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Shashwati Prathamo Bhag class 11 - SCERT Raipur - Chhattisgarh Board: शाश्वती प्रथमो भाग 11 वीं कक्षा - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

शाश्वती कक्षा 11 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में सिखाने वाले के दृष्टीकोण से जब शिक्षा भारमुक्त होगी तो वह स्वयमेव एक 'आनन्दप्रद अनुभूति' सिद्ध होगी । इस पाठ्यक्रम में आनन्दवृद्धि के लिए ऐसे ज्ञान-सन्दर्भो का समावेश किया गया है, जिनमें उदात्त जीवन मूल्य है, जिनमें घटना-वैचित्र्य के साथ ही साथ आधुनिक जनजीवन का प्रतिबिम्ब भी है ।

Shemushi Dviteeyo Bhag class 10 - NCERT: शेमुषी द्वितीयो भाग 10वीं कक्षा - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

शेमुषी द्वितीयो भागः 10वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल बारह पाठ हैं – संस्कृत के नवीन पाठ्यक्रम में निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप नवम कक्षा के लिए शेमुषी प्रथम भाग नामक पाठ्यपुस्तक के अनंतर दशम कक्षा के लिए यह शेमुषी द्वितीय भाग पुनरीक्षित संस्करण (2017) प्रस्तुत किया जा रहा है। इस संकलन में संस्कृत को जीवन्त भाषा के रूप में देखा गया है जिसकी धारा निरन्तर प्रवाहित होती रही है। इसीलिए इसमें आधुनिक संस्कृत रचनाओं के समावेश के साथ अन्य भाषाओं के साहित्य से अनूदित पाठों को भी ग्रहण किया गया है। पाठों के आरम्भ में पाठ-सन्दर्भ दिए गए हैं जिनसे पाठ-प्रसंगों को समझा जा सके। छात्रों को सीखने का अधिकाधिक अवसर मिल सके इसलिए पाठों के अन्त में विविध अभ्यासों वाली प्रश्नावली दी गयी है।

Shyamla Sanskrit class 10 - SCERT Raipur - Chhattisgarh Board: श्यामला संस्कृत 10 वीं कक्षा - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

Shyamla Sanskrit text book for 10th standard from Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad, Raipur, C.G. in Sanskrit.

Surbhi (Sanskrit) class 6 - SCERT Raipur - Chhattisgarh Board: सुरभि (संस्कृत) 6 वीं कक्षा - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

सुरभि पाठ्यपुस्तक कक्षा 6 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में गद्य, पद्य, कथा, नाटक और संवाद को समामेलित किया गया है। कक्षा 6 सुरभि (संस्कृत) पाठ्य पुस्तक में अन्तर्निहित पाठ्य विषय छात्रों में राष्ट्र एवं संस्कृति के प्रति भावनात्मक एकता को बढायेंगे । कक्षा 6 संस्कृत में पठन-पाठन की व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए वैज्ञानिक आविष्कार सङ्गणक, फ्रीज, रेडियो, वायुयान, चलितदूरभाष (मोबाइल), पर्यावरण गीत छत्तीसगढ के पर्व, वर्षागीतम्, बसन्तवर्णनम्, राष्ट्रीय पर्व, महापुरुषों की जीवनी, नीतिश्लोक, सूक्ति, आदि पाठों को समावेशित किया गया है।

Surbhi Sanskrit class 7 - SCERT Raipur - Chhattisgarh Board: सुरभि संस्कृत कक्षा 7 वीं - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

सुरभि पाठ्यपुस्तक कक्षा 7 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में गद्य, पद्य, कथा और संवाद को समामेलित किया गया है। कक्षा 7 सुरभि (संस्कृत) में अध्ययन–अध्यापन की व्यवस्था में छत्तीसगढ़ के पर्व, कम्प्यूटर (संगणक) रायपुर नगर चाणक्य के वचन, ईदमहोत्सवः, गीताऽमृतम्, भोरमदेव, आदर्शछात्र, छत्तीसगढ़ की लोकभाषाएँ, संस्कृत में पत्र लेखन संस्कृत भाषा का महत्त्व, वसन्त वर्णन, पौराणिक कथा, पर्यावरण, नीति श्लोक, महापुरूषों की जीवनी, होलिकोत्सव व संस्कृत सूक्तियों को समावेशित किया गया है।

Vyakaranavithi class 10 - NCERT: व्याकरणवीथिः 10वीं कक्षा - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

व्याकरणवीथि: 10वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल बारह पाठ हैं – इस पुस्तक में वैदिक काल से लेकर आधुनिक काल तक संस्कृत भाषा में लिखित शास्त्रों के सम्यक् अध्ययन, मनन एवं चिन्तन के लिए व्याकरण का ज्ञान आवश्यक है, क्योंकि व्याकरण भाषा को शुद्ध बनाकर उसका समुचित प्रयोग सिखाता है। व्याकरण शब्द (वि + आ + कृ + ल्युट्) से निष्पन्न है। व्याक्रियन्ते व्युत्पाद्यन्ते शब्दा: अनेन इति व्याकरणम् अर्थात् शब्दों की व्युत्पत्ति करने वाले, प्रकृति एवं प्रत्यय का निर्धारण करने वाले तथा उनके शुद्ध स्वरूप का विवेचन करने वाले शास्त्र को व्याकरणशास्त्र कहते हैं । अति प्राचीन काल से शास्त्रों में व्याकरण का प्रमुख स्थान है— मुखं व्याकरणं स्मृतम् । संस्कृत भाषा में व्याकरणशास्त्र का जितना सूक्ष्म तर्कपूर्ण एवं विस्तृत विवेचन हुआ है उतना विश्व की किसी अन्य भाषा में नहीं हुआ है । वेदों के सम्यक् अध्ययन, अर्थ बोध तथा वेद मंत्रों की व्याख्या के लिए वेदाङ्गों का ज्ञान अनिवार्य है।

Ranjini Dviteeyo Bhag class 7 - RBSE Board: रञ्जिनी द्वितीयो भाग 7वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Rajsthan Rajya Pathyapustak Mandal Jaipur

रञ्जिनी द्वितीयो भागः कक्षा 7वीं यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, प्रस्तुत पुस्तक राजस्थान शिक्षा मण्डल, अजमेर के प्राकृत भाषा एवं साहित्य के 7वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए तैयार की गई है, जिसमें उन्हें प्राकृत भाषा, साहित्य, व्याकरण, वाक्य-बोध के प्रति मार्ग-दर्शन दिया गया है । इस पाठ्यपुस्तक में विभिन्न अध्याय और उनके अभ्यास प्रश्न दिये गए है, हर अध्याय का विस्तार मे विविरण किया गया है ।

Ranjini Prathamo Bhag class 6 - RBSE Board: रञ्जिनी प्रथमो भाग 6वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Rajsthan Rajya Pathyapustak Mandal Jaipur

रञ्जिनी प्रथमो भागः कक्षा 6वीं यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, प्रस्तुत पुस्तक राजस्थान शिक्षा मण्डल, अजमेर के प्राकृत भाषा एवं साहित्य के 6वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए तैयार की गई है, जिसमें उन्हें प्राकृत भाषा, साहित्य, व्याकरण, वाक्य-बोध के प्रति मार्ग-दर्शन दिया गया है । इस पाठ्यपुस्तक में विभिन्न अध्याय और उनके अभ्यास प्रश्न दिये गए है, हर अध्याय का विस्तार मे विविरण किया गया है ।

Ranjini Tritiyo Bhag Class 8 - RBSE Board: रञ्जिनी तृतीयो भाग 8वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Rajsthan Rajya Pathyapustak Mandal Jaipur

रञ्जिनी तृतीयो भागः कक्षा 8वीं यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, प्रस्तुत पुस्तक राजस्थान शिक्षा मण्डल, अजमेर के प्राकृत भाषा एवं साहित्य के 8वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए तैयार की गई है, जिसमें उन्हें प्राकृत भाषा, साहित्य, व्याकरण, वाक्य-बोध के प्रति मार्ग-दर्शन दिया गया है । इस पाठ्यपुस्तक में विभिन्न अध्याय और उनके अभ्यास प्रश्न दिये गए है, हर अध्याय का विस्तार मे विविरण किया गया है ।

Sanskrit class 11 - GSTB: संस्कृत कक्षा 11

by Enjoy Nectar Mehul Shah Shailesh Ojha L V. Joshi Shri Rawal Pvt. Kamlesh Kumar VI. Precision Convener. Pvt. Mansukh K Molia

वेदामृतम् આ બધા વેદમંત્રોમાં રહેલું ભાવતત્ત્વ સમગ્ર માનવસમાજને આવરી લે છે. એમાં લિંગ, વય કે જાતિ દેશનો ભેદ ક્યાંય દષ્ટિગોચર થતો નથી. विना वृक्षं गृहं शून्यम् ભૃગુના આ તર્કો માનવીય શરીર અને તેમાં ચાલી રહેલી પ્રક્રિયાની વિશેષતઃ જ્ઞાનેન્દ્રિયોની આસપાસ ફરે છે. માણસ જેમ પોતાની જુદી જુદી ઇન્દ્રિયોથી જુદા જુદા પ્રકારનાં જ્ઞાન મેળવી લે છે અને તે જ્ઞાન મુજબ વર્તન કરે છે, તેમ વૃક્ષ પણ કરે છે. આ વાત કહીને ભૃગુએ વૃક્ષમાં ચૈતન્ય-જીવ હોવાની માન્યતાને પ્રસ્થાપિત કરી આપી છે. અહીં જે પદ્ય છે, તે બધાં અનુષ્ટુપ છંદમાં છે. वर्षावर्णनम् આ કાવ્યની ખૂબી એ છે કે તેમાં વર્ષા ઋતુનું વર્ણન અત્યંત સુંદર શબ્દોમાં થયું છે. અહીં ઉપમા અલંકારનો પ્રયોગ રમણીય છે. વળી, ઉપમાન તરીકે પસંદ કરેલા પદાર્થો ખૂબ જ આકર્ષક છે. જેમકે ત્રીજા પદ્યમાં રાત્રિના પ્રારંભે અંધારામાં ચમકતા આગિયાઓને પાખંડી લોકો સાથે અને નહિ દેખાતા ગ્રહોને વેદો સાથે સરખાવ્યા છે. કલિયુગમાં પાપનું સામ્રાજ્ય પ્રવર્તે છે. તેથી પાખંડીઓનો પ્રભાવ જોવા મળે છે, જ્યારે વેદો સાવ ભૂલાઈ જાય છે. છઠ્ઠા શ્લોકમાં ઘાસથી ઢંકાઈ ગયેલા માર્ગોને અભ્યાસના અભાવે વીસરાઈ ગયેલા વેદજ્ઞાન સાથે અને સાતમા શ્લોકમાં વાદળોના આગમનથી હરખાઈ ગયેલા મયૂરોને ગૃહસ્થ લોકો સાથે સરખાવવામાં આવ્યા છે. પાંચમા શ્લોકમાં નવવારિનિપેવયા અને હરિનિવયા શબ્દોના પ્રયોગમાં યમકની ચમકૃતિ છે. આ બધાં પદ્યો અનુષ્ટુપ છંદમાં છે.दशकं धर्मलक्षणम् . , भस्मावशेषं मदनं चकार , उपनिषद् रससुधा , नाटयमेतन्मया कृतम्, मोहमुदगर: ,काव्यमधुबिन्दव: , अनेकार्थसप्तकम्, पृथुचरितम् , किन्तोः कुटिलता , हनूमद्भीमसेनयोः संवादः,चतस्त्री विधा:,ननु वर्णितोडसि , रजुः भस्म भवत्विति ,शकुन्तलाप्रत्याख्यानम् , किं नाम व्यक्तित्वम्, होलिकोत्सवः,अग्य्राणां शतमुद्दिष्टम् . વગેરે પાઠો સરસ રીતે પ્રસ્તુત કરેલ છે

Salila Sanskrit Samanya class 9 - SCERT Raipur - Chhattisgarh Board: सलिला संस्कृत सामान्य कक्षा 9वी - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

सलिला संस्कृत सामान्य पाठ्यपुस्तक कक्षा 9वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में प्राचीन रचनाओं के साथ आधुनिक संस्कृत रचनाओं का भी समावेश किया गया है। कुछ पाठों के आंरभ में पाठ के संदर्भ दिए गए हैं, छात्रों की सुविधा के लिए 'शब्दार्थाः' शीर्षक के अन्तर्गत पाठ में नवीन शब्दों के हिन्दी में अर्थ दिए गए हैं। कुछ पाठों के अंत में पाठ की विषयवस्तु को पूरी तरह खोलने के लिए भिन्न प्रकार की सामग्री दी गई है। जैसे 'भारतीवसन्तगीतिः' के अंत में सारे श्लोकों का अन्वय और अर्थ बताया गया है। वहीं प्रत्यभिज्ञानम्' पाठ में एक श्लोक है जिसका अर्थ अंत में दिया गया है। इसी तरह ‘भ्रान्तो बालः पाठ के अंत में 'पाठयामास' या 'बोधयामास' अपेक्षाकृत रूप से कम प्रचलित शब्दों के बारे में बताया गया है। पाठ्यपुस्तक के अंत में व्याकरण खंड है। उसमें छात्रों की आवश्यकतानुसार संक्षेप में व्याकरण के नियमों को प्रस्तुत किया गया है।

Sanskrit class 10 - GSTB: સંસ્કૃત ધોરણ ૧૦

by Gstb

ધોરણ 10 સંસ્કૃતનું પાઠ્યપુસ્તક છે જેમાં 20 પ્રકરણ અને 5 અધ્યાય આપેલ છે.

Sanskrit Semester 2 class 6 - GSTB: संस्कृत (द्वितीय सत्र) कक्षा ६

by Narendra Rawal Kanubhai Karkar Pravinchandra Jani Prafulbhai Scissors

પ્રથમ અજમાયશ પછી ગુજરાત રાજયની તમામ શાળાઓ માટે તૈયાર થયેલા ધોરણ 6 નાં પાઠ્યપુસ્તકોને ક્ષતિરહિત બનાવવા પ્રયત્ન કર્યો છે, પ્રસ્તુત સંસ્કૃત દ્વિતીય સત્ર માં પહેલા શરીર ના અંગો ને સંસ્કૃત માં શું કહેવામાં આવે છે તે વિષે ચિત્ર દ્વારા સરસ માહિતી આપવામાં આવી છે અને બીજા પાઠ માં ડાબે ,જામણે, ઉપર, નીચે વગેરે ની માહિતી આપવામાં આવી છે. ત્યાર બાદ વાંચવું , બેસવું, રમવું, પૂજા કરવી વગેરે ક્રિયાઓ સમજવા માં આવી છે,ઉખાણા સ્વરૂપે વાક્યો પ્રસ્તુત કરવામાં આવ્યા છે. મારી શાળા વિષે માહિતી અને ત્યાર બાદ ભારત વિષે માહિતી આપવા માં આવી છે. અંત માં પુનરાવર્તન 1 અને 2 પણ આપેલ છે.

Sanskrit class 9 - GSTB: સંસ્કૃત ધોરણ ૯

by Shri Maharudra K. Sharma Kamlesh Chokshi. Mansukh Molia Mohini Dave Smitabhain Joshi

આ પાઠ્યપુસ્તકમાં સંસ્કૃતના ભાષાકીય, સાહિત્યિક તેમજસાંસ્કૃતિક વૈવિધ્યને લક્ષ્યમાં લીધેલું છે. જરૂર જણાય ત્યાં વિદ્યાર્થીઓની વયકક્ષાને અનુરૂપ કેટલાંક સંપાદન તેમજ સ્વતંત્ર પાઠની સંરચના કરવામાં આવી છે. સંસ્કૃત સંભાષણનાં પાસાંને આવરી લેવાયાં છે. સંસ્કૃત ભાષાનો સઘન પરિચય થાય તે માટે સઘળાં પદોની વિસ્તૃત સમજૂતી અપાઈ છે. સંસ્કૃત સાહિત્યનાં વિવિધ સ્વરૂપોને અહીં પ્રતિનિધિત્વ અપાયું છે. પ્રસ્તુત પાઠ્યપુસ્તક દ્વારા વિદ્યાર્થીઓમાં સર્જનાત્મકતા, વિચારશક્તિ અને તર્કશક્તિ વિકસે અને તે દ્વારા સર્વાગી વિકાસ થાય તેમજ અધ્યયન અધ્યાપન પ્રક્રિયામાં મદદરૂપથાય તે રીતે પાઠ્યપુસ્તક તૈયાર કરવામાં આવ્યું છે.

Sanskrit Semester 1 class 6 - GSTB: संस्कृत (प्रथम सत्र ) कक्षा ६

by Narendra Rawal Kanubhai Karkar Pravinchandra Jani Prafulbhai Scissors

પાઠ1 માં ચિત્ર દ્વારા સરસ માહિતી આપેલ છે જેમાં પશુઓ ના ચિત્રો દ્વારા સંસ્કૃત ભાષાની સમજ આપવામાં આવી છે. ચિત્રપદાની 1 થી 4 સરસ માહિતી સભર છે.પાઠ 2 ચિત્ર દ્વારા વાર્તા ની સરસ સમજ આપેલ છે. પાઠ 3 માં સંસ્કૃત ભાષા દેવનાગરી લિપિમાં લખાય છે. આપણી માતૃભાષાની લિપિ દેવનાગરી લિપિમાંથી જ આવી હોવાથી શિરોરેખાને બાદ કરતાં કેટલાક મૂળાક્ષરો દેવનાગરી લિપિની જેમ લખાય છે, જેથી તેનો પરિચય કેળવવો મુશ્કેલ નથી. કેટલાક મૂળાક્ષરોના વળાંકોમાં થોડીક ભિન્નતા જોવા મળે છે, તે સમજાવેલ છે,પાઠ 4 માં સંખ્યા જ્ઞાન આપેલ છે. આરીતે 9 પાઠ સરસ માહિતી સભર છે. પાઠ 9 માં ઘડિયાળ માં સમય જોવા અને સંસ્કૃત કહેવાનું સીખ્વાડવામાં આવ્યું છે. સાથે પુનરાવર્તન1 અને 2 પણ છે.

Sanskrit Semester 1 class 8 - GSTB: संस्कृत (प्रथम सत्र ) कक्षा ८

by Narendra Rawal Kanubhai Karkar Aita Parmar Troubled Thacker

પ્રસ્તુત પાઠ્યપુસ્તક માં ચિત્રપદાની 1 અને 2 માં ચિત્રો ના મળ્યાં થી દુર અને નજીક ની વાત કહેતી વખતે સંસ્કૃત માં ક્યાં શબ્દો નો ઉપયોગ કરવો તે સમજવામાં આવેલ છે . आत्मश्रद्धायाः प्रभावः પાઠ માં એકલવ્ય ની વાર્તા સમજવામાં આવી છે. एहि सुधीर કવિતા जनार्दन हेगडे ની લેવામાં આવી છે. शीलायाः प्रवासः જેમાં પ્રવાસ વર્ણન કરેલ છે સાથે ગુફાઓ વિષે અને શીલાઓ વિષે માહિતી આપેલ છે. विनोदपद्यानि માં હાસ્ય વિનોદની ની વાતો છે. सङ्ख्या પાઠ માં ફળો વિષે માહિતી આપેલ છે. અને પુનરાવતન 1 અને 2 આપેલ છે.

Bhaswati Prathamo Bhag class 11 - SCERT Raipur - Chhattisgarh Board: भास्वती प्रथमो भाग 11 वीं कक्षा एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

'Bhaswati Bhag 1' is a textbook of Sanskrit for students of class 11 who have opted for humanities/arts stream. This textbook has been constructed according to CBSE Board (NCERT) syllabus norms.

Shashwati (Dviteeyo Bhag) class 12 - SCERT Raipur - Chhattisgarh Board: शाश्वती द्वितीयो भाग 12 वीं कक्षा - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

शाश्वती द्वितीयो भागः कक्षा 12 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में सिखाने वाले के दृष्टीकोण से जब शिक्षा भारमुक्त होगी तो वह स्वयमेव एक 'आनन्दप्रद अनुभूति' सिद्ध होगी । इस पाठ्यक्रम में आनन्दवृद्धि के लिए ऐसे ज्ञान-सन्दर्भो का समावेश किया गया है, जिनमें उदात्त जीवन मूल्य है, जिनमें घटना-वैचित्र्य के साथ ही साथ आधुनिक जनजीवन का प्रतिबिम्ब भी है ।

The Bhagavad Gita: India's Favorite Bible (A Harvard paperback, #34)

by Franklin Edgerton

To most good Vishnuites, and to most Hindus, the Bhagavad Gita is what the New Testament is to good Christians. It is their chief devotional book, and has been for centuries the principal source of religious inspiration for many millions of Indians. In this two-volume edition, Volume I contains on facing pages a transliteration of original Sanskrit and the Franklin Edgerton’s close translation. Volume II is Mr. Edgerton’s interpretation in which he makes clear the historical setting of the poem and analyzes its influence on later literature and its place in Indian philosophy. Sir Edwin Arnold’s beautiful translation, “The Song Celestial,” is also included in the second volume.

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