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Manovigyan class 11 - NCERT - 23: मनोविज्ञान कक्षा ११ - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

मनोविज्ञान 11 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस किताब में मनोविज्ञान के आनुभाविक स्वरूप तथा मानव व्यवहार के अध्ययन में वैज्ञानिक उपागम को अपनाने के विषय को अवगत किया है। कक्षा 11 में मनोविज्ञान इस पाठपुस्तक में विभिन्न विशेषज्ञाों, महाविद्यालयों एवं विद्यालय से निविष्टीयाँ प्राप्त की गई है। इस पाठपुस्तक में मानव व्यवहार के विश्लेषण को वैज्ञानिक ढंग से करने तथा सामन्य बोध से अलग व्याख्याओं का उपयोग करने का समावेश किया गया है।

Manovigyan class 11 - RBSE Board: मनोविज्ञान कक्षा 11 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर द्वारा मनोविज्ञान विषय को अनिवार्य विषय के रूप में लागू किया गया है । बोर्ड द्वारा गठित इस विषय की पाठ्यक्रम समिति द्वारा नवीन पाठ्यक्रमानुसार विद्यार्थियों की आवश्यकता को ध्यान में रखकर अथक मेहनत के साथ पुस्तक लेखन किया गया है । इस किताब में मनोविज्ञान के आनुभाविक स्वरूप तथा मानव व्यवहार के अध्ययन में वैज्ञानिक उपागम को अपनाने के विषय को अवगत किया है। कक्षा 11 में मनोविज्ञान इस पाठपुस्तक में विभिन्न विशेषज्ञाों, महाविद्यालयों एवं विद्यालय से निविष्टीयाँ प्राप्त की गई है। इस पाठपुस्तक में मानव व्यवहार के विश्लेषण को वैज्ञानिक ढंग से करने तथा सामन्य बोध से अलग व्याख्याओं का उपयोग करने का समावेश किया गया है।

Manovigyan class 11 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: मनोविज्ञान कक्षा 11 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

मनोविज्ञान कक्षा 11 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में मनोविज्ञान के आनुभाविक स्वरूप तथा मानव व्यवहार के अध्ययन में वैज्ञानिक उपागम को अपनाने के विषय को अवगत किया है। कक्षा 11 में मनोविज्ञान इस पाठपुस्तक में विभिन्न विशेषज्ञाों, महाविद्यालयों एवं विद्यालय से निविष्टीयाँ प्राप्त की गई है। इस पाठपुस्तक में मानव व्यवहार के विश्लेषण को वैज्ञानिक ढंग से करने तथा सामन्य बोध से अलग व्याख्याओं का उपयोग करने का समावेश किया गया है।

Manovigyan class 12 - NCERT: मनोविज्ञान 12वीं कक्षा

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

मनोविज्ञान 12वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में नौ अध्याय हैं ये उन विषयों से संबंधित हैं जो मनोविज्ञान में प्रवेश-पाठ्यक्रम के लिए आवश्यक समझे जाते हैं। अध्याय में सम्मिलित की जाने वाली विषयवस्तु की रूपरेखा अध्याय की एक समग्र दृष्टि प्रस्तुत करती है। प्रत्येक अध्याय के प्रारंभ में दिया गया परिचय विद्यार्थियों के पूर्ववर्ती ज्ञान को बढ़ाने के लिए एक सूचनापरक एवं चुनौतीपूर्ण प्रारंभ प्रदान करता है। प्रत्येक अध्याय में मुख्य विषयवस्तु उदाहरणों, दृष्टांतों, सारणियों, क्रियाकलापों एवं बॉक्सों से भरा पड़ा है जो संप्रत्ययों को अच्छी तरह समझने में विद्यार्थियों की सहायता करेगा। प्रत्येक अध्याय के अंत में प्रस्तुत सारांश, जो कुछ पढ़ा अथवा पढ़ाया गया है, उसको पुनर्बलित एवं सुदृढ़ करता है। अध्याय के अंत में समीक्षात्मक प्रश्नों से समझ, अनुप्रयोग तथा कौशल को बढ़ावा मिलेगा और उच्च स्तरीय चिंतन में वृद्धि होगी। प्रत्येक अध्याय के अंत में दिए गए परियोजना विचार का उद्देश्य विद्यार्थियों को क्षेत्र-कार्यों तथा अनुभव प्राप्त करने के लिए जागृत करना है।

Manovigyan class 12 - NCERT - 23: मनोविज्ञान १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

मनोविज्ञान 12वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में सात अध्याय हैं ये उन विषयों से संबंधित हैं जो मनोविज्ञान में प्रवेश-पाठ्यक्रम के लिए आवश्यक समझे जाते हैं। अध्याय में सम्मिलित की जाने वाली विषयवस्तु की रूपरेखा अध्याय की एक समग्र दृष्टि प्रस्तुत करती है। प्रत्येक अध्याय के प्रारंभ में दिया गया परिचय विद्यार्थियों के पूर्ववर्ती ज्ञान को बढ़ाने के लिए एक सूचनापरक एवं चुनौतीपूर्ण प्रारंभ प्रदान करता है। प्रत्येक अध्याय में मुख्य विषयवस्तु उदाहरणों, दृष्टांतों, सारणियों, क्रियाकलापों एवं बॉक्सों से भरा पड़ा है जो संप्रत्ययों को अच्छी तरह समझने में विद्यार्थियों की सहायता करेगा। प्रत्येक अध्याय के अंत में प्रस्तुत सारांश, जो कुछ पढ़ा अथवा पढ़ाया गया है, उसको पुनर्बलित एवं सुदृढ़ करता है। अध्याय के अंत में समीक्षात्मक प्रश्नों से समझ, अनुप्रयोग तथा कौशल को बढ़ावा मिलेगा और उच्च स्तरीय चिंतन में वृद्धि होगी। प्रत्येक अध्याय के अंत में दिए गए परियोजना विचार का उद्देश्य विद्यार्थियों को क्षेत्र-कार्यों तथा अनुभव प्राप्त करने के लिए जागृत करना है।

Manovigyan class 12 - RBSE Board: मनोविज्ञान कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

मनोविज्ञान इस पाठ्यपुस्तक मे बुद्धि और अभिक्षमता मानव व्यवहार के ज्ञानात्मक पक्षों जो उनकी क्षमता एवं अनुकूलता को प्रेषित करने का प्रयास है। अतः व्यक्तित्व का सारगर्भित अध्ययन और इस प्रतिस्पर्धात्मक जीवन शैली में तनाव, मानवीय क्षमताएँ और खुशहाली एक दूसरे के विरोधाभासी प्रत्यय है लेकिन पुस्तक में इन्हें विहंगात्मक रूप से समझाने का सारगर्भित प्रयास किया गया है।

Manovigyan (Psychology) - 328 - NIOS: मनोविज्ञान (३२८)

by National Institute of Open Schooling

"पाठ्यक्रम - मनोविज्ञान 328" एक उच्चतर माध्यमिक शिक्षा के लिए मनोविज्ञान का व्यापक पाठ्यक्रम है। यह विभिन्न जीवन क्षेत्रों में मनोविज्ञान के महत्व को रेखांकित करता है, जिसमें व्यक्तिगत, संगठनात्मक और सामाजिक गतिविधियाँ शामिल हैं। पाठ्यक्रम को इस प्रकार संरचित किया गया है कि विद्यार्थी मनोविज्ञान के संप्रत्ययों को समझ सकें और उनका उपयोग कर सकें, व्यक्तिगत विकास कौशल को बढ़ा सकें, मनोविज्ञान शोध विधियों का अनुभव प्राप्त कर सकें, कैरियर के अवसरों को जान सकें, और व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन में मनोविज्ञान को लागू कर सकें। इस पाठ्यक्रम में मूल मॉड्यूल शामिल हैं जो कि आधारभूत मनोविज्ञान, महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक प्रक्रम, वैकासिक प्रक्रम, आत्म और व्यक्तित्व, और सामाजिक और अनुप्रयुक्त मनोविज्ञान को कवर करते हैं। इसके अतिरिक्त, यह कार्य मनोविज्ञान और प्रारंभिक बचपन शिक्षा पर दो वैकल्पिक मॉड्यूल्स प्रदान करता है, जिससे विद्यार्थी अपनी रुचियों के आधार पर विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं।

Manpasand Lok Kathayein मनपसंद लोक कथाएं

by Swan

"मनपसंद लोक कथाएं" एक दिलचस्प संग्रह है जिसमें नैतिक और मनोरंजक लोक कथाएँ शामिल हैं। प्रत्येक कहानी हमें जीवन के महत्वपूर्ण पाठ सिखाती है। "सुनहरा हिरन" में विश्वासघात के परिणामों को दर्शाया गया है, जबकि "सपनों की दुनिया" हास्यपूर्ण तरीके से शिक्षक की आदतों पर व्यंग्य करता है। "शक्तिशाली जीव" कुत्ते की यात्रा को दिखाता है जो अंततः यह सीखता है कि मनुष्य सबसे शक्तिशाली प्राणी है। "कपास का भूत" एक मज़ेदार किस्सा है जिसमें एक व्यक्ति की चतुराई दिखती है। "शेर का कांटा" चतुराई और बुद्धिमानी से भरे निर्णयों को उजागर करता है। ये कहानियाँ सरल लेकिन गहरे अर्थ वाली हैं, जो हर आयु वर्ग के पाठकों के लिए रोचक और प्रेरणादायक हैं।

Mansarovar Bhag 1: मानसरोवर भाग 1

by Premchand

प्रेमचंद ने 14 उपन्यास व 300 से अधिक कहानियाँ लिखीं। उन्होंने अपनी सम्पूर्ण कहानियों को 'मानसरोवर' में संजोकर प्रस्तुत किया है। इनमें से अनेक कहानियाँ देश-भर के पाठ्यक्रमों में समाविष्ट हुई हैं, कई पर नाटक व फ़िल्में बनी हैं जब कि कई का भारतीय व विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। अपने समय और समाज का ऐतिहासिक संदर्भ तो जैसे प्रेमचंद की कहानियों को समस्त भारतीय साहित्य में अमर बना देता है। उनकी कहानियों में अनेक मनोवैज्ञानिक बारीक़ियाँ भी देखने को मिलती हैं। विषय को विस्तार देना व पात्रों के बीच में संवाद उनकी पकड़ को दर्शाते हैं। ये कहानियाँ न केवल पाठकों का मनोरंजन करती हैं बल्कि उत्कृष्ट साहित्य समझने की दृष्टि भी प्रदान करती हैं।

Mansarovar Bhag 3: मानसरोवर भाग ३

by Premchand

प्रेमचंद ने 14 उपन्यास व 300 से अधिक कहानियाँ लिखीं। उन्होंने अपनी सम्पूर्ण कहानियों को 'मानसरोवर' में संजोकर प्रस्तुत किया है, प्रस्तुत उपन्यास मानसरोवर का तिसरे भाग का संस्करण है। इनमें से अनेक कहानियाँ देश-भर के पाठ्यक्रमों में समाविष्ट हुई हैं, कई पर नाटक व फ़िल्में बनी हैं जब कि कई का भारतीय व विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। अपने समय और समाज का ऐतिहासिक संदर्भ तो जैसे प्रेमचंद की कहानियों को समस्त भारतीय साहित्य में अमर बना देता है। उनकी कहानियों में अनेक मनोवैज्ञानिक बारीक़ियाँ भी देखने को मिलती हैं। विषय को विस्तार देना व पात्रों के बीच में संवाद उनकी पकड़ को दर्शाते हैं। ये कहानियाँ न केवल पाठकों का मनोरंजन करती हैं बल्कि उत्कृष्ट साहित्य समझने की दृष्टि भी प्रदान करती हैं।

Mansarovar Bhag 4: मानसरोवर भाग ४

by Premchand

प्रेमचंद ने 14 उपन्यास व 300 से अधिक कहानियाँ लिखीं। उन्होंने अपनी सम्पूर्ण कहानियों को 'मानसरोवर' में संजोकर प्रस्तुत किया है, प्रस्तुत उपन्यास मानसरोवर के चौथे भाग का संस्करण है। इनमें से अनेक कहानियाँ देश-भर के पाठ्यक्रमों में समाविष्ट हुई हैं, कई पर नाटक व फ़िल्में बनी हैं जब कि कई का भारतीय व विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। अपने समय और समाज का ऐतिहासिक संदर्भ तो जैसे प्रेमचंद की कहानियों को समस्त भारतीय साहित्य में अमर बना देता है। उनकी कहानियों में अनेक मनोवैज्ञानिक बारीक़ियाँ भी देखने को मिलती हैं। विषय को विस्तार देना व पात्रों के बीच में संवाद उनकी पकड़ को दर्शाते हैं। ये कहानियाँ न केवल पाठकों का मनोरंजन करती हैं बल्कि उत्कृष्ट साहित्य समझने की दृष्टि भी प्रदान करती हैं।

Mansarovar Bhag 6: मानसरोवर भाग ६

by Premchand

प्रेमचंद ने 300 से अधिक कहानियाँ लिखीं। उन्होंने अपनी सम्पूर्ण कहानियों को 'मानसरोवर' में संजोकर प्रस्तुत किया है। इनमें से अनेक कहानियाँ देश-भर के पाठ्यक्रमों में समाविष्ट हुई हैं, कई पर नाटक व फ़िल्में बनी हैं जब कि कई का भारतीय व विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। अपने समय और समाज का ऐतिहासिक संदर्भ तो जैसे प्रेमचंद की कहानियों को समस्त भारतीय साहित्य में अमर बना देता है। उनकी कहानियों में अनेक मनोवैज्ञानिक बारीक़ियाँ भी देखने को मिलती हैं। विषय को विस्तार देना व पात्रों के बीच में संवाद उनकी पकड़ को दर्शाते हैं। ये कहानियाँ न केवल पाठकों का मनोरंजन करती हैं बल्कि उत्कृष्ट साहित्य समझने की दृष्टि भी प्रदान करती हैं।

Mansarovar Bhag 7: मानसरोवर भाग ७

by Premchand

प्रेमचंद ने 14 उपन्यास व 300 से अधिक कहानियाँ लिखीं। उन्होंने अपनी सम्पूर्ण कहानियों को 'मानसरोवर' में संजोकर प्रस्तुत किया है। इनमें से अनेक कहानियाँ देश-भर के पाठ्यक्रमों में समाविष्ट हुई हैं, कई पर नाटक व फ़िल्में बनी हैं जब कि कई का भारतीय व विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। अपने समय और समाज का ऐतिहासिक संदर्भ तो जैसे प्रेमचंद की कहानियों को समस्त भारतीय साहित्य में अमर बना देता है। उनकी कहानियों में अनेक मनोवैज्ञानिक बारीक़ियाँ भी देखने को मिलती हैं। विषय को विस्तार देना व पात्रों के बीच में संवाद उनकी पकड़ को दर्शाते हैं। ये कहानियाँ न केवल पाठकों का मनोरंजन करती हैं बल्कि उत्कृष्ट साहित्य समझने की दृष्टि भी प्रदान करती हैं।

Mansarovar Bhag 8: मानसरोवर भाग ८

by Premchand

प्रेमचंद ने 14 उपन्यास व 300 से अधिक कहानियाँ लिखीं। उन्होंने अपनी सम्पूर्ण कहानियों को 'मानसरोवर' में संजोकर प्रस्तुत किया है। इनमें से अनेक कहानियाँ देश-भर के पाठ्यक्रमों में समाविष्ट हुई हैं, कई पर नाटक व फ़िल्में बनी हैं जब कि कई का भारतीय व विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। अपने समय और समाज का ऐतिहासिक संदर्भ तो जैसे प्रेमचंद की कहानियों को समस्त भारतीय साहित्य में अमर बना देता है। उनकी कहानियों में अनेक मनोवैज्ञानिक बारीक़ियाँ भी देखने को मिलती हैं। विषय को विस्तार देना व पात्रों के बीच में संवाद उनकी पकड़ को दर्शाते हैं। ये कहानियाँ न केवल पाठकों का मनोरंजन करती हैं बल्कि उत्कृष्ट साहित्य समझने की दृष्टि भी प्रदान करती हैं।

Manto Pandrah Kahaniya: मंटो पन्द्रह कहानियाँ

by Saadat Hasan Manto

‘अगर आप मेरी कहानियाँ बरदाश्त नहीं कर सकते, तो दरअसल ज़माना ही नाक़ाबिले-बरदाश्त है।’ यह कहना था मंटो का जो अपनी कहानियों में वह लिखते थे जो सब आवरणों को हटाने के बाद ज़माने के चेहरे पर नज़र आता है। उन्होंने मज़लूमों, ग़रीब-गुरबा और उन औरतों की कहानियाँ लिखीं जिन्हें समाज ने हाशिए पर धकेलकर छोड़ दिया था। उन्होंने उन भावनाओं को लेकर भी कहानियाँ लिखीं जिन्हें सफ़ेदपोश समाज खुली रोशनी में स्वीकार नहीं कर पाता। उन्होंने ऐसे-ऐसे अहसासात को ज़बान बख़्शी जिन्हें हम कभी अपनी चालाकी और कभी अल्फ़ाज़ की कमी की वजह से यूँ ही ग़ायब हो जाने देते हैं। इसलिए आज भी उनकी कहानियाँ हमें अपनी कहानियाँ लगती हैं; वे अपने वक़्त से इतना आगे चल रहे थे कि आज भी हमें अपने आगे ही चलते दिखाई देते हैं। यह संकलन उनकी कुछ बहुत चर्चित और कुछ ऐसी कहानियों को लेकर बनाया गया है जिनका ज़िक्र बहुत ज़्यादा नहीं होता। संकलन किया है जानी-पहचानी सिने-अभिनेत्री और निर्देशक नंदिता दास ने। उनकी चर्चित फ़िल्म ‘मंटो’ के साथ-साथ प्रकाशित यह किताब क़िस्सागो मंटो की पूरी शख़्स‌ियत को सामने ले आती है। बकौल नंदिता: ‘उनकी कहानियों के पात्र अक्सर वे लोग होते हैं जो समाज के कोनों में रहते हैं और औरतों के लिए सहानुभूति भरी नज़र रखते हैं। यही बात उन्हें और लेखकों से अलग करती है।’

Marta Kya Na Karta

by K. Shivkumar

इस पुस्तक में केरल के पुजारी की कहानी है।This is story of a prist in Keral.

Martin Luther King

by Dinkar Kumar

Against the backdrop of beatings, killings, bombings, threats and imprisoning, emerged Martin Luther King, driven to uplift all Americans, even if it meant martyrdom. This biography is a stellar introduction to the foremost leader of the civil rights movement. We gain critical insight into the Kennedy and Johnson Administrations, as King negotiated with the presidents for equal rights for blacks.

MASO 102 Samajshastriy Siddhant - IGNOU: MASO 102 समाजशास्त्रीय सिद्धान्त - इग्नू

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

MASO 102 समाजशास्त्रीय सिद्धान्त – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस किताब में सत्ताईस परस्पर संबद्ध इकाइयाँ हैं, इन इकाइयों में समाजशास्त्रीय सिद्धान्त की अवधारणा को समझाने का प्रयास किया गया है। इसके साथ ही इसकी प्रकृति, निर्माण, प्रमुख प्रकारों तथा महत्त्व को स्पष्ट करना भी इस इकाई का उद्देश्य है। आशा है कि इस किताब में समाजशास्त्रीय सिद्धान्त की अवधारणा को समझ पाएँगे; समाजशास्त्रीय सिद्धान्त की प्रकृति अथवा इसकी विशेषताओं की व्याख्या कर पाएँगे; समाजशास्त्रीय सिद्धान्तों का निर्माण समझ पाएँगे; समाजशास्त्रीय सिद्धान्तों के प्रकारों की व्याख्या कर पाएँगे; तथा समाजशास्त्रीय सिद्धान्तों के महत्त्व को स्पष्टतया समझ पाएँगे।

Mata Pita Aur Bachcho Ka Vyavhar (Sanxipt): माता-पिता और बच्चो का व्यवहार (संक्षिप्त)

by Dada Bhagwan

बच्चों की सही परवरिश में माँ-बाप का बहुत बड़ा हाथ होता है| बच्चों के साथ हमेशा प्रेमपूर्वक व्यवहार ही करना चाहिए ताकि उन्हें अच्छे संस्कार प्राप्त हो| माँ-बाप बच्चों का व्यवहार सदैव मित्राचारी का होना चाहिए| यदि माँ-बाप बच्चों के साथ डाट कर या मार कर व्यवहार करेंगे तो बच्चे निश्चित ही उनका कहा नहीं मानेंगे और गलत रास्ते पर चढ जाएँगे| माँ-बाप के उच्च संस्कार ही घर में आनंद और शान्ति का माहौल खड़ा कर सकते है| माता पिता का कर्तव्य है कि वह बच्चों की मनोस्थिति को जानकार उसके अनुसार उनके साथ वर्तन करे| आज के ज़माने में टीनएजर्स को संभालना अत्यंत मुश्किल हो गया है| किस तरह से माँ-बाप उनके साथ व्यवहार करे ताकि उन्हें अच्छे संस्कार मिले और वह किसी गलत रास्ते पर ना चले, इस बात कि पूरी समझ हमें इस पुस्तक में मिलती है जिसमें दादाजी ने हमें माँ-बाप बच्चों के सम्बन्ध सुधारने के लिए बहुत सारी चाबियाँ दी है|

Mathematics Equation

by Karishma Gajipara

It is book on Maths

Mati Ke Tare

by Pushpa Saxena

‘माटी के तारे’ उन बच्चों की कहानियाँ हैं, जो अपनी निर्धनता के कारण उपेक्षित, अभिशप्त और तिरस्कृत जीवन जीने को बाध्य हैं। संविधान द्वारा इन बच्चों को भी समान अधिकार दिए गए हैं, पर ये अपने अधिकारों से सर्वथा अनभिज्ञ हैं। बाल श्रमिक या बंधुआ मज़दूर बने रहना ही क्या इनकी नियति है? इनकी इस नियति के लिए कौन उत्तरदायी है, यह एक बड़ा प्रश्नचिह्न है। कागज़ों पर अधिकार लिख देने से उनकी सार्थकता पूर्ण नहीं होती। ये अधिकार उन हाथों तक पहुँचाए जाने चाहिए जिन्होंने तिरस्कार को अपनी नियति मान लिया है। इस दिशा में सबसे पहले इन बच्चों को शिक्षा द्वारा जागरूक बनाया जाना चाहिए। अगर मेरी कहानियाँ इन नन्हे-मुन्नो के अंदर छिपी चिनगारी को प्रज्ज्वलित कर सकें तथा इन्हें प्रेरित कर एक वट वृक्ष का रूप दे सकें, तो मैं अपनी लेखनी को सार्थक समझूँगी।

Mauritius Mathematics Grade 7 (Part-I) - MIE

by Mauritius Institute of Education

Mauritius Mathematics Grade 7 (Part-I) Textbook Mauritius Institute of Education.

Maurya Samrajya ka Punravlokan

by Romila Thapar

The book is a review of the Mauryas Reign in India. 40 years after writing about the fall of Ashoka and Mauryas, Romila Thapar and other historians have done an extensive research. The reconstruction of the time goes on in the two lectures given in the book.

Maut Ke baad: मौत के बाद

by Chandraprakash Pandey

चौदहवीं शताब्दी की शुरूआत में वेटिकन सिटी स्थित 'रोमन कैथोलिक चर्च' के तत्कालीन पादरी और कैथोलिक सम्प्रदाय के सबसे बड़े मुखिया पोप 'जॉन अष्टम' की उस शाम जहर देकर हत्या कर दी गयी, जिस शाम उन्होंने बाइबिल के उस अध्याय को बदलने का आदेश जारी किया था, जो इस बात की गवाही देता था कि वेटिकन की धरती पर जीसस की बजाय शैतान की इबादत करने वाले लोग भी मौजूद थे। पोप की हत्या किसी धार्मिक अथवा राजनीतिक नहीं बल्कि एक शैतानी साजिश का परिणाम थी, ईसाइयत जब-तक इस नतीजे पर पहुंची, तब-तक बहुत देर हो चुकी थी और डेनियल ने शैतान के अनुबन्ध पर हस्ताक्षर करके उस गहरी साजिश की जड़ों को फिर से हरा कर दिया था। हॉरर उपन्यासों की दुनिया एक नवीन हस्ताक्षर। शैतानियत पर लिखा गया हिन्दी का पहला हॉरर उपन्यास ।

Maut Ki Siskiyan (Zoë Delante Thriller (Hindi) #1)

by C.L. Roberts-Huth

मौत की सिसकियाँ - सी. एल. रॉबर्ट्स - हुथ हिंदी अनुवाद  पुस्तक विवरण विक्कन के लिए आराम नहीं। विजेता: पिनकल बुक अचीव्मेंट अवार्ड - सर्वश्रेष्ठ असाधारण रहस्य  एक ख़ूनी की खोज में, एक ड़ायन के क़बीले के दू:स्वप्न और एक सिलसिलेवार ख़ूनी, जो मृतदेहो को बॉल्टिमॉर शहर के ग्रामीण विस्तार में एक अनुष्ठान के वर्तुल में छोड़ देता है, जो को उन दोनो के शक्तिशाली संघर्ष के बीच में लाकर खड़ा कर दिया।आकाशीय तत्वों और भूतल से बँधे शरीर के अँगो के बीच की दौड़ हमारी निडर भेदक को अंत तक दौड़ाती रहती है। ' इसमें थोड़ी उत्सुकता, थोड़ा प्रणय, और बहुत सारा रहस्य और जादू है। अगर आपको उत्तेजनापूर्ण, असाधारण कहानी अच्छी लगती है तो ज़रूर पढ़िए।'- इंडीहार्ट ' अगर आपको बहुत सी घुमावदार अपराधकथा पसंद है तो ज़रूर पढ़िए।'- क्रिस्टिन मेरी, लेखिका  इवाल्व्ड पब्लिशिंग पेश करते है- एक महिला के अपने � <P><P><i>Advisory: Bookshare has learned that this book offers only partial accessibility. We have kept it in the collection because it is useful for some of our members. Benetech is actively working on projects to improve accessibility issues such as these.</i>

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