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Nav Nidhi

by Premchand

Nav Nidhi is the collection of stories of Premchand which show the suffering one has to go through when something precious is lost.

Naveen Hindi Vyakaran Evam Rachana class 11 - RBSE Board: नवीन हिन्दी व्याकरण एवं रचना 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Ratanlal Goyal Dr Bhagwatilal Vyas

नवीन हिन्दी व्याकरण एवं रचना यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा स्वीकृत नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुसार कक्षा 9, 10, 11 और 12 के लिए तैयार की गई है और विद्यार्थियों के मार्गदर्शन हेतु प्रस्तुत है । प्रस्तुत पुस्तक में उन सभी विषयों का समावेश किया गया है जो व्याकरण के अंग हैं । व्याकरण प्रायः नीरस विषय है । अतः उसके पठन-पाठन में छात्रों की रुचि कम होती है । यह माना जाता है कि व्याकरण के नियम रटने ही पड़ते हैं इस पुस्तक के माध्यम से उन्हें सरल और सहज रूप में हृदयंगम कराना ही हमारा उद्देश्य रहा है । इसके साथ ही व्याकरण के नियमों-उपनियमों की जानकारी देते हुए ऐसे उदाहरण-वाक्यों को व्यवहृत किया है, जो सांस्कृतिक-समन्वय, भाईचारे की भावना, राष्ट्रीय मान-मूल्य एवं मानवोचित व्यवहार को सबल आधार प्रदान करने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं । विभिन्न अध्यायों में दिये गये ऐसे उदाहरणों को पढ़ाते समय शिक्षकगण और भी ऐसे अनेक वाक्य शिक्षार्थियों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे जो साम्प्रदायिक सौहार्द एवं राष्ट्रीय विकास हेतु प्रेरक सिद्ध हों ।

Navneet Hindi Vishisht class 9 - MP Board: नवनीत हिंदी विशिष्ट कक्षा 9 - एमपी बोर्ड

by madhya pradesh rajya shiksha kendra bhopal

This is the Hindi -Vishit 9th standard textbook from Madhya pradesh rajya shikshha kendra bhopal

Naye Mitra

by Deepa Agarwal

इस पुस्तक में एक बच्चे अशोक की कहानी है। एक कुत्ते के बच्चे को शैतान बच्चो से बचाने वाली लड़की शीला की बहादुरी को देखकर अशोक शीला के घर जाता है और शीला और उसका भाई राहुल अशोक के दो नये मित्र बन जाते है। In this book there is a story of a child Ashok After seeing the bravery of Sheela who had saved the puppy from the kids, Ashok goes to Sheela’s home and becomes friend to them.

Nayika - A Girl with Dreams: नायिका - ए गर्ल विद ड्रीम्स

by Abhinav Jain

जिन्होंने चलना सिखाकर भागने की आज़ादी दी, आज उन्हीं के बंधनों की वजह से एक क़दम भी आगे भरना मुश्किल हो रहा है। जिस समाज का हिस्सा होने के लिए ज़िन्दगी भर मेहनत की, वही आज नियमों की बेड़ियाँ से बाँध उसे क़ैद करना चाहता है। जब भावनाओं के रंगों से बनी तस्वीर से निकलकर प्रेम सामने आया तो उसी कैनवस को सब फाड़ देना चाहते है। जिन सपनों को खुली आँखों से देखा था हर बार, उन्हें पूरा करने की इच्छा भर से उसका अस्तित्व खतरे में है। अवनी, जो सभी को साथ लेकर, स्नेह से हर रिश्ते को निभाते हुए, अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए संघर्षरत और प्रेम से भरपूर अपने साथी के साथ एक सुंदर-सा जीवन जीना चाहती थी, वही अवनी, आज ज़िन्दगी के उस चौराहे पर खड़ी थी, जहाँ रास्ते मिलते नहीं, हमेशा के लिए अलग हो जाते है। अवनी ने पाँचवाँ रास्ता चुना...! कौन-सा था ये रास्ता और क्या थी कहानी अवनी की?

Neem Baba

by S. I. Farooqi

एस.आई. फ़ारूक़ी दवारा रचित यह पुस्तक एक नीम के पेड़ पर आधारित है। इस कहानी में नीम के गुणों को कहानी के माध्यम से बताया गया है। This book written by S.I. Farooqi , is based on a neem tree. The properties of Neem have been told through the story.

Neetishashtra, Satyanishtha Evm Abhivratti

by Gi Subbarao P.N. Roy Chaudhry

Book on Ethics, Integrity And Aptitude for civil services aspirants

NES-101- Praathamik Vidyaalay Ka Baalak - Ek Adhyayan- 3 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

NES- 101 प्राथमिक विद्यालय का बालक – एक अध्ययन खंड 3 इनमें शारीरिक एवं गामक विकास, संज्ञानात्मक एवं भाषा विकास तथा सामाजिक, संवेगात्मक एवं नैतिक विकास पर चर्चा की गई है। इकाई 6 शारीरिक एवं गामक विकास पर है, इसमें शारीरक विकास की विशेषताओं के बारे में अध्ययन किया गया है। संज्ञानात्मक और भाषा विकास से संबंधित इकाई 7 में विकास की अवस्थाओं के बारे में पियाजे ने जिन आधारभूत मान्यताओं की स्थापना की थी, उन पर विचार करने का प्रयास किया गया है। इकाई 8 में बच्चों के सामाजिक, संवेगात्मक एवं नैतिक विकास पर विचार किया गया है। यह दृष्टान्तों के प्रस्तुतीकरण द्वारा उनमें अन्तर्सम्बन्धों पर प्रकाश डालता है। प्रस्तुत किए गए दृष्टान्त के विश्लेषण से बच्चों में सामाजिक, संवेगात्मक एवं नैतिक विकास के लक्षणों को समझने के लिए रोचक सहायता मिलती है। इन क्षेत्रों में विकास के प्रतिमान पर विस्तृत विचार किया गया है।

NES-103 - Adhigam Ke Lie Maargadarshan-2 -IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

NES- 103 अधिगम के लिए मार्गदर्शन खंड 2 में चार इकाई दि गई है, अधिगम प्रक्रिया सुगम बनाना अभिभावकों एवं शिक्षकों का इसमें महत्वपूर्ण कार्य है। अधिगम की क्षमता मूलतः तीन महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करती है: खुद सीखने वाला, अधिगम-सामग्री तथा अधिगम विधियाँ। यह आवश्यक है कि हम सीखने वालों की अभिवृत्तियों तथा योग्यताओं, क्षमताओं तथा अक्षमताओं की पहचान करें। इस खंड में छात्रों की अधिगम संबंधी कुछ समस्याओं जैसे, अवधान, अभिप्रेरणा और अभिरुचि आदि की चर्चा करने का प्रयास किया गया है। इसके अतिरिक्त इसमें बच्चों की योग्यताओं तथा आवश्यकताओं को पहचानने एवं उनका मूल्यांकन करने तथा अधिगम की स्थितियों को अनुकूल बनाने के लिए सुझाव दिए गए हैं।

NES-104 Bachchon Ke Samajik-Sanvegatmak Vikas me Margadarshan-1 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

एन ई एस – 104 संवृद्धी एवं विकास को सुगम बनाना खंड 1 इस पाठ्यक्रम में बच्चों की विशेष समस्याओं, जैसे बच्चों को प्यार, दुलार, स्नेह, मान्यता की आवश्यकता होती है। इन आवश्कताओं की पूर्ति बच्चों में सुरक्षा एवं आत्मविश्वास की भावना विकसित करती है। जब इन आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं होती है तो बच्चों में असुरक्षा की भावना जागृत होती हैं एवं बच्चा परिवेश से समायोजन करने के कौशल नहीं सीख पाता है। इस खंड में हम बच्चों की सामान्य आवश्यकताओं एवं विभिन्न संवेगात्मक एवं आचरण संबंधी समस्याओं के बारे में अध्ययन करेंगे।

NES-104 Bachchon Ke Samajik-Sanvegatmak Vikas me Margadarshan-2 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

एन ई एस – 104 संवृद्धी एवं विकास को सुगम बनाना खंड 2 इस पाठ्यक्रम में ‘बच्चो के सामाजिक-संवेगात्मक विकास में मार्गदर्शन’ में बच्चों की विशेष समस्याओं, जैसे वाक् दोष, अनुसूचित जनजाति के बच्चे एवं लड़कियों की सामाजिक और संवेगात्मक समस्याएँ आदी के बारे में जानकारी दि गई है। बच्चों के सामाजिक एवं संवेगात्मक समस्याओं का विश्लेषण, उनकी आत्मधारणा, अभिभावकों की प्रवृत्ति और सामाजिक पूर्वाग्रह का अध्ययन भी किया गया है।

Neta Jisko Koi Upadhi Nahi: नेता जिसको कोई उपाधि नहीं

by Robin Sharma

जीवन के हर क्षेत्र के पुरुष और महिलाएं अब अपने जीवन को बदलने के तरीके पर रॉबिन शर्मा की सलाह का उपयोग कर सकते हैं। शर्मा ने इस पुस्तक में दुनिया भर के नेताओं को दी गई सभी सलाहों को साझा किया है और दुनिया भर में और अधिक नेताओं को बनाने में मदद करने का प्रयास किया है। उनके सुझाव और सलाह लें और अपने कार्यस्थल पर हर किसी के आपके बारे में सोचने और देखने के तरीके को बदलें। यह आपके आस-पास के लोगों पर अच्छा प्रभाव डालने में भी आपकी मदद करेगा, चाहे वह घर पर हो या काम पर। अच्छा नेतृत्व कौशल प्राप्त करने से आपको अपने जीवन में हर चीज पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी।

Netaji Subhash Chandra Bose

by Parveen Bhalla

Netaji Subhash Chandra Bose was born on 23rd Jan 1897, in Cuttack in a famous family.His father was Jankinath Bose, reputed advocate. His mother was Prabhavati Devi, who was a cultured and learned lady. She had full faith in Rama Krishna Paramhansa. His family originally hailed from Bengal.

Nibandh Nilay Competitive Exam

by Satyendra

This collection of essays has been made for the high level classes of universities. On the one hand, the continuous stages of the development of Hindi essays will be highlighted, on the other hand, the basic consciousness of the craft and essay mode of the essay will be clear. The journey of the updated essay from the Bharatendu era is no less interesting. The importance of 'ass' in English literature today is the same importance in Hindi essays. Hindi essay of the whole splendor of prose development is the only criterion. Keeping this in view, such important essays have been placed in this compilation which are worth assigning in the essay group.

Nihar

by Mahadevi Verma

A collection of poems by one of the great poetesses of Hindi literature, Mahadevi Verma.

Nijdosh Darshan se Nirdosh!: निजदोष दर्शन से... निर्दोष!

by Dada Bhagwan

परम पूज्य दादाश्री का ज्ञान लेने के बाद, आप अपने भीतर की सभी क्रियाओं को देख सकेंगे और विश्लेषण कर सकेंगे। यह समझ, पूर्ण ज्ञान अवस्था में पहुँचने की शुरूआत है। ज्ञान के प्रकाश में आप बिना राग द्वेष के, अपने अच्छे व बुरे विचारों के प्रवाह को देख पाएँगे। आपको अच्छा या बुरा देखने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि विचार परसत्ता है। तो सवाल यह है कि ज्ञानी दुनिया को किस रूप में देखतें हैं ? ज्ञानी जगत् को निर्दोष देखते हैं। ज्ञानी यह जानते हैं कि जगत की सभी क्रियाएँ पहले के किए हुए चार्ज का डिस्चार्ज हैं। वे यह जानते हैं कि जगत निर्दोष है। नौकरी में सेठ के साथ कोई झगड़ा या अपमान, केवल आपके पूर्व चार्ज का डिस्चार्ज ही है। सेठ तो केवल निमित्त है। पूरा जगत् निर्दोष है। जो कुछ परेशानियाँ हमें होती हैं, वह मूलतः हमारी ही गलतियों के परिणाम स्वरूप होती हैं। वे हमारे ही ब्लंडर्स व मिस्टेक्स हैं। ज्ञानी की कृपा से सभी भूलें मिट जाती हैं। आत्म ज्ञान रहित मनुष्य को अपनी भूले न दिखकर केवल औरों की ही गलतियाँ दिखतीं हैं। निजदोष दर्शन पर परम पूज्य दादाश्री की समझ, तरीके, और उसे जीवन में उतारने की चाबियाँ इस किताब में संकलित की गई हैं। ज्ञान लेने के बाद आप अपनी मन, वचन, काया का पक्ष लेना बंद कर देते हैं और निष्पक्षता से अपनी गलतियाँ खुद को ही दिखने लगती हैं, तथा आंतरिक शांति की शुरूआत हो जाती है।

Nirbuddhi Ka Raaj Kaaj

by Gopal Das

This book is a collection of old and well-known Indian folk tales. Writer Gopal Das read these stories in Indian antiquities and always wanted to have these in Hindi. Stories like these have expanded constructive and imagination of scores of Indian mass.

Nirmala: निर्मला

by Premchand

महिला-केंद्रित साहित्य के इतिहास में इस उपन्यास का विशेष स्थान है । इस उपन्यास की मुख्य पात्र 35 वर्षीय सुन्दर और खुशाल लड़की है । निर्मला नाम की लड़की का विवाह एक अधेड़ उम के व्यक्ति से कर दिया जाता है जिसके पूर्व पत्नी से तीन बेटे है। 'निर्मला का प्रेमचन्द्र के उपन्यासों की कडी में महत्त्वपूर्ण स्थान है । इसकी कथा के केन्द्र में निर्मला है, जिसके चारों ओर कथा भवन का निर्माण करते हुए असम्बद्ध प्रसंगों का पूर्णत: बहिष्कार किया गया है । इससे यह उपन्यास सेवासदन से भी अधिक सुग्रंथित एवं सुसंगठित बन गया है। इसे प्रेमचन्द का प्रथम 'यथार्थवादी' तथा हिन्दी का प्रथम 'मनोवैज्ञानिक उपन्यास' कहा जा सकता है। निर्मलाका एक वैशिष्ट्य यह भी है कि इसमें 'प्रचारक प्रेमचन्द' के लोप ने इसे न केवल कलात्मक बना दिया है।

Nirmala

by Munshi Premchand

Nirmala a novel by Premchand is based on the background of pre-independence. It narrates the tragic story of a young and vulnerable girl, named Nirmala. Severly torn by poverty, parents of Nirmala could not afford to pay the amount of dowry and she was married to an elderly widower, who had sons of Nirmala`s age. The nature as well as the circumstances bring the step son of widower closer. But the old man gets to know of the affair before anything could happen. The young man dies and brings a lot of inconveniences to Nirmala. The novel deals about the life and activities of Nirmala. Nirmala as a protagonist and as a victim conveys a sensitive issue, which communicates a sense of tragedy rather than moral disapproval. In a sense we can say that with Nirmala we can see a feminist inclination of Indian writing

Niyati Ko Chunauti: नियति को चुनौती

by Medha Deshmukh Bhaskaran

जब नियति शिवाजी और उनकी मंज़िल के बीच आ कड़ी हुई भारतीय उपमहाद्वीप अंधकार से घिरा था। सत्रहवीं सदी निर्दयी युद्धों, निरंतर शोषण तथा धर्म के नाम पर आध्यात्मिक और शारीरिक प्रतारणा का युग रही। शिवाजी अपने समय से कहीं आगे की सोच रखने वाले योद्धा और विचारक थे। उनके उदय के साथ ही सवप्न ने भी जन्म लिया - मनुष्य के जीवन के लिए सम्मान और मर्यादा का स्वप्न, आर्थिक समानता और सशक्तिकरण का स्वपन। लेकिन नियति ने उनका साथ नहीं दिया, उनके लिए परिस्तिथियाँ प्रतिकूल थीं - उनके पास एक पतन की और बढ़ रही पराजित प्रजा के शिव कुछ न था। उन्हें मुग़ल साम्राज्य की शक्ति और पश्चिमी शक्तियों की नौसैनिक श्रेष्ठता से जूझना था। इस तरह, संघर्षरत विचारधाराओं और आपस में पूरी तरह से विपरीत नज़रियों का युद्ध छिड़ गया। सबसे प्राचीन सभ्यता का भविष्य दांव पर लगा था। आप उन महत्वपूर्ण घटनाओं के आरम्भ के साक्षी बनेंगे जिन्होंने सदियों को दहधा कर रख दिया, जिनकी गूँज आज भी इस उपमहाद्वीप को आक्रांत करती है।

One Indian Girl: वन इंडियन गर्ल

by Chetan Bhagat

हाय, मैं राधिका मेहता हूँ और इसी हफ्ते मेरी शादी होने जा रही है। मैं एक इंवेस्टमेंट बैंक गोल्डमान साक्स के लिए काम करती हूँ। मेरी कहानी पढ़ने के लिए शुक्रिया। बहरहाल, मैं आपको एक बात बता देना चाहती हूँ। शायद आप मुझे बहुत ज़्यादा पसंद ना करें। क्योंकि: एक, मैं बहुत पैसा कमाती हूँ। दो, दुनिया की हर चीज़ को लेकर मेरे अपने विचार हैं। और तीन, इससे पहले मेरा एक बॉयफ्रेंड रह चुका है। ओके, एक नहीं शायद दो! अगर मैं लड़का होती तो आपको इन तमाम बातों से कोई तकलीफ नहीं होती। लेकिन चूँकि मैं लड़की हूँ, इसलिए ये तमाम बातें मुझे बहुत हरदिल अज़ीज़ तो नहीं ही बनाती होंगी, है ना? चेतन भगत लेखक की कलम से निकली एक शानदार कहानी, जो आधुनिक भारत की एक लड़की के नज़रिये से हमें बताती है कि आज प्यार, सपनों, कैरियर और फेमिनिज्म के क्या मायने हैं।

Operation Blue Star Ka Sach: ऑपरेशन ब्लू स्टार का सच

by Lieutenant General K. S. Brar

"ऑपरेशन ब्लू स्टार का सच" पुस्तक लेफ्टिनेंट जनरल के. एस. बराड़ द्वारा लिखी गई है, जिन्होंने इस ऑपरेशन का नेतृत्व किया था। इस पुस्तक में उन्होंने 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में चलाए गए ऑपरेशन ब्लू स्टार की घटनाओं, रणनीतियों, और इसके पीछे के सैन्य और राजनीतिक कारणों का विस्तृत विवरण दिया है। लेफ्टिनेंट जनरल के. एस. बराड़ ने अपनी इस पुस्तक में ऑपरेशन के दौरान के अनुभवों और चुनौतियों को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया है, जिससे पाठकों को इस ऐतिहासिक घटना की गहन समझ प्राप्त होती है।

Operation Khukri: ऑपरेशन खुकरी

by Major General Rajpal Punia and Damini Punia

क्या आप जानते हैं कि अफ्रीका के जंगलों में भारतीय सेना के 233 जवान लगभग तीन महीने तक की घेराबंदी में फँस गए थे और उनके पास खाने को कुछ भी नहीं था? कैसे संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना का अभियान भारतीय तिरंगे के गौरव की रक्षा के लिए एक युद्ध में बदल गया? वर्ष 2000 की बात है। पश्चिम अफ्रीका का सिएरा लिओन बरसों के गृहयुद्ध से तबाह हो चुका था। संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप से भारतीय सेना की दो कंपनियों को संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना अभियान के अंतर्गत कैलाहुन में तैनात किया गया था। ‘ऑपरेशन खुकरी’ भारतीय सेना के सबसे सफल अंतरराष्ट्रीय अभियानों में से एक था। यह पुस्तक मेजर राजपाल पुनिया के प्रत्यक्ष अनुभवों की रोचक एवं सजीव प्रस्तुति है। मेजर पुनिया ने तीन महीने के गतिरोध और विफल कूटनीति के बाद इस अभियान को अंजाम दिया, और इस दौरान घात लगाकर बैठे आर.यू.एफ. से दो बार लंबा जंगल-युद्ध करने के बाद भी वे बिना नुकसान सभी 233 सैनिकों के साथ सुरक्षित लौट आए।

Othello

by William Shakespeare Divakar Prasad Vidyarthi

One of the most horrific tragedies written by Shakespeare. The play grabs and holds us in hypnosis. Iago sets traps like an spider and Othello steadily becomes his prey. Othello kills his wife and then kills himself after finding that he was at fault.

Paanch Jasoos

by Shakuntala Verma

It is a story of five detective who are children and they all help the society to find the a child named Nikhil. I who has been kidnap.

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