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Rimjhim class 3 - NCERT - 23: रिमझिम ३री कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (2005) सुझाती है कि बच्चों के स्कूली जीवन को बाहर के जीवन से जोड़ा जाना चाहिए। यह सिद्धांत किताबी ज्ञान की उस विरासत के विपरीत है जिसके प्रभाववश हमारी व्यवस्था आज तक स्कूल और घर के बीच अंतराल बनाए हुए है। नई राष्ट्रीय पाठ्यचर्या पर आधारित पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकें इस बुनियादी विचार पर अमल करने का प्रयास है। बच्चों के हाथ में जैसे ही कोई नई किताब आती है, वे झट से उसे उलटना-पलटना शुरू कर देते हैं। उनमें एक स्वाभाविक उतावलापन होता है- चित्र निहारने का, कविता और कहानियों के बारे में जानने का या स्वयं उन्हें पढ़ डालने का। इस पाठ्यपुस्तक ने उनकी इस स्वाभाविक प्रवृत्ति का भरपूर फ़ायदा उठाने की कोशिश की है। किताब के लिए ऐसी कविताओं और कहानियों को चुना गया है, जिनमें बच्चों की बातचीत, उनकी आदतें, उनके नखरे, जिद, उनके सवाल साफ़-साफ़ झलकते हैं। इसलिए बच्चे ऐसी कविताओं या कहानियों से विचार और भावनाओं के स्तर पर एक जुड़ाव महसूस करेंगे।

Aas-Pass class 3 - NCERT - 23: आस-पास ३री कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

आस-पास ३री कक्षा पुस्तक में विषय-वस्तु बाल-केंद्रित रखी गई है, जिससे बच्चों को स्वयं खोजकर पता करने का अवसर मिले। पाठ्यपुस्तक में यह प्रयास किया गया है कि रटने की प्रवृत्ति कम हो। अतः परिभाषाएँ, वर्णन, अमूर्त्त प्रत्यय आदि को स्थान नहीं दिया गया है। पाठ्यपुस्तक में जानकारी देना बहुत ही सरल कार्य है। वास्तविक चुनौती है कि बच्चों को मौका दिया जाए, जिससे वे अपने विचार प्रकट करें, उत्सुकता को बढ़ा सकें, करके सीखें, प्रश्न करें तथा प्रयोग कर सकें। बच्चे पाठ्यपुस्तक से खुशी-खुशी जुड़े, इसके लिए पाठों का प्रस्तुतीकरण विविध तरीकों से किया गया है, जैसे- किस्से-कहानियाँ, संवाद, कविताएँ, पहेलियाँ, हास्य खंड, नाटक, क्रियाकलाप आदि। बच्चों में कुछ बातों के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने के लिए अकसर किस्से-कहानियों का इस्तेमाल महत्त्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि बच्चे कहानी के पात्रों से अपने को आसानी से जोड़ सकते हैं। पुस्तक में प्रयुक्त भाषा भी ‘औपचारिक’ नहीं है, बल्कि बच्चों की बोल-चाल की भाषा है।

Ganit class 7 - NCERT - 23: गणित ७वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

यह पुस्तक कक्षा VI में प्रारंभ की गई प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करते हुए उसे आगे जारी रखती है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 (NCF- 2005) में निहित मुख्य मुद्दों पर चर्चा की थी। इन मुद्दों में शामिल थे, गणित को बच्चों की क्षमताओं के विकास से जोड़ना तथा जटिल परिकलनों और एल्गोरिथ्मों के अनुसरण समझ एवं समझ की रूपरेखा का निर्माण करना। बच्चों के मस्तिष्क में गणितीय विचार केवल बताने या व्याख्याएँ देने से विकसित नहीं होते हैं। बच्चों को गणित सीखने, गणित में आत्मविश्वास जागृत करने तथा उसके मूलभूत विचारों को समझने के लिए उन्हें अवधारणाओं की अपनी स्वयं की एक रूपरेखा बनानी चाहिए। इसके लिए उन्हें एक ऐसी कक्षा की आवश्यकता होगी जिसमें वे विचार विमर्श कर सकें, समस्याओं के हल खोजें, नए प्रश्न बनाकर केवल उनको हल करने की विधियाँ विकसित करके उन्हें हल ही न करें, अपितु स्वयं को समझ में आने वाली अपनी भाषा में परिभाषाएँ भी बना सकें। जरूरी नहीं है कि ये परिभाषाएँ, आदर्श परिभाषाओं की तरह व्यापक और परिपूर्ण हों।

Anandmay Ganit class 1 - NCERT - 23: आनंदमय गणित १ली कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

आनंदमय गणित कक्षा 1 पाठ्यपुस्तक का निर्माण करते हुए मुख्य रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने प्रारंभिक विकासात्मक चरण (3 से 8 वर्ष) के दौरान सीखने की एक मज़बूत नींव विकसित करने के महत्व को मान्यता दी है। इसमें बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता पर ज़ोर देने के साथ-साथ बच्चों का संज्ञानात्मक विकास शामिल है। पाठ्यचर्या के लक्ष्यों, दक्षताओं और सीखने के परिणामों को बुनियादी स्तर की राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2022 में स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। बच्चों के समग्र विकास के नीतिगत परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए बुनियादी स्तर के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (आधारभूत स्तर) शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक, नैतिक, संज्ञानात्मक, भाषा, साक्षरता, सौंदर्य और सांस्कृतिक और सकारात्मक सीखने की आदतें, जैसे-विकासात्मक डोमेन से जुड़े पाठ्यचर्या लक्ष्यों, दक्षताओं और सीखने के परिणामों की अनुशंसा करती है। इसके अनुवर्ती के रूप में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् द्वारा विकसित आधारभूत स्तर के पाठ्यक्रम में संज्ञानात्मक डोमेन के तहत गणित और संख्यात्मकता सम्मिलित है। पाठ्यपुस्तकों सहित गणित के लिए अधिगम शिक्षण सामग्री विकसित करते समय अन्य सभी डोमेन के एकीकरण पर भी बल दिया गया है।

Sarangi class 2 - NCERT - 23: सारंगी २री कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

सारंगी भाग 2 किताब का निर्माण करते हुए मुख्य रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखा गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में विकसित बुनियादी स्तर की पाठ्यचर्या की अनुशंसाओं को भी इस पाठ्यपुस्तक में समाहित किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसाओं के अनुसार यह पाठ्यपुस्तक राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने तथा न्यायपूर्ण समाज को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस नीति में बच्चों की शिक्षा में भाषा और साक्षरता विकास को बहुत महत्व दिया गया है। भाषा और साक्षरता की ठोस नींव अन्य विषयों को भी दक्षतापूर्वक सीखने में सहायक होती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 बुनियादी स्तर (फाउंडेशनल स्टेज) पर बच्चों में भाषा के विकास के साथ-साथ सतत सीखने की कला, समस्या समाधान, तार्किक और रचनात्मक चिंतन के विकास पर भी बहुत बल देती है। इस स्तर पर भाषा के साथ-साथ अन्य विषयों और गतिविधियों में भारतीय परंपरा, सांस्कृतिक मूल्य, राष्ट्रप्रेम, चरित्र-निर्माण, नैतिकता, करुणा, जेंडर संवेदनशीलता और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को भी समेकित रूप में सम्मिलित करने की अनुशंसा करती है।

Bal Ram Katha class 6 - NCERT - 23: बाल राम कथा ६वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

बाल राम कथा के अध्यायों में भगवान राम के जीवन में घटित सभी महत्वपूर्ण घटनाओं का विवरण दिया गया है, जिसमें उनके वन निष्कासन से लेकर रावण के साथ युद्ध और अयोध्या में उनके राज्याभिषेक तक शामिल हैं। छात्र इन महत्वपूर्ण प्रश्नों से भगवान राम के बारे में बहुत सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। प्रश्न और उत्तर उन्हें अध्यायों की गहरी और अधिक विस्तृत समझ प्रदान करते हैं। वे प्रश्नों का अभ्यास कर सकते हैं और अपनी तैयारी की रणनीति को बढ़ावा दे सकते हैं। चूंकि बाल राम कथा पुस्तक में 12 अध्याय हैं, इसलिए छात्रों के लिए सभी अध्यायों पर समान ध्यान देना महत्वपूर्ण है। वेदांतु के महत्वपूर्ण प्रश्न छात्रों को पूरी किताब को बार-बार पढ़े बिना अभ्यास करने की अनुमति देकर मदद करते हैं। वे अपनी अंतिम परीक्षाओं में आमतौर पर पूछे जाने वाले कुछ प्रश्नों का पता लगाने के लिए प्रश्नों का अध्ययन भी कर सकते हैं। जब परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने की बात आती है तो यह कुछ ऐसा है जो उन्हें बहुत मदद करेगा।

Sarangi class 1 - NCERT - 23: सारंगी १ली कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

सारंगी भाग 1 किताब का निर्माण करते हुए मुख्य रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार भाषा राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने और न्यायप्रिय समाज को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस नीति में बच्चों की शिक्षा में भाषा और साक्षरता के विकास को बहुत महत्व दिया गया है। यह माना जाता है कि भाषा और साक्षरता की ठोस नींव बच्चों के लिए अन्य विषयों को सीखने में बहुत सहायक होती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में बुनियादी स्तर (फाउंडेशनल स्टेज) पर बच्चों में भाषा के विकास के साथ-साथ सतत सीखने की कला, समस्या-समाधान, तार्किक और रचनात्मक सोच के विकास पर भी बहुत बल दिया गया है। इस स्तर पर भाषा के साथ-साथ अन्य विषयों और गतिविधियों में भारतीय परंपरा, सांस्कृतिक मूल्य, चरित्र निर्माण, नैतिकता, करुणा और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को समेकित रूप में सम्मिलित करने की भी अनुशंसा की गई है।

Yojana October 2023: योजना अक्टूबर 2023

by Yojana

योजना अक्टूबर 2023 पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु आधारभूत संरचना हैं।

Holi (Traditions And Celebrations Ser.)

by Ranjeeta Ramkumar

Holi is about celebrating the triumph over good and evil. It is also a celebration of love. It is a Hindu holiday. People have a bonfire to represent the story of Prahlad and Holika. They also gather in the streets to throw colored paint on one another and have a big feast. Readers will discover how a shared holiday can have multiple traditions and be celebrated in all sorts of ways.

Yojana August 2023: योजना अगस्त २०२३

by Yojana

योजना अगस्त 2023 पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। पत्रिका में समग्र आरोग्यता के लिए एकीकृत दृष्टिकोण, आज़ादी का अमृत महोत्सव और देश को एकजुट रखने में भारतीय खेलों की भूमिका जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।

Rasayan Bhag-2 class 11 - NCERT - 23: रसायन भाग-२ ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

रसायन भाग-2 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक के तीन अध्याय एकक हैं। विभिन्न एककों के शीर्षक देखने से लगता है कि विषयवस्तु भौतिक, अकार्बनिक एवं कार्बनिक रसायन में विभाजित है परंतु पाठक यह पाएँगे कि इन उपविषयों में जहाँ तक संभव हो सका, परस्पर संबंध स्थापित किया गया है जिससे विषय की एकीकृत पहुँच बनी रहे। वास्तव में विषय को रसायन के नियमों एवं सिद्धांतों के चारों ओर संघटित किया गया है। मूल-पाठ को परिवेश से उदाहरण देते हुए भली प्रकार समझाया गया है जिससे अवधारणा के गुणात्मक और मात्रात्मक पक्षों को समझना सुसाध्य तथा आसान हो जाएगा।

Lekhashastra Alabhakari Sansthayen Evam Sajhedaree Khate class 12 - NCERT - 23: लेखाशास्त्र अलाभकारी संस्थाएँ एवं साझेदारी खाते १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

लेखाशास्त्र अलाभकारी संस्थाएँ एवं साझेदारी खाते 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में चार अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है। इस पाठपुस्तक में साझेदारी लेखांकन-आधारभूत अवधारणाएँ, साझेदारी फर्म का पुनर्गठनः साझेदार का प्रवेश, साझेदारी फर्म का पुनर्गठन–साझेदार की सेवानिवृत्ति/मृत्यु और साझेदारी फर्म का विघटन आदी जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।

Rimjhim class 4 - NCERT - 23: रिमझिम ४थीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा-2005 सभी मूल्यों की जड़ में सामाजिक सद्भाव एवं शांति को चिह्नित करती है और इस उद्देश्य के लिए प्रत्येक विषय को महत्त्व देती है। शांतिपरक मूल्यों के विकास में भाषा की भूमिका सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है। भाषा किसी भी संस्कृति में मूल्यों को बनाए रखने का काम करती है। दूसरों के प्रति खासकर असमानता, क्षमता या पृष्ठभूमि के अंतर के संदर्भ में बच्चों को संवेदनशील बनाना भी भाषा-शिक्षण के दौरान होना चाहिए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए पुस्तक में सुनीता की पहिया कुर्सी पाठ दिया गया है। इसी तरह की अन्य सामग्री पत्र-पत्रिकाओं से या स्वयं विकसित करके शिक्षक उनका उपयोग कर सकते हैं। शिक्षक को चाहिए कि मूल्यों के विकास में भाषा की भूमिका सुनिश्चित करते हुए कक्षा में अपने और बच्चों के व्यवहार में उसकी परिणति लाए। रिमझिम 4 में भी कई पाठ सिर्फ़ पढ़ने के लिए दिए गए हैं उनके साथ कोई प्रश्न नहीं है। इन पाठों को देने का उद्देश्य बच्चों को पढ़ने की अतिरिक्त सामग्री उपलब्ध कराना है जिसे वे प्रश्नों के बोझ से मुक्त होकर आनंद लेते हुए पढ़ सकें। बच्चों को पढ़ने के जितने अधिक अवसर मिलेंगे, उतना ही अधिक उनकी पढ़ने की गति एवं शब्द-भंडार बढ़ेगा तथा वर्तनी संबंधी त्रुटियों में कमी आएगी।

Rasayan Bhag-1 class 12 - NCERT - 23: रसायन भाग-१ १२ वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

रसायन भाग-1 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक के पाँच अध्याय एकक हैं। विभिन्न एककों के शीर्षक देखने से लगता है कि विषयवस्तु भौतिक, अकार्बनिक एवं कार्बनिक रसायन में विभाजित है परंतु पाठक यह पाएँगे कि इन उपविषयों में जहाँ तक संभव हो सका, परस्पर संबंध स्थापित किया गया है जिससे विषय की एकीकृत पहुँच बनी रहे। वास्तव में विषय को रसायन के नियमों एवं सिद्धांतों के चारों ओर संघटित किया गया है। विद्यार्थी इन नियमों एवं सिद्धांतों पर प्रवीणता प्राप्त कर लेने के पश्चात प्रागुक्ति करने की स्थिति में पहुँच जाएंगे। ऐतिहासिक विकास और जीवन में उपयोग बताते हुए, विषय में उत्सुकता जाग्रत रखने का प्रयास किया गया है। मूल-पाठ को परिवेश से उदाहरण देते हुए भली प्रकार समझाया गया है जिससे अवधारणा के गुणात्मक और मात्रात्मक पक्षों को समझना सुसाध्य तथा आसान हो जाएगा।

Vigyan class 6 - NCERT - 23: विज्ञान ६वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

विज्ञान ६वीं कक्षा इस पाठ्यपुस्तक में भोजन के घटक, वस्तुओं के समूह बनाना, पदार्थों का पृथक्करण, पौधों को जानिए, शरीर में गति, सजीव- विशेषताएँ एवं आवास, गति एवं दूरियों का मापन, प्रकाश-छायाएँ एवं परावर्तन, विद्युत् तथा परिपथ, चुंबकों द्वारा मनोरंजन और हमारे चारों ओर वायु के बारे में एक संक्षिप्त विचार मिलता है। 6 वीं कक्षा के छात्रों के लिए बनाया गया, इस पुस्तक में उन सभी विषयों को शामिल किया गया है, जिन्हें केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा उल्लिखित किया गया है।

Rimjhim class 5 - NCERT - 23: रिमझिम ५वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

इस रिमझिम पुस्तक में ताने-बाने को चार सूत्रों में पिरोया गया है। हर सूत्र का अपना रंग और अपनी छटा है। अपनी-अपनी रंगतें के अंतर्गत रीति-रिवाज़, जीवन शैली, हुनर, विरासत और बोली आदि संस्कृति के विभिन्न आयामों की झलक है। इस भाग को पढ़ाते समय यह ध्यान में रखना ज़रूरी होगा कि सांस्कृतिक विविधता के बारे में शिक्षक का स्वयं का ज्ञान ही इन पाठों को बच्चे के लिए जीवंत बना सकता है। इस भाग के माध्यम से रिमझिम-5 हमारी अनमोल विरासत को सहेजने का प्रयास है। अभिव्यक्ति के कई माध्यम हैं। समय के साथ-साथ इन माध्यमों में भी बदलाव आया है। अपनी बात लोगों तक पहुँचाने का तरीका समय के साथ कैसे बदलता रहा है- पुस्तक के दूसरे भाग बात का सफ़र में इसी रोचक सफ़र की झलक है। रिमझिम-5 में कई साहित्यकारों की रचनाएँ ली गई हैं। जैसे- प्रेमचंद, सुभद्रा कुमारी चौहान, नागार्जुन, सोहनलाल द्विवेदी, आर. के. नारायण आदि। आने वाली कक्षाओं में साहित्य से बच्चों का परिचय उत्तरोत्तर बढ़ता जाएगा। रचनाओं को गहराई से समझने के लिए उनके लेखकों का परिचय उपयोगी है।

Durva Bhag-1 class 6 - NCERT - 23: दूर्वा भाग १ ६वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

यह पुस्तकमाला कक्षा छह से आठ तक के स्तरों पर द्वितीय भाषा के रूप में हिंदी शिक्षण करने वाले हिंदीतर क्षेत्रों के जवाहर नवोदय विद्यालय सहित सभी विद्यालयों के लिए निर्मित की गई है। कक्षा छह के लिए तैयार की गई दूर्वा भाग-1 की कुछ विशेषताएँ इस प्रकार हैं- इस पुस्तक में भाषा शिक्षण के लिए सर्वप्रथम चित्र के माध्यम से शब्द परिचय करवाया गया है। इसी के साथ लिपि की संरचना और शब्द के उच्चारण को भी विद्यार्थी जान सकता है। इससे सुनने, बोलने और पढ़ने की क्षमता विकसित हो सकेगी। विद्यार्थियों में सुनने, समझने और बोलने की क्षमता को सशक्त बनाने के लिए प्रारंभ में मौखिक पाठों के साथ ग्यारह पाठ दिए गए हैं। इनमें बारंबारता (फ्रीक्वेंसी) की प्रक्रिया अपनाई गई है, ताकि सिखाई जानेवाली भाषा से विद्यार्थी का परिचय उत्तरोत्तर बढ़ सके। बलाघात, अनुतान आदि उच्चारण संबंधी विशेषताओं को सिखलाने के लिए पाठों में वार्तालाप अधिक रखे गए हैं। पाठों की संरचनाएँ पूर्वनिर्धारित और अभिक्रमिक हैं। जिन पाठों में जो संरचनाएँ शिक्षण बिंदु के रूप में प्रमुखतः निर्धारित की गई हैं, उन्हें ही पाठ में स्वभाविक ढंग से उभारने का प्रयास किया गया है, ताकि विद्यार्थी हिंदी भाषा की संरचना से परिचित हो सके, साथ ही अपनी ज्ञात भाषा और हिंदी की संरचनाओं की समानता तथा उनके अंतर की पहचान भी कर सके।

Ganit class 8 - NCERT - 23: गणित ८वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

प्रस्तुत पुस्तक गणित ८वीं कक्षा उच्चतर प्राथमिक शृंखला की अंतिम पुस्तक है। गणित अधिगमन को भिन्न प्रकार से परिभाषित करना एक रोचक यात्रा रही है। ऐसी सामग्री की रचना करते समय, जो इस स्तर के शिक्षार्थियों की रुचि को संबोधित करे तथा उनके लिए एक पर्याप्त और सुगम्य चुनौती हो, गणित की प्रकृति को सुरक्षित करने और यह प्रश्न कि गणित क्यों पढ़ें, को सम्मिलित करने का प्रयास किया गया है। गणित के उद्देश्य पर अनेक दृष्टिकोण रहे हैं। ये दृष्टिकोण पूर्णतया उपयोगी से संपूर्णतया सौंदर्यपूर्ण या सुरुचिपूर्ण अवबोधनों तक विचरित हैं। इन दोनों का ही अंतत: सार है कि अवधारणों में न उलझना तथा जीवन में प्रतिभागी बनने के लिए शिक्षार्थी को उपलब्ध उपकरणों में संवर्धन करना। NCF में विचारों और शायद अनुभवों के भी गणितीयकरण की क्षमता विकसित करने पर बल दिया गया है। वह क्षमता जिससे एक समृद्ध जीवन और आसपास के परिवेश से अर्थपूर्ण संबंध ज्ञात करने के संघर्ष में गणित द्वारा प्रदान किए गए विचारों और रूपरेखा को समझने में सहायता होती है।

Yojana August 2023

by Yojana

योजना अगस्त 2023 पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। पत्रिका में समग्र आरोग्यता के लिए एकीकृत दृष्टिकोण, आज़ादी का अमृत महोत्सव और देश को एकजुट रखने में भारतीय खेलों की भूमिका जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।

Aas-Pass class 4 - NCERT - 23: आस-पास ४थीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

आस-पास ४थी कक्षा पुस्तक में विषय-वस्तु बाल-केंद्रित रखी गई है, जिससे बच्चों को स्वयं खोजकर पता करने का अवसर मिले। पाठ्यपुस्तक में यह प्रयास किया गया है कि रटने की प्रवृत्ति कम हो। अतः परिभाषाएँ, वर्णन, अमूर्त्त प्रत्यय आदि को स्थान नहीं दिया गया है। पाठ्यपुस्तक में जानकारी देना बहुत ही सरल कार्य है। वास्तविक चुनौती है कि बच्चों को मौका दिया जाए, जिससे वे अपने विचार प्रकट करें, उत्सुकता को बढ़ा सकें, करके सीखें, प्रश्न करें तथा प्रयोग कर सकें। बच्चे पाठ्यपुस्तक से खुशी-खुशी जुड़े, इसके लिए पाठों का प्रस्तुतीकरण विविध तरीकों से किया गया है, जैसे- किस्से-कहानियाँ, संवाद, कविताएँ, पहेलियाँ, हास्य खंड, नाटक, क्रियाकलाप आदि। बच्चों में कुछ बातों के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने के लिए अकसर किस्से-कहानियों का इस्तेमाल महत्त्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि बच्चे कहानी के पात्रों से अपने को आसानी से जोड़ सकते हैं। पुस्तक में प्रयुक्त भाषा भी ‘औपचारिक’ नहीं है, बल्कि बच्चों की बोल-चाल की भाषा है।

Bharat Aur Samkalin Vishwa Bhag-1 class 9 - NCERT - 23: भारत और समकालीन विश्व भाग 1 कक्षा 9 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भारत और समकालीन विश्व भाग 1 कक्षा 9वीं का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में दो खंड है, खंड 1 में कुछ ऐसी घटनाओं और प्रक्रियाओं पर ध्यान दिया गया है जो आधुनिक विश्व को समझने की दृष्टि से काफ़ी महत्त्वपूर्ण हैं। खंड 2 में नाटकीय घटनाओं पर दृष्टिपात करते हुए हम लोगों के जीवन की सामान्य बातों - उनकी आर्थिक गतिविधियों और आजीविका के स्वरूप - तक जाएंगे। इस हिस्से में आप देखेंगे कि जनजातीय समुदायों और चरवाहों के लिए समकालीन विश्व का क्या मतलब रहा है; उन्होंने इन बदलावों का सामना किस तरह किया और उन्हें किस तरह प्रभावित किया। अगले साल आप औद्योगीकरण और शहरीकरण, पूँजीवाद और उपनिवेशाद के बारे में और विस्तार से जानेंगे।

Abhivyakti Aur Madhyam class 11 and 12 - NCERT - 23: अभिव्यक्ति और माध्यम ११वीं और १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

विद्यार्थियों की सहज भाषा अभिव्यक्ति का ताकतवर ज़रिया बने। स्कूली जीवन से ही वे बाहर की विशाल दुनिया में झाँकें, जीवन जगत के अनेक रूपों को समझे-बूझें, रंग-बिरंगे सपनों का ताना-बाना फैलाना सीखें, मुश्किलों को पहचानें और उसका सामना कर सकें यानी अपनी राह तलाशने में या बनाने में वे खुद सक्षम हो सकें। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (2005) में इन बिंदुओं पर खासा बल है। इन्हीं को ध्यान में रखकर नए पाठ्यक्रम के तहत उच्चतर माध्यमिक स्तर पर हिंदी पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए एक ऐसी पुस्तक की परिकल्पना की गई, जो अभिव्यक्ति के अलग-अलग माध्यमों पर केंद्रित हो। अभिव्यक्ति और माध्यम नामक इस पुस्तक की तीन इकाइयाँ हैं- जनसंचार माध्यम और लेखन, सृजनात्मक लेखन और व्यावहारिक लेखन। ये तीनों ही माध्यम एक विशेष बिंदु पर एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और व्यापक रूप से संचार के ही अलग-अलग रूप हैं। साज-सज्जा के लिए तसवीरों के साथ-साथ रेखांकन, स्वतंत्र कार्टून और कैरीकेचर की मदद ली गई है। व्यंग्य के सहारे कार्टून संजीदा बिंबात्मक अर्थ देने में समर्थ होते हैं। जनसंचार, सृजनात्मक लेखन और व्यावहारिक लेखन जैसे विषयों के साथ-साथ कार्टून चित्रों का प्रयोग विद्यार्थियों को अभिव्यक्ति का एक नया माध्यम भी दे सकता है।

Samajik Evam Rajnitik Jeevan Bhag-1 class 6 - NCERT - 23: सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन भाग-१ ६वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

'सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन' किस तरह से अलग है? इस किताब में एक अलग तरह की सोच अपनाई गई है वह स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। इसमें तीन तत्त्वों का सम्मिश्रण है। 1. बच्चे ठोस अनुभवों के माध्यम से अच्छी तरह से सीखते हैं। इस विचार को केंद्र में रखते हुए यह प्रयास किया गया कि संस्थाओं या प्रक्रियाओं पर चर्चा काल्पनिक वृतांतों अथवा केस स्टडी या उन अभ्यासों के आधार पर की जाए जो बच्चों के अपने अनुभवों से जुड़े हों। 2. अवधारणाओं का बच्चों से इस रूप में परिचय करवाना ताकि उनकी समझ बने न कि वे तथ्यों एवं सूचनाओं तक सीमित रह जाएँ। इसके लिए जो तरीके अपनाए गए हैं, वे हैं सूचनाओं की कटौती। पाठ और अभ्यास में बच्चों को ऐसे प्रश्न दिए गए हैं जो उन्हें सोचने के लिए प्रेरित करें और परिभाषाएँ कम से कम रखी गई हैं। 3. बच्चे सामाजिक और पारिवारिक संरचनाओं से गहरे रूप से जुड़े हुए होते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए हमने यह प्रयास किया है कि विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हुए आदर्श एवं यथार्थ में संतुलन बना रहे।

Kurukshetra August 2023: कुरुक्षेत्र अगस्त २०२३

by Publications Division

कुरूक्षेत्र अगस्त 2023 पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। इस अंक में 'पोषण' से सम्बन्धित महत्वपूर्ण केंद्रीय योजनाओं सहित भारत सरकार के इस दिशा में उल्लेखनीय प्रयासों और दृष्टिकोण की जानकारी समाहित की गई है। खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु किए जा रहे सरकारी प्रयासों सहित आगे की राह आसान बनाने हेतु अपने सुझाव भी विशेषज्ञ लेखकों द्वारा दिए गए हैं। उम्मीद है कि ये अंक पोषण सम्बंधित आपके ज्ञान को बढ़ाने और खानपान के सन्दर्भ में आपको जागरूक करने में मददगार होगा।

Aas-Pass class 5 - NCERT - 23: आस-पास ५वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

आस-पास ५वीं कक्षा का यह पाठ्यपुस्तक बाल-केंद्रित है, जिससे बच्चों को स्वयं खोजकर पता करने के अवसर मिलें, और वे रटने की मज़बूरी से बचें। अतः परिभाषाओं को कोई स्थान नहीं दिया गया है और मात्र जानकारी देने की अपेक्षा नहीं है। वास्तविक चुनौती है कि बच्चों को मौके दिए जाएँ कि वे अपने विचार प्रकट करें, उत्सुक बनें, करके देखें और सीखें, प्रश्न पूछें तथा प्रयोग करें। पुस्तक की भाषा 'औपचारिक' नहीं है, बल्कि बच्चों की बोल-चाल की भाषा है। बच्चे किताब के पृष्ठ को समेकित रूप से 'पढ़ते हैं, उसमें दिए शब्दों, चित्रों आदि को अलग-अलग नहीं देखते हैं। इस पुस्तक पृष्ठों को भी उसी नज़र से बनाया गया है और बच्चे इनका इस्तेमाल भी उसी समेकित तरह से करें। पाठ्यपुस्तक को ज्ञान का एकमात्र स्रोत न माना जाए, बल्कि बच्चों को स्वयं ज्ञान रचने में वह एक सहायक भूमिका निभाए, ताकि वे अपने आसपास के लोगों से, परिवेश से और समाचारपत्रों से भी सीखें।

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