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Manav Bhugol Ke Mul Siddhant class 12 - NCERT - 23: मानव भूगोल के मूल सिद्धांत १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadमानव भूगोल के मूल सिद्धांत कक्षा 12 वीं का पुस्तक हिंदी भाषा में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने प्रकाशित किया गया है । इस पाठ्यपुस्तक का मूल उद्देश्य है राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा की रूपरेखा 2005 के नए मार्गदर्शक सिद्धांतों को क्रियान्वित करना । पाठ्यपुस्तक मे मानव भूगोल प्रकृति एवं विषय क्षेत्र, विश्व जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि, जनसंख्या संघटन, मानव विकास, प्राथमिक क्रियाएँ, द्वितीयक क्रियाएँ, तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप, परिवहन एवं संचार, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और मानव बस्ती आदि के बारें में बताया गया है।
Manav Bhugol - Ranchi University, N.P.U: मानव भूगोल - राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.
by Majid Husainमानव भूगोल यह पुस्तक मेरी चर्चित पुस्तक Human Geography का हिन्दी रूपान्तरण है। इस पुस्तक को देश-विदेश में प्रबुद्ध पाठकों द्वारा सराहे जाने के कारण ही इसका हिन्दी रूपान्तरण कराने की प्रेरणा मिली जिससे कि देश के हिन्दीभाषी पाठकों द्वारा इसका समुचित लाभ उठाया जा सके। इसकी एक प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें मानव भूगोल के सभी पहलुओं की सरल तथा विश्वसनीय जानकारी प्रदान की गई है। साथ ही, विभिन्न मानचित्रों तथा रेखाचित्रों की सहायता से इसे अधिक रुचिकर बनाया गया है। संक्षेप में, यह पुस्तक मानव भूगोल को एक सामाजिक विज्ञान के रूप में चित्रित करती है। मुख्य रूप से यह पुस्तक तीन भागों में विभक्त की गई है। प्रथम भाग में जहां मानव भूगोल के मूल सिद्धान्तों का वर्णन किया गया है, वहीं द्वितीय भाग में विकास तथा मानवीय अधिवास के विभिन्न प्रतिमानों का विश्लेषण किया गया है। तृतीय भाग में विभिन्न आदिवासियों तथा देशज आबादियों का संक्षिप्त लेखा-जोखा प्रस्तुत किया गया है।
Manav Dharma: मानव धर्म
by Dada Bhagwanमनुष्य जीवन का ध्येय क्या है? इंसान पैदा होता है तबसे ही संसार चक्र में फँसकर लोगो के कहे अनुसार करता है| स्कूल-कॉलेज की पढाई करता है, नौकरी या धंधा करता है, शादी करके बच्चे पैदा करता है, और बूढ़े होने पर मर जाता है| तो क्या यही हमारे जीवन का मूल उद्शेय है? परम पूज्य दादाभगवान, मनुष्य जन्म को ४ गतियों का जंक्शन बताते है जहाँसे, देवगति, जानवरगति या नर्कगति में जाने का रास्ता खुला होता है|जिस प्रकार के बीज डाले हो और जिन कारणों का सेवन किया हो, उस गति में आगे जाना पड़ता है| तो, इन फेरो से आखिर हमें मुक्ति कब मिलेगी? दादाजी बताते है कि, मानवता या ‘मानवधर्म’ की सबसे बड़ी परिभाषा ही यह है कि, अगर कोई तुम्हें दुःख दे और तुम्हें अच्छा ना लगे, तो दूसरों के साथ भी ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए| अगले जन्म में अगर नर्कगति या जानवर गति में नहीं जाना हो तो, मानवधर्म का हमेशा ही पालन करना चाहिए| इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने, यह किताब पढ़े और अपना मनुष्यजीवन सार्थक बनाइये|
Manav Paristhitikee Evan Parivaar Vigyan Bhag 2 class 12 - NCERT: मानव परिस्थितिकी एवं परिवार विज्ञान भाग 2 कक्षा 12 - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadमानव पारिस्थितिकी एवं परिवार विज्ञान (एच.ई.एफ.एस.) विषय जो अब तक गृह विज्ञान' के रूप में जाना जाता है, इसकी पाठ्यपुस्तकें एन.सी.ई.आर.टी. की राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा - 2005 के दृष्टिकोणऔर सिद्धांतों के आधार पर विकसित की गई हैं। विश्व में, गृह विज्ञान का क्षेत्र नए नामों से जाना जाता है परंतु इसमें मूलरूप से पाँच क्षेत्र सम्मिलित हैं, जिनके नाम हैं- भोजन एवं पोषण, मानव विकास एवं परिवार अध्ययन, वस्त्र एवं परिधान, संसाधन प्रबंधन और संचार एवं विस्तारा इनमें से प्रत्येक क्षेत्र या विशेषज्ञता प्राप्त (जैसा कि विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में निर्दिष्ट है) व्यक्तियों, परिवारों, उद्योग और समाज की बढ़ती ज़रूरतों को ध्यान में रख, बढ़ते हुए दायरे के साथ विकसित और परिपक्व हुआ है। परिणामस्वरूप, इन क्षेत्रों में रोजगार बाजार विकसित करने के उद्देश्य से नए आकर्षण विकसित किए गए हैं और बहुत से विश्वविद्यालयों में इनकी वर्तमान प्रतिष्ठा और कार्य क्षेत्र को बेहतर तरीके से दर्शाने के लिए इन्हें नए नाम दिए गए हैं।
Manav Paristhitiki Evam Pariwar Vigyan Bhag 1 class 11 - NCERT: मानव पारिस्थितिकी और परिवार विज्ञान भाग 1 कक्षा 11 - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadमानव पारिस्थितिकी और परिवार विज्ञान भाग 1 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल दो इकाईंयाँ हैं - इस पाठपुस्तक में सिखाने वाले के दृष्टीकोण से सभी क्षेत्रों में ज्ञान के पुन: निर्माण के प्रती और समकालीन भारत के गतिशील समाजिक – आर्थिक वास्तविकताओं का अध्ययन किया गया है। इस पाठ्यक्रम में जेन्डर संबंधी शिक्षा मुद्दो पर राष्ट्रीय समूह द्वारा गृह विज्ञान जैसे पारंपारिक रूप से परिभाषित विषयों समावेश किया गया है।
Manav Paristhitiki Evam Pariwar Vigyan Bhag 2 class 11 - NCERT: मानव पारिस्थितिकी और परिवार विज्ञान भाग 2 कक्षा 11 - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadमानव पारिस्थितिकी और परिवार विज्ञान भाग 2 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल दो इकाईंयाँ हैं - इस पाठपुस्तक में सिखाने वाले के दृष्टीकोण से सभी क्षेत्रों में ज्ञान के पुन: निर्माण के प्रती और समकालीन भारत के गतिशील समाजिक – आर्थिक वास्तविकताओं का अध्ययन किया गया है। इस पाठ्यक्रम के अनुसार कपड़ों तथा पौशाकों के लिए प्रशिक्षण पाने वाले व्यक्तियों को वस्त्रोद्योग डिज़ाइन, वस्त्रोद्योग या फ़ैशन अथवा पौशाक उद्योग और उद्यमशीलता में भावी जीवनवृत्ति मिल सकती है ।
Manav Paristhitiki Evan Parivaar Vigyan Bhag-1 class 11 - NCERT - 23: मानव पारिस्थितिकी एवं परिवार विज्ञान भाग-१ ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadमानव पारिस्थितिकी और परिवार विज्ञान भाग 1 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल दो इकाईंयाँ हैं - इस पाठपुस्तक में सिखाने वाले के दृष्टीकोण से सभी क्षेत्रों में ज्ञान के पुन: निर्माण के प्रती और समकालीन भारत के गतिशील समाजिक–आर्थिक वास्तविकताओं का अध्ययन किया गया है। इस पाठ्यक्रम में जेन्डर संबंधी शिक्षा मुद्दो पर राष्ट्रीय समूह द्वारा गृह विज्ञान जैसे पारंपारिक रूप से परिभाषित विषयों समावेश किया गया है।
Manav Paristhitiki Evan Parivaar Vigyan Bhag 1 class 12 - NCERT: मानव परिस्थितिकी एवं परिवार विज्ञान भाग 1 कक्षा 12 - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadमानव पारिस्थितिकी एवं परिवार विज्ञान (एच.ई.एफ.एस.) विषय जो अब तक गृह विज्ञान' के रूप में जाना जाता है, इसकी पाठ्यपुस्तकें एन.सी.ई.आर.टी. की राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा - 2005 के दृष्टिकोणऔर सिद्धांतों के आधार पर विकसित की गई हैं। विश्व में, गृह विज्ञान का क्षेत्र नए नामों से जाना जाता है परंतु इसमें मूलरूप से पाँच क्षेत्र सम्मिलित हैं, जिनके नाम हैं- भोजन एवं पोषण, मानव विकास एवं परिवार अध्ययन, वस्त्र एवं परिधान, संसाधन प्रबंधन और संचार एवं विस्तारा इनमें से प्रत्येक क्षेत्र या विशेषज्ञता प्राप्त (जैसा कि विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में निर्दिष्ट है) व्यक्तियों, परिवारों, उद्योग और समाज की बढ़ती ज़रूरतों को ध्यान में रख, बढ़ते हुए दायरे के साथ विकसित और परिपक्व हुआ है। परिणामस्वरूप, इन क्षेत्रों में रोजगार बाजार विकसित करने के उद्देश्य से नए आकर्षण विकसित किए गए हैं और बहुत से विश्वविद्यालयों में इनकी वर्तमान प्रतिष्ठा और कार्य क्षेत्र को बेहतर तरीके से दर्शाने के लिए इन्हें नए नाम दिए गए हैं।
Manav Paristhitiki Evan Parivaar Vigyan Bhag 1 Class 12 - NCERT - 23: मानव पारिस्थितिकी एवं परिवार विज्ञान भाग-१ १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadमानव पारिस्थितिकी एवं परिवार विज्ञान (एच.ई.एफ.एस.) विषय जो अब तक ‘गृह विज्ञान’ के रूप में जाना जाता है, इसकी पाठ्यपुस्तकें एन.सी.ई.आर.टी. की राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 के दृष्टिकोण और सिद्धांतों के आधार पर विकसित की गई हैं। विश्व में, गृह विज्ञान का क्षेत्र नए नामों से जाना जाता है परंतु इसमें मूलरूप से पाँच क्षेत्र सम्मिलित हैं, जिनके नाम हैं- भोजन एवं पोषण, मानव विकास एवं परिवार अध्ययन, वस्त्र एवं परिधान, संसाधन प्रबंधन और संचार एवं विस्तारा इनमें से प्रत्येक क्षेत्र या विशेषज्ञता प्राप्त (जैसा कि विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में निर्दिष्ट है) व्यक्तियों, परिवारों, उद्योग और समाज की बढ़ती ज़रूरतों को ध्यान में रख, बढ़ते हुए दायरे के साथ विकसित और परिपक्व हुआ है। परिणामस्वरूप, इन क्षेत्रों में रोजगार बाजार विकसित करने के उद्देश्य से नए आकर्षण विकसित किए गए हैं और बहुत से विश्वविद्यालयों में इनकी वर्तमान प्रतिष्ठा और कार्य क्षेत्र को बेहतर तरीके से दर्शाने के लिए इन्हें नए नाम दिए गए हैं।
Manav Paristhitiki Evan Parivaar Vigyan Bhag-2 class 11 - NCERT - 23: मानव पारिस्थितिकी एवं परिवार विज्ञान भाग-२ ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadमानव पारिस्थितिकी और परिवार विज्ञान भाग 2 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल दो इकाईंयाँ हैं - इस पाठपुस्तक में सिखाने वाले के दृष्टीकोण से सभी क्षेत्रों में ज्ञान के पुन: निर्माण के प्रती और समकालीन भारत के गतिशील समाजिक-आर्थिक वास्तविकताओं का अध्ययन किया गया है। इस पाठ्यक्रम के अनुसार कपड़ों तथा पौशाकों के लिए प्रशिक्षण पाने वाले व्यक्तियों को वस्त्रोद्योग डिज़ाइन, वस्त्रोद्योग या फ़ैशन अथवा पौशाक उद्योग और उद्यमशीलता में भावी जीवनवृत्ति मिल सकती है।
Manav Paristhitiki Evan Parivaar Vigyan Bhag 2 class 12 - NCERT - 23: मानव पारिस्थितिकी एवं परिवार विज्ञान भाग-२ १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadमानव पारिस्थितिकी एवं परिवार विज्ञान (एच.ई.एफ.एस.) विषय जो अब तक ‘गृह विज्ञान’ के रूप में जाना जाता है, इसकी पाठ्यपुस्तकें एन.सी.ई.आर.टी. की राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 के दृष्टिकोण और सिद्धांतों के आधार पर विकसित की गई हैं। विश्व में, गृह विज्ञान का क्षेत्र नए नामों से जाना जाता है परंतु इसमें मूलरूप से पाँच क्षेत्र सम्मिलित हैं, जिनके नाम हैं- भोजन एवं पोषण, मानव विकास एवं परिवार अध्ययन, वस्त्र एवं परिधान, संसाधन प्रबंधन और संचार एवं विस्तारा इनमें से प्रत्येक क्षेत्र या विशेषज्ञता प्राप्त (जैसा कि विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में निर्दिष्ट है) व्यक्तियों, परिवारों, उद्योग और समाज की बढ़ती ज़रूरतों को ध्यान में रख, बढ़ते हुए दायरे के साथ विकसित और परिपक्व हुआ है। परिणामस्वरूप, इन क्षेत्रों में रोजगार बाजार विकसित करने के उद्देश्य से नए आकर्षण विकसित किए गए हैं और बहुत से विश्वविद्यालयों में इनकी वर्तमान प्रतिष्ठा और कार्य क्षेत्र को बेहतर तरीके से दर्शाने के लिए इन्हें नए नाम दिए गए हैं।
Mandakini class 12 - RBSE Board: मंदाकिनी कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerमंदाकिनी कक्षा 12वी का यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है। इस पाठ्यपुस्तक में भारतीय संस्कृति और परम्पराओं के बारे में बताया गया है। इस पुस्तक में महापुरूषों के प्रेरक व्यक्तित्वों के पाठ सम्मिलित किए गये है।
Mangalsutra
by PremchandAn uncompleted work of Premchand, Mangalsutra. A progressive story indicating a clear picture of development in his age. Mangalsutra, a necklace for the bride, is worn in India and the story till the uncompleted end revolves around the lady protagonist.
Mangalsutra
by Vrindawan Lal VermaMangalsutra is based on the women's right to lead independent lives. This fact is depicted beautifully in this play by Vrindawan Lal Verma.
Manjeer
by Nandkishore NavalManjeer is a collection of small poems written by Nand Kishore Aggarwal. The poet has expressed his anger in the poems in a simple and effective language.
Mann ki Shakti: मन की शक्ति
by Maxwell Maltzसाइको साइबरनेटिक्स में 31 नुस्खे और मानसिक प्रशिक्षण अभ्यास शामिल हैं, जो डॉ. मॉल्ट्ज़ की सिखार्इ बातों पर अमल करने में आपकी मदद करेंगे। इससे आपको लगभग किसी भी लक्ष्य को जल्दी और आसानी से हासिल करने में मदद मिलेगी।
Manovigyan class 11 - NCERT - 23: मनोविज्ञान कक्षा ११ - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadमनोविज्ञान 11 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस किताब में मनोविज्ञान के आनुभाविक स्वरूप तथा मानव व्यवहार के अध्ययन में वैज्ञानिक उपागम को अपनाने के विषय को अवगत किया है। कक्षा 11 में मनोविज्ञान इस पाठपुस्तक में विभिन्न विशेषज्ञाों, महाविद्यालयों एवं विद्यालय से निविष्टीयाँ प्राप्त की गई है। इस पाठपुस्तक में मानव व्यवहार के विश्लेषण को वैज्ञानिक ढंग से करने तथा सामन्य बोध से अलग व्याख्याओं का उपयोग करने का समावेश किया गया है।
Manovigyan class 11 - RBSE Board: मनोविज्ञान कक्षा 11 - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerमाध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर द्वारा मनोविज्ञान विषय को अनिवार्य विषय के रूप में लागू किया गया है । बोर्ड द्वारा गठित इस विषय की पाठ्यक्रम समिति द्वारा नवीन पाठ्यक्रमानुसार विद्यार्थियों की आवश्यकता को ध्यान में रखकर अथक मेहनत के साथ पुस्तक लेखन किया गया है । इस किताब में मनोविज्ञान के आनुभाविक स्वरूप तथा मानव व्यवहार के अध्ययन में वैज्ञानिक उपागम को अपनाने के विषय को अवगत किया है। कक्षा 11 में मनोविज्ञान इस पाठपुस्तक में विभिन्न विशेषज्ञाों, महाविद्यालयों एवं विद्यालय से निविष्टीयाँ प्राप्त की गई है। इस पाठपुस्तक में मानव व्यवहार के विश्लेषण को वैज्ञानिक ढंग से करने तथा सामन्य बोध से अलग व्याख्याओं का उपयोग करने का समावेश किया गया है।
Manovigyan class 11 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: मनोविज्ञान कक्षा 11 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड
by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.मनोविज्ञान कक्षा 11 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में मनोविज्ञान के आनुभाविक स्वरूप तथा मानव व्यवहार के अध्ययन में वैज्ञानिक उपागम को अपनाने के विषय को अवगत किया है। कक्षा 11 में मनोविज्ञान इस पाठपुस्तक में विभिन्न विशेषज्ञाों, महाविद्यालयों एवं विद्यालय से निविष्टीयाँ प्राप्त की गई है। इस पाठपुस्तक में मानव व्यवहार के विश्लेषण को वैज्ञानिक ढंग से करने तथा सामन्य बोध से अलग व्याख्याओं का उपयोग करने का समावेश किया गया है।
Manovigyan class 12 - NCERT: मनोविज्ञान 12वीं कक्षा
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadमनोविज्ञान 12वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में नौ अध्याय हैं ये उन विषयों से संबंधित हैं जो मनोविज्ञान में प्रवेश-पाठ्यक्रम के लिए आवश्यक समझे जाते हैं। अध्याय में सम्मिलित की जाने वाली विषयवस्तु की रूपरेखा अध्याय की एक समग्र दृष्टि प्रस्तुत करती है। प्रत्येक अध्याय के प्रारंभ में दिया गया परिचय विद्यार्थियों के पूर्ववर्ती ज्ञान को बढ़ाने के लिए एक सूचनापरक एवं चुनौतीपूर्ण प्रारंभ प्रदान करता है। प्रत्येक अध्याय में मुख्य विषयवस्तु उदाहरणों, दृष्टांतों, सारणियों, क्रियाकलापों एवं बॉक्सों से भरा पड़ा है जो संप्रत्ययों को अच्छी तरह समझने में विद्यार्थियों की सहायता करेगा। प्रत्येक अध्याय के अंत में प्रस्तुत सारांश, जो कुछ पढ़ा अथवा पढ़ाया गया है, उसको पुनर्बलित एवं सुदृढ़ करता है। अध्याय के अंत में समीक्षात्मक प्रश्नों से समझ, अनुप्रयोग तथा कौशल को बढ़ावा मिलेगा और उच्च स्तरीय चिंतन में वृद्धि होगी। प्रत्येक अध्याय के अंत में दिए गए परियोजना विचार का उद्देश्य विद्यार्थियों को क्षेत्र-कार्यों तथा अनुभव प्राप्त करने के लिए जागृत करना है।
Manovigyan class 12 - NCERT - 23: मनोविज्ञान १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadमनोविज्ञान 12वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में सात अध्याय हैं ये उन विषयों से संबंधित हैं जो मनोविज्ञान में प्रवेश-पाठ्यक्रम के लिए आवश्यक समझे जाते हैं। अध्याय में सम्मिलित की जाने वाली विषयवस्तु की रूपरेखा अध्याय की एक समग्र दृष्टि प्रस्तुत करती है। प्रत्येक अध्याय के प्रारंभ में दिया गया परिचय विद्यार्थियों के पूर्ववर्ती ज्ञान को बढ़ाने के लिए एक सूचनापरक एवं चुनौतीपूर्ण प्रारंभ प्रदान करता है। प्रत्येक अध्याय में मुख्य विषयवस्तु उदाहरणों, दृष्टांतों, सारणियों, क्रियाकलापों एवं बॉक्सों से भरा पड़ा है जो संप्रत्ययों को अच्छी तरह समझने में विद्यार्थियों की सहायता करेगा। प्रत्येक अध्याय के अंत में प्रस्तुत सारांश, जो कुछ पढ़ा अथवा पढ़ाया गया है, उसको पुनर्बलित एवं सुदृढ़ करता है। अध्याय के अंत में समीक्षात्मक प्रश्नों से समझ, अनुप्रयोग तथा कौशल को बढ़ावा मिलेगा और उच्च स्तरीय चिंतन में वृद्धि होगी। प्रत्येक अध्याय के अंत में दिए गए परियोजना विचार का उद्देश्य विद्यार्थियों को क्षेत्र-कार्यों तथा अनुभव प्राप्त करने के लिए जागृत करना है।
Manovigyan class 12 - RBSE Board: मनोविज्ञान कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerमनोविज्ञान इस पाठ्यपुस्तक मे बुद्धि और अभिक्षमता मानव व्यवहार के ज्ञानात्मक पक्षों जो उनकी क्षमता एवं अनुकूलता को प्रेषित करने का प्रयास है। अतः व्यक्तित्व का सारगर्भित अध्ययन और इस प्रतिस्पर्धात्मक जीवन शैली में तनाव, मानवीय क्षमताएँ और खुशहाली एक दूसरे के विरोधाभासी प्रत्यय है लेकिन पुस्तक में इन्हें विहंगात्मक रूप से समझाने का सारगर्भित प्रयास किया गया है।
Manovigyan (Psychology) - 328 - NIOS: मनोविज्ञान (३२८)
by National Institute of Open Schooling"पाठ्यक्रम - मनोविज्ञान 328" एक उच्चतर माध्यमिक शिक्षा के लिए मनोविज्ञान का व्यापक पाठ्यक्रम है। यह विभिन्न जीवन क्षेत्रों में मनोविज्ञान के महत्व को रेखांकित करता है, जिसमें व्यक्तिगत, संगठनात्मक और सामाजिक गतिविधियाँ शामिल हैं। पाठ्यक्रम को इस प्रकार संरचित किया गया है कि विद्यार्थी मनोविज्ञान के संप्रत्ययों को समझ सकें और उनका उपयोग कर सकें, व्यक्तिगत विकास कौशल को बढ़ा सकें, मनोविज्ञान शोध विधियों का अनुभव प्राप्त कर सकें, कैरियर के अवसरों को जान सकें, और व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन में मनोविज्ञान को लागू कर सकें। इस पाठ्यक्रम में मूल मॉड्यूल शामिल हैं जो कि आधारभूत मनोविज्ञान, महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक प्रक्रम, वैकासिक प्रक्रम, आत्म और व्यक्तित्व, और सामाजिक और अनुप्रयुक्त मनोविज्ञान को कवर करते हैं। इसके अतिरिक्त, यह कार्य मनोविज्ञान और प्रारंभिक बचपन शिक्षा पर दो वैकल्पिक मॉड्यूल्स प्रदान करता है, जिससे विद्यार्थी अपनी रुचियों के आधार पर विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं।
Mansarovar Bhag 1: मानसरोवर भाग 1
by Premchandप्रेमचंद ने 14 उपन्यास व 300 से अधिक कहानियाँ लिखीं। उन्होंने अपनी सम्पूर्ण कहानियों को 'मानसरोवर' में संजोकर प्रस्तुत किया है। इनमें से अनेक कहानियाँ देश-भर के पाठ्यक्रमों में समाविष्ट हुई हैं, कई पर नाटक व फ़िल्में बनी हैं जब कि कई का भारतीय व विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। अपने समय और समाज का ऐतिहासिक संदर्भ तो जैसे प्रेमचंद की कहानियों को समस्त भारतीय साहित्य में अमर बना देता है। उनकी कहानियों में अनेक मनोवैज्ञानिक बारीक़ियाँ भी देखने को मिलती हैं। विषय को विस्तार देना व पात्रों के बीच में संवाद उनकी पकड़ को दर्शाते हैं। ये कहानियाँ न केवल पाठकों का मनोरंजन करती हैं बल्कि उत्कृष्ट साहित्य समझने की दृष्टि भी प्रदान करती हैं।
Mansarovar Bhag 3: मानसरोवर भाग ३
by Premchandप्रेमचंद ने 14 उपन्यास व 300 से अधिक कहानियाँ लिखीं। उन्होंने अपनी सम्पूर्ण कहानियों को 'मानसरोवर' में संजोकर प्रस्तुत किया है, प्रस्तुत उपन्यास मानसरोवर का तिसरे भाग का संस्करण है। इनमें से अनेक कहानियाँ देश-भर के पाठ्यक्रमों में समाविष्ट हुई हैं, कई पर नाटक व फ़िल्में बनी हैं जब कि कई का भारतीय व विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। अपने समय और समाज का ऐतिहासिक संदर्भ तो जैसे प्रेमचंद की कहानियों को समस्त भारतीय साहित्य में अमर बना देता है। उनकी कहानियों में अनेक मनोवैज्ञानिक बारीक़ियाँ भी देखने को मिलती हैं। विषय को विस्तार देना व पात्रों के बीच में संवाद उनकी पकड़ को दर्शाते हैं। ये कहानियाँ न केवल पाठकों का मनोरंजन करती हैं बल्कि उत्कृष्ट साहित्य समझने की दृष्टि भी प्रदान करती हैं।