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Aditi Aur Uske Doston Ki Grendel Se Mulaqaat

by Suniti Naamjoshi

‘अदिति और उसके दोस्‍तों की ग्रेंडल से मुलाकात’इस कहानी में- अदिति की नानी बीमार हैं, और एक खास गुलाब है जो उन्‍हें ठीक सकता है उसकी खोज अदिति और उसके जाँबाज साथियों को इंग्‍लैंड में स्थित डेवन के तट पर ला पहुँचाती है। वहाँ उनकी मुलाकात ग्रेंडल से होती है जो एक ऐसा बच्‍चा है जो समुन्‍दर में रहता है, रात में दूसरों को डराता है, जिसे कुछ भी याद नही रहता और अदिति और उसके जाँबाज साथी उसकी इस आदत को सुधारते है। अंत में गहरे गुलाब की खोज कर लेते है। 'Aditi aur Uske Doston ki Grendel se Mulaqaat' In this story - Aditi's grandmother is ill, and there is a particular rose which can cure her.In search of the flower they land on the coast of Devon. She met a child who lives in the sea, at night scares others. Aditi and her brave companions have this habit of his corrected. Finally She discovers the deep rose.

Martin Luther King

by Dinkar Kumar

Against the backdrop of beatings, killings, bombings, threats and imprisoning, emerged Martin Luther King, driven to uplift all Americans, even if it meant martyrdom. This biography is a stellar introduction to the foremost leader of the civil rights movement. We gain critical insight into the Kennedy and Johnson Administrations, as King negotiated with the presidents for equal rights for blacks.

Meluha Ke Mritunjay: मेलूहा के मृत्युंजय

by Amish Tripathi

जब बुराई एक महाकाय रूप धारण कर लेती है, जब ऐसा प्रतीत होता है कि सबकुछ लुप्त हो चुका है, जब आपके शत्रु विजय प्राप्त कर लेंगे, तब एक महानायक अवतरित होगा।क्या वह रूखा एवं खुरदुरा तिब्बती प्रवासी शिव सचमुच ही महानायक है? और क्या वह महानायक बनना भी चाहता है अथवा नहीं? अपने प्रारब्ध एवं कर्तव्य की ओर खिंच जाने वाले एवं साथ ही प्रेम से प्रेरित शिव क्या सूर्यवंशियों के प्रतिशोध में उनका नेतृत्व करेंगे और बुराइयों का नाश करेंगे?यह शिव रचना त्रयी की प्रथम पुस्तक है। शिव एक साधारण मनुष्य है जिसके कर्म उसे देवों के देव महादेव में परिवर्तित कर देते हैं।

Rajaneetik Bhugol - Ranchi University, N.P.U: राजनीतिक भूगोल - राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.

by Dr Ratan Kumar Dr Sudipta Adhikari

राजनीतिक भूगोल इस पुस्तक में समग्र रूप में चर्चा करने का प्रयास किया गया है । प्रत्येक अध्याय में तथ्यों को उदाहरण देकर स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है, जिससे कि तथ्यों को समझने में आसानी हो सके । यह पुस्तक स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर के विधार्थियों के लिए राजनीतिक भूगोल के आधारभूत सिद्धान्तों तथा राजनीतिक भूगोल की बदलती प्रकृति को बेहतर ढंग से समझने के दृष्टिकोण से तैयार किया गया है ।

Bodh ke Vividh Rang: बोध के विविध रंग

by Kusumlata Malik

कुसुमलता मलिकजी ने अपने जीवन के लंबे रंगानुभव को 'बोध के विविध रंग' के रूप में पाठकों के हाथों में सौंपा है। नाटक अपने समय और समाज का होता है। समय की तीव्र गति समाज के ठहराव में हलचल पैदा करती है। इस हलचल से जो संबंध बनते-बिगड़ते हैं, नाटक में ही नहीं वरन् साहित्य की प्रत्येक विधा में उन्हीं की छवि प्रतिभासित होती है। आभास और प्रत्याभास से संयुक्त अहसास को प्रस्तुत पुस्तक में रखने की कोशिश की है। जिस तरह नाटक में साहित्य की समस्त विधाएँ अपना रूपाकार खोकर नाटक से एकात्म अर्थात् एकाकार हो जाती हैं, ठीक वैसे ही पाठकों को कृति सौंपकर कृतिकार भी स्वयं को खो देता है। खोने के इस आनंद का अनुभव समय-समय पर आगत पाठकों की प्रतिक्रियाओं से होता है।

Colonel Jim Corbett

by K. R. Pandey

This is biography of great nature lover to had said to save forest and its animals from human being. This biography by Pandey gives a vidvid discription of life of Colonel jim Corbett. In the modern era where we are killing our nature and its resources this is a very good read for all of us.

Prachin Evam Madhyakalin Bharat Ka Rajnitik Chintan - Delhi Vishvavidyalaya: प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत का राजनीतिक चिंतन - दिल्ली विश्वविद्यालय

by Dr Ruchi Tyagi

डॉ. रुचि त्यागी द्वारा संपादित 'प्राचीन एवं मध्यकालीन भारतीय राजनीतिक चिंतन: प्रमुख परम्पराएं एवं चिंतक' पुस्तक को इस कड़ी कापहला महत्वपूर्ण प्रयास माना जा सकता है । इसमें नये पाठ्यक्रम के अनुसार 'ब्राह्मणवादी, श्रमणीय, इस्लामी व समन्यवादी परम्पराओं' पर विस्तारपूर्वक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है । साथ ही, वेदव्यास द्वारा प्रतिपादित राजधर्म, मनु द्वारा प्रतिपादित सामाजिक दण्ड संहिता, कौटिल्य का सप्तांग सिद्धांत, अगन्न सुत्त का राजत्व संबंधी सिद्धांत तथा संत कबीर के समन्वयवाद पर नए अध्याय जोड़ दिए गए हैं ।

Prachin Bharat Ka Itihas - Delhi University: प्राचीन भारत का इतिहास - दिल्ली यूनिवर्सिटी

by Dwijendranarayan Jha Krishnamohan Shrimali

हिंदी माध्यम कार्यान्वय निदेशालय की ओर से प्रो. द्विजेंद्रनारायण झा एवं प्रो. कृष्णमोहन श्रीमाली द्वारा संपादित पुस्तक प्राचीन भारत का इतिहास का 35वा पुनर्मुद्रण करवाया जा रहा है। इस पुस्तक में इतिहास की भौगोलिक पृष्ठभूमि, स्रोत, प्रागैतिहासिक, पुरातत्त्व, वैदिक साहित्य, ईसा पूर्व शताब्दी में धार्मिक आंदोलन, महाजन पदों के उदय व यूनानी आक्रमण, मौर्यकाल, गुप्तकाल, इत्यादि विषयों पर विस्तारपूर्वक लिखा गया है। इसमें न केवल पाठकों को ऐतिहासिक जानकारी उपलब्ध कराई गई है अपितु उसे उचित सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक परिवेश में भी संजोया गया है। लेखकों का प्रयास रहा है कि प्राचीन भारत के इतिहास का निष्पक्ष विश्लेषण कर सकें। इसके लिए उन्होंने तात्कालीन, सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक प्रणालियों का विश्लेषण तो किया ही है साथ ही उस समय के साहित्य का भी अवलोकन किया है ताकि कल्पना व तथ्य में समन्वय स्थापित किया जा सके ।

Tisca Ashcharya lok Mein

by Eva Bell

The book is about a girl Tiska who reached a forest following a bird and she meet a magician Rararumpa. The magician gives a lot of happiness. She also met with children who were learning to be happy. प्रस्‍तुत पुस्‍तक में एक लड़की टिस्‍का की कहानी है जो एक चिड़िया का पीछा करते हुये जंगल पहुंच जाती है और वहाँ उसकी मुलाकात एक जादूगर रारारूम्‍पा से होती है जो उसे ढेर सारी खुशियां देता है और फिर उन बच्‍चों से मिली जो सीख रहे हैं कि कैसे खुश रहना चाहिए।

Louis Braille Ki Kahani

by Manimala Das

The book, gives the history of Braille. Louis Braille the inventor of braille has been featured around the globe as hope to the visually impaired and has given dignity and purpose of living. प्रस्‍तुत पुस्‍तक में ब्रेल के इतिहास के साथ-साथ उस असाधरण आविष्‍कारक के जीवन को भी चित्रित किया गया है जिसने विश्‍व भर में नेत्रहीनों को एक उम्‍मीद, सम्‍मान और जीने का मकसद दिया गया है।

Uttrakhand Ki Lok Kathayen

by Deepa Agrawal Swati Kashyap

Uttarakhand city of temples and shrines known as the Dev-land. Gorgeous snow-capped Himalayan peaks, glittering glaciers, valleys and dense forests with flowers decorated their surroundings has affection for the people of this state. For this is the true worship of nature worship. This collection of sixteen stories this close relationship between man and nature shows.

Bahadur Boofy

by Alka Shanker

‘बहादुर बूफी’एक छोटे से पिल्‍ले की कहानी है जिसे एक दम्‍पत्ति दुकान से खरीदकर अपने घर लाते है और उसके खाने पीने, खेलने का पूरा ध्‍यान रखते है उनके प्‍यार दुलार से वह बहुत खुश रहता है और बडे होकर उनके घर की रखवाली करता है।' 'Bahadur Boofy' is the story of a small puppy, which was brought to home by a couple from the store. they loved the puppy very much and took care of its food, play and other things. Puppy was also happy and once it grew up, guarded the house.

Ramayana

by Om Book International

The Ramayana is a crucial part of Indian literature and is the story of Lord Rama's journey. The events that are described in the Ramayana are supposed to have been a part of our history and tell us about the importance of relationships and the duties that come with it.

Vikram-Betaal Ki Prasiddh Kahaniyan

by Om Kidz

Stories of adventure, mystery and intrigue - all told by the vampire Betal to King Vikramaditya. Fascinating illustrations bring each story to life.

Shaap: शाप

by Dr Rajeev Gupta

एक निश्छल युवती की मार्मिक प्रेम कथा; जो कि अपने प्रेमी द्वारा छली गई। पर उसके अंतर्मन से निकली चीत्कार उस युवक के लिए शाप बन गई। सुंदर वाक्य-विन्यास एवं सहज शब्दावली के साथ मानवीय भावनाओं एवं घटनाओं का बड़ी ही सूक्ष्मता से चित्रण करती हुई एक अद्भुत कृति।

Bada Soche, Bada Kare: बड़ा सोचें, बड़ा करें

by Ankur Warikoo

अंकुर वारिकू प्रख्यात उद्यमी और कंटेंट क्रिएटर हैं। सफलता और असफलता, धन तथा निवेश, स्व-जागरूकता तथा निजी संबंधों पर उनके गंभीर, विलक्षण और ईमानदारी से भरे विचारों ने उन्हें भारत के शीर्ष पर्सनल ब्रांड्स में से एक बना दिया है। अपनी पहली पुस्तक में अंकुर वे महत्वपूर्ण विचार बताते हैं, जिन्होंने उनकी यात्रा को आगे बढ़ाया है। वे बताते हैं कि किस तरह वे स्पेस इंजीनियर बनना चाहते थे, लेकिन फिर ऐसी सामग्री तैयार करने लगे, जिसे लाखों लोगों ने देखा और पढ़ा है। उनके विचार बहुत प्रभावशाली हैं, जो दीर्घकालीन सफलता के लिए आदतें डालने का महत्व, धन प्रबंधन की बुनियाद का महत्व, असफलता को स्वीकार तथा अंगीकार करने का महत्व और परानुभूति सीखने के बारे में सच्चाई बताते हैं। इस पुस्तक को बार-बार पढ़ना चाहिए, क्योंकि इसकी विषय वस्तु आपको बार-बार सोचने के लिए प्रेरित करेगी। यह ऐसी किताब है, जिसे आप अपने परिवार वालों, मित्रों और अन्य लोगों को पढ़ने के लिए देना चाहेंगे। लेखक की अभिलाषा है कि यह सबसे ज़्यादा भेंट की जाने वाली पुस्तक बन जाए!

Zahir: ज़ाहिर

by Paulo Coelho

ज़ाहिर का कथाकार एक बेस्टसेलिंग उपन्यासकार है, जो पेरिस में रहता है और संपन्नता तथा सेलिब्रिटी जैसे रुतबे का आनंद ले रहा है। एस्तर दस वर्षों से उसकी पत्नी है और एक युद्ध संवाददाता है, जो अपने मित्र मिखाइल के साथ ग़ायब हो जाती है। यह व्यक्ति उसका प्रेमी हो सकता है या नहीं भी। क्या एस्तर का अपहरण हुआ था, हत्या हुई थी या वह केवल उस विवाह से बचना चाहती थी जिससे वह असंतुष्ट थी? कथाकार के पास इसका कोई जवाब नहीं है, लेकिन उसके पास कई सवाल हैं। एक दिन मिखाइल कथाकार को ढूंढ़ लेता है और उसे उसकी पत्नी से पुन मिलाने का वादा करता है। अपने खोए हुए प्रेम को पाने की कोशिशों में कथाकार को स्वयं के बारे में अनपेक्षित बात पता चलती है। जुनून पर आधारित एक रहस्य से घिरी कहानी, ज़ाहिर हमारे सपनों को पूरा करने और साथ ही उन्हें मिटा देने की संभावनाओं को तलाशती है।

Shuttle Ki Rani P. V. Sindhu Ki Biography: शटल की रानी पी. वी. सिंधु की बायोग्राफी

by V. Krishnaswamy

चिडि़यों की उड़ान नौ साल की उम्र में पी.वी. सिंधु ने खेल-खेल में एक विजिटिंग कार्ड डिजाइन किया था, जिस पर लिखा था- बैडमिंटन अर्जुन अवार्डी। चौबीस साल की उम्र में उन्होंने अपनी अलमारी में सन् 2020 के ओलंपिक स्वर्ण पदक के लिए एक स्थान खाली रखा था। ‘शटल की रानी’, इन दो चरणों के बीच उनके सफर की कहानी है। जब वह रेलवे कॉलोनी से प्रशिक्षण मैदान तक प्रतिदिन पचास किलोमीटर से अधिक की यात्रा करती थीं, तो सिंधु का एक ही सपना था- भारत की सर्वश्रेष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ी बनना। वॉलीबॉल, जो उनके माता-पिता का खेल था, उसकी चर्चा डिनर टेबल पर हुआ करती थी, लेकिन स्पोर्ट्स आइकन पुलेला गोपीचंद उनके आदर्श थे। ऐसे समय में जब साइना नेहवाल एक उभरती हुई स्टार थीं, सिंधु भी उन्हीं की अकादमी में शामिल हुई और इस फैसले ने उनकी जिंदगी बदल दी। आज वह एक ओलंपिक रजत पदक विजेता, पद्मभूषण और फोर्ब्स द्वारा जारी दुनिया की सबसे अधिक पैसा कमाने वाली एथलीटों की सूची में शामिल होनेवाली एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं। उन्होंने भारी पराजय के झटके और जोश भरने वाली जीत के साथ विश्वप्रसिद्ध प्रतिद्वंद्विता भी देखी। फिर भी वह एक ऐसी लड़की हैं, जिन्हें फिल्मों, शरारतों और मैसूर पाक से प्यार है। ‘शटल की रानी’ पुस्तक बताती है कि कैसे दिग्गज बैडमिंटन खिलाडि़यों की हताशा युवा पीढ़ी के लिए एक परिवर्तनकारी बदलाव लेकर आई; क्यों भारत में खेल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी एक ही शहर हैदराबाद से आते हैं और इन सबसे बढ़कर, कितने परिश्रम, त्याग और संघर्ष के बाद एक विश्व-विजेता खिलाड़ी तैयार होता है।

Buland Awaaz: बुलंद आवाज

by Nand Kishore Yadav

बुलंद आवाज एक ऐसी आवाज, जिसे अनसुना करना नामुमकिन 'नंद किशोर यादव: बुलंद आवाज बिहार भाजपा के जनप्रिय नेता' नंदूजी यानी संघर्ष और विकास के प्रतीकपुरुष श्री नंद किशोर यादव के संसदीय जीवन का सफरनामा है। नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष के विधायक के तौर पर जन- आवाज बनकर उन्होंने जो अमिट लंबी लकीर खींची है, उसी का दस्तावेजीकरण प्रस्तुत पुस्तक में हुआ है। जदयू से गठबंधन टूटने के बाद सरकार से अलग होने पर वर्ष 2013 में श्री नंद किशोर यादव को भारतीय जनता पार्टी ने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का दायित्व सौंपा। सदन के भीतर और बाहर नीतीश कुमार जैसे मुख्यमंत्री की उस सरकार, जिसमें थोड़े दिन पहले तक वे खुद भी साझीदार थे, को उसकी विफलता का आईना दिखाना बड़ी चुनौती थी। सरकार से हटने के बाद जल्द ही प्रभावी विपक्ष के तेवर में स्वयं को ढालना और पार्टी का नेतृत्व करना सरल नहीं था, लेकिन बिहार की जनता ने देखा कि नंद किशोर यादव ने करीब दो साल नेता प्रतिपक्ष की अपनी भूमिका का किस आक्रामकता के साथ निर्वाह किया।"

Yun Hi Nahin Ban Jata Koi Elon Musk: यूँ ही नहीं बन जाता कोई एलन मस्क

by Parag Mahajan

एलन मस्क के नाम से आज कौन परिचित नहीं है! दुनिया के सफल व सबसे धनी उद्यमियों की सूची, जिसमें बिल गेट्स, मार्क जुकरबर्ग और जेफ बेजोस जैसे लोगों के नाम शामिल हैं, बिना एलन मस्क के पूर्ण नहीं हो सकती। व्यवसाय की दुनिया में सफलता की चाह रखनेवाली आज की युवा पीढ़ी के लिए एलन मस्क आदर्श हैं। क्या आप भी एलन मस्क के जैसे सफल व धनी उद्यमियों की सूची में शामिल होना चाहते हैं? उनकी सफलता के गूढ़ रहस्यों को जानना, उन्हें जीवन में अपनाना चाहते हैं? उनकी कार्यशैली/ नीतियों व विचारों का उपयोग करके किस तरह आप अपने भाग्य को बदल सकते हैं, यह पुस्तक यही बताती है। ‘यूँ ही नहीं बन जाता कोई एलन मस्क’ पुस्तक में आप सफल उद्यमियों व लीडरों के उन गुप्त भेदों को जानेंगे, जिन्हें अपनाकर आपका नाम भी सबकी जुबान पर सफलता का पर्याय बन जाएगा। उनके चरित्र की विशेषताएँ व आदतें और भी बहुत से ऐसे अध्याय पढ़ने को मिलेंगे जो सफलता की आवश्यक शर्त हैं। उभरते उद्यमियों, व्यवसायियों व विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त प्रस्तुत पुस्तक में पेशे से इंजीनियर मस्क की सफलता को उनकी पृष्ठभूमि, शुरुआती कॅरियर, असफलताओं व नौकरी से निकाले जाने के साथ-साथ उनके उन विचारों, जिन्होंने उन्हें सफलता के शिखर तक पहुँचाया, के माध्यम से प्रतिबिंबित किया गया है, जो हर पाठक-वर्ग के लिए प्रेरणास्रोत है।

Bharat Ka Sangharsh - 1920-42: भारत का संघर्ष: १९२०-४२

by Subhash Chandra Bose

1857 की क्रांति के बाद गोरों को समझ आ गया कि वे केवल बर्बर बल प्रयोग के आधार पर लंबे समय तक भारत में नहीं टिक पाएँगे, इसलिए उन्होंने देश को निहत्था करना शुरू कर दिया। हमारे पूर्वजों की दूसरी सबसे बड़ी मूर्खता और गलती यह रही कि उन्होंने अंग्रेजों की इस करतूत को सिर झुकाकर स्वीकार कर लिया। अगर उन्होंने अपने हथियार इतनी आसानी से नहीं सौंपे होते तो 1857 के बाद से भारत का इतिहास संभवत आज के इतिहास से भिन्न होता। भारत में युवा पीढ़ी पिछले 20 सालों के अनुभव से यह सीख चुकी है कि सविनय अवज्ञा आंदोलन एक विदेशी प्रशासन को बंधक बना सकता है या पंगु तो कर सकता है, लेकिन बिना भौतिक बल के यह उसे उखाड़कर नहीं फेंक सकता या निष्कासित नहीं कर सकता। एक अंतिम चरण आएगा, जब सक्रिय प्रतिरोध सशस्त्र क्रांति में विकसित हो जाएगा, तब भारत में ब्रिटिश शासन का अंत होगा। इसी पुस्तक से यह पुस्तक नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रमुख राजनीतिक अध्ययन है, जिसमें उनकी स्वयं अपनी एक प्रमुख भूमिका थी। यह पुस्तक असहयोग और खिलाफत आंदोलनों के घुमड़ते बादलों से लेकर तूफान का रूप लेनेवाले 'भारत छोड़ो' तथा आजाद हिंद आंदोलनों तक का विशद और विश्लेषणात्मक विमर्श उपलब्ध कराती है। नेताजी की दूरदर्शिता, चिंतन और राष्ट्रीय भाव को रेखांकित करती एक पठनीय कृति।

Main Mrityu Sikhata Hun: मैं मृत्यु सिखाता हूं

by Osho

ओशो कहते हैं – ‘मैं मृत्‍यु सिखाता हूं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मैं जीवन का विरोधी हूं।’ उनके लिए जीवन और मृत्‍यु के भय से त्रस्‍त लोगों ने भाग-भागकर जीवन के पलड़े में घुसना और उसी में सवार हो जाना अपना लक्ष्‍य बना लिया। नतीजा यह हुआ कि जीवन का पल फिर निसर्ग को उस संतुलन को ठीक करने के लिए आगे आना होता है इससे आपको मृत्‍यु और अधिक भयकारी लगने लगती है। मृत्‍यु रहस्‍यमय हो जाती है। मृत्‍यु के इसी रहस्‍य को यदि मनुष्‍य समझ ले तो जीवन सफल हो जाए। जीवन के मोह से चिपटना कम हो जाए तो अपराध कम हों। मृत्‍यु से बचने के लिए मनुष्‍य ने क्‍या-क्‍या अपराध किए है। इसे अगर जान लिया जाए तो जीवन और मृत्‍यु का पलड़ा बराबर लगने लगे। इसलिए जब ओशो कहते हैं कि ‘मैं मृत्‍यु सिखाता हूं’ तो लगता है जीवन का सच्‍चा दर्शन तो इस व्‍यक्ति ने पकड़ रखा है, उसी के नजदीक, उसी के विचारों के करीब आपको यह पुस्‍तक ले जाती है। जीवन को सहज, आनंद, मुक्ति और स्‍वच्‍छंदता के साथ जीना है तो इसके लिए आपको मृत्‍यु को जानकर उसके रहस्‍य को समझकर ही चलना होगा। मृत्‍यु को जानना ही जीवन का मर्म पाना है। मृत्‍यु के घर से होकर ही आप सदैव जीवित रहते हैं। उसका आलिंगन जीवन का चरम लक्ष्‍य बना लेने पर मृत्‍यु हार जाती है। इसी दृष्टि हार जाती है। इसी दृष्टि से ओशो की यह पुस्‍तक अर्थवान है।

Media Kanoon aur Aachaar Sanhita

by Shalini Joshi

Citizens’ rights and institutional autonomy are dependent on ethical journalism, but corporatisation, market controls, political pressures and favouritism have made it difficult for media professionals to follow ethical standards and practice socially responsible journalism. This is a reference book for academics working in media studies, media professionals and students of journalism and mass communication. It is also meant for people in positions of authority in media organisations, for whom an understanding of ethical guidelines and duties of the media as well as legal limitations are of vital importance. This book will be of help  both to academics and students and to journalists who face ethical dilemmas and experience the many challenges to fearless journalism.

Anandmay Ganit class 1 - NCERT - 23: आनंदमय गणित १ली कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

आनंदमय गणित कक्षा 1 पाठ्यपुस्तक का निर्माण करते हुए मुख्य रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने प्रारंभिक विकासात्मक चरण (3 से 8 वर्ष) के दौरान सीखने की एक मज़बूत नींव विकसित करने के महत्व को मान्यता दी है। इसमें बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता पर ज़ोर देने के साथ-साथ बच्चों का संज्ञानात्मक विकास शामिल है। पाठ्यचर्या के लक्ष्यों, दक्षताओं और सीखने के परिणामों को बुनियादी स्तर की राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2022 में स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। बच्चों के समग्र विकास के नीतिगत परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए बुनियादी स्तर के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (आधारभूत स्तर) शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक, नैतिक, संज्ञानात्मक, भाषा, साक्षरता, सौंदर्य और सांस्कृतिक और सकारात्मक सीखने की आदतें, जैसे-विकासात्मक डोमेन से जुड़े पाठ्यचर्या लक्ष्यों, दक्षताओं और सीखने के परिणामों की अनुशंसा करती है। इसके अनुवर्ती के रूप में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् द्वारा विकसित आधारभूत स्तर के पाठ्यक्रम में संज्ञानात्मक डोमेन के तहत गणित और संख्यात्मकता सम्मिलित है। पाठ्यपुस्तकों सहित गणित के लिए अधिगम शिक्षण सामग्री विकसित करते समय अन्य सभी डोमेन के एकीकरण पर भी बल दिया गया है।

Sarangi class 2 - NCERT - 23: सारंगी २री कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

सारंगी भाग 2 किताब का निर्माण करते हुए मुख्य रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखा गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में विकसित बुनियादी स्तर की पाठ्यचर्या की अनुशंसाओं को भी इस पाठ्यपुस्तक में समाहित किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसाओं के अनुसार यह पाठ्यपुस्तक राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने तथा न्यायपूर्ण समाज को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस नीति में बच्चों की शिक्षा में भाषा और साक्षरता विकास को बहुत महत्व दिया गया है। भाषा और साक्षरता की ठोस नींव अन्य विषयों को भी दक्षतापूर्वक सीखने में सहायक होती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 बुनियादी स्तर (फाउंडेशनल स्टेज) पर बच्चों में भाषा के विकास के साथ-साथ सतत सीखने की कला, समस्या समाधान, तार्किक और रचनात्मक चिंतन के विकास पर भी बहुत बल देती है। इस स्तर पर भाषा के साथ-साथ अन्य विषयों और गतिविधियों में भारतीय परंपरा, सांस्कृतिक मूल्य, राष्ट्रप्रेम, चरित्र-निर्माण, नैतिकता, करुणा, जेंडर संवेदनशीलता और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को भी समेकित रूप में सम्मिलित करने की अनुशंसा करती है।

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