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Pariyavaran Adhyan class 12 - MP Board: परियावरन पालन कक्षा 12 - एमपी बोर्ड

by Madhya Pradesh Shiksha Mandal

Paryavaran Adhyan text book for 12 th standard from Madhya pradesh rajya shiksha mandal for paryavarm shiksha kendra in Hindi.

Pariyavaran Adhyayan class 5 - RBSE: परियावरन अधयन कक्षा 5 - आरबीएसई

by Rajasthan State Textbook Board

Paryavaran Adhyayan (EVS) Textbook for Class 5

Pariyavaran Adhyayan class 5 - RBSE Board: पर्यावरण अध्ययन कक्षा 5 - आरबीएसई बोर्ड

by Rajsthan Rajya Pathyapustak Mandal Jaipur

प्रस्तुत पुस्तक का निर्माण एन.सी.एफ. 2005 के मार्गदर्शक सिद्धान्त, एन.सी.ई.आर.टी एवं अन्य राज्यों के पाठ्यक्रम व पाठ्यपुस्तकों का अध्ययन कर किया गया है। इसके अनुसार विद्यार्थी में ज्ञान निर्माण हेतु अनुभवों के विश्लेषण करने, स्वयं करके सीखने, समझने, व्याख्या करने, सूचनाएँ एकत्र कर स्वयं से संवाद स्थापित करने में सक्षम बन सकेगा।। शिक्षक का दायित्व होगा कि वह यह समझे कि विद्यार्थियों को कब, कहाँ और क्या मार्गदर्शन देना है। शिक्षक सुविधादाता/सहयोगकर्ता के रूप में अपनी भूमिका पुख्ता करें ताकि बच्चों को सोचने, समझने, और स्वयं निष्कर्ष तक पहुँचने में सहायता मिल सके। समाज में जिन मूल्यों को महत्त्व दिया जा रहा है, उन मूल्यों को वे आत्मसात कर अपने व्यवहार में ला सकें। इस कार्य हेतु पर्यावरण अध्ययन की पुस्तक "अपना परिवेश" के शिक्षण में शिक्षकों को निम्नांकित बिंदुओं पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए क्योंकि इन्हीं बातों का पुस्तक लेखन में भी ध्यान रखा गया है।

Pariyavaran Vigyan 1 class 11 - RBSE Board: पर्यावरण विज्ञान 1 कक्षा 11 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

पर्यावरण विज्ञान 1 कक्षा 11वीं यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है, प्रस्तुत पुस्तक में आधुनिक काल में मनुष्य की आवश्यकताओं में वृद्धि तथा औद्योगीकरण, शहरीकरण व वैश्वीकरण के चलते पर्यावरण का अत्यन्त नुकसान हो गया है । इसके दुष्परिणाम भी हमारे सामने भूकम्प, अतिवृष्टि, बाढ़, सुनामी, अव्यवस्थित ऋतु चक्र के रूप में आ रहे हैं । पर्यावरण की समस्याओं के सम्बन्ध में जनमानस को जागृत करना अत्यन्त आवश्यक है । प्रत्येक व्यक्ति अपना दायित्व समझे तो ही पर्यावरण संरक्षण की चेतना जनमानस में जागृत की जा सकती है । कक्षा 11 की पुस्तक में विद्यार्थियों के लिए स्तरीय, प्रासंगिक, रोचक, सहज व सरल सामग्री सम्मिलित करने का प्रयास किया गया है । आशा है कि इस पाठ्यपुस्तक के माध्यम से वर्तमान परिवेश में पर्यावरण विज्ञान के विभिन्न आयामों को समझने में सहायता मिलेगी ।

Pariyavaran Vigyan class 12 - RBSE Board: पर्यावरण विज्ञान कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

पर्यावरण विज्ञान इस पाठ्यपुस्तक मे वायुमण्डल (Atmosphere), जैवमण्डल (Biosphere), स्थलमण्डल (Lithosphere) एवं जलमण्डल (Hydrosphere), पर्यावरण के ये चार घटक दिखाये है। विभिन्न प्रकार के प्रदूषण, अम्ल वर्षा, जैव विविधता का ऱ्हास, सूखा, अकाल एवं बाढ़ जैसी पर्यावरणीय समस्याएं बताई है।

Paryavaran Aur Hum class 7 - JCERT: पर्यावरण और हम ७वीं कक्षा - जेसीईआरटी

by Jharkhand Shaikshik Anusandhan Evam Prashikshan Parishad Ranchi

"पर्यावरण और हम" पुस्तक झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा प्रकाशित की गई है। यह सातवीं कक्षा के भूगोल विषय पर आधारित है और छात्रों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से लिखी गई है। पुस्तक में प्राकृतिक एवं मानव निर्मित पर्यावरण की जानकारी दी गई है, जिसमें स्थलमंडल, जलमंडल, वायुमंडल, जैवमंडल आदि विषयों का विस्तार से वर्णन किया गया है। प्राकृतिक पर्यावरण में भूमि, जल, वायु, पेड़-पौधे और जीव-जंतु शामिल होते हैं, जबकि मानव निर्मित पर्यावरण में इंसानों द्वारा बनाई गई वस्तुएँ जैसे सड़क, घर, और मशीनें शामिल हैं। पुस्तक में पर्यावरण प्रदूषण के विभिन्न प्रकार जैसे वायु, जल और भूमि प्रदूषण के कारण और उनके निवारण के उपाय भी बताए गए हैं। इसमें जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभावों पर भी चर्चा की गई है। पुस्तक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा यह बताता है कि कैसे हम छोटे-छोटे कदमों से पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकते हैं। जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, और प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने के उद्देश्य से यह पुस्तक विद्यार्थियों के लिए बेहद उपयोगी है। छात्रों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदार और जागरूक नागरिक बनाने के लिए इसमें शिक्षकों के सहयोग और सहभागिता को भी महत्वपूर्ण बताया गया है।

Paryavaran Shikshan: पर्यावरण शिक्षण: भारत में रुझान एवं प्रयोग

by Chong Shimray

यह पुस्तक पर्यावरण शिक्षा में बुनियादी समझ के साथ-साथ स्कूली पाठ्यक्रम में इसे शामिल करने के लिए मूल्यवान दिशानिर्देश भी प्रदान करती है। पर्यावरण शिक्षा शिक्षण: भारत में रुझान और प्रथाएं अध्ययन के सैद्धांतिक और व्यावहारिक पहलुओं को समझाने और भारतीय स्कूल पाठ्यक्रम में पर्यावरण शिक्षा को शामिल करने के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाता है। यह स्कूली पाठ्यक्रम में एक आवश्यक घटक के रूप में पर्यावरण शिक्षा के महत्व को स्थापित करता है और नीतियों और रणनीतियों के सफल विकास और कार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण रोड मैप का सुझाव देता है। ऐसा करने में, पुस्तक पर्यावरण शिक्षा, पर्यावरण विज्ञान और पर्यावरण अध्ययन के बीच महत्वपूर्ण संबंधों को भी स्पष्ट करती है और शिक्षा कैसे सतत विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

Paschatya Pratinidhi Rajnitik Vicharak: पश्चत्य प्रतिनिधि राजनीति विचारक

by Dr B. L. Fadia Dr Kuldeep Fadia

राजनीति विज्ञान की यह पुस्तक विभिन्न विश्वविद्यालयों की बी. ए. (तृतीय वर्ष) कक्षा के लिए है। इस मे कुल 180 पेज है। इस पुस्तक के आखरी मे वस्तुनिष्ठ प्रश्न है जिसमे गत वर्ष परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्न उत्तर सहित दिए गए है।

Pashchatya Darshan ka Sameekshatmak Itihas - Competitive Exam

by Y. Masih

इस पुस्‍तक में दर्शन को वैचारिक कला माना गया है। इसी दृष्टिकोण दार्शनिकों ने पाश्‍चात्‍य दर्शन में तीन भागों में अलग -अलग विषय को स्‍पष्‍ट किया है। भाग-1 में यूनानी दर्शन का स्‍वरूप, पढ़ने की आवश्‍यकता उनका आरम्‍भ और विशेषताएँ बतायी गयी है। प्रकृतिवादी यूनानी दर्शन मानव केन्दित दर्शन उनके विचार, दर्शन का तंत्र का युग का स्‍पष्‍टीकरण किया है पाश्‍चात्‍य दर्शन के दार्शनिकों में सुकरात, प्‍लेटो और अरस्‍तु के दर्शन विषय का महत्‍व मुख्‍य है। भाग-2 के मध्‍ययुगीन दर्शन में जौन स्‍कोटस एरिजिना, संत अगास्टिन का ईसाई वचन, ज्ञान मीमांसा, ईश्‍वर ज्ञान ईश्‍वर का स्‍वरूप और अशुभ की समस्‍या, मानव विचार, आधुनिक दर्शन की ओर धर्म मीमांसा संकल्‍प और बुद्धि आदि विषयों का विस्‍तार से स्‍पष्‍टीकरण किया है। भाग-3 में आधुनिक दर्शन की विशेषताएँ, दार्शनिक बुद्धिवाद, ज्ञान मीमांसीय बुद्धिवाद, जाति दोष या भ्रम चलती भाषा से उत्‍पन्‍न दोष आदि विषय बताये गये है। इसके अतिरिक्‍त रेने दकार्त, ग्रेटफ्रिड विल्‍हेल्‍म लाइबनित्‍स, जौन लॉक, जार्ज बर्कले, डेविस ह्यूम और इमानुएल काण्‍ट आदि दार्शनिकों ने अलग अलग विषय पर समीक्षात्‍मक विचार प्रस्‍तुत किये है। जिसको पढ़कर छात्रों को बहुत सी नयी जानकारी मिलती है और अपने जीवन को सफल बना सकते है।

Pashchatya Rajniti Vicharak (Western Political Thinkers) - Ranchi University, N.P.U

by Om Gauba

पाश्चात्य राजनीति-विचारक (Western Political Thinkers) पुस्तक राजनीति विज्ञान की स्नातकोत्तर कक्षाओं के लिए प्रस्तुत की गई है। प्रस्तुत पुस्तक में प्लेटो, अरस्तू, संत टॉमस एक्वीनास, मार्सीसियो ऑफ़ पेडुआ, मेकियावेली, हॉब्स, लॉक, रूसो, माण्टेस्क्यू, बेन्थम, जे. एस. मिल, हीगल, ग्रीन, कार्ल मार्क्स, लेनिन, माओ त्से तुंग, नव वामपथ, जॉन राल्स, नौजिक तथा ज्यां पॉल सात्र्र जैसे पाश्चात्य राजनीतिक विचारकों के चिन्तन का विस्तार से उल्लेख किया गया है। प्रस्तुत पुस्तक का प्रयोजन बस यही है की विद्यार्थी को एक ही स्थान पर विविध बिखरी हुई सामग्री उच्च स्तर की पुस्तक में उपलब्ध हो जाये। पुस्तक की भाषा सरल शैली रोचक एवं बोधगम्य है ताकि हिंदी माध्यम से परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को यह विषय बोझ प्रतीत न हो।

Pashchatya Vishwa (15vi shtabdi ke madhya se 1870 tak) F.Y.B.A. M.P. University

by R. Agarwal A. K. Mittal

पाश्चात्य विश्व 15वीं शताब्दी के मध्य से 1870ई. तक Western World Book मध्य प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में बी.ए. (इतिहास) प्रथम वर्ष के द्वितीय प्रश्न-पत्र के लिए निर्धारित नए वार्षिक पद्धाति के अनुसार पाठ्यक्रम पर आधारित है। नवीनतम् जानकारी व सरल भाषा होने के साथ-साथ पुस्तक में स्पष्ट मानचित्रा (Maps) व तालिकाआ (Charts) के द्वारा क्लिष्ट विषयों को भी विद्यार्थियों को समझने के अनुकूल बनाया गया है। पुस्तक पूर्णतया नवीन पाठ्यक्रम के अनुरूप है। प्रत्येक अध्याय से सम्बन्धित लघु एवं वस्तुनिष्ठ प्रश्न भी दिए गये हैं।

Pashchimee Asia Ka itihaas Generic Elective-III -B.A (Hons.) Sem-III Ranchi University, N.P.U

by Nilambar Vishvavidyalay Ranchi Vishvavidyalay

Pashchimee Asia Ka itihaas Generic Elective-III text book for B.A (Hons.) Sem-III from Ranchi University, Nilambar Pitambar University in hindi.

Pashchyatya Rajniti Vicharak - Delhi Vishvavidyalaya: पाश्चात्य राजनीति विचारक - दिल्ली विश्वविद्यालय

by Om Prakash Gauba

‘पाश्चात्य राजनीति-विचारक’ के अंतर्गत मुख्यतः पश्चिमी जगत् के प्राचीन, मध्ययुगीन और आधुनिक राजनीति-दार्शनिकों के चिंतन का तुलनात्मक और आलोचनात्मक विवेचन प्रस्तुत किया गया है। इसके आरंभ में गौरव-ग्रंथों के सामान्य लक्षणों का विवरण देते हुए उनकी उपयोगिता और सार्थकता पर प्रकाश डाला गया है; उनकी व्याख्या की सामान्य समस्याओं की चर्चा करते हुए इस व्याख्या के विभिन्न उपागमों की जांच की गई है। फिर पश्चिमी राजनीति चिंतन के इतिहास से जुड़े प्रत्येक युग की सामान्य विशेषताओं का विवरण देते हुए उनके प्रतिनिधि दार्शनिकों की देन को परखा गया है। प्राचीन यूनानी दार्शनिकों में यहां सुक़रात, प्लेटो और अरस्तू के चिंतन का विश्लेषण किया गया है। फिर प्राचीन रोम और मध्ययुगीन यूरोप के प्रतिनिधि विचारकों का संक्षिप्त किंतु निकट परिचय दिया गया है। आधुनिक युग के मुख्य-मुख्य राजनीति-दार्शनिकों में मेकियावेली, बोदां, ग्रोश्यस, हॉब्स, लॉक, रूसो, मांतेस्क्यू, ह्यूम, बर्क, बेंथम, जे.एस. मिल, कांट, हेगेल, टी.एच. ग्रीन, मार्क्स, लेनिन, रोज़ा लक्ज़ेमबर्ग, माओ त्से-तुंग, ग्राम्शी, ल्यूकाच, हन्ना आरेंट और माइकल ओकशॉट के मुख्य-मुख्य विचारों की विस्तृत समीक्षा प्रस्तुत की गई है।

Path De Davedar

by Sharat Chandra Chattopadhyay

This is the Hindi translation of the book Pather Daavi written originally in Bangla by the Great Writer Sharat Chandra Chattopadhyay. This novel is considered important also because of the dominant feeling of the love for home country. The importance could be understood by the fact that it was seized by the Britishers.

Pathik (KhandKavya) B.A Sem-II -Ranchi University, N.P.U

by Ramnaresh Tripathi

Pathik (KhandKavya) text book for B.A Sem-II from Ranchi University, Nilambar Pitambar University in hindi.

Pati Patni ka Divya Vyavhar (Sanxipt): पति पत्नी का दिव्य व्यवहार (संक्षिप्त)

by Dada Bhagwan

पति और पत्नी यह दोनों एक ही गाड़ी के दो पहिये है जिसका साथ में चलना बहुत ही अनिवार्य है| हर घर में पति-पत्नी के बीच किसी ना किसी बात पर संघर्ष और मनमुटाव चलते ही रहता है जिसके कारण घर का वातावरण भी तनावपूर्ण हो जाता है| इसका प्रभाव घर में रहने वाले अन्य सदस्यों पर भी पड़ता है और खासकर बच्चे भी इससे बहुत ही प्रभावीत होते है| पूज्य दादा भगवान खुद भी विवाहित थे पर अपने सम्पूर्ण आयुष्यकाल में उनका अपनी पत्नी के साथ कभी भी किसी भी बात को लेकर विवाद खड़ा नहीं हुआ| अपनी किताब, ‘पति पत्नी का दिव्य व्यवहार’ में दादाजी हमें अपने विवाह जीवन को आदर्श किस तरह बनाये, इससे संबंधित बहुत सारी चाबियाँ देते है|अपने अनुभवों और ज्ञान के साथ, लोगो द्वारा पूछे गए प्रश्नों के जवाब में दादाजी ने बहुत सारी अच्छी बाते कही है, जिसका पालन करने से पति और पत्नी एक दूसरे के साथ सामजस्य के साथ प्रेमपूर्वक व्यवहार कर सकेंगे|

Patjhar Ki Awaaaz

by Kurrtualin Haider Mazda Assad

Kurrtualin tells through the stories about the brutal realities of contemporary society with intense emotion. These simple stories enter the conscience of humankind.

Patkatha Lekhan Ek Parichay: पटकथा लेखन एक परिचय

by Manohar Shyam Joshi

पटकथा-लेखन एक हुनर है। अंग्रेजी में पटकथा-लेखन के बारे में पचासों किताबें उपलब्ध हैं और विदेशों के, खासकर अमेरिका के, कई विश्वविद्यालयों में पटकथा- लेखन के बाक़ायदा पाठ्यक्रम चलते हैं। लेकिन भारत में इस दिशा में अभी तक कोई पहल नहीं हुई। हिन्दी में तो पटकथा-लेखन और सिनेमा से जुड़ी अन्य विधाओं के बारे में कोई अच्छी किताब छपी ही नहीं है। इसकी एक वजह यह भी है कि हिन्दी में सामान्यतः यह माना जाता रहा है कि लिखना चाहे किसी भी तरह का हो, उसे सिखाया नहीं जा सकता। कई बार तो लगता है कि शायद हम मानते हैं कि लिखना सीखना भी नहीं चाहिए। यह मान्यता भ्रामक है और इसी का नतीजा है कि हिन्दी वाले गीत-लेखन, रेडियो, रंगमंच, सिनेमा, टी.वी. और विज्ञापन आदि में ज़्यादा नहीं चल पाए। लेकिन इधर फिल्म व टी.वी. के प्रसार और पटकथा- लेखन में रोजगार की बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए अनेक लोग पटकथा-लेखन में रुचि लेने लगे हैं, और पटकथा के शिल्प की आधारभूत जानकारी चाहते हैं। अफसोस कि हिन्दी में ऐसी जानकारी देने वाली पुस्तक अब तक उपलब्ध ही नहीं थी। ‘पटकथा-लेखन: एक परिचय’ इसी दिशा में एक बड़ी शुरुआत है, न सिर्फ इसलिए कि इसके लेखक सिद्ध पटकथाकार मनोहर श्याम जोशी हैं, बल्कि इसलिए भी कि उन्होंने इस पुस्तक की एक-एक पंक्ति लिखते हुए उस पाठक को ध्यान में रखा है जो फिल्म और टी.वी. में होने वाले लेखन का ‘क, ख, ग’ भी नहीं जानता। प्राथमिक स्तर की जानकारियों से शुरू करके यह पुस्तक हमें पटकथा-लेखन और फिल्म व टी.वी. की अनेक माध्यमगत विशेषताओं तक पहुँचाती है; और सो भी इतनी दिलचस्प और जीवन्त शैली में कि पुस्तक पढ़ने के बाद आप स्वतः ही पटकथा पर हाथ आजमाने की सोचने लगते हैं।

Pattakhor: पत्ताखोर 

by Madhu Kankariya

स्वातंत्र्योत्तर भारतीय समाज में हमने जहाँ विकास और प्रगति की कई मंजिले तय की हैं वहीं अनेक व्याधियाँ भी अर्जित की हैं। अनेक समाजार्थिक कारणों से हम ऐसी कुछ बीमारियों से घिरे हैं। जिनका कोई सिरा पकड़ में नहीं आता।

Pavanputra Abhimanyu: पवनपुत्र अभिमन्यु

by Abhimanyu Pandit

पवनपुत्र अभिमन्यु एक काल्पनिक और रहस्यमयी कथा है, जिसमें अभिमन्यु के जीवन और उसके रोमांचकारी सफर को दर्शाया गया है। कहानी पाताल लोक, रावण की स्वर्ण लंका, और मायावी शक्तियों के इर्द-गिर्द घूमती है। अभिमन्यु केशव पंडित का खोया हुआ बेटा है, जिसे सिंगही नामक खलनायक ने अपहरण कर लिया था और थाईलैंड में मार्शल आर्ट्स के तहत प्रशिक्षित किया गया था। सिंगही, अभिमन्यु को केशव पंडित के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहता था, लेकिन अभिमन्यु अपने असली परिवार से जा मिलता है। कहानी में अभिमन्यु, अपने जुड़वा भाई आशीर्वाद और उनके सहयोगी ठरकी बंदर के साथ कई रहस्यमयी और खतरनाक मिशनों पर निकलता है। वे पाताल लोक में छिपे रहस्यों को उजागर करने, स्वर्ण लंका की खोज, और विभिन्न खलनायकों जैसे सिंगही और जादूगर सांगली से मुकाबला करते हैं। ठरकी, एक बुद्धिमान बंदर है, जो एक वैज्ञानिक का मस्तिष्क प्रत्यारोपित कर रखा गया है, और वह कहानी में हास्य और रहस्य का एक अद्वितीय तत्व जोड़ता है। अभिमन्यु का मुख्य उद्देश्य न केवल अपने परिवार को बचाना है बल्कि स्वर्ण लंका और पाताल लोक के रहस्यों का भी पर्दाफाश करना है। उपन्यास में भेड़ियों, अद्वितीय वन्यजीवों, और जादुई पात्रों का समावेश कहानी को और भी दिलचस्प बनाता है।

Perfect Crime: परफेक्ट क्राईम

by Prakash Bharti

सुनसान हाईवे…। खून से लथपथ जख्मी आदमी को अजय द्वारा कार में लिफ्ट और शुरुआत एक हौलनाक सिलसिले की…। ट्रक ड्राइवर मनोहर की हत्या… शराब की बोतलों से भरा ट्रक लापता…। एक खूबसूरत जवान लड़की गायब…। एक के बाद एक तीन और हत्याएँ। कानून भी किलर को सजा नहीं दे सकता था… यानि परफैक्ट क्राइम। या लांग टर्म प्लांड क्राइम। खुद को इस खौफनाक बरवेड़े में गले तक फंसा चुके अजय के सामने एक ही रास्ता था… गहरी साजिश के प्लानर के मोहरे को उसी के खिलाफ इस्तेमाल करना…। यानि जवाबी परफैक्ट क्राइम। (रहस्य, रोमांच एवं सस्पैंस से भरपूर तेज रफ्तार उपन्यास)।

Personality Plus: पर्सनैलिटी प्लस

by Florence Littauer

पर्सनैलिटी प्लस में फ़्लोरेंस लिटार आपको ऐसी बहुमूल्य जानकारी देती हैं, जिससे आप अपने अनूठे व्यक्तित्व को आसानी से पहचान सकते हैं। इस पुस्तक में एक पर्सनैलिटी प्रोफ़ाइल टेस्ट भी दिया गया है। यह टेस्ट आपके गुणों के उस अनूठे सम्मिश्रण के बारे में बताएगा, जो आपकी भावनाओं, काम करने की क्षमता और संबंधों को प्रभावित करता है। मज़ेदार क़िस्सों और सटीक सुझावों के माध्यम से पर्सनैलिटी प्लस आपकी शक्तियों को बढ़ाने तथा कमजोरियों को सुधारने का मार्गदर्शन देती है। इस रोचक पुस्तक में आपके आस-पास के लोगों को समझने का तरीक़ा भी बताया गया है। आप यह जान जाएँगे कि किन गुणों के कारण हर व्यक्ति भिन्न होता है। पर्सनैलिटी प्लस को पढ़ने के बाद आपका जीवन निश्चित रूप से बेहतर और अधिक आनंददायक बन सकता है।

Phans: फांस

by Sanjeev

संजीव 38 वर्षों तक एक रासायनिक प्रयोगशाला, 7 वर्षों तक 'हंस' समेत कई पत्रिकाओं के सम्पादन और स्तम्भ-लेखन से जुड़े संजीव का अनुभव संसार विविधता से भरा हुआ है, साक्षी हंम उनकी प्रायः 150 कहानियाँ और 12 उपन्यास। इसी विविधता और गुणवत्ता ने उन्हें पाठकों का चहेता बनाया है। इनकी कुछ कृतियों पर फिल्में बनी हैं, कई कहानियाँ और उपन्यास विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में हैं। अपने समकालीनों में सर्वाधिक शोध भी उन्हीं की कृतियों पर हुए हैं। 'कथाक्रम', 'पहल', 'अन्तरराष्ट्रीय इन्दु शर्मा', 'सुधा-सम्मान' समेत अनेक पुरस्कारों से सम्मानित... । नवीनतम है हिन्दी साहित्य के सर्वोच्च सम्मानों में से एक इफको का श्रीलाल शुक्ल स्मृति साहित्य सम्मान-2013। अगर कथाकार संजीव की भावभूमि की बात की जाये तो यह उनके अपने शब्दों में ज्यादा तर्कसंगत, सशक्त और प्रभावी होगा-“मेरी रचनाएँ मेरे लिए साधन हैं, साध्य नहीं। साध्य है मानव मुक्ति।”

Piyush Prawah class 12 - RBSE Board: पीयूष प्रवाह कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

पीयूष प्रवाह इस पाठ्यपुस्तक मे हिन्दी गद्य की कहानी, आत्मकथा, रेखाचित्र, उपन्यास, यात्रावृत्त एवं जीवन-चरित विधाओं की श्रेष्ठ रचनाओं को सम्मिलित किया गया है। इन रचनाओं के चयन का आधार उनकी रोचकता, विषय-विविधता एवं बोधगम्यता है। गांधी जी की आत्मकथा "सत्य के प्रयोग" के संपादित अंश से पाठकों को बाहरी दिखावे से बचने, सहयोगी एवं स्वावलम्बी बनने तथा संस्कारों के साथ सादगीपूर्वक जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है। ‘गौरा' (महादेवी वर्मा) रेखाचित्र में लेखिका ने स्वयं द्वारा पालित गाय का अत्यंत करुणापूरित चित्र उकेरा है।

Political Science class 12 - NCERT Guidebook: राजनीति शस्त्र कक्ष 12 - एन सी ई आर टी गाइड

by Suman Kataria

Political science class 12 guide book is a very good guide book available for CBSE board students. After the students go through the text book this book serves as perfect companion to the final board exam. by studying this students are to be expected to be prepared in all aspect.

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