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Ganit Ka Jadu class 3 - NCERT - 23: गणित का जादू ३रीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

यह पुस्तक ३रीं कक्षा में प्रारंभ की गई प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करते हुए उसे आगे जारी रखती है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 में निहित मुख्य मुद्दों पर चर्चा की थी। इन मुद्दों में शामिल थे, गणित को बच्चों की क्षमताओं के विकास से जोड़ना तथा जटिल परिकलनों के अनुसरण समझ एवं समझ की रूपरेखा का निर्माण करना। बच्चों के मस्तिष्क में गणितीय विचार केवल बताने या व्याख्याएँ देने से विकसित नहीं होते हैं। बच्चों को गणित सीखने, गणित में आत्मविश्वास जागृत करने तथा उसके मूलभूत विचारों को समझने के लिए उन्हें अवधारणाओं की अपनी स्वयं की एक रूपरेखा बनानी चाहिए। दैनिक समय-सारणी में लचीलापन उतना ही जरूरी है जितना वार्षिक कैलेंडर के अमल में चुस्ती, जिससे शिक्षण के लिए नियत दिनों की संख्या हकीकत बन सके। शिक्षण और मूल्यांकन की विधियाँ भी इस बात को तय करेंगी कि यह पाठ्यपुस्तक स्कूल में बच्चों के जीवन को मानसिक दबाव तथा बोरियत की जगह खुशी का अनुभव बनाने में कितनी प्रभावी सिद्ध होती है। बोझ की समस्या से निपटने के लिए पाठ्यक्रम निर्माताओं ने विभिन्न चरणों में ज्ञान का पुनर्निर्धारण करते समय बच्चों के मनोविज्ञान एवं अध्यापन के लिए उपलब्ध समय का ध्यान रखने की पहले से अधिक सचेत कोशिश की है। इस कोशिश को और गहराने के यत्न में यह पाठ्यपुस्तक सोच-विचार और विस्मय, छोटे समूहों में बातचीत एवं बहस और हाथ से की जाने वाली गतिविधियों को प्राथमिकता देती है।

Bharat Ka Sangharsh - 1920-42: भारत का संघर्ष: १९२०-४२

by Subhash Chandra Bose

1857 की क्रांति के बाद गोरों को समझ आ गया कि वे केवल बर्बर बल प्रयोग के आधार पर लंबे समय तक भारत में नहीं टिक पाएँगे, इसलिए उन्होंने देश को निहत्था करना शुरू कर दिया। हमारे पूर्वजों की दूसरी सबसे बड़ी मूर्खता और गलती यह रही कि उन्होंने अंग्रेजों की इस करतूत को सिर झुकाकर स्वीकार कर लिया। अगर उन्होंने अपने हथियार इतनी आसानी से नहीं सौंपे होते तो 1857 के बाद से भारत का इतिहास संभवत आज के इतिहास से भिन्न होता। भारत में युवा पीढ़ी पिछले 20 सालों के अनुभव से यह सीख चुकी है कि सविनय अवज्ञा आंदोलन एक विदेशी प्रशासन को बंधक बना सकता है या पंगु तो कर सकता है, लेकिन बिना भौतिक बल के यह उसे उखाड़कर नहीं फेंक सकता या निष्कासित नहीं कर सकता। एक अंतिम चरण आएगा, जब सक्रिय प्रतिरोध सशस्त्र क्रांति में विकसित हो जाएगा, तब भारत में ब्रिटिश शासन का अंत होगा। इसी पुस्तक से यह पुस्तक नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रमुख राजनीतिक अध्ययन है, जिसमें उनकी स्वयं अपनी एक प्रमुख भूमिका थी। यह पुस्तक असहयोग और खिलाफत आंदोलनों के घुमड़ते बादलों से लेकर तूफान का रूप लेनेवाले 'भारत छोड़ो' तथा आजाद हिंद आंदोलनों तक का विशद और विश्लेषणात्मक विमर्श उपलब्ध कराती है। नेताजी की दूरदर्शिता, चिंतन और राष्ट्रीय भाव को रेखांकित करती एक पठनीय कृति।

Ganit Ka Jadu class 5 - NCERT - 23: गणित का जादू ५वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

यह पुस्तक कक्षा V में प्रारंभ की गई प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करते हुए उसे आगे जारी रखती है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 में निहित मुख्य मुद्दों पर चर्चा की थी। इन मुद्दों में शामिल थे, गणित को बच्चों की क्षमताओं के विकास से जोड़ना तथा जटिल परिकलनों के अनुसरण समझ एवं समझ की रूपरेखा का निर्माण करना। बच्चों के मस्तिष्क में गणितीय विचार केवल बताने या व्याख्याएँ देने से विकसित नहीं होते हैं। बच्चों को गणित सीखने, गणित में आत्मविश्वास जागृत करने तथा उसके मूलभूत विचारों को समझने के लिए उन्हें अवधारणाओं की अपनी स्वयं की एक रूपरेखा बनानी चाहिए। इसके लिए उन्हें एक ऐसी कक्षा की आवश्यकता होगी जिसमें वे विचार विमर्श कर सकें, समस्याओं के हल खोजें, नए प्रश्न बनाकर केवल उनको हल करने की विधियाँ विकसित करके उन्हें हल ही न करें, अपितु स्वयं को समझ में आने वाली अपनी भाषा में परिभाषाएँ भी बना सकें। जरूरी नहीं है कि ये परिभाषाएँ, आदर्श परिभाषाओं की तरह व्यापक और परिपूर्ण हों। बोझ की समस्या से निपटने के लिए पाठ्यक्रम निर्माताओं ने विभिन्न चरणों में ज्ञान का पुनर्निर्धारण करते समय बच्चों के मनोविज्ञान एवं अध्यापन के लिए उपलब्ध समय का ध्यान रखने की पहले से अधिक सचेत कोशिश की है। इस कोशिश को और गहराने के यत्न में यह पाठ्यपुस्तक सोच-विचार और विस्मय, छोटे समूहों में बातचीत एवं बहस और हाथ से की जाने वाली गतिविधियों को प्राथमिकता देती है।

Blackmail: ब्लैकमेल

by Santosh Pathak

ब्लैकमेलिंग का एक मामूली सा दिखने वाला केस अचानक ही बुरी तरह उलझकर रह गया। एक के बाद एक कत्ल होने लगे। किसी का कोई सिर पांव मेरी समझ में नहीं आ रहा था। ना ही मेरे मौजूदा केस से हत्या की उन वारदातों का कोई लेना देना दिखाई देता था। मगर इस बात में कोई शक नहीं था कि मैं हत्यारे के जाल में लगातार उलझता जा रहा था। वह लाशें बिछा रहा था और मैं बरामद कर रहा था। कातिल मुझसे बस एक कदम ही आगे आगे चल रहा था, बावजूद इसके मैं उसके किरदार से अंजान था, कोई हिंट तक नहीं था कि वह कौन था। फिर अचानक ही दिमाग की बत्ती जल उठी, मगर अफसोस इस बात का था कि तब तक मैं खुद भी हत्यारे की गोली का शिकार हो चुका था।

Papi Dharmatma: पापी धर्मात्मा

by Omprakash Sharma

जनप्रिय लेखक ओमप्रकाश शर्मा जी का लेखन एक अलग संसार की रचना करता है। एक ऐसा संसार जिसमें जीवन का स्पंदन और मानवता का रंग अपने सकारात्मक आयाम में उभरता है। ‘पापी धर्मात्मा’ एक ऐसे नायक कि कथा है जो परिस्थितिवश जासूस से आध्यात्मिक राह पर चलकर योगी बन जाता है। अपने जीवन में वह योगी बनने के उपरान्त क्या करता है, और क्यों करता है, यह देखना पाठक के अंतर्मन की परतों को कुछ इस प्रकार उद्घाटित करता है कि उपन्यास के अंत तक वह अनिवर्चनीय आनंद से संतुष्ट हो उठता है। यह छोटा सा उपन्यास एक जीवन दर्शन दे जाता है। इस उपन्यास को पढ़कर मानवता का सही अर्थ आप सहज ही जान सकेंगे। राजनीति की दशा और दिशा भी जान सकेंगे। आज के समय में पनप रही व्यग्रता के मध्य यह उपन्यास एक प्रकाश स्तंभ के समान आपकी सोच को सही दिशा दे सकेगा। ये एक अलग किस्म का उपन्यास है। एक समग्र वक्तव्य है।

Kahaniyon ka Thela: कहानियों का ठेला

by Deepali Kiran and Payal Dhabalia

सकारात्मक ऊर्जा लिए, गुजरे लम्हों के अनुभवों को, कल्पनाओं को, अंतर्मन के भावों को शब्दो में पिरोकर पाठको के सम्मुख, कहानियो के संग्रह के रूप में प्रेषित करती किताब, ‘कहानियों का ठेला’ जिसमे समाहित है मानवीय जीवन के सभी भाव। प्रेम, पीड़ा, जिज्ञासा, व्यथा, आनंद जैसे सभी भावों की सरल और सहज प्रस्तुति है ‘कहानियों का ठेला’। सभी आयु वर्ग के पाठको के ह्रदय को स्पर्श करने के प्रयास से सृजन की हुई लघुकथाओ का संग्रह।

Taqdir Ka Tohfa: तक़दीर का तोहफ़ा

by Surender Mohan Pathak

इस पुस्तक में दस कहानियाँ हैं, ये हैं - तक़दीर का तोहफ़ा, टीपू सुलतान की डायरी, बीवी का चश्मा, मौत की घड़ी, शतरंज के मोहरे, शिकारी का शिकार, रेलवे क्रॉसिंग, मीनार वाली हवेली, विशालगढ़ एक्सप्रैस और भूत बसेरा। हिंदी अपराध कथा साहित्य के सबसे लोकप्रिय लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक का प्रथम प्रकाशित 'रहस्य कथा संग्रह। सुरेन्द्र मोहन पाठक अपराध कथा साहित्य की दुनिया के सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक हैं। इन्होंने 1950 के दशक के अंत में अपने लेखन की शुरआत की और जासूसी-अपराध कथाओं में लगातार ऐसे कीर्तिमान खड़े किये जिसकी बराबरी करना नामुमकिन है। 300 से भी ज्यादा उपन्यास लिख चुके हैं जिनमें सुनील सीरीज़, विमल सीरीज़ और सुधीर कोहली सीरीज़ ने सबसे ज्यादा चर्चा हासिल की।

Darwin Justice: डार्विन जस्टिस

by Pravin Kumar

"किसी को उम्र के 16वें मोड़ पर चाहना, इस सृष्टि का सबसे खूबसूरत एहसास है।"हमारे पूर्वजों के साथ ज़मीन के बंटवारे में अन्याय हुआ है। एक आदमी के पास मरने के बाद शव दफनाने तक की जगह नहीं है और एक आदमी के पास इतनी जमीनें हैं कि उसे पता ही नहीं है कि उसके पास कितनी जमीनें है। हमें ज़मीन चाहिए। सबको जीने का हक़ है. भूखे मरने से अच्छा है. संघर्ष करो। उनकी जमीनें छीनो! जहाँ लड़ाई अस्तित्व बचाने की हो, वहाँ युद्ध का कोई नियम नहीं होता। कल जब इतिहास के पन्ने सवाल करेंगे तो जवाब होगा कि हाँ, हमने बच्चों को मारा। इसलिए मारा कि कल ये बच्चे बड़े होकर नक्सल बनते। हाँ, हमने औरतों को मारा क्योंकि वे औरतें नक्सल पैदा करती थीं और जवान तो नक्सल थे ही। इन्हें तो हर हाल में मारना ही था हमें। बिहार के इतिहास को बुद्ध, महावीर के शांति सन्देशों के अलावा सामाजिक संरचना में ' डार्विन जस्टिस की थ्योरी को समझाना था। सामाजिक संरचना में सदियों से चला आ रहा असंतुलन, संतुलित होने के नाम पर रक्त रंजित होने जा रहा था। तैयारियाँ शुरू हो गईं। लोग दूर दराज़ से आने लगे। जिन्हें अपने खेतों से लाल झंडे हटवाने थे, वे मनचाहा योगदान देने को तैयार थे। अनय और चश्मिश की कहानी काल के किसी कार्यक्रम का हिस्सा है। किसी इंसान के बहाने इंसानियत को कलंकित करना है। उसे 'कार्ल मार्क्स' के अंदर 'डार्विन के सिद्धान्त' को समझाना है। उसे समझाना है कि 'न्यूटन का सिद्धान्त' सिर्फ़ भौतिकी विज्ञान की किताबों में ही नहीं बल्कि सामाजिक संरचना के अंदर भी घुसा है। उसे समझाना है कि 'लिंकन' के जिस प्रजातंत्र का हम दम्भ भरते हैं, वहाँ भी 'डार्विन की थ्योरी' चुपचाप अपना काम करती रहती है।

Trishuldhari - Devo Aur Asuro Ki Kahaniyan: त्रिशूलधारी: देवों और असुरो की कहानियाँ

by Satyam Srivastava

देवों और असुरों की एक ऐसी कहानी, जिसमें ध्रुव-लोक नाम के मिथिकीय देश में भगवान्‌ शिव का त्रिशूल रखा है, जिसे सदियों से कोई भी धारण नहीं कर सका है। भविष्यवाणी, शपथ, वरदान और अभिशाप के साथ न्याय, कर्तव्य और प्रेम के बीच एक साहसिक युद्ध की परिस्थितियाँ बन चुकी हैं। शक्तिशाली त्रिशूल को किसने धारण किया? अवश्यंभावी युद्ध में भगवान्‌ विष्णु किसका पक्ष लेंगे? क्या एक सदाचारी अपनी शपथ का पालन करने के लिए अधर्म करेगा? क्या एक निम्नवर्गीय छात्र के साथ अन्याय होगा? क्या एक राजा अपने पुत्र-प्रेम में बँध जाएगा? धर्म का पालन कौन करता है और कौन डगमगा जाता है? एक युद्ध-कथा इस विषय पर कि मनुष्य होने का अर्थ कया होता है! प्रस्तुत पुस्तक आपको इस महागाथा के मूल तक ले जाती है। देवों और असुरों की सेनाएँ अपनी शक्तियों का प्रदर्शन करने के लिए आमने-सामने खड़ी हैं। सभी के प्रारब्ध आपस में टकराने वाले हैं और एक भीषण संग्राम छिड़ने वाला है।

Anant aur Rakshkatha: अनंत और रक्षकथा

by Hitesh Gangrade

शैतानी बादल... मंगल के देव... शक्तिशाली दैवीय धनुष... और बीस फीट ऊँचे दानवों से, उन्नीस वर्षों तक अनजान रहने वाला सीधा-साधा, सामान्य-सा युवक 'लक्ष्य', जो समस्त मानवजाति के लिये तब उम्मीद बन जाता है, जब उसका सामना होता है एक ऐसे युद्ध से, जिसका वह कभी हिस्सा न बनता, यदि रामायण काल के शक्तिशाली राक्षस का रहस्य उसके सामने न आता। उन्नीसवें जन्मदिन पर अपनी दोस्त मेघा को खोने के बाद अकस्मात घटने वाली घटनाओं की श्रृंखला से उसका जीवन बदल जाता है। अपने पिता और दोस्तों के सहयोग और महाशक्तिशाली अनंत के मार्गदर्शन से लक्ष्य को तय करना है समस्त मानवजाति का भविष्य।

Agnishikha: अग्निशिखा

by Sameer

समीर को रोमांटिक उपन्यास सम्राट कहते हैं। समीर इश्क और मोहब्बत का तानेबाना ऐसा बुनते हैं कि आपको लगता है कि आपकी आंखों के सामने कोई चलचित्र चल रहा है। प्यार की टीस, दर्द का एहसास, नायिका के हृदय की वेदना, नायक के हृदय की निष्ठुरता का वर्णन मर्मस्पर्शी होता हैं। इसके बाद नायिका को पाने की तड़प और दिल की कशिश का अनुभव शब्दों की चासनी में इस कदर डूबो कर परोसते हैं कि पाठक वाहवाह कर उठता है। समीर अपने साथ अपने पाठकों को भी प्रेम रस के सागर में सराबोर करते हैं जिससे वह एकबार में ही पूरा उपन्यास पढ़े बगैर नहीं रहता। प्यार एवं इश्क की तड़प के तानबाने में उलझा समीर का नया उपन्यास ‘अग्निशिखा’ आपके हाथ में है।

Chausar - The Game of Death: चौसर - द गेम ऑफ डेथ

by Jitender Nath

मुम्बई महानगर। न जाने कितने रहस्यों को अपने अंदर समेटे हुए सपनों का शहर। जब इंस्पेक्टर सुधाकर शिंदे एक कम्पनी के लापता हुए लोगों की तलाश में मुम्बई में निकला तो फिर शह और मात का एक ऐसा खेल शुरू हुआ जिसमें हर खिलाड़ी सिर्फ जीतना चाहता था। जिन्दगी और मौत के बीच बिछी चौसर की बिसात पर अपने कर्तव्य-पथ पर बढ़ते वीरों की हैरतअंगेज दास्तान…

Ram Ki Agni Pariksha: राम की अग्निपरीक्षा

by Bhuwaneshwar Upadhyay

पौराणिक उपन्यास "मानवीय गुणों की चर्मोत्कर्ष गाथा : राम" बाल्मीकि रामायण की मूल प्रासंगिक घटनाओं को आधार बनाकर राम के जीवन चरित्र को उद्घाटित एवं विश्लेषित करने वाली एक औपन्यासिक रचना है। वैचारिक, मनोवैज्ञानिक, धार्मिक एवं समसमायिकता के मूल सिद्धांतों के आधार पर विभिन्न संवादों और चर्चाओं के माध्यम से इस कृति में रामयण की अनेक और महत्वपूर्ण घटनाओं को पुनः नये सिरे से परिभाषित करने का प्रयास किया है। इस उपन्यास की मुख्य विशेषता इसके तार्किक संवादों, नवीन प्रस्तुतिकरण, और विश्लेषणात्मकता है। जो पाठक को राम के जीवन को एक अलग दृष्टि से जानने और समझने के लिए प्रेरित करती है और मस्तिष्क में उभरे कई प्रश्नों के उत्तर भी देती है, जैसे कि राम की मानवीय जीवन यात्रा कैसे ईश्वरत्व तक पहुँच गई। कालखंड और उत्पन्न परिस्थितियाँ के मध्य स्थापित आदर्श मानवीय जीवन और उसके नैतिक मूल्यों को कैसे प्रभावित करते हैं? आदि... इस कृति में श्रीराम एक सहज और मर्यादित मानवीय जीवन जीते हुए केवल मर्यादापुरुषोत्तम ही नहीं, बल्कि एक ऐसे नायक बनकर उभरते हैं जो उपदेश नहीं देता और न आदेश, बल्कि अपने कठोर निर्णयों, त्याग और पुरुषार्थ के द्वारा उच्चादर्शों और मानवीय मूल्यों को अपनी जीवनशैली में शामिल किया और स्वयं आदर्श स्थापित किये।

Zahir: ज़ाहिर

by Paulo Coelho

ज़ाहिर का कथाकार एक बेस्टसेलिंग उपन्यासकार है, जो पेरिस में रहता है और संपन्नता तथा सेलिब्रिटी जैसे रुतबे का आनंद ले रहा है। एस्तर दस वर्षों से उसकी पत्नी है और एक युद्ध संवाददाता है, जो अपने मित्र मिखाइल के साथ ग़ायब हो जाती है। यह व्यक्ति उसका प्रेमी हो सकता है या नहीं भी। क्या एस्तर का अपहरण हुआ था, हत्या हुई थी या वह केवल उस विवाह से बचना चाहती थी जिससे वह असंतुष्ट थी? कथाकार के पास इसका कोई जवाब नहीं है, लेकिन उसके पास कई सवाल हैं। एक दिन मिखाइल कथाकार को ढूंढ़ लेता है और उसे उसकी पत्नी से पुन मिलाने का वादा करता है। अपने खोए हुए प्रेम को पाने की कोशिशों में कथाकार को स्वयं के बारे में अनपेक्षित बात पता चलती है। जुनून पर आधारित एक रहस्य से घिरी कहानी, ज़ाहिर हमारे सपनों को पूरा करने और साथ ही उन्हें मिटा देने की संभावनाओं को तलाशती है।

Sanyasi Ki Tarah Soche: संन्यासी की तरह सोचें

by Jay Shetty

इस प्रेरक और सक्षम पुस्तक में शेट्टी संन्यासी के रूप में अर्जित ज्ञान का लाभ लेकर हमें सिखाते हैं कि हम अपनी क्षमता और शक्ति की राह में आने वाले अवरोधों को कैसे हटा सकते हैं। प्राचीन बुद्धिमत्ता और आश्रम के समृद्ध अनुभवों को मिश्रित करने वाली यह पुस्तक यह उजागर करती है कि हम नकारात्मक विचारों व आदतों से कैसे उबर सकते हैं और उस शांति तथा उद्देश्य तक कैसे पहुँच सकते हैं, जो हम सभी के भीतर मौजूद है। वे अमूर्त सबक़ों को सलाह और अभ्यासों में बदल देते हैं, जिनका इस्तेमाल करके हम सभी अपना तनाव कम कर सकते हैं, अपने संबंधों को बेहतर बना सकते हैं और अपनी प्रतिभा से संसार को फ़ायदा पहुँचा सकते हैं। शेट्टी इस पुस्तक में यह साबित कर देते हैं कि हर व्यक्ति संन्यासी की तरह सोच सकता है - और उसे सोचना ही चाहिए।

The Suicide Case - Safar Rahasyon Kaa: दि सुसाइड केस: सफ़र रहस्यों का

by Supriya Pravah

हिमालय यात्रा से आने के सिर्फ तीन दिन बाद ही सुपरस्टार आरव की लाश रेल की पटरी पर मिलती है। आरव की संदेहास्पद मौत की जाँच करते हुए उसकी एक्स गर्लफ्रेंड एसीपी कलसी, उसका दोस्त दीपक व उसका वकील अरुणाचल पहुंचते है। नन्हे लामा और वकील के लापता होते ही एसीपी कलसी के शक की सुई वकील पर अटक जाती है। आखिर क्या है आरव की मौत का राज? मुंबई से अरुणाचल, नेपाल, तिब्बत, कैलाश और फिर मुंबई से इंदौर, रुड़की तक के इस रोमांचक रहस्यमई यात्रा में मर्डर मिस्ट्री के साथ दोस्ती, प्यार, व्यथा और भावुकता है। यह अद्भुत कहानी है एक मानव जीवन के संघर्ष, उसके जीने की इच्छा और आत्मदर्शन की।

1984: १९८४

by George Orwell

1984 सर्वसत्तावादी शासन के खतरों से आगाह करने वाला विश्वविख्यात उपन्यास है। यह अनिवार्यतः विचार और भाषा के सम्बन्धों पर केन्द्रित एक कृति है। जाहिर है, जब विचार और भाषा एक-दूसरे को प्रभावित करते हों तो यह परिघटना किसी कालखंड में बँधी नहीं रह सकती। जब-जब कोई विचार विशेष सत्ता में होगा, उससे जुड़ी शब्दावली भी वापस प्रचलन में आएगी। यही बात इस उपन्यास को सार्वकालिक नहीं बनाती है और, उसको सर्वोपरि बनाए रखने के लिए अगर व्यवस्था को नागरिकों से भी महत्त्वपूर्ण मान लिया जाएगा तब किसी राज्य और समाज के लोगों को करना एक ऐसी परिस्थिति का सामना करना पड़ेगा, जहाँ कोई प्रत्यक्ष जंजीर भले न हो, लेकिन आज़ादी नहीं होगी; जीवन भले हो पर कोई गरिमा न होगी।

Naina: नैना

by Sanjeev Paliwal

भारत की सबसे पसंदीदा समाचार एंकर, नैना वशिष्ठ की घर से 500 मीटर से भी कम दूरी पर उस समय हत्या कर दी जाती है जब वह अपने पड़ोस के पार्क में टहलने जाती थी। वह जितनी ग्लैमरस हैं उतनी ही महत्वाकांक्षी भी, मीडिया और राजनीतिक हलकों में उनका एक जाना-पहचाना नाम है और उनके चैनल की टीआरपी के लिए वह महत्वपूर्ण हैं।

Lachhaman Gun Gatha: लछमन गुन गाथा

by Rajendra Arun and Vinod Bala Arun

लछमन गुन गाथा एक किताब है जिसमें लक्ष्मण के जीवन और चरित्र का चित्रण किया गया है. इस किताब के बारे में कुछ लोगों का कहना है कि यह बहुत अच्छी है और इससे चरित्र को मज़बूत करने की ताकत मिलती है. इस किताब में लक्ष्मण को महापराक्रमी, श्रेष्ठ योद्धा, बुद्धिमान, धर्मज्ञ, नीतिज्ञ, शास्त्रज्ञ, वाक्-निपुण, दूरदर्शी, सेवाव्रती, आत्मवान्, जितेंद्रिय, परम संयमी, वैराग्यवान् और सदाचारी बताया गया है.

Aadan Pradan Ki Kala: आदान प्रदान की कला

by Adam Grant

हर व्यक्ति जानता है कि कड़ी मेहनत, तक़दीर और प्रतिभा जमरे कामकाजी जीवन में बड़ी भूमिका निभाते हैं। इस बेहतरीन पुस्तक में ऐडम ग्रांट ने एक चौथे महत्वपूर्ण तत्त्व की उपयोगिता बताई है कि शीर्ष पर पहुंचने का सर्वश्रेष्ठ रास्ता है अन्य लोगों को अपने साथ लाने पर ध्यान केंद्रित करना। यह पुस्तक कामयाबी के बारे में हमारी मूलभूत समझ में बदलाव लाती है तथा सहयोगियों, ग्राहकों और प्रतिस्पर्धियों के साथ हमारे रिश्तों के लिए नए मॉडल को प्रस्तुत करती है। ग्रांट ने वॉर्टन बिज़नेस स्कूल में प्रोफ़ेसर क रूप में अपने गहन शोध का इस्तेमाल करने के साथ ही हॉलीवुड से लेकर इतिहास तक कि सफलता की कहानियों के माध्यम से दिखाया है कि अन्य लोगों की मदद करने से हमें अधिक व्यक्तिगत सफलता मिलती है।

Jinni: जिन्नी

by Anuja Chauhan

इस उपन्यास में अनुजा चौहान ने भारतीय लोक सभा इलेक्शन के रोलरकोस्टर राइड का रोमांच दर्शाया है। किताब में बहुत ही होशियार और वास्तविक किरदार पेश किए गए हैं। अनुजा दिलचस्प किरदार और बोल्ड अंदाज़ से भारतीय संस्कारों का गिरेबान पकड़ के पन्ना दर पन्ना पाठकों को हंसाते हुए आखिर तक उन्हें मजबूती से थामे रखती हैं साथ ही वो भारत और इंडिया के बीच तेजी से उभरती नई भाषा को बहुत विश्वसनीय ढंग से रखते हुए इनके मज़ेदार संयोजन को रचती हैं।

Khwahishon Ka Safar: ख्वाहिशों का सफर

by Dewashish Upadhyay

अंकुर ठाकुर बिहार के आरा जिले का एक मेधावी छात्र था, परंतु उसकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी। हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा में जिले में टॉप करने के बाद उसके पिताजी आईआईटी की तैयारी का चाहते थे लेकिन उनके पास फीस भरने को पैसा नहीं था। बावजूद इसके अंकुर अपनी काबिलियत के दम पर फ्री सीट पर कोटा की एक प्रतिष्ठित कोचिंग में एडमिशन प्राप्त करता है। पहले प्रयास में आईआईटी मेंस में अच्छे नंबर आने के बावजूद एडवांस एग्जाम से 15 दिन पहले उसे डेंगू हो जाता है, जिसके कारण उसका IIT में फाइनल सलेक्शन नहीं हो पाता है। दूसरे अटेम्प्ट में मेंस से 3 दिन पहले उसके पिताजी का देहांत हो जाता है, उसके पास इतना भी पैसा नहीं होता है कि वह टिकट लेकर अपने गांव आरा जा सके। वह बिना टिकट यात्रा करता है लेकिन विदाउट टिकट पकड़ लिया जाता है। जिसके कारण वह गांव की बजाय जेल पहुंच जाता है... दम तोड़ती ख्वाहिशों से, संघर्ष की ऐसी दास्तां जो आपके रोंगटे खड़े कर देगी। जिसमें जेल की दुनिया के अनुभव, प्राइवेट नौकरी की दुश्वारियों का विवरण, प्लेटफॉर्म की दुनिया से रूबरू, होने के साथ ही कंपटीशन की अनिश्चितता और असफलता के दौर में हौसले को बनाए रखने का सजीव चित्रण किया गया है। किसी भी कंपटीशन में संघर्ष, आपका स्वयं से होता है न कि दुनिया और प्रतियोगियों की भीड़ से! सफलता हासिल करने की खातिर, आपको स्वयं की भावनाओं पर नियंत्रण स्थापित कर, आंतरिक रूप से स्वयं के आत्म बल को इतना मजबूत करना होगा कि असफलता आपके हौसले के आगे घुटने टेक दे।

Vrindavan Ka Bhikshuk: वृंदावन का भिक्षुक

by Sunil Khanduri

हिमालय की बर्फीली चोटियों के मध्य स्थित एक शांत और मनोरम गांव, जिसकी सुन्दर छटा के बीच एक साधक – देवदास, अपने उज्जवल भविष्य के स्वप्न संजोए है। वह स्वयं को भविष्य के एक श्रद्धेय, सम्मानित और गणमान्य साधु के रूप मे देखता है। एक प्रतिभाशाली विद्वान और आश्रम के सभी कार्यों में निपुण इस साधक की यात्रा के साथ कई ज़िन्दगियों का ताना बाना बुना हुआ है। देवदास के देखते-देखते, उससे भी अल्पज्ञानी और कनिष्ठ साधक अपने सपनों का भविष्य संजोने आश्रम छोड़कर जा चुके हैं जबकि ज्ञान से परिपूर्ण, और सक्षम होने के बाद भी आश्रम के संचालक उसकी भविष्य की योजनाओं की ओर घ्यान नहीं दे रहे हैं। यह देवदास को कुछ संदेहास्पद लग रहा है। उसकी समझ में नहीं आ रहा है कि उसे अपना भविष्य चुनने की स्वतंत्रता क्यों नहीं दी जा रही है? वह स्वयं को अलग-थलग एवं अकेला महसूस करता है। आश्रम छोड़ने के वर्षों बाद भी उसका जीवन केवल अव्यवस्थाओं से परिपूर्ण है और दिन-प्रतिदिन परिस्थितियां चुनौतिपूर्ण होती जा रही हैं। देवदास घोर आश्चर्य में है कि उसे बाहरी रूप से तो अपना जीवन सामान्य और सम्पन्न लग रहा है परन्तु अवचेतना में वह एक भयानक नरक से गुजर रहा है। जब कभी वह दुविधा में होता है तो उसके मस्तिष्क की अवचेतना की ध्वनि जीवन्त हो उठती है। वह ध्वनि उसके लिए परिस्थितियों को पहले से दुष्कर बना देती है। फलस्वरूप देवदास भी पहले से अधिक भ्रमित और भयाक्रांत हो जाता है। गुरूदेव उसे अपने निर्णयानुसार, अपने सपनों को मूर्त रूप देने की दिशा में आगे बढ़ने से क्यों रोक रहे थे? क्या देवदास अपनी नित्य-प्रति की परेशानियों का कारण जान पाएगा? भिक्षुक रचना त्रयी की पहली पुस्तक “वृंदावन का भिक्षुक” जीवन की यात्राओं को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए आवश्यक, मूलभूत बातों पर प्रकाश ड़ालती है।

Sachin Tendulkar - Meri Atmakatha: सचिन तेंदुलकर - मेरी आत्मकथा

by Sachin Tendulkar

क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले सचिन तेंदुलकर शिखर पर 24 अद्भुत वर्ष बिताने के बाद 2013 में रिटायर हो गए। अब तक के सबसे मशहूर भारतीय क्रिकेटर सचिन को भारत रत्न पुरस्कार - भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान उनके रिटायरमेंट के दिन मिला। अब सचिन तेंदुलकर अपनी खुद की उल्लेखनीय कहानी बता रहे हैं- 16 साल की उम्र में पहले टेस्ट से लेकर उनके 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक तक और उस भावनात्मक अंतिम विदाई तक, जिसने उनके देश को थाम सा दिया था। जब मुंबई के एक शरारती बच्चे की अतिरिक्त ऊर्जा को क्रिकेट की और मोड़ा गया, तो परिणाम स्कूली बल्लेबाज़ी के रिकॉर्डतोड़ कीर्तिमान के रूप में सामने आए, जिससे एक ऐतिहासिक क्रिकेट करियर शुरू हुआ। जल्द ही सचिन तेंदुलकर भारतीय बल्लेबाज़ी की बुनियाद बन गए और क्रिकेट को समर्पित देश के दीवाने लोग उनके खेल को ग़ौर से देखने लगे। किसी क्रिकेटर से कभी इतनी ज़्यादा उम्मीदें नहीं की गईं; किसी क्रिकेटर ने कभी इतने उच्च स्तर पर इतने लंबे समय तक और इतनी बढ़िया शैली में प्रदर्शन नहीं किया- उन्होंने किसी भी दूसरे खिलाड़ी से ज़्यादा रन और शतक बनाए हैं, टेस्ट मैचों में भी और एक दिवसीय मैचों में भी। उनकी मशहूर शख़्सियत के बावजूद, सचिन तेंदुलकर हमेशा बहुत निजी इंसान रहे हैं, अपने परिवार तथा देश के प्रति समर्पित। वे पहली बार अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में विस्तार से रोचक जानकारी दे रहे हैं और एक अनूठे खेल जीवन का सच्चा व सरस वर्णन पेश कर रहे हैं।

Fifty Shades Darker: फिफ्टी शेड्स डार्कर

by E. L. James

युवा उद्यमी क्रिस्टियन ग्रे की जिंदगी के काले गहरे रहस्यों से घबरा कर, एना स्टील उससे अपना संबंध तोड़ देती है और एक यू एस प्रकाशन गृह में अपने कॅरियर की शुरुआत करती है। पर उसका दिल, दिन-रात ग्रे के लिए तड़प रहा है और जब वह एक नई व्यवस्था के साथ सामने आता है, तो वह उसे इंकार नहीं कर पाती। जल्द ही वह उसके जीवन के ऐसे पचासों कड़वे रंगों व अतीत के कठोर पलों से रु-ब-रु होती है, जो उसकी कल्पना से भी कहीं परे थे। ऐसे रंग, जिन्होंने ग्रे को बुरी तरह से तोड़ दिया है, उसके बचपन की यादों को नफरत के ज़हर से भर दिया है। पर जब ग्रे अपने भीतर बसे राक्षसों से लड़ने का फैसला ले लेता है, तो एना के सामने एक अहम सवाल आ खड़ा होता है कि वह उसे अपनाए या छोड़ दे?

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