह उपन्यास किन्नर पर आधारित है और हमें उनसे जुड़ी रूढ़ियों और तथ्यों से परिचित कराता है।
Vaani Vyvahaar Me (Sanxipt): वाणी व्यवहार मॅ
by Dada Bhagwan‘वाणी,व्यवहार में’, यह पुस्तक में हमें वाणी से संबंधित कई सारे मौलिक सिद्धांतों की जानकारी प्राप्त होती है| वाणी मुख्यतः निर्जीव है, यह सिर्फ एक टेप रिकॉर्ड है, जिसकी पूरी रिकॉर्डिंग हमारे पिछले जन्मो में हुई है| वाणी, एक बहुत ही अमूल्य वस्तु है जिसकी कीमत समझना बहुत ज़रूरी है| हमारी वाणी ऐसी होनी चाहिए कि जिससे किसीको भी दुःख ना हो| दादाश्री इस किताब में हमें वाणी कि महत्वता, हमारे रोजिंदा जीवन में होने वाले व्यवहार को लक्ष में रखकर, बहुत सारे उदाहरणों के साथ बताते है जिससे हमें यह समझ में आता है कि हम हमारी वाणी को किस तरह कोमल और मधुर बना सकते है| जिस तरह किसी टेप को बजाने से पहले उसमें रिकॉर्डिंग करनी होती है उसी तरह हमारे मुँह से जो वाणी निकलती है वह सब पिछले जन्मो में की हुई रिकॉर्डिंग का ही परिणाम है| वाणी के सिद्धांतों को और अधिक गहराई में समझने के लिए यह किताब अवश्य पढ़े|
Uttrakhand Ki Lok Kathayen
by Deepa Agrawal Swati KashyapUttarakhand city of temples and shrines known as the Dev-land. Gorgeous snow-capped Himalayan peaks, glittering glaciers, valleys and dense forests with flowers decorated their surroundings has affection for the people of this state. For this is the true worship of nature worship. This collection of sixteen stories this close relationship between man and nature shows.
Uthaigeer
by Laxman GaikwaadUthaigeer is an autobiographical novel as a member of the downtrodden society. A sharp satire on the social inequality which is quite clear and vocal in the story.
Urban Dhaba: अर्बन ढाबा
by Shaurya Bakshi2013 के एक वीकेंड, IT सिटी बैंगलोर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर निरपेश अलग नाश्ता करने की तलब में अपने इंजीनियरिंग कॉलेज की करीबी दोस्त नेहा के बताए कैफ़े, अर्बन ढाबा जाता है जहाँ उसकी मुलाक़ात उसके वूदमत आकाश से होती है। यह मुलाक़ात एक दिलचस्प मोड़ लेती है जब निरपेश आकाश को अपनी कॉरपोरेट लाइफ और नेहा के प्यार में जूझती ज़िन्दगी से रूबरू कराता है। निरपेश मन ही मन नेहा से प्यार करता है पर उसे इज़हार करने और अपनी ज़िंदगी में अचानक खोने से डरता है। उसकी रोज़ाना एक जैसी चलने वाली ज़िन्दगी में एक दम से भूकंप आता है जब नेहा का colleague रोहित उसे एक शाम प्रोपोज़ कर देता है और फिर इन्ही हालातों में खूबसूरत लड़की वाणी उसकी लाइफ में एक एक्टिंग वर्कशॉप के दौरान एंट्री मारती है और मन ही मन उसे चाहने लगती है। आकाश जो एक शौकिया लेखक है और जिसे एक इंटरेस्टिंग कहानी की तालाश है, उसको वह कहानी इत्तेफ़ाक़ से निरपेश के लाइफ में चल रहे उतार चढ़ाव में मिलती है। रोहित और नेहा के पनपते रिश्ते और वाणी का उसके प्रति झुकाव की टेंशन को महसूस करते हुए निरपेश एक दिन वाणी को अर्बन ढाबा लेकर आता है ताकि उसके साथ वह एक्टिंग वर्कशॉप के अंत में होने वाले प्ले का प्लाट डिसकस कर सके। वहाँ वाणी की मुलाक़ात आकाश से होती है जिसके बाद आकाश वाणी की खूबसूरती से घायल हो जाता है। इस मुलाक़ात के बाद वह अपने गुज़रे हुए कल और निरपेश वाणी नेहा और रोहित के रोज़ाना बढ़ रहे आपसी रिश्तों के तनाव को और गहरा कर देता है। क्या आकाश की काबलियत वाणी को इम्प्रेस कर पाती है? क्या निरपेश रोहित की पर्सनालिटी के जादू से नेहा को वापस अपनी तरफ खींच पाता है? क्या अर्बन ढाबा की हवाएँ इन सभी के जीवन का सही रुख तय कर पाएंगी?
UGC-NET Junior Research Fellowship and Assistant Professor Eligibility Test - Sangeet Paper-2 Part-2: UGC-NET जूनियर रिसर्च फेलोशिप और सहायक प्रोफेसर पात्रता परीक्षा संगीत पेपर-२ भाग-२
by Dr Gunjan SaxenaPaper- 2 shall consist of 100 objective type compulsory questions each carrying 2 marks which will be based on the subject selected by the candidate.
UGC-NET Junior Research Fellowship and Assistant Professor Eligibility Test - Sangeet Paper-2 Part-1: UGC-NET जूनियर रिसर्च फेलोशिप और सहायक प्रोफेसर पात्रता परीक्षा संगीत पेपर-२ भाग-१
by Dr Gunjan SaxenaPaper- 2 shall consist of 100 objective type compulsory questions each carrying 2 marks which will be based on the subject selected by the candidate.
UGC NET JRF SLET - General Paper 1 - Shikshan Aur Shodh Abhivrutti: यू.जी.सी नेट/जेआर एफ/सेट - सामन्य पेपर 1 - शिक्षण और शोध अभिवृत्ती
by Arihant Limitedशिक्षण और शोध अभिवृत्ती सामन्य पेपर 1 अरिहन्त पब्लिकेशन्स (इण्डिया) लिमिटेड ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यक्रम के अनुसार 10 इकाइयों (शिक्षण अभिवृत्ति, शोध अभिवृत्ति, बोध, सम्प्रेषण, गणितीय तर्क और अभिवृत्ति, युक्तियुक्त तर्क, आँकड़ों की व्याख्या, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, लोग, विकास एवं पर्यावरण तथा उच्च शिक्षा प्रणाली) में विवरण की व्याख्या की गई है । पुस्तक में विद्यार्थियों को समझाने के लिए सरल भाषा के साथ जगह-जगहें पर उदाहरण, फ्लोचार्ट, चित्र, एवं नवीन तथ्यों इत्यादि का समावेश किया गया है तथा वर्ष 2018 (दिसम्बर और जुलाई) के हल प्रश्न-पत्रों को विस्तृत व्याख्या के साथ दिया गया है।
UGC Net Itihas Prashna (Hindi)
by Kumar Nalin Kumar Ashutosh Naveen Kumar Vineet Kumarयूजीसी नेट इतिहास प्रश्न इस किताब को हिंदी भाषा में अरिहंत पब्लिकेशन ने प्रकाशित किया गया है, नवीन पाठ्यक्रम की दृष्टीकोन को ध्यान में रखते हुए जूनियर रिसर्च फैलोशिप तथा लैक्चरशिप हेतु राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा के अनुरूप 3 मॉडल पेपर्स को स्थान दिया गया है । इस पाठपुस्तक में संशोधित पैटर्न के अनुसार सम्पूर्ण पाठ्यक्रम का अध्यायवार विवरण तथा वर्तमान परीक्षा-पद्धती के अनुरूप वस्तुनिष्ठ प्रश्नो, कथन-कारण, सुमेलन, युग्म, क्रम आदि से सम्बन्धित प्रश्नों का भरपूर समावेश किया गया है ।
UGC Net Itihas Prashan (Hindi): यूजीसी नेट इतिहास प्रश्न
by Kumar Nalin Kumar Ashutosh Naveen Kumar Vineet Kumarयूजीसी नेट इतिहास प्रश्न इस किताब को हिंदी भाषा में अरिहंत पब्लिकेशन ने प्रकाशित किया गया है, नवीन पाठ्यक्रम की दृष्टीकोन को ध्यान में रखते हुए जूनियर रिसर्च फैलोशिप तथा लैक्चरशिप हेतु राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा के अनुरूप 3 मॉडल पेपर्स को स्थान दिया गया है । इस पाठपुस्तक में संशोधित पैटर्न के अनुसार सम्पूर्ण पाठ्यक्रम का अध्यायवार विवरण तथा वर्तमान परीक्षा-पद्धती के अनुरूप वस्तुनिष्ठ प्रश्नो, कथन-कारण, सुमेलन, युग्म, क्रम आदि से सम्बन्धित प्रश्नों का भरपूर समावेश किया गया है ।
Ugc Net Hindi (Theory & MCQ) Competitive Exam
by Indic TrustThe Book Hindi contains the latest chapters for the preperations of UGC NET Examinations with the practice of multiple choice questions in this book.