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Khele Karen Sikhen class 2 - Maharashtra Board: खेलें करें सीखें २रीं कक्षा - महाराष्ट्र बोर्ड
by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune"खेलें, करें, सीखें" कक्षा दूसरी यह पुस्तक बच्चों को शारीरिक, मानसिक और कलात्मक विकास के लिए प्रोत्साहित करती है। इसमें स्वास्थ्य, स्वच्छता, शारीरिक गतिविधियाँ, खेल, कला, वादन, गायन और नाट्य जैसे विषयों का समावेश है। बच्चे दैनिक गतिविधियों के माध्यम से स्वच्छता और प्राथमिक उपचार सीखते हैं। "करें" खंड में व्यावसायिक कौशल, आपदा प्रबंधन और जल साक्षरता पर जोर दिया गया है। "सीखें" खंड बच्चों की रचनात्मकता को बढ़ाने के लिए कला और शिल्प से संबंधित अभ्यास प्रदान करता है। इसके अलावा, यह पुस्तक समावेशी शिक्षा पर जोर देती है, जो दिव्यांग छात्रों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास करती है। इसमें कक्षा के शिक्षकों और अभिभावकों के लिए भी मार्गदर्शन दिया गया है, ताकि शिक्षा को रोचक और प्रभावी बनाया जा सके।
Khele Karen Sikhen class 3 - Maharashtra Board: खेलें करें सीखें ३रीं कक्षा - महाराष्ट्र बोर्ड
by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune'खेलें, करें, सीखें' पाठ्यपुस्तक तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए तैयार की गई है, जो स्वास्थ्य, शारीरिक शिक्षा, कला और कार्यानुभव जैसे विषयों को समग्र रूप से समेटती है। इसमें बच्चों को शारीरिक गतिविधियाँ, खेल, कला-कौशल, और प्राकृतिक पर्यावरण की जानकारी देकर जीवन कौशल सिखाने पर जोर दिया गया है। यह पुस्तक विभिन्न शैक्षणिक अनुभवों, रंगीन चित्रों, वर्कशीट्स और रचनात्मक उपक्रमों के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई में रुचि दिलाती है। कक्षा की सजावट, जल साक्षरता, व्यायाम, योग, और आपदा प्रबंधन जैसे विषय सरल गतिविधियों के जरिए बच्चों तक पहुँचाए जाते हैं। साथ ही, छात्रों को व्यावसायिक ज्ञान, तकनीकी कौशल, और सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रति प्रोत्साहित किया गया है। यह पाठ्यक्रम छात्रों में रचनात्मकता, टीमवर्क और आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक है।
Khele Karen Sikhen class 4 - Maharashtra Board: खेलें करें सीखें ४थीं कक्षा - महाराष्ट्र बोर्ड
by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune"खेलें, करें, सीखें" चौथी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए तैयार एक अभिनव और रचनात्मक पाठ्यपुस्तक है, जिसे महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल ने प्रकाशित किया है। इस पुस्तक में स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा, कार्यानुभव, और कला शिक्षा के अंतर्गत विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों को समाहित किया गया है। पुस्तक का उद्देश्य बच्चों को खेल-कूद, व्यायाम, चित्रकला, नृत्य, और शिल्पकला जैसे कौशल सिखाते हुए उनके मानसिक और शारीरिक विकास को प्रोत्साहित करना है। इसमें शिक्षा को मनोरंजन के साथ जोड़ा गया है, ताकि बच्चे खेल-खेल में सीख सकें। साथ ही, बच्चों में स्वच्छता, टीम वर्क और अनुशासन के महत्व को भी सरल और रोचक तरीके से समझाया गया है। यह पुस्तक बच्चों की कल्पनाशक्ति और रचनात्मकता को प्रेरित करने के लिए आदर्श है।
Khele Karen Sikhen class 5 - Maharashtra Board: खेलें करें सीखें ५वीं कक्षा - महाराष्ट्र बोर्ड
by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune‘खेलें, करें, सीखें’ पाँचवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए बनाई गई एक पाठ्यपुस्तक है, जो स्वास्थ्य, शारीरिक शिक्षा, कार्यानुभव और कला शिक्षा को एकीकृत करती है। इस पुस्तक का उद्देश्य बच्चों को खेल, गतिविधियों और रचनात्मक कार्यों के माध्यम से व्यावहारिक और जीवनोपयोगी शिक्षा प्रदान करना है। इसमें व्यायाम, योग, नृत्य, नाट्य, संगीत, चित्रकला, हस्तकला, कृषि, जल प्रबंधन, आपदा प्रबंधन और स्वच्छता जैसे विषयों को समाहित किया गया है। बच्चे न केवल खेल और गतिविधियों का आनंद लेते हैं, बल्कि वे आत्मनिर्भरता, अनुशासन, रचनात्मकता और सामाजिक उत्तरदायित्व भी सीखते हैं। पुस्तक में विद्यार्थियों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने, अच्छी आदतें विकसित करने, और विभिन्न कौशलों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया जाता है। इसमें मौलिक हलचलों, प्रतियोगिताओं, उत्पादक उपक्रमों और पारंपरिक खेलों की जानकारी दी गई है, जिससे बच्चों में व्यावहारिक ज्ञान और आत्मविश्वास विकसित हो सके।
Khichadi Ek Lokkatha
by Jitendra Kumarखिचड़ी एक छोटी सी लोककथा है। जिसमें बिरजू नामक व्यक्ति अपनी सास की बनाई खिचड़ी को खाता है और उसे दोबारा खाने के लिए उसका नाम याद करते हुये अपने घर जाता है, रास्ते में खिचड़ी शब्द बदल कर कुछ का कुछ हो जाता है और अन्त में मां के बोलने पर उसे खिचड़ी शब्द वापस याद आ जाता है। इस छोटी सी लोककथा को लेखक ने बच्चो के लिए ढेर सारे चित्रो से सजाया है।The book Khichadi is a small Folklore. In this story there is a man named Birju who had eaten khichadi made by his mother in law.He wanted to eat khichadi again.How he ate khichadi and return home is an interesting affair.
Khoon Se Ranga Chaku: खून से रंगा चाकू
by Surender Mohan Pathak"खून से रंगा चाकू" सुरेन्द्र मोहन पाठक द्वारा लिखित एक जासूसी उपन्यास है, जिसमें सुनील नामक एक प्रमुख पात्र एक रहस्यमयी हत्या की गुत्थी सुलझाने में जुटा है। कहानी की शुरुआत एक महत्वपूर्ण असाइनमेंट से होती है, जिसमें सुनील को दीवान अयोध्या प्रसाद के घर एक रिसेप्शन कवर करना होता है। दीवान अयोध्या प्रसाद एक धनी व्यापारी है, जिसका नाम एक पुराने एक्सपोर्ट स्कैण्डल से जुड़ा हुआ है। कहानी धीरे-धीरे रहस्य, धोखाधड़ी, और हत्या के इर्द-गिर्द घूमती है, जहां सुनील सच्चाई तक पहुंचने के लिए कई खतरों का सामना करता है। "खून से रंगा चाकू" की कहानी में सुनील को दीवान अयोध्या प्रसाद की भतीजी दिव्या के शादी के रिसेप्शन को कवर करने का मौका मिलता है। दिव्या की शादी अनूप नामक एक युवक से होती है, और इसी शादी के जरिए पुराने एक्सपोर्ट स्कैण्डल और कुछ छिपे हुए राज फिर से सामने आते हैं। कहानी में दिव्या, अनूप, और दीवान अयोध्या प्रसाद के बीच के रिश्तों में खटास और तनाव उभरता है, जिससे कई रहस्यों का खुलासा होता है। सुनील को जल्द ही पता चलता है कि इस केस के पीछे साजिशें और धोखे की एक जटिल जाल बिछी हुई है, जिसमें हत्या और षड्यंत्र की गहरी साजिश छिपी है। यह उपन्यास सस्पेंस, थ्रिल और रहस्य से भरा हुआ है, जहां सुनील न केवल सच का पता लगाने की कोशिश करता है, बल्कि अपनी जान भी जोखिम में डालता है।
Khsitij Bhag 2
by National Council Of Educational Research TrainingThis book prescribed by central board of secondary education, India for the students of class 10th subject Hindi, studying through hindi medium. This accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. The book is handy companion of the school and university students desiring to read facts in interesting way. NCERT books are must read for aspirants of competitive and job related examinations in India.
Khwahishon Ka Safar: ख्वाहिशों का सफर
by Dewashish Upadhyayअंकुर ठाकुर बिहार के आरा जिले का एक मेधावी छात्र था, परंतु उसकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी। हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा में जिले में टॉप करने के बाद उसके पिताजी आईआईटी की तैयारी का चाहते थे लेकिन उनके पास फीस भरने को पैसा नहीं था। बावजूद इसके अंकुर अपनी काबिलियत के दम पर फ्री सीट पर कोटा की एक प्रतिष्ठित कोचिंग में एडमिशन प्राप्त करता है। पहले प्रयास में आईआईटी मेंस में अच्छे नंबर आने के बावजूद एडवांस एग्जाम से 15 दिन पहले उसे डेंगू हो जाता है, जिसके कारण उसका IIT में फाइनल सलेक्शन नहीं हो पाता है। दूसरे अटेम्प्ट में मेंस से 3 दिन पहले उसके पिताजी का देहांत हो जाता है, उसके पास इतना भी पैसा नहीं होता है कि वह टिकट लेकर अपने गांव आरा जा सके। वह बिना टिकट यात्रा करता है लेकिन विदाउट टिकट पकड़ लिया जाता है। जिसके कारण वह गांव की बजाय जेल पहुंच जाता है... दम तोड़ती ख्वाहिशों से, संघर्ष की ऐसी दास्तां जो आपके रोंगटे खड़े कर देगी। जिसमें जेल की दुनिया के अनुभव, प्राइवेट नौकरी की दुश्वारियों का विवरण, प्लेटफॉर्म की दुनिया से रूबरू, होने के साथ ही कंपटीशन की अनिश्चितता और असफलता के दौर में हौसले को बनाए रखने का सजीव चित्रण किया गया है। किसी भी कंपटीशन में संघर्ष, आपका स्वयं से होता है न कि दुनिया और प्रतियोगियों की भीड़ से! सफलता हासिल करने की खातिर, आपको स्वयं की भावनाओं पर नियंत्रण स्थापित कर, आंतरिक रूप से स्वयं के आत्म बल को इतना मजबूत करना होगा कि असफलता आपके हौसले के आगे घुटने टेक दे।
Kisey Kehtay Hain Natyakala
by Shambhu MitraA series of selections from the Hindi quarterly Samakalin Bharatiya Sahitya. Those who are inclined towards the Hindi plays must read this and have this book in their collection.
Kismat Ki Khoj Me: किस्मत की खोज में
by Robin Sharmaसंन्यासी जिसने अपनी संपत्ति बेच दी नामक श्रृंखला को सारे संसार में प्रसारित करने वाली अन्य बेस्टसेलिंग पुस्तकों की भांति, किस्मत की खोज में... भी एक समृद्ध तथा अद्भुत कल्पित कथा के रूप में लिखी गई है। पाठकों का परिचय डार सैंडरसन से होता है, जो एक ऐसा उच्च महत्वाकांक्षी एक्ज़ीक्यूटिव है जिसके पास किसी भौतिक सुख-सुविधा का अभाव नहीं, परंतु फिर भी वह प्रसन्नता, सार्थकता व आंतरिक शांति के लिए तरस रहा है। डार की भेंट अनपेक्षित रूप से, जूलियन मेंटल से होती है, वे एक ऐसे संन्यासी के रूप से लोकप्रिय हैं, जिन्होंने अनंत सफलता के रहस्यों को पा लिया है। वे डार को एक ऐसी असाधारण यात्रा पर रवाना कर देते हैं, जहां वह अपने प्रामाणिक अस्तित्व को तलाशते हुए, अपने सपनों से सजे जीवन को पाने का दावा कर सकता है। इसी दौरान, डार सात महत्वपूर्ण पाठ सीखता है, जो किसी के लिए भी उसके बृहत्तर जीवन तक जाने तथा संसार में चमकने के लिए अनिवार्य हैं। इस अविस्मरणीय कथा में, आप पाएंगे: नियंत्रण की प्रवृत्ति को त्याग कर अपनी अनंत संभावनाओं पर विश्वास कैसे करें, आत्म-विश्वासघात के अपराध से बचते हुए, महानता से भरा जीवन कैसे जीएं, किस प्रकार अभ्यासी मन के साथ आत्म-प्रवीणता के उच्चतम स्तरों तक जाएं, भय को सौभाग्य में कैसे बदलें, अपनी पुकार तथा जीवन के उद्देश्य को कैसे तलाशें, अपने लिए पीड़ादायी प्रसंगों को फलदायी प्रसंगों में कैसे बदलें, अपनी संपूर्णतम क्षमताओं को कैसे जागृत करें।
Kissa Hatimtai
by Gopal SharmaOnce upon a time, in Arabia, there lived a man called Hatim Tai. Hatim Tai was very kind and gentle. He was very handsome and also very intelligent. He was famous all over the world for his kindness. A lot of kings were jealous of Hatim Tai. Hatim Tai is the legendary chief of a small district known for his generosity, wisdom and courage. Hatim had a horse which was very fast. When the King of Turkey came to know about Hatim, he said, “Everybody says Hatim is very kind. I will go and test Hatim myself. I will ask him for the horse and, if he gives me the horse, then I will agree that he is the kindest man on this Earth.” How does king test Hatim to get his horse? What is Hatim's response to test?
Kitab! Kitab! Kitab!
by Deborah BrussThe book is about friendship of children and animals. They played with each other all day, but one day children went to school and did not have anything to do. They all go to library and took some books to spend their times. प्रस्तुत पुस्तक में बच्चों और जानवरों की मित्रता के बारे में दिया गया है। वे एक दूसरे के साथ सारा दिन खेला करते थे लेकिन एक दिन बच्चे स्कूल चले जाते है और जानवरों के पास करने के लिये कुछ नहीं होता है तो वे सभी एक पुस्तकालय से किताबें लेकर आते है और अपना समय उन किताबों में व्यतीत करते है।
Kitne Pakistan: कितने पाकिस्तान
by Kamleshwarकमलेश्वर का यह उपन्यास मानवता के दरवाजे पर इतिहास और समय की एक दस्तक है इस उम्मीद के साथ कि भारत भर में एक के बाद दूसरे पाकिस्तान बनाने की लहू से लथपथ यह परम्परा अब खत्म हो। "कमलेश्वर ने उपन्यास के बने-बनाए ढाँचे को तोड़ दिया है और लेखकीय अभिव्यक्ति के लिए सब कुछ सम्भव बनाने का दुर्लभ द्वार खोल कर एक नया रास्ता दिखाया है।" "यह उपन्नास बीसवीं सदी की उपलब्धि है। अच्छी पुस्तकें हर काल में सामने आती हैं, आती रहेंगी, लेकिन यह पुस्तक जिस मुकाम पर पहुँची है, वहाँ हमेशा बनी रहेगी।"
Kitty Patang
by Kaveri Bhattइस पुस्तक में एक बोलती पतंग की कहानी है। मंजु और संजय दो बच्चे अपने पिता के दवारा लायी पतंग को उड़ाते है और पतंग से बाते करते है।In this book there is a story of talking kite. Manju and Sanjay, two children fly the kite and talk to it which was brought by their father.
Klesh Rahit Jeevan: क्लेश रहित जीवन
by Dada Bhagwanक्या आप जीवन में उठनेवाले विभिन्न क्लेशों से थक चुके हो ? क्या आप हैरान हो कि नित्य नए क्लेश कहाँ से उत्पन्न हो जाते हैं ? क्लेश रहित जीवन के लिए आपको केवल पक्का निश्चय करना है कि आप लोगों के साथ सारा व्यवहार समभाव से निपटाओगे। यह चिंता नहीं करनी कि आप इसमें सफल होंगे या नहीं। केवल दृढ निश्चय करना है। फिर आज या कल, जीवन में शांति आकर ही रहेगी। हो सकता है कि इसमें कुछ साल भी लग जाएँ। क्योंकि आपके बहुत चीकने कर्म हैं। यदि बीवी-बच्चों के साथ बहुत उलझे हुए कर्म हों तो निकाल करने में अधिक समय लग जाता है। करीबी लोगों के साथ उलझने क्रमशः ही समाप्त होती हैं। यदि आप एक बार समभाव से निकाल करने का दृढ निश्चय कर लेंगे तो आपके सभी क्लेशों का अंत आएगा। चिकने कर्मों का निकाल करते वक्त आपको अत्यंत जागृत रहना होगा। साँप चाहे कितना भी छोटा हो, आपको सावधानी रहते हुए आगे बढ़ना होगा। अगर आपने लापरवाही और सुस्ती दिखाई तो इन मामलों को सुलझाने में असफल होंगे। व्यवहार में सभी के साथ समभाव से निकाल करने के दृढ़ निश्चय के बाद, यदि कोई आपको कटु वाणी बोल दे और आपकी भी कटु वाणी निकल जाए, तो आपके बाहरी व्यवहार का कोई महत्व नहीं, क्योकि आपकी घृणा समाप्त हो चुकी है। और आपने समभाव से निकाल का दृढ़ निश्चय कर रखा है। घृणा अहंकार का भाव है और वाणी शरीर का भाव है। अगर आपने समभाव से निकाल करने का दृढ़ निश्चय किया है, तो आप अवश्य सफल होंगे तथा आपके सभी कर्म भी समाप्त होंगे। आज अगर आप किसी का लोन नहीं चुका पाते, तो भविष्य में ज़रूर चुकता कर पाएँगे। आपके ऋण दाता आपसे आखिरकर आपसे उगाही कर ही लेंगे। “प्रतिशोध के सभी भावनाओं से मुक्त होने के लिए आपको परम पूज्य दादाश्री के पास आकर ज्ञान ले लेना चाहिए। मैं आपको इसी जीवन में प्रतिशोध की सभी भावनाओं से मुक्त होने का रास्ता दिखाऊँगा। जीवन से थके हुए लोग मृत्यु क्यों ढूँढते हैं? ऐसा इसलिए क्योंकि वे जीवन के इस तनाव का सामना नहीं कर पाते। इतने अधिक दबाव में आप कितने दिन जीवित रह सकते हो ? कीड़े-मकोडों की तरह, आज का मनुष्य निरंतर संताप में है। मनुष्य का जीवन मिलने के बाद किसी को कोई दुःख क्यों हो? सारा संसार संताप में है। और जो संताप में नहीं है, वे काल्पनिक सुखों में खोए हुए है। इन दोनों छोरों के बीच संसार झूल रहा है। आत्मज्ञानी होने के बाद, आप सभी कल्पनाओं और वेदनाओं से मुक्त हो जाओगे।’
Konark: कोणार्क
by Pratibha Raiउड़िया भाषा की प्रतिभासम्पन्न लेखिका प्रतिभा राय के उड़िया उपन्यास ‘शिलापद्म’ को ‘ओड़ीसा साहित्य अकादमी पुरस्कार’-1986 प्रदान किया गया था। उसी उपन्यास का हिन्दी रूपान्तर ‘कोणार्क’ के रूप में प्रस्तुत है। यह कोई इतिहास नहीं है, यहाँ इतिहास-दृष्टि भी प्रमुख नहीं है-साहित्य दृष्टि ही इसके प्राणों में है। इस कृति में केवल पत्थरों पर तराशी गईं कलाकृतियों का मार्मिक चित्रण नहीं है। उड़िया जाति की कलाप्रियता और कलात्मक ऊँचाइयों की ओर संकेत करते हुए लेखिका ने उस कोणार्क मंदिर को चित्रित किया है जो आज भारतीय कला-कौशल, कारीगरी एवं आदर्शों का एक भग्न स्तूप है। शिल्पी कमल महाराणा और वधू चंद्रभागा के त्याग, निष्ठा, उत्सर्ग, प्रेम-प्रणय-विरह की अमरगाथा को बड़े सुन्दर ढंग से इस प्रशंसित और पुरस्कृत उपन्यास में प्रस्तुत किया गया है।
Krishi Arthashastra - Ranchi University, N.P.U: कृषि अर्थशास्त्र - राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.
by Dr J. P. Mishraकृषि अर्थशास्त्र इस पुस्तक में विषय-वस्तु को सरल, सुबोध एवं सारगर्भित भाषा में प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है ताकि विभिन्न विश्वविद्यालयों के स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थी, प्रतियोगी परीक्षा में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थी तथा अन्य पाटक इसका अध्ययन कर भारतीय कृषि के स्वरूप एवं संरचना, उसकी समस्याओं, तत्सम्बन्धी सरकारी नीतियों एवं विकास से सम्बन्धित अन्य आवश्यक एवं तथ्यपरक जानकारी प्राप्त कर सकें। पुस्तक में अद्यतन सूचनाओं एवं नवीनतम् उपलब्ध आंकड़ों का समावेश करते हुए पाठ्य-सामग्री को तर्कसंगत, सुसम्बद्ध एवं व्यावहारिक रूप में प्रस्तुत किया गया है।
Krishi Bhugol - Ranchi University, N.P.U: कृषि भूगोल - राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.
by Ram Chandra Tiwari Brahmanand Singhकृषि भूगोल इसमें पुस्तक की समूची सामग्री को न केवल संशोधित और परिवर्द्धित किया गया है वरन् कुछ नये विषयांगों, कृषि में कतिपय उदीयमान प्रवृत्तियों आदि को समाहित कर विश्वविद्यालय स्तर के छात्रों तथा प्रतियोगी परीक्षा में सम्मिलित होने वाले अभ्यर्थियों हेतु पुस्तक को अधिक उपयोगी बनाने का प्रयास किया गया है। पुस्तक के अन्त में दिये गये परिशिष्ट में उपलब्ध आँकड़ों के माध्यम से विश्व एवं भारत के स्तर पर विभिन्न कृषि उपजों के उत्पादन-स्तर और वितरण सम्बन्धी ज्ञान को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। जिससे पुस्तक में सुधार और इसे अधिक उपयोगी बनाने में सहायता मिलती है।
Krishi Jeev Vigyan class 11 - RBSE Board: कृषि जीव विज्ञान 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerयह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर द्वारा स्वीकृत नए पाठ्यक्रम अनुसार कक्षा ग्यारह के लिए कृषि जीव विज्ञान विषय के लिए सरल भाषा में लिखी गयी है । विषय सामग्री को सुरूचि पूर्ण एवं बोधगम्य बनाने के लिए यथा संभव चित्रों तथा सारिणियों का समायोजन किया गया है । इस पुस्तक में कक्षा के स्तर, विषय की आवश्यकताएँ तथा समान स्तर की प्रतियोगिता परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए विषय सामग्री समायोजित की गई है । यथा संभव तकनीकी शब्दों का अंग्रेजी रूपांतरण भी दिया गया है । जहां आवश्यकता हुई संबंधित वैज्ञानिक नाम भी देने का प्रयास किया गया है । मुख्य रूप से कृषि विद्यार्थियों की आवश्यकतानुसार तथा राजस्थान के परिपेक्ष्य में जन्तुओं तथा पादपों के उदाहरण लिए गए हैं । विषय जानकारी की दृष्टि से महत्वपूर्ण बिन्दु, वस्तुनिष्ठ, अतिलघुत्तरात्मक, लघुत्तरात्मक एवं निबन्धात्मक प्रश्नों का समावेश अध्यायों के अन्त में किया गया है ।
Krishi Rasayan Class 11 - RBSE Board: कृषि रसायन 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerप्रस्तुत पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान अजमेर की नई शिक्षा नीति के अर्न्तगत कक्षा-11 हेतु कृषि रसायन विज्ञान विषय के निर्धारित नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार लिखी गई है । पुस्तक में विषय वस्तु को सरल हिंदी भाषा में लिखने का पूर्ण प्रयास किया गया है जिससे यह पुस्तक विद्यार्थियों के लिए उपयोगी बन सकें । विषय को यथास्थान चित्रों एवं सारणियों के माध्यम से अधिक स्पष्ट एवं रूचिकर बनाया गया है । पुस्तक में कक्षा-11के कृषि रसायन के स्तर, विषय की आवश्यकताएँ एवं समानान्तर प्रतियोगी परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए विषय सामग्री समायोजित की गई है । पुस्तक में तकनीकी शब्दावली को सरल बनाने के लिए हिंदी के साथ-साथ उनको अंग्रेजी में भी कोष्ठक में लिख दिया गया है जिससे विद्यार्थियों को समझने में सुविधा रहें । प्रत्येक अध्याय के अर्न्तगत यथास्थान विषयानुकूल पर्याप्त आंकिक प्रश्नों को उदाहरण के रूप में देकर विषय वस्तु को स्पष्ट किया गया है । सभी अध्यायों के अंत में महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं, वस्तुनिष्ठ, अतिलघुत्तरात्मक, लघुत्तरात्मक एवं निबन्धात्मक प्रश्नों का समावेश किया गया है ।
Krishi Rasayan class 12 - RBSE Board: कृषि रसायन 12वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerप्रस्तुत पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान अजमेर की नई शिक्षा नीति के अर्न्तगत कक्षा-12हेतु कृषि रसायन विज्ञान विषय के निर्धारित नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार लिखी गई है । पुस्तक में विषय वस्तु को सरल हिंदी भाषा में लिखने का पूर्ण प्रयास किया गया है जिससे यह पुस्तक विद्यार्थियों के लिए उपयोगी बन सकें । विषय को यथास्थान चित्रों एवं सारणियों के माध्यम से अधिक स्पष्ट एवं रूचिकर बनाया गया है । पुस्तक में कक्षा-12के कृषि रसायन के स्तर, विषय की आवश्यकताएँ एवं समानान्तर प्रतियोगी परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए विषय सामग्री समायोजित की गई है । पुस्तक में तकनीकी शब्दावली को सरल बनाने के लिए हिंदी के साथ-साथ उनको अंग्रेजी में भी कोष्ठक में लिख दिया गया है जिससे विद्यार्थियों को समझने में सुविधा रहें । प्रत्येक अध्याय के अर्न्तगत यथास्थान विषयानुकूल पर्याप्त आंकिक प्रश्नों को उदाहरण के रूप में देकर विषय वस्तु को स्पष्ट किया गया है । सभी अध्यायों के अंत में महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं, वस्तुनिष्ठ, अतिलघुत्तरात्मक, लघुत्तरात्मक एवं निबन्धात्मक प्रश्नों का समावेश किया गया है ।
Krishi Vigyan class 11 - RBSE Board: कृषि विज्ञान 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerप्रस्तुत पुस्तक कृषि विज्ञान कक्षा-11 कृषि वर्ग के विद्यार्थियों के लिये माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की कृषि विज्ञान की पाठ्यक्रम समिति के द्वारा नवीन पाठ्यक्रमानुसार की गई है। इस पुस्तक में अध्ययन सामग्री को विभिन्न इकाइयों, अध्यायों, एवं शीर्षकों में विभाजित किया गया है। इकाई प्रथम में भारतीय कृषि का इतिहास, मौसम एवं जलवायु, मृदा, पोषक तत्व एवं उर्वरक, सिंचाई एवं जल निकास, कृषि यंत्रों की जानकारी, इकाई-2 में फल, सब्जियों का मानव आहार में महत्व, सब्जियों का वर्गीकरण, पौधशाला, सब्जियों की खेती, अलंकृत बागवानी, फूलों की खेती, औषधीय पौधों की जानकारी एवं इकाई-3 में भारतीय अर्थव्यवस्था में पशुधन का महत्व, पशुओं की आयु एवं भार ज्ञात करना, सामान्य प्रबंध, पशुपोषण, पशुस्वास्थ्य, पशुओं के लिये सामान्य औषधियाँ, मुर्गी पालन के संबन्ध में प्रचलित एवं नवीनतम जानकारी प्रस्तुत की गई है। इस पुस्तक में तकनीकी शब्दों को तकनीकी शब्दावली के अनुसार लिया गया है। इस पुस्तक में चित्रों एवं तालिकाओं का समावेश करके विषय अध्ययन को सरल एवं सुग्राह्य बना दिया गया है। प्रत्येक अध्याय के अन्त में महत्वपूर्ण बिन्दु के रूप में विषय से सम्बन्धित महत्वपूर्ण सामग्री को दिया गया है, साथ ही पर्याप्त संख्या में बहुचयनात्मक, अतिलघूत्तरात्मक, लघूत्तरात्मक तथा निबंधात्मक प्रश्न दिये गये हैं।
Krishi Vigyan class 12 - RBSE Board: कृषि विज्ञान 12वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerप्रस्तुत पुस्तक कृषि विज्ञान कक्षा-12 कृषि वर्ग के विद्यार्थियों के लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की कृषि विज्ञान की पाठ्यक्रम समिति के द्वारा नवीन पाठ्यक्रमानुसार की गई है । इस पुस्तक में अध्ययन सामग्री को विभिन्न इकाइयों, अध्यायों एवं शीर्षकों में विभाजित किया गया है । खण्ड-अ के इकाई प्रथम में शस्य विज्ञान की परिभाषा, महत्व एवं क्षेत्र, बीज, जैविक खेती, सिंचाई, खरपतवार, शुष्क कृषि एवं फसलोत्पादन की जानकारी, इकाई-2में फलोत्पादन का महत्व, स्थिति एवं भविष्य, फलोत्पादन प्रबन्धन, फलोत्पादन एवं फल परिरक्षण की जानकारी एवं इकाई-3में पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन में पशु प्रबन्ध का महत्व, नस्लें, पशुरोग एवं दुग्ध उत्पादन के सम्बन्ध में प्रचलित एवं नवीनतम जानकारी प्रस्तुत की गई है, साथ ही खण्ड – ब में शस्य फसलों, उद्यान की फसलों एवं पशुओं से सम्बन्धित प्रायोगिक अध्ययन की जानकारी भी प्रस्तुत की गई है, जिससे विद्यार्थी लाभान्वित होंगे । इस पुस्तक में तकनीकी शब्दों को तकनीकी शब्दावली के अनुसार लिया गया है । इस पुस्तक के लेखन में कक्षा-12के विद्यार्थियों के स्तर का ध्यान रखा गया है । चित्रों एवं तालिकाओं का समावेश करके विषय अध्ययन को सरल एवं सुग्राह्य बना दिया गया है । प्रत्येक अध्याय के अन्त में महत्वपूर्ण बिन्दु के रूप में विषय से सम्बन्धित महत्वपूर्ण सामग्री को दिया गया है साथ ही पर्याप्त संख्या में बहुचयनात्मक, अतिलघूत्तरात्मक, लघूत्तरात्मक तथा निबंधात्मक प्रश्न दिये गये हैं ।
Krishna Ek Rahasya: कृष्ण एक रहस्य
by Ishan Mahesh‘कृष्ण एक रहस्य’ आध्यात्मिक उपन्यास (प्रथम भाग) जब मुझसे लिखा जा रहा था; तब उस पूरे काल में मैंने यह अनुभव किया कि मैं बाँसुरी हो गया हूँ। बाँसुरी होने की आत्मा को मैंने दिव्य रूप में अनुभव किया। मैंने देखा कि उसमें से जो संगीत झर रहा है, वह आ तो मुझमें से होकर तो आ रहा है; किंतु मैं भली-भांति जानता हूँ कि उसमें बहती प्राणवायु मेरी नहीं हैं। जिन अधरों पर यह बाँसुरी रखी है, उसके छिद्रों पर जो अंगुलियाँ नृत्य कर रही हैं और शब्दों का जो महारास हो रहा है-यह सब कृष्ण की विराट ऊर्जा से अनुप्राणित है। इस उपन्यास का आधार कृष्ण और सुदामा की सुप्रसिद्ध पारंपरिक लोक-कथा है। इस कथा में मैंने ध्यान के अनुभवों को समोने का आनंद लिया है। सुदामा को यादव शिरोमणि श्रीकृष्ण के पास उनकी पत्नी ने भेजा तो आर्थिक सहायता प्राप्ति के उद्देश्य से था; किंतु द्वारका पहुँचकर सुदामा ने देखा कि जिस कृष्ण को वे अभी तक अपना बालसखा समझे बैठे थे- वह तो करुणा, प्रेम, भक्ति, न्याय, सत्य, ज्ञान,रस, योग और भोग की पराकाष्ठा हैं। सुदामा बाकि सबकुछ भूल कर कृष्ण की थाह लेने में जुट जाते हैं। अपने इस खोजी अभियान में वे कृष्ण का पार तो पा नहीं पाते; अपितु यह अनुभव करते हैं कि कृष्ण उनकी प्रत्येक श्वास में आ बसे हैं और वे पूर्णतः कृष्णमय हो चुके हैं। कृष्ण उनके मन के उठनेवाले अनेक जटिल प्रश्नों के मौलिक उत्तर देकर उनकी प्यास बुझा रहे हैं। अंततः सुदामा नतमस्तक हो यह स्वीकार कर लेते हैं कि वे कृष्ण के विराट् रूप को बुद्धि के द्वारा तो जान ही नहीं सकते ; किंतु उनके प्रेम की गंगा में नित् स्नान कर आनंदित तो हो ही सकते हैं।
Kritika Bhag 1 Class 9 - NCERT - 23: कृतिका भाग-१ ९वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadकृतिका भाग 1 कक्षा 9वीं का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल तीन पाठ हैं- इस जल प्रलय में, मेरे संग की औरतें, रीढ़ की हड्डी, माटी वाला और अंत में लेखक परिचय दिय़ा है। पुस्तक में पाठ के साथ प्रश्न-अभ्यास दिए गए हैं, जो पाठ को रोचक बनाने, उसे स्पष्ट करने में मदद करेंगे। पुस्तक के अंत में लेखक परिचय का संक्षिप्त परिचय भी दिया गया है।