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0806 Vigyan class 8 - Himachal Pradesh Board: 0806 विज्ञान वर्ग 8 - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh School Shiksha BoardThis book is the basic text book of subject Science prescribed by the himachal pradesh board for the students of class 8th. The accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. Students and aspiring civil servants must read this to get success in the state and national level examinations.
0901 Khsitij Bhag - 1 class 9 - Himachal Pradesh: 901 क्षितिज भाग - 1 वर्ग 9 - हिमाचल प्रदेश
by Himachal Pradesh School Shiksha BoardThis book is the basic text book of subject Hindi prescribed by the himachal pradesh board for the students of class 9th. The accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. Students and aspiring civil servants must read this to get success in the state and national level examinations.
0902 Kritika Bhag - 1 class 9 - Himachal Pradesh Board: 0902 कृतिका भाग - 1 कक्षा 9 - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh School Shiksha BoardThis book is the basic text book of subject Hindi prescribed by the himachal pradesh board for the students of class 9th. The accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. Students and aspiring civil servants must read this to get success in the state and national level examinations.
0913 Manika Bhag - 1 class 9 - Himachal Pradesh Board: 0913 मणिका भाग - 1 वर्ग 9 - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh School Shiksha BoardThis book is the basic text book of subject sanskrit prescribed by the himachal pradesh board for the students of class 9th. The accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. Students and aspiring civil servants must read this to get success in the state and national level examinations.
0918 Aao Milkar Chalaye class 9 - Himachal Pradesh Board: 0918 आओ मिलकार चलेंगे कक्षा 9 - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh School Shiksha BoardThis book is the basic text book of subject Social Science prescribed by the himachal pradesh board for the students of class 9th. The accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. Students and aspiring civil servants must read this to get success in the state and national level examinations.
Ruchira class 6 - Himachal Pradesh Board: रूचिरा कक्षा 6 - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh School Shiksha BoardThis book is the basic text book of subject Sanskrit prescribed by the himachal pradesh board for the students of class six. The accessible version of the book doesn't leave any part of the book. Students and aspiring civil servants must read this to get success in the state and national level examinations.
Aage Badhata Kadam Bhag-3 class 10 - Himachal Pradesh Board: आगे बढ़ता कदम भाग-३ कक्षा १० - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaआपके जीवन के इस पड़ाव पर, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड आपको भावी "आपदा प्रबंधकों" के रूप में तैयार करना चाहता है, ताकि आपदाओं से निपटने के लिए हमारे पास विशेषज्ञों की बेहतर टीमें उपलब्ध हों। पुस्तक का प्रारम्भ सूनामी पर एक विशेष अध्याय से किया गया है। इस अध्याय में यह बताया गया है कि सूनामी लहरें क्या होती हैं और उनके प्रभाव से अपनी रक्षा के लिए कौन-कौन से संभावित कदम उठाए जा सकते हैं। इस पुस्तक में विद्यार्थियों को जीवन रक्षा के विभिन्न कौशलों के बारे में व्यावहारिक अनुभव से परिचित कराने का प्रयास किया गया है। कोई आकस्मिक स्थिति उत्पन्न होने पर इस अनुभव के आधार पर अनेकों बेशकिमती जानें बचाई जा सकती हैं। इस पुस्तक में उन विभिन्न वैकाल्पिक संचार प्रणालियों के बारे में भी चर्चा की गई है जिनका प्रयोग आपदा के समय मौजूदा संसार प्रणाली के विफल होने पर किया जा सकता है। सुरक्षित निर्माण की कार्य पद्धतियों को अपनाना और अपनी मौजूदा इमारतों को सुदृढ़ करना जरूरी है। हम आपको यकीन दिलाना चाहेंगे कि समुदाय की सुरक्षा के इस पावन कार्य में आप अकेले नहीं है। अध्याय छह में उन अनेकों सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं के बारे में बताया गया है जिनकी, आपदाओं के प्रबंधन के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है और आवश्यकता पड़ने पर आपकी सहायता कर सकती हैं। उनके बारे में सही जानकारी होने से यह लाभ होगा कि जरूरत पड़ने पर उनकी सहायता लेने में आपको आसानी होगी। अतएव अपने प्रियजनों की सुरक्षा के बारे में विचार करके योजना बनाने के लिए यह सही समय है। अध्याय 7 में कुछेक ऐसे उपायों के बारे में चर्चा की गई है जिनको ध्यान में रखकर ही कोई योजना बनाई जानी चाहिए।
Aapda Prabandhan Bhag-2 class 9 - Himachal Pradesh Board: आपदा प्रबंधन भाग-२ कक्षा ९ - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaहिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 9 के लिए " पदा प्रबंधन भाग-२" का डिजिटल संस्करण, 2013 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। अब हम यह सीखेंगे कि आपदाओं के दुष्प्रभावों को कम कैसे करें जिससे कि उनका प्रभाव समुदायों पर कम हो तथा संकट को आपदा बनने की संभावना से रोका जा सके। समुदाय एक दल के रूप में कैसे काम कर सकते हैं और सक्षम आपदा प्रबंधक बन सकते हैं (समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन)। यह इसलिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि आपदा की स्थिति में जवाबी कार्रवाई करने वालों में समुदाय सबसे आगे आता है। आगे हमें यह भी समझने की आवश्यकता है कि हम विद्यालयों के लिए आपदा प्रबंधन योजनाएं कैसे तैयार करें तथा जवाबी कार्रवाई के कौशल के लिए स्वयं को कैसे प्रशिक्षित करें ताकि संकट के समय हम अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकें। अंततः विद्यार्थी तथा अध्यापक के रूप में हमारा यह कर्तव्य बनता है कि हम अपने परिवार तथा पड़ोसियों को सजग एवं शिक्षित करें ताकि हम सब मिलकर एक सुरक्षित भारत का निर्माण कर सकें।
Arthik Vikas Ki Samajh class 10 - Himachal Pradesh Board: आर्थिक विकास की समझ कक्षा १० - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaहिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 10 के लिए "आर्थिक विकास की समझ" का डिजिटल संस्करण, 2013 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। शिक्षा में सुधार की आवश्यकता पर ध्यान देते हुए राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा रूपरेखा 2005 और परीक्षा सुधारों पर राष्ट्रीय फोकस समूह के स्थिति पत्र ने परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नों के तरीकों में बदलाव के लिए अपील की है। इस पुस्तक में पूछे गए प्रश्न रटने को बढ़ावा देने वाली मूल्यांकन प्रणाली से हटकर पाठकों की रचनात्मक सोच, कल्पनाशीलता, प्रत्युत्तर और विश्लेषण क्षमता को धारदार बनाने वाली प्रणाली अपनायी गई है। यहाँ दिए गए उदाहरणों के आधार पर शिक्षक अतिरिक्त प्रश्नों को भी तैयार कर सकते हैं। इस पुस्तक को तैयार करते समय हमने अनेक संदर्भ सामग्रियों का उपयोग किया है। इसके अलावा समाचार पत्रों की अनेक कतरनों, सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों की रिपोर्टों का भी उपयोग किया है। इनमें से कुछ का उल्लेख शिक्षक के लिए निर्देश में किया गया है और कुछ पुस्तक के अन्त में सुझावित पाठ्य-सामग्रियों में दिए गए हैं।
Bharat Aur Samkalin Vishwa Bhag-1 class 9 - Himachal Pradesh Board: भारत और समकालीन विश्व भाग-१ कक्षा ९ - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaहिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 10 के लिए "सामाजिक विज्ञान भारत और समकालीन विश्व-1" का डिजिटल संस्करण, 2013 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। इस किताब के खंड 1 में कुछ ऐसी घटनाओं और प्रक्रियाओं पर ध्यान दिया गया है जो आधुनिक विश्व को समझने की दृष्टि से काफ़ी महत्त्वपूर्ण हैं। इस साल खंड में आप फ्रांसीसी क्रांति, रूसी क्रांति और नात्सीवाद के बारे में पढ़ेंगे। खंड 2 में नाटकीय घटनाओं पर दृष्टिपात करते हुए हम लोगों के जीवन की सामान्य बातों - उनकी आर्थिक गतिविधियों और आजीविका के स्वरूप - तक जाएंगे। इस हिस्से में आप देखेंगे कि जनजातीय समुदायों और चरवाहों के लिए समकालीन विश्व का क्या मतलब रहा है; उन्होंने इन बदलावों का सामना किस तरह किया और उन्हें किस तरह प्रभावित किया।
Bharat Aur Samkalin Vishwa Bhag-2 class 10 - Himachal Pradesh Board: भारत और समकालीन विश्व भाग-२ कक्षा १० - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaहिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 10 के लिए "सामाजिक विज्ञान भारत और समकालीन विश्व-2" का डिजिटल संस्करण, 2013 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। इस पुस्तक के पहले दो अध्यायों (खंड 1) में इसी इतिहास को समझने की कोशिश की गई है। यहाँ किस तरह यूरोप में राष्ट्रवाद का विचार उपजा, किस तरह भूभागों को एकजुट किया गया और राष्ट्रीय सरकारें बनाई गईं। यह दशकों तक चलने वाली प्रक्रिया थी जिसमें बहुत सारे युद्ध और क्रांतियाँ हुई, बहुत सारे वैचारिक संघर्ष और राजनीतिक टकराव हुए। यूरोप की चर्चा (अध्याय 1) से हम अपना ध्यान भारत (अध्याय 2) में राष्ट्रवाद के विकास पर केंद्रित करेंगे, जहाँ राष्ट्रवाद का स्वरूप उपनिवेशवाद तथा साम्राज्यवाद विरोधी आंदोलनों से तय हुआ था। खंड 2 में हम अर्थव्यवस्थाओं और आजीविकाओं पर विचार करेंगे। पिछले साल आपने चरवाहों और वनवासियों के बारे में पढ़ा था, जिन्हें बीते ज़माने के अवशेषों की तरह देखा जाता है जबकि वास्तव में वे इसी आधुनिक दुनिया का हिस्सा हैं जिसमें हम रहते हैं। इस साल हम उन घटनाओं पर विचार करेंगे जिन्हें आधुनिकता का प्रतीक माना जाता है- वैश्वीकरण और औद्योगीकरण। इस भाग में हम इन बदलावों के इतिहास के विविध आयामों की पड़ताल करेंगे। अध्याय 4 में आप देखेंगे कि किस तरह भूमंडलीकृत विश्व एक लंबे और जटिल इतिहास से उपजा है। प्राचीन काल से ही तीर्थयात्री, व्यापारी, मुसाफिर अपने साथ सामानों, जानकारियों और दक्षताओं को लिए दूर-दूर तक जाते रहे हैं। खंड 3 में आप मुद्रण संस्कृति के इतिहास को पढ़ेंगे। छपी हुई चीजों से घिरे हुए हम लोगों को यह कल्पना करना भी मुश्किल दिखाई पड़ सकता है कि एक जमाने में प्रिंटिंग जैसी चीज होती ही नहीं थी। अध्याय 5 में इस बात पर विचार किया गया है कि किस तरह समकालीन दुनिया का इतिहास छपाई तकनीक के विकास के साथ अभिन्न रूप से जुड़ा रहा है। वहाँ आप देखेंगे कि छपाई ने सूचनाओं और विचारों, बहसों और चर्चाओं, विज्ञापन और प्रचार तथा नाना प्रकार के नए साहित्य के प्रसार को किस तरह संभव बनाया है।
Gruh Vigyan class 6, 7 and 8 - Himachal Pradesh Board: गृह विज्ञान कक्षा छठी, सातवीं व आठवीं - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshala"गृह विज्ञान" पुस्तक हिमाचल प्रदेश बोर्ड द्वारा कक्षा 6वीं, 7वीं और 8वीं के छात्रों के लिए तैयार की गई है। यह पुस्तक गृह विज्ञान से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी और कौशल प्रदान करती है। इसमें पोषण, स्वास्थ्य, स्वच्छता, घरेलू प्रबंधन, वस्त्र और कपड़े, और अन्य घरेलू कार्यों पर विस्तार से चर्चा की गई है। यह पुस्तक विद्यार्थियों को दैनिक जीवन में उपयोगी ज्ञान और कौशल प्राप्त कराने के साथ-साथ उनके अध्ययन को भी समृद्ध करती है।
Gruh Vigyan class 9 and 10 - Himachal Pradesh Board: गृह विज्ञान कक्षा 9वीं एवं 10वीं - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaहिमाचल प्रदेश बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन के अंतर्गत कक्षा 9 और 10 में "गृह विज्ञान" एक महत्वपूर्ण विषय के रूप में पढ़ाया जाता है। यह विषय छात्रों को घर और परिवार के जीवन को व्यवस्थित और कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने के विभिन्न पहलुओं की जानकारी प्रदान करता है। गृह विज्ञान में प्रमुख रूप से पाँच क्षेत्र शामिल होते हैं: 1. खाद्य और पोषण: संतुलित आहार और खाना पकाने की विधियाँ। 2. वस्त्र और परिधान: कपड़ों की देखभाल और सिलाई। 3. स्वास्थ्य और स्वच्छता: व्यक्तिगत और पर्यावरणीय स्वच्छता। 4. गृह प्रबंधन: समय और बजट प्रबंधन और 5. बाल विकास: बच्चों की देखभाल और विकास। गृह विज्ञान का अध्ययन छात्रों को जीवन कौशल सिखाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होता है। यह विषय छात्रों को न केवल घर के कार्यों में निपुण बनाता है, बल्कि उनके समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
Himachal Ki Lok Sanskruti Or Yog class 6 - Himachal Pradesh Board: हिमाचल की लोक संस्कृति और योग कक्षा ६ - एच पी बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshala"हिमाचल की लोक संस्कृति और योग" शीर्षक से प्रकाशित पाठ्यपुस्तक, हिमाचल प्रदेश विद्यालय शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित, क्षितिज की समृद्ध भूमि और परंपरागत योग अभ्यासों का एक व्यापक अन्वेषण प्रस्तुत करती है। 2011 के फरवरी में प्रकाशित पहले संस्करण से लेकर अक्टूबर 2019 में नवीन प्रिंटिंग तक कई संस्करणों में परिपूर्ण, इसकी टिकाऊ महत्वपूर्णता को पुनः प्रमाणित किया गया है। छठी कक्षा के छात्रों के लिए तैयार किया गया, यह पुस्तक एक शिक्षात्मक प्रकाश बनती है, जो हिमाचल की विरासत का मूल सार और योग के महत्वपूर्ण भूमिका को प्रकाशित करती है। रोमांचक सामग्री के माध्यम से, यह स्थानीय रीति-रिवाजों के साथ एक गहरा संबंध बढ़ाती है, छात्रों को उनकी जड़ों को गले लगाने के लिए प्रोत्साहित करती है, जबकि योग को उनके शैक्षिक यात्रा में बिना किसी अंतररूप से एकीकृत करती है। सांस्कृतिक संरक्षण और योग की परिवर्तनात्मक शक्ति पर एक स्थायी जोर रखते हुए, यह पाठ्यपुस्तक छात्रों के बीच शैक्षिक वृद्धि और सांस्कृतिक जागरूकता के लिए एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में प्रकट होती है।
Himachal Ki Lok Sanskruti Or Yog class 7 - Himachal Pradesh Board: हिमाचल की लोक संस्कृति और योग कक्षा ७ - एच पी बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaहिमाचल प्रदेश विद्यालय शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित, कक्षा 7 के लिए पाठ्यपुस्तक "हिमाचल की लोक संस्कृति और योग" एक महत्वपूर्ण साधन है जो राज्य की सांस्कृतिक विरासत और योग प्रथाओं को समझाने का उद्देश्य रखता है। कई संस्करणों के माध्यम से और जनवरी 2016 में नवीन प्रिंटिंग के साथ, कुल 74,000 प्रतियां प्रकाशित हो चुकी हैं। यह व्यापक पाठ्यक्रम हिमाचल प्रदेश की समृद्ध लोक संस्कृति, योग परंपराओं की गहराई से जानने का मौका प्रदान करती है और राज्य के स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करती है। शिक्षकों और छात्रों के बीच एक संबंध बनाते हुए, यह सत्यपूर्ण और प्रासंगिक सामग्री के साथ एक आकर्षक अध्ययन अनुभव की सुनिश्चित करती है। विशेष रूप से, हिमाचल प्रदेश सरकार का पहल काफी गरीब छात्रों के शिक्षा उन्नति और सांस्कृतिक संरक्षण के प्रति समर्पण को दर्शाता है जब यह पाठ्यपुस्तकों को मुफ्त में लाखों गरीब छात्रों को वितरित किया जाता है।
Himachal Ki Lok Sanskruti Or Yog class 8 - Himachal Pradesh Board: हिमाचल की लोक संस्कृति और योग कक्षा ८ - एच पी बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaपाठ्यपुस्तक "हिमाचल की लोक संस्कृति और योग" (Himachal’s Folk Culture and Yoga) कक्षा 8 के छात्रों के लिए, हिमाचल प्रदेश विद्यालय शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित, कक्षा के शैक्षणिक पाठ्यक्रम में सांस्कृतिक और योगिक विरासत की व्यापक जानकारी प्रदान करती है। अपनी नवीनतम पुनर्मुद्रण अक्टूबर 2022 में किया गया है, जो इसे वर्तमान और प्रासंगिक बनाता है। प्रस्तावना में एक उत्कृष्ट पाठ्यपुस्तक के महत्व को बताया गया है जो शिक्षक और छात्र के बीच एक संबंध का काम करता है और उन्हें शिक्षा प्रक्रिया में मार्गदर्शन करता है। इसकी विषय-सूची में हिमाचल के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक धारा, पर्यावरण संरक्षण और योग शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं। यह पाठ्यपुस्तक केवल ज्ञान प्रदान करने के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश की परंपराओं, मूल्यों, और योग की प्रायोगिक अभ्यास के प्रति गहरी समर्पणा भी बढ़ाती है, इसलिए यह छात्रों और शिक्षकों के लिए एक अनिवार्य संसाधन है।
Loktantrik Rajniti class 10 - Himachal Pradesh Board: लोकतांत्रिक राजनीति कक्षा १० - लोकतांत्रिक राजनीति कक्षा १० - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaहिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 10 के लिए "सामाजिक विज्ञान लोकतांत्रिक राजनीति" का डिजिटल संस्करण, 2013 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। यह "राष्ट्रीय पाठ्यक्रम निर्देशिका 2005" के प्रेरणा से लिखा गया है और लोकतंत्र के विभिन्न पहलुओं को छात्रों को परिचित कराने का उद्देश्य रखता है। यह किताब अपनी कथाओं, चित्रों, पहेलियों और कार्टूनों के माध्यम से विद्यार्थियों से हेल-मेल करती है। इस बार दृश्य सामग्री बढ़ा दी गई है और 'प्लस बाक्स' के नाम से एक नयी चीज़ जोड़ी गई है। 'इस किताब का उपयोग ऐसे करें' शीर्षक के अंतर्गत सभी नयी पुरानी विशेषताओं का ज़िक्र किया गया है। इसे ज़रूर पढ़ें। सबसे बड़ी बात यह है कि यह पुस्तक आपको सीख या उपदेश देने की कोशिश नहीं करती। यह आपसे बातचीत करना चाहती है। आप भी मानेंगे कि लोकतंत्र के बारे में सोचने का यही लोकतांत्रिक तरीका है।
Loktantrik Rajniti class 9 - Himachal Pradesh Board: लोकतांत्रिक राजनीति कक्षा 9 - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaहिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 9 के लिए "सामाजिक विज्ञान लोकतांत्रिक राजनीति" का डिजिटल संस्करण, 2013 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। यह "राष्ट्रीय पाठ्यक्रम निर्देशिका 2005" के प्रेरणा से लिखा गया है और लोकतंत्र के विभिन्न पहलुओं को छात्रों को परिचित कराने का उद्देश्य रखता है। यह शिक्षकों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने को प्रोत्साहित करता है, और छात्रों के बीच गहन विचार और सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देता है। सरकारी स्कूलों में पाठ्यपुस्तकों का मुफ्त वितरण और शिक्षा और सामाजिक उन्नति के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर करते हुए, इसका समापन एक पत्र सहित होता है जिसमें शिक्षकों और माता-पिता को संवाद किया गया है, जिसमें नागरिक शास्त्र पाठ्यक्रम में परिवर्तनों का वर्णन किया गया है और पाठ्यपुस्तक निर्माण के सहयोगी प्रयास का जिक्र किया गया है।
Samkalin Bharat Bhag-2 class 10 - Himachal Pradesh Board: समकालीन भारत भाग-२ कक्षा १० - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaहिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 10 के लिए " समकालीन भारत भाग-२" का डिजिटल संस्करण, 2017 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। शिक्षा में सुधार की आवश्यकता पर ध्यान देते हुए राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा रूपरेखा 2005 और परीक्षा सुधारों पर राष्ट्रीय फोकस समूह के स्थिति पत्र ने परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नों के तरीकों में बदलाव के लिए अपील की है। इस पुस्तक में कुल सात अध्याय है। संसाधन एवं विकास, वन एवं वन्य जीव संसाधन, जल संसाधन, कृषि, खनिज तथा ऊर्जा संसाधन, विनिर्माण उद्योग, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ आदी के बारे जानकारी दी गई है। राष्ट्रीय स्तर पर पाठ्यपुस्तकों के निर्माण का दायित्व एन. सी. ई. आर. टी. को दिया गया है ताकि शिक्षा के राष्ट्रीय स्तर पर समरूपता बनी रहे। हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड, एन.सी.ई.आर.टी. का आभारी हैं क्योंकि उन्होंने हमें उनके द्वारा परिश्रमपूर्वक तैयार की गई पुस्तकों को पुनर्मुदित कर अपने छात्रों तक पहुंचाने का अधिकार दिया है। छात्रें में भू-स्थानिक कौशल विकसित करने के उद्देश्य से एनसीईआरटी तथा इसरो ने मिलकर ऑनलाइन वेब आधारित भू-स्थानिक पोर्टल स्कूल-भुवन-एनसीईआरटी बनाया है। इस भू-स्थानिक पोर्टल पर भूगोल की पाठ्यपुस्तकों में दिए गए मानचित्र उपलब्ध हैं। यह पोर्टल छात्रें में भू-स्थानिक तकनीक के उपयोग द्वारा भूगोल की विभिन्न संकल्पनाओं को समझने में मदद करता है।
Samkalin Bharat-1 class 9 - Himachal Pradesh Board: समकालीन भारत-१ कक्षा ९ - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshala"समकालीन भारत- 1" एक भूगोल पाठ्यपुस्तक है जो कक्षा 9 के लिए हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित की गई है। अगस्त 2013 से अक्टूबर 2020 तक कई संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों के साथ, यह पुस्तक भारत के भौतिक विशेषताओं, जलवायु, प्राकृतिक वनस्पति, वन्यजीव, और जनसंख्या के बारे में विस्तृत भूगोलिक जानकारी प्रदान करती है। ₹50.00 कीमत पर, यह छात्रों के लिए एक सस्ता स्रोत प्रस्तुत करती है। मानचित्रों पर आंतरिक विवरण को सही रूप से प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी का उल्लेख करते हुए, प्रकाशक सुनिश्चित करता है कि भारत के मानचित्रों पर आंतरिक विवरण सही तरीके से प्रस्तुत किए जाते हैं। यह पाठ्यपुस्तक छात्रों को उनके देश के विभिन्न भूगोलिक पहलुओं को समझने में मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में कार्य करती है।
Vigyan class 10 - Himachal Pradesh Board: विज्ञान कक्षा १० - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaहिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 10 के लिए "विज्ञान" का डिजिटल संस्करण, 2013 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण, अम्ल, क्षारक एवं लवण, धातु एवं अधातु, कार्बन एवं उसके यौगिक, तत्वों का आवर्त वर्गीकरण, जैव प्रक्रम, नियंत्रण एवं समन्वय, जीव जनन कैसे करते हैं, आनुवंशिकता एवं जैव विकास, प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन, मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार, विद्युत, विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव, ऊर्जा के स्रोत, हमारा पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन। इसमें मानक पाठ्यक्रम के विषय शामिल हैं जैसे रासायनिक प्रतिक्रियाएं और समीकरण, धातु और अधातु, अम्ल, क्षार और लवण, कार्बन, आवर्त सारणी, जीवन प्रक्रियाएं, प्रजनन, आनुवंशिकता, प्रकाश, बिजली, मानव आंख, ऊर्जा, चुंबकत्व, पर्यावरण और संसाधन प्रबंधन। सीखने को आसान बनाने के लिए, किताबें चित्रों से सुसज्जित हैं जो छात्रों को स्पष्ट विचार बताती हैं। इसी तरह, पुस्तक में दिए गए उदाहरण अच्छी तरह से वर्णित हैं और उत्पन्न होने वाले किसी भी भ्रम को दूर करने में मदद करते हैं। यह पुस्तक हल किए गए और अनसुलझे प्रश्नों के साथ भी आती है ताकि छात्र स्वयं का परीक्षण कर सकें और अपने कौशल में सुधार कर सकें।
Vigyan class 9 - Himachal Pradesh Board: विज्ञान कक्षा ९ - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education‘विज्ञान’ कक्षा 9 की यह पाठ्यपुस्तक छात्रों के लिए विज्ञान की बुनियादी अवधारणाओं को स्पष्ट और समझने योग्य तरीके से प्रस्तुत करती है। पुस्तक विभिन्न वैज्ञानिक विषयों पर केंद्रित है, जिनमें पदार्थ, परमाणु और अणु, कोशिकाएं और ऊतक, गति, बल और ऊर्जा के सिद्धांत शामिल हैं। पुस्तक की शुरुआत पदार्थ के विभिन्न स्वरूपों और उनके गुणों की व्याख्या से होती है, जिसमें पंचतत्वों (वायु, पृथ्वी, अग्नि, जल और आकाश) की अवधारणा भी शामिल है। इसके बाद, परमाणुओं और अणुओं की संरचना, रासायनिक संयोजन के नियम, और रासायनिक सूत्रों का निर्माण जैसे महत्वपूर्ण विषयों की गहन चर्चा की गई है। जीव विज्ञान खंड में कोशिका की संरचना, ऊतकों के प्रकार और जीवों में विविधता जैसे विषय शामिल हैं। यह खंड छात्रों को जीवन की मौलिक इकाई (कोशिका) और पादप एवं जंतु ऊतकों की संरचना की विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। भौतिकी खंड में गति के नियम, बल, गुरुत्वाकर्षण, कार्य और ऊर्जा, तथा ध्वनि के सिद्धांतों पर जोर दिया गया है। इन विषयों के माध्यम से छात्र गति, बल और ऊर्जा के संबंधों को समझते हैं और उनके व्यावहारिक अनुप्रयोगों का अध्ययन करते हैं। पुस्तक का उद्देश्य छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना और उन्हें विभिन्न वैज्ञानिक प्रक्रियाओं और सिद्धांतों को समझने में मदद करना है। इसमें प्रयोग और अभ्यास प्रश्नों के माध्यम से अवधारणाओं की बेहतर समझ को सुनिश्चित करने के प्रयास किए गए हैं, जो छात्रों को उनके शैक्षिक जीवन में महत्वपूर्ण रूप से सहायता करेंगे।
Siddharth: सिद्धार्थ
by Hermann Hesse1946 में साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित लेखक हरमन हेस का यह विश्वप्रसिद्ध उपन्यास है। अनेक भाषाओं में अनूदित इस छोटे-से उपन्यास का विश्व साहित्य में बहुत बड़ा दर्जा है। खुद को खोजने की अन्तरयात्रा की यह कहानी भारत की पृष्ठभूमि पर लिखी गई है। कहानी है गौतम बुद्ध के ज़माने में सिद्धार्थ नामक युवक की जो ज्ञानोदय की तलाश में अपने घर-बार को छोड़कर निकल जाता है। इस यात्रा के दौरान सिद्धार्थ को किस प्रकार के अलग-अलग अनुभव होते हैं यही सब इस उपन्यास में दर्शाया गया है। मूलतः जर्मन भाषा में लिखा यह उपन्यास 1960 के दशक में बहुत लोकप्रिय हुआ।
Ek Aur Taj: एक और ताज
by Hemant Ranaयह कहानी है हितेश और रागिनी की। हितेश एक ऐसा लड़का, जिसे हमेशा पब्लिसिटी में रहना पसंद है, जिसे उसके दोस्त बहुत प्यार करते हैं, जो अपने कॉलेज में एक हीरो की ज़िन्दगी जीता है; जो चाहता है, सारा कॉलेज बिल्कुल वैसे चले, जैसा वो चाहे। अब हीरो है तो उसकी एक हिरोइन भी होनी चाहिये। फिर उसे एक दिन अपनी हिरोइन रागिनी मिल जाती है और उसकी लव स्टोरी शुरू होती है। वह सोचता है यह टाइम पास है, कॉलेज छोड़ने के बाद वह अपनी लव स्टोरी भी समाप्त कर देगा। रागिनी एक ऐसी लड़की, जो अपनी शर्तों पर जीना चाहती है। वो अपनी ज़िन्दगी के बड़े-से-बड़ा फैसले खुद लेती है, वो केवल अपने आप से प्यार करती है। उसका मानना है, जब लड़के फ्लर्ट कर सकते हैं तो लड़कियाँ क्यों नहीं। उसे फ्लर्ट करने के लिए जो लड़का मिलता है, उसका नाम है हितेश। इसके बाद वो दोनों बहुत खुश थे। हितेश को लगता था, रागिनी बस उसके लिए टाइम पास है और रागिनी को लगता था, फ्लर्ट करने के लिए हितेश से अच्छा भला कौन मिलेगा। लेकिन कहानी में असली ट्विस्ट तब आता है, जब उनके दिल के अंदर दो इडियट्स जन्म ले लेते हैं। वो इडियट, जो आपस में एक-दूसरे को बहुत प्यार करते हैं, वो इडियट, जो सिर्फ एक-दूसरे के लिए बने हैं। तो क्या वो इडियट कभी उन दोनों को आपस में मिला पायेंगे? क्या हितेश और रागिनी कभी उनको पहचान पायेंगे? क्या वो कॉलेज खत्म होने के बाद बिछुड़ जायेंगे? उन दोनों इडियट्स की लव स्टोरी में क्या होगा?
Banbhatt Ki Aatmakatha: बाणभट्ट की आत्मकथा
by Hazari Prasad Dwivediआचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी की विपुल रचना-सामर्थ्य का रहस्य उनके विशद शास्त्रीय ज्ञान में नहीं, बल्कि उस पारदर्शी जीवन-दृष्टि में निहित है, जो युग का नहीं युग-युग का सत्य देखती है। उनकी प्रतिभा ने इतिहास का उपयोग ‘तीसरी आँख’ के रूप में किया है और अतीत-कालीन चेतना-प्रवाह को वर्तमान जीवनधारा से जोड़ पाने में वह आश्चर्यजनक रूप से सफल हुई है। बाणभट्ट की आत्मकथा अपनी समस्त औपन्यासिक संरचना और भंगिमा में कथा-कृति होते हुए भी महाकाव्यत्व की गरिमा से पूर्ण है। इसमें द्विवेदी जी ने प्राचीन कवि बाण के बिखरे जीवन-सूत्रों को बड़ी कलात्मकता से गूँथकर एक ऐसी कथाभूमि निर्मित की है जो जीवन-सत्यों से रसमय साक्षात्कार कराती है। इसमें वह वाणी मुखरित है जो सामगान के समान पवित्रा और अर्थपूर्ण है-‘सत्य के लिए किसी से न डरना, गुरु से भी नहीं, मंत्रा से भी नहीं; लोक से भी नहीं, वेद से भी नहीं।’ बाणभट्ट की आत्मकथा का कथानायक कोरा भावुक कवि नहीं वरन कर्मनिरत और संघर्षशील जीवन-योद्धा है। उसके लिए ‘शरीर केवल भार नहीं, मिट्टी का ढेला नहीं’, बल्कि ‘उससे बड़ा’ है और उसके मन में आर्यावर्त्त के उद्धार का निमित्त बनने की तीव्र बेचैनी है। ‘अपने को निःशेष भाव से दे देने’ में जीवन की सार्थकता देखने वाली निउनिया और ‘सबकुछ भूल जाने की साधना’ में लीन महादेवी भट्टिनी के प्रति उसका प्रेम जब उच्चता का वरण कर लेता है तो यही गूँज अंत में रह जाती हैद-‘‘वैराग्य क्या इतनी बड़ी चीज है कि प्रेम देवता को उसकी नयनाग्नि में भस्म कराके ही कवि गौरव का अनुभव करे?’’