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Ishq Mubarak: इश्क़ मुबारक

by Kuldeep Raghav

"इश्क़ मुबारक" कुलदीप राघव द्वारा लिखी गई एक प्रेम कहानी है जो भावनाओं की गहराइयों में उतरती है और प्यार के जटिल पहलुओं को उजागर करती है। यह उपन्यास आधुनिक जीवन में प्रेम के अर्थ और संबंधों की जटिलताओं पर आधारित है। कहानी का मुख्य पात्र एक युवा है, जो जीवन में प्रेम की तलाश में है। उसकी मुलाकात एक ऐसी लड़की से होती है, जो उसकी दुनिया को पूरी तरह से बदल देती है। उनकी कहानी में प्यार, विश्वास, और रिश्तों के कई उतार-चढ़ाव आते हैं। लेखक ने प्रेम की मिठास के साथ-साथ उसकी पीड़ा को भी बखूबी उकेरा है। इस उपन्यास में दोस्ती, त्याग, और दिल टूटने के अनुभवों का भी चित्रण किया गया है। कुलदीप राघव की लेखनी सरल, लेकिन प्रभावशाली है, जो पाठक को कहानी के पात्रों और उनके अनुभवों से जोड़ देती है। "इश्क़ मुबारक" एक ऐसी कहानी है जो आपको प्रेम के विभिन्न रंगों से रूबरू कराती है और यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या सच्चा प्यार वास्तव में मौजूद है। यह उपन्यास उन लोगों के लिए खास है जो रोमांटिक कहानियों में दिलचस्पी रखते हैं और जो प्रेम के गहरे अर्थों को समझने के इच्छुक हैं।

Ishwarchand Vidyasagar

by Hiranyamay Banerjee

Ishwarchandra Vidyasagar has made Bangla literature popular by translating the books into simpler language and freeing them from the complex Sanskrit words. He was also a great social reformer. Hiranymay Banerjee has focused on those aspects of his life which made him one of the best human beings in the history of India.

Ithihas class 12 - MP Board: इतिहास कक्षा 12 - एमपी बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Mandal Madhya Pradesh Bhopal

Ithihas text book for 12 th standard from Madhyamik Shiksha Mandal Madhya Pradesh Bhopal in Hindi.

Itihaas lekhan Avadharana, Vidhi Evam Sadhan M.A. - Kolhan University Chaibasa, Jharkhand: इतिहास लेखन : अवधारणा, विधि एवं साधन एम. ए. – कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा, झारखंड

by Rashmi Sharma Prof. Mahabir Singh Tyagi

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा प्रदत्त मॉडल पाठ्यक्रमानुसार Choice Based Credit सेमेस्टर प्रणाली (CBCS) पर आधारित लोकप्रिय तथा छात्रोपयोगी पुस्तक है। इतिहास लेखन : अवधारणा, विधि एवं साधन यह पुस्तक कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा झारखंड की एम. ए. की कक्षाओं के नवीनतम् पाठ्यक्रमानुसार लघु उत्तरीय तथा वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर सहित है। इस पुस्तक में सम्पूर्ण नवीनतम् पाठ्यक्रम, गत वर्षों के सोल्वड पेपर्स, सरल प्रश्नोत्तर रूप और अधुनातम् क्रमबद्ध विषय-सामग्री दी गई है।

Itihas Aur Nagrik Shastra class 6 - Maharashtra Board: इतिहास और नागरिक शास्त्र ६वीं कक्षा - महाराष्ट्र बोर्ड

by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune

यह पुस्तक "इतिहास और नागरिकशास्त्र" छठी कक्षा की पाठ्यपुस्तक है, जिसमें भारत के संविधान, इतिहास, नागरिकशास्त्र, प्राचीन भारत की संस्कृति, शासन व्यवस्था आदि विषयों पर जानकारी दी गई है। यह पुस्तक छठी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए इतिहास और नागरिकशास्त्र विषयों को एक समग्र रूप में प्रस्तुत करती है। इसमें प्राचीन भारत के इतिहास का वर्णन है, जिसमें हड़प्पा संस्कृति, वैदिक संस्कृति, जनपद और महाजनपद, मौर्यकालीन भारत आदि शामिल हैं। इसके साथ ही, नागरिकशास्त्र के अंतर्गत संविधान, नागरिक अधिकार और कर्तव्य, स्थानीय शासन संस्थाएँ और समाज में विविधता पर प्रकाश डाला गया है। पुस्तक का उद्देश्य विद्यार्थियों को भारतीय इतिहास और नागरिकशास्त्र की मूलभूत जानकारी देना है ताकि वे अपनी सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को समझ सकें तथा एक जिम्मेदार नागरिक बन सकें।

Itihas Aur Nagrik Shastra class 7 - Maharashtra Board: इतिहास और नागरिक शास्त्र ७वीं कक्षा - महाराष्ट्र बोर्ड

by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune

इतिहास और नागरिकशास्त्र (सातवीं कक्षा) यह पुस्तक इतिहास और नागरिकशास्त्र के माध्यम से विद्यार्थियों को भारत के मध्यकालीन इतिहास तथा संवैधानिक मूल्यों से परिचित कराती है। इतिहास के भाग में शिवाजी महाराज के पूर्वकाल से लेकर मराठा साम्राज्य के उत्थान तक की घटनाओं को विस्तार से प्रस्तुत किया गया है। इसमें धार्मिक सौहार्द, भक्ति आंदोलन, सिख धर्म, सूफी परंपरा तथा विभिन्न शासकों की नीतियों का वर्णन किया गया है। नागरिकशास्त्र में भारतीय संविधान की संरचना, मौलिक अधिकार, नीति निदेशक सिद्धांत और कर्तव्यों की चर्चा की गई है। यह पुस्तक विद्यार्थियों को अपने सामाजिक और राष्ट्रीय उत्तरदायित्वों को समझने और जागरूक नागरिक बनने के लिए प्रेरित करती है।

Itihas Aur Nagrik Shastra class 8 - Maharashtra Board: इतिहास और नागरिक शास्त्र ८वीं कक्षा - महाराष्ट्र बोर्ड

by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune

यह पुस्तक आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए आधुनिक भारत के इतिहास और नागरिकशास्त्र की मूलभूत जानकारी प्रदान करती है। इतिहास भाग में ब्रिटिश शासन के प्रभाव, स्वतंत्रता संग्राम, सामाजिक सुधार आंदोलनों और आधुनिक भारत के निर्माण को विस्तार से समझाया गया है। इसमें 1857 का स्वतंत्रता संग्राम, राष्ट्रवादी आंदोलनों, महात्मा गांधी और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान, तथा भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति की घटनाओं पर प्रकाश डाला गया है। नागरिकशास्त्र भाग में भारत की संसदीय शासन प्रणाली, संविधान, कानून, न्यायपालिका, केंद्र और राज्य सरकार की संरचना, लोकतंत्र, मौलिक अधिकार और कर्तव्य जैसे विषयों को शामिल किया गया है। यह पुस्तक संविधान के अनुच्छेद 51(A) में उल्लिखित नागरिकों के मूल कर्तव्यों को भी समझाती है, जिसमें पर्यावरण संरक्षण, वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने और राष्ट्रीय एकता बनाए रखने की जिम्मेदारी शामिल है। चित्र, मानचित्र और गतिविधियों के माध्यम से यह पुस्तक छात्रों को इतिहास और नागरिकशास्त्र की व्यावहारिक समझ विकसित करने में मदद करती है, जिससे वे एक जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बन सकें।

Itihas Aur Rajneeti Shastra class 9 - Maharashtra Board: इतिहास और राजनीति शास्त्र ९वीं कक्षा - महाराष्ट्र बोर्ड

by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune

यह पुस्तक इतिहास और राजनीति शास्त्र (कक्षा 9, हिंदी माध्यम) पर आधारित है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को स्वतंत्रता के बाद के भारत की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और तकनीकी प्रगति को समझाना है। इसमें 1961 से 2000 तक की प्रमुख ऐतिहासिक घटनाओं, संविधान, आर्थिक विकास, महिलाओं और कमजोर वर्गों के सशक्तीकरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अंतरराष्ट्रीय संबंधों, और भारत के समक्ष आंतरिक चुनौतियों को शामिल किया गया है। इसमें पंचवर्षीय योजनाओं, बैंकों के राष्ट्रीयकरण, हरित क्रांति, परमाणु परीक्षण, कारगिल युद्ध, वैश्वीकरण और तकनीकी प्रगति का भी उल्लेख है। साथ ही, इसमें भारतीय लोकतंत्र, विदेश नीति, सुरक्षा व्यवस्था, और मानवाधिकारों पर विशेष जोर दिया गया है। पुस्तक विद्यार्थियों को इतिहास और राजनीति शास्त्र की मूलभूत समझ प्रदान करने और उन्हें भविष्य की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने में सहायक है।

Itihas Aur Rajneeti Vigyan class 10 - Maharashtra Board: इतिहास और राजनीति विज्ञान १०वीं कक्षा - महाराष्ट्र बोर्ड

by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune

"इतिहास और राजनीति विज्ञान" (कक्षा 10 - हिंदी माध्यम) इस पुस्तक का मुख्य उद्देश्य कक्षा 10 के छात्रों को भारतीय इतिहास और राजनीति विज्ञान के मूलभूत पहलुओं से अवगत कराना है। यह पुस्तक इतिहास लेखन की परंपरा, संविधान के मूल सिद्धांत, और लोकतंत्र के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित है। इतिहास भाग में पश्चिमी और भारतीय परंपरा, उपयुक्त इतिहास, कलाओं का इतिहास, और सामाजिक-राजनीतिक आंदोलनों की चर्चा की गई है। राजनीति विज्ञान में चुनाव प्रक्रिया, राजनीतिक दलों की भूमिकाएँ, और लोकतंत्र की चुनौतियाँ शामिल हैं। साथ ही, इसमें सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर के संरक्षण की महत्ता और उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला गया है। छात्रों को पाठ्यपुस्तक में संकलित जानकारी को व्यावहारिक जीवन से जोड़ने हेतु प्रोत्साहित किया गया है।

Itihas B.A (Hons.) Sem-II -Ranchi University, N.P.U

by A. K. Chaturvedi

Itihas text book for B.A (Hons.) Sem-II from Ranchi University, Nilambar Pitambar University in hindi.

Itihas B.A (Hons.) Sem-V (Core Course 11, & Core Course 12) - Ranchi University N.P.U: इतिहास बी. ए. (ऑनर्स) (पंचम-सेमेस्टर) कोर-11 और कोर-12 – रांची युनिवर्सिटी, एन.पि.यू.

by A. K. Mittal

इतिहास बी. ए. (ऑनर्स) प्रस्तुत पुस्तक रांची विश्वविद्यालय, रांची के बी. ए. (ऑनर्स), सेमेस्टर V के (CBCS) नवीनतम संशोधित पाठ्यक्रम को आधार बनाकर तैयार की गयी है। पुस्तक में निम्नांकित दो प्रश्न - पत्रों को पाठ्यक्रमानुसार संक्षिप्त में प्रस्तुत किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक में कोर-11 में आधुनिक यूरोप का इतिहास-I (1780 ई. से 1939 ई. तक) [HISTORY OF MODERN EUROPE-I (1780 A.D. TO 1939 A.D.)], कोर-12 में भारत का इतिहास-VII (1605 ई. से 1750 ई. तक) [HISTORY OF INDIA-VII (1605 A.D. TO 1750 A.D)] इन मुद्दो को विस्तार में समजाया गया है।

Itihas B.A (Hons.) Sixth Semester - Ranchi University, N.P.U: इतिहास बी.ए. (ऑनर्स) सेमेस्टर VI - राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.

by Dr A. K. Mittal

इतिहास History पुस्तक का यह संस्करण रांची विश्वविद्यालय, रांची के बी. ए. (ऑनर्स) सेमेस्टर-VI के पाठ्यक्रमानुसार तैयार किया गया है। पुस्तक को अत्यन्त सरल भाषा एवं सुगम शैली में लिखा गया है। इस पुस्तक का प्रयोजन यह है कि विषय का संक्षिप्त एवं पूर्ण परिचय सरल, सुबोध एवं सुसंगठित रूप से एक ही स्थान पर प्राप्त हो सके। प्रस्तुत पाठ्यक्रम में निम्नलिखित दो प्रश्न-पत्र हैं: Core Course-C 13: भारत का इतिहास VIII (1857-1950 ई.), Core Course-C 14: आधुनिक यूरोप का इतिहास II (1780-1939 ई.)। पुस्तक से सम्बन्धित विषय-वस्तु एकत्रित करने में आधिकारिक स्रोतों का आश्रय लिया गया है। अध्याय के अन्त में दीर्घ उत्तरीय प्रश्न, लघु उत्तरीय तथा बहुविकल्पीय प्रश्नों को रखा गया जो कि विद्यार्थियों की सुविधा एवं मार्ग-दर्शन हेतु हैं।

Itihas (C. 750-1206) BA (Hons) Sem-III -Ranchi University, N.P.U

by A. K. Mittal

Itihas (C. 750-1206) Core Course-C 5 and Core Course-C 6 text book According to the Latest Syllabus based on Choice Based Credit System (CBCS) for B.A (Hons.) Sem-II from Ranchi University, Nilambar Pitambar University in hindi.

Itihas class 11 - MP Board: इतिहास कक्षा 11 - एमपी बोर्ड

by Bhopal Madhya Pradesh Rajya Shiksha Kendra

Itihas text book for 11 th standard from Shivalal Agarwal and Company in Hindi.

Itihas Darshan - Ranchi University, N.P.U

by Prof. Chaube

इतिहास मनुष्य का अध्ययन है, उसका अध्ययनकर्ता मनुष्य है और जिस मूल सामग्री पर वह आश्रित है वह मनुष्य द्वारा संचित निधि होती है। उपलब्ध स्रोत सामग्री की अपूर्णता के अतिरिक्त इतिहासकार समसामयिक परिस्थितियों की उपेक्षा नहीं कर सकता। अपूर्णताओं के बावजूद भी इतिहासकार सत्य की खोज के प्रति समॢपत होता है। इस कार्य के लिए जिस विशेष प्रकार के अध्ययन, चिन्तन और अनुशासन की आवश्यकता होती है, उसकी अपेक्षा एक प्रशिक्षित इतिहासकार से ही करनी चाहिए। स्रोत सामग्री के चयन, विश्लेषण और प्रस्तुतीकरण के कुछ आधारभूत सिद्धान्त सभी इतिहासकारों पर लागू होते हैं। इतिहास-दर्शन पर लिखित प्रस्तुत ग्रन्थ इस संदर्भ में एक बहुत बड़े अभाव का एक सराहनीय प्रयास है। इतिहास-दर्शन से सम्बन्धित प्राय: सभी विषयों का इस पुस्तक में विद्वत्तापूर्ण विवेचन किया गया है। इतिहास-दर्शन के व्यापक और गहन अध्ययन के लिए यह पुस्तक बड़ी उपयोगी होगी।

Itihas Ke Aanshu

by Ramdhari Singh Dinkar

Dinkar describes the Himalaya and Delhi in this book of poems. The most prominent is Magadh Mahima.

Itihas Paper III and Paper IV BA (Hons) Sem-II -Ranchi University, N.P.U

by A. K. Mittal

Itihas Paper III and Paper IV text book According to the Latest Syllabus based on Choice Based Credit System (CBCS) for B.A (Hons.) Sem-II from Ranchi University, Nilambar Pitambar University in hindi.

Itihas Prashnottar Roop Mein - Competitive Exam

by N. N. Ojha

इतिहास एक रुचिकर विषय होता है किसी भी व्‍यक्ति वस्‍तु अथवा स्‍थान के विषय में जानने के लिए उसका इतिहास जानना आवश्यक होता है। इस पुस्‍तक में इतिहास को दो प्रश्‍न पत्र में विभाजित किया गया है। प्रथम प्रश्‍न पत्र में प्राचीन भारत के इतिहास जैसे-मानचित्र, प्रागैतिहासिक काल, इतिहास लेखन, सिंधु घाटी सभ्‍यता आर्य एवं वैदिक काल बुद्ध काल/महाजन पद काल धार्मिक आंदोलन जैन एवं बौद्ध धर्म विदेशी आक्रमण आदि विषय शामिल किये गये है। मध्‍यकालीन भारत में पूर्व मध्यकाल, चोल और पल्लंव वंश, राष्‍ट्रकूट, तुर्की आगमन, सूफी आंदोलन मराठा एवं सिख समाज शामिल है। द्वितीय प्रश्‍न पत्र में आधुनिक भारत इसमें भारत में अंग्रेजी शासन की स्थापना औपनिवेशिक शासन और उसका विरोध उनकी सामाजिक स्थिति , दो महायुद्धों के बीच भारत की अर्थव्‍यवस्‍था,स्‍वतंत्रता की ओर विश्‍व इतिहास के अर्न्‍तगत पुनर्जागरण, धर्मसुधार आंदोलन तथा प्रबोधन आधुनिक राजनीति का उदय, औद्यौगिक क्रांति आदि जो विषय आते है उसे रखा गया है।इस प्रकार ‘इतिहास प्रश्‍नोत्तर रूप में’ पुस्‍तक संघ लोक सेवा आयोग, राज्‍य लोक सेवा आयोग तथा अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए उपयोगी है।

Jaal - 2: जाल - २

by Harish Sharma

“अपराधी कितना भी शातिर और चालाक क्यों न हो। वह अक्सर कोई ऐसी गल्ती कर ही जाता है कि कानून के हाथ से उसका बच पाना मुश्किल हो जाता है। बस उस भूल को पकड़ने वाली नजर होनी चाहिए। जो गुरुनाथ बेनेगल और चाणक्य राजगुरु के पास हैं। और यहाँ अपराधी ने वही छोटी सी भूल की। उसकी गल्ती बस एक अक्षर “है” से पकड़ी गई। नहीं तो मरने के बाद फिर से जिन्दा होने का जो प्लान उसने बनाया था, वह कभी फेल होता ही नहीं।”

Jaanch Commission

by Ra. Showrirajan

Translated from the original Tamil novel into Hindi, Jaanch Commission is the story of Tangharaju who loses his life due to atrocities by police, which finally results in the setting up of an inquiry commission.

Jab Aaye Pahiye

by Anup Roy

“जब आये पहिए”- यह कहानी उन चींटियों की हैं जो अपने पेट के लिए भोजन एकत्र करती हैं, और वह इसके लिए कड़ी मेहनत भी करती हैं। उन्होंने तरह-तरह के आविष्कार भी किये जिसमें वह सफल भी हुई हैं। "Jab Aaye Pahiye" - This story is of those ants that collect food for their stomach, and they also work hard for it. They also made a variety of inventions in which they were successful .

Jadu Bhari Ladki: जादू भरी लड़की

by Kishore Chaudhary

जादू भरी लड़की, ये नौ कहानियों का संकलन है। शीर्षक कहानी एक लड़की के अटूट धैर्य और सादगी का बयान है। जीवन के कठोर पठार पर जीते जाना ही असल में लड़की का जादू से भरा होना है। किशोर चौधरी की कहानियों की भाषा शालीनता से भरी होती है और जीवन की विद्रूपता को सरल बिंबों के माध्यम से कहना इनकी कहानियों की विशेषता है। इन कहानियों का कथ्य अवास्तविक जीवन और कल्पना की उड़ान नहीं भरता है। इस संग्रह में शामिल कहानियाँ स्त्री केन्द्रित न होते हुए भी उनके आस पास के दुरूह जीवन को चित्रित करती हैं। इन कहानियों में सरल प्रेम का जटिल पक्ष मुखरित है। इस संग्रह में शामिल नौ कहानियाँ अपने-आप से अलग हैं। ये कहानियाँ महानगरीय जीवन के अकेलेपन से लेकर कस्बाई तन्हाई को चित्रित करती हुई हैं। इन कहानियों को पढ़ते हुए पाठक अपने संसार और अतीत से खुद को जोड़ पाता है, ऐसा लगता है कि कहानीकार की जगह पाठक खुद को पढ़ रहा है।

Jadui Dweep

by Zai Whitaker Murari Sharan

The Andaman and Nicobar Islands have lured many a traveller for its beauty, adventure-packed history and the indigenous tribes. This book talks about all this in a fascinating manner. Illustrated by Amitabh Sengupta.

Jagat Karta Kaun?: जगत कर्ता कौन?

by Dada Bhagwan

अनादी कल से जगत की वास्तविकता जानने की मनुष्य की लालसा है मगर वह सही जान नहीं पाया है| मुख्यत: वास्तविकता में मैं कौन हूँ, इस जगत को चलाने वाला कौन है तथा इस जगत का रचयिता कौन है, यह जानना है| प्रस्तुत संकलन में सच्चा कर्ता कौन है, यह रहस्य खुल्ला किया गया है| आमतौर पर अच्छा हुआ तो ‘मैंने किया” मान लेता है और बुरा हुआ तो दूसरे पर आक्षेप देता है कि ‘इसने बिगाड़ दिया|’ नहीं तो ‘मेरी ग्रह दशा बिगड़ गयी है’बोलेगा या तो ‘भगवान् ने किया’ ऐसा भी आक्षेप दे देता है| यह सब रोंग मान्यताएं हैं| भगवांन क्या पक्षपात करने वाला है कि आपका नुकसान करे? यह दुनिया किसने बनाई? अगर बनाने वाला होता तो उसको किसने बनाया? फिर उसको भी किसने बनाया? याने उसका अंत ही नहीं है| और दूसरा यह भी प्रश्न पैदा होता है कि दुनिया उसको बनानी ही थी, तो फिर ऐसी कैसी दुनिया बनाई कि जिसमे सभी दुखी हैं? किसी को भी सुख नहीं है? उसकी मज़ा और अपनी सजा, यह कैसा न्याय?! इस काल में करता सम्बन्धी का सिद्धांत पहली बार विश्व को यथार्थ स्वरुप में परम पूज्य दादा भगवान् ने दिया है और वह यह है कि इस दुनिया में कोई स्वतंत्र कर्ता नहीं है| इस दुनिया को रचने वाला या चलाने वाला कोई भी नहीं है| यह जगत चलता है, वह साइंटिफिक सरकमस्टेन्शियल एविडेंस से चलता है| जिसको परम पूज्य दादाश्री ‘व्यवस्थित शक्ति’ कहते हैं| जगत में कोई भी स्वतंत्र करता नहीं है, मगर, सब नैमितिक कर्ता हैं, सभी निमित हैं| गीता में भी भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कहा था कि, "हे! अर्जुन! तू इस युद्ध में निमित मात्र है, तू युद्ध का कर्ता नहीं है| प्रस्तुत पुस्तिका में करता का रहस्य परम पूज्य दादाश्री की सादी, सरल भाषा में दिल में उतर जाए, इस तरह से समझाया गया है|

Jahnavi: जाह्नवी

by Bharti Gaur

‘ख्वाहिशों और सपनों में फर्क’, ‘धर्म और अध्यात्म में फर्क’, ‘प्रेम में होने और प्रेम के होने में फर्क’ की बात करता यह उपन्यास, ये सोचने पर मजबूर करता है कि जीवन जीते-जीते कब हम मरना सीख जाते हैं और जीवन से दूर होते चले जाते हैं। यह उपन्यास हमें बताता है कि वापस लौटकर आने के लिए हमें खुद के अन्दर झाँकने के अलावा और कोई विकल्प नहीं तलाशना चाहिए, सब कुछ इन्सान के अंतर्मन में ही है, वहीं मिलेगा। हमारी मदद हम खुद कर सकते हैं और अगर इस काबिल हैं तो दूसरों को भी रास्ता दिखाया जा सकता है। तलाकशुदा से प्रेम, बाल वैधव्य, बुज़ुर्गों की वर्तमान दशा-दिशा, स्वयं के ख़्वाबों का बिखराव, उनका खो जाना। व्यक्तित्व, जिसे निखारने का वादा इंसान को स्वयं से करना चाहिए, किन्तु जब यही सब बातें आरोप-प्रत्यारोप के रूप में जाह्नवी पर ही भारी पड़ने लगती हैं, तब उसका खुद से जूझना और इन सब से पार पाने का स़फर ही उपन्यास की आत्मा है। इंसान का दोहरा व्यवहार जब आइने के रूप में उसके सामने आकर उस पर लानत भेजता है, तब उसे क्या करना चाहिए?

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