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Samanya Gyan
by Sunil Kumar SinghThis book has been prepared taking into consideration different types of questions being asked in the competitive exams. boon for students preparing for ssc, banking, railways etc. It covers topics from science, social science, current affairs, polity and economics. This is a must read book for all aspirants.
Samanya Vigyan Railway Group D (Competitive Exam)
by Indic TrustThis book is prepared to improve the knowledge of General Science for the examination of the Railway Group D. Notes are in such a way that the students can learn and revise fast during examination.
Samanya Vigyan class 6 - Maharashtra Board: सामान्य विज्ञान ६वीं कक्षा - महाराष्ट्र बोर्ड
by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune"सामान्य विज्ञान" छठी कक्षा की पाठ्यपुस्तक है, जिसमें विज्ञान के मूलभूत सिद्धांतों को सरल भाषा में समझाया गया है। यह पुस्तक प्राकृतिक संसाधनों, सजीव और निर्जीव वस्तुओं, ऊर्जा, बल, गति, प्रकाश, ध्वनि, पर्यावरण, जैव विविधता, तथा ब्रह्मांड से संबंधित विषयों को कवर करती है। इसमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए प्रायोगिक गतिविधियाँ, अवलोकन और विश्लेषण को प्रमुखता दी गई है। पुस्तक का उद्देश्य विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रुचि जगाना और उन्हें दैनिक जीवन में वैज्ञानिक अवधारणाओं को समझने तथा लागू करने के लिए प्रेरित करना है।
Samanya Vigyan class 7 - Maharashtra Board: सामान्य विज्ञान ७वीं कक्षा - महाराष्ट्र बोर्ड
by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune‘सामान्य विज्ञान’ सातवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए तैयार की गई एक पाठ्यपुस्तक है, जो विज्ञान की मौलिक अवधारणाओं को सरल भाषा में प्रस्तुत करती है। इसमें सजीव और निर्जीव वस्तुओं का अध्ययन, वनस्पतियों और प्राणियों में अनुकूलन, कोशिका संरचना, पाचन तंत्र, ऊष्मा, ध्वनि, प्रकाश, चुंबकीय क्षेत्र, ऊर्जा के स्रोत, भौतिक और रासायनिक परिवर्तन, आपदा प्रबंधन और पर्यावरणीय संतुलन जैसे विषयों को शामिल किया गया है। पुस्तक का उद्देश्य वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना, प्रायोगिक एवं अवलोकन कौशल को बढ़ावा देना और छात्रों को उनके दैनिक जीवन में विज्ञान के अनुप्रयोगों से परिचित कराना है। विभिन्न प्रयोगों, गतिविधियों और प्रश्नोत्तरी के माध्यम से बच्चों को विज्ञान को समझने और आत्मसात करने का अवसर मिलता है। यह पुस्तक विद्यार्थियों को तार्किक सोच, समस्या समाधान और खोजपरक दृष्टि विकसित करने के लिए प्रेरित करती है, जिससे वे अपने आसपास की दुनिया को वैज्ञानिक दृष्टि से समझ सकें और जागरूक नागरिक बन सकें।
Samanya Vigyan class 8 - Maharashtra Board: सामान्य विज्ञान ८वीं कक्षा - महाराष्ट्र बोर्ड
by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune‘सामान्य विज्ञान’ आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए तैयार की गई पाठ्यपुस्तक है, जो विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को सरल भाषा में समझाने का प्रयास करती है। इसमें जीवविज्ञान, भौतिकी और रसायन विज्ञान की मूलभूत अवधारणाओं को रोचक और व्यावहारिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक में सजीवों के वर्गीकरण, कोशिका संरचना, स्वास्थ्य और रोग, बल और दाब, ऊष्मा, प्रकाश, ध्वनि, विद्युत और चुंबकत्व, प्रदूषण, आपदा प्रबंधन, पर्यावरण संतुलन और तारों की जीवनयात्रा जैसे विषयों को शामिल किया गया है। यह विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने, तार्किक सोच को प्रोत्साहित करने और प्रयोगों व गतिविधियों के माध्यम से विज्ञान को समझने की प्रेरणा देती है। पुस्तक में दिए गए प्रयोग, प्रश्नोत्तरी और गतिविधियाँ छात्रों को आत्मनिर्भर बनाते हैं और उनके अवलोकन कौशल को निखारते हैं, जिससे वे अपने दैनिक जीवन में विज्ञान के अनुप्रयोग को समझ सकें।
Samarshankh: समरशंख
by Namrata Singhमहाभारत युद्ध समाप्त हुए पाँच सौ वर्ष बीत चुके थे। धरती पर अन्याय, अशांति और अधर्म का वातावरण व्याप्त हो चुका था। सम्पूर्ण आर्यावर्त मनुष्यों के अधिकार में था। तक्षक नाग के वंशज आश्रयहीन हो चुके थे। पक्षीराज जटायु के वंशज गरुड़, कलियुग के प्रारम्भ में अत्यधिक शक्तिशाली हो गए और उन्होंने धरती पर बचे-खुचे नागों का संहार करना प्रारम्भ किर दिया। मनुष्यों और गरुड़ों के पास एक अपराजेय महायोद्धा था, जिसके नाम से असुर और नाग थर-थर कांपते थे। नागों को भी एक महावीर योद्धा की तलाश थी और एक दिन अचानक ऐसा एक योद्धा प्रकट हो जाता है। सम्पूर्ण भारतवर्ष उसे ‘नागपुत्र’ कहकर बुलाने लगता है। उस नागपुत्र के परिचय से समस्त गरुड़ जाति कांप उठती है। समरशंख फूँक दिया जाता है और एक भयानक और भीषण महायुद्ध का प्रारम्भ हो जाता है।
Samashti Arthashastra Ek Parichay class 12 - NCERT - 23: समष्टि अर्थशास्त्र एक परिचय १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadसमष्टि अर्थशास्त्र 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में छह अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है। इस पाठपुस्तक में रेखाचित्र कि सहायता से हर भाग का विस्तुर्त रूप मे विवरण किया गया है, यह पाठ्यपुस्तक सोच-विचार और विस्मय, छोटे समूहों में बातचीत एवं बहस और हाथ से की जाने वाली गतिविधियों को प्राथमिकता देती है जिन्हें करने के लिए व्यावहारिक अनुभवों की आवश्यकता होती है।
Samashti Arthashastra class 12 - NCERT: समष्टि अर्थशास्त्र 12वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadसमष्टि अर्थशास्त्र 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में छह अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है । इस पाठपुस्तक में रेखाचित्र कि सहायता से हर भाग का विस्तुर्त रूप मे विवरण किया गया है, यह पाठ्यपुस्तक सोच-विचार और विस्मय, छोटे समूहों में बातचीत एवं बहस और हाथ से की जाने वाली गतिविधियों को प्राथमिकता देती है जिन्हें करने के लिए व्यावहारिक अनुभवों की आवश्यकता होती है।
Samashti Arthashastra class 12 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: समष्टि अर्थशास्त्र कक्षा 12 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड
by Raipur C. G. Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadसमष्टि अर्थशास्त्र कक्षा 12 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में छह अध्याय दिये गये है, जिसमे समष्टि अर्थशास्त्र के अध्ययन में अर्थशास्त्रियों द्वारा उपयोग किए गए अधिक जटिल विश्लेषणों से अवगत होंगे ।
Samay ka Sankshipt Itihas: समय का संक्षिप्त इतिहास
by Stephen Hawkingस्टीफेन हॉकिंग की यह पुस्तक विज्ञान-लेखन की दुनिया में अपनी लोकप्रियता के कारण अतिविशिष्ट स्थान रखती है। वर्ष 1988 में अपने प्रकाशन के मात्र दस वर्षों की अवधि में इस पुस्तक की 10 लाख से ज़्यादा प्रतियाँ बिकीं और आज भी जिज्ञासा की दुनिया में यह पुस्तक बदस्तूर अपनी जगह बनाए हुए है।
Samkaleen Bharat Mein Vikas Ki Prakriya Aur Saamaajik Aandolan - Delhi Vishvavidyalaya: समकालीन भारत में विकास प्रक्रिया और सामाजिक आंदोलन - दिल्ली विश्वविद्यालय
by Abhay Prasad Singhसमकालीन भारत में विकास की प्रक्रिया और सामाजिक आंदोलन इस विषय पर लिखित अपनी तरह की एकमात्र और अनूठी पस्तक है। राजनीति विज्ञान पर वैसे तो कई पुस्तक उपलब्ध हैं, परंतु । स्वतंत्र भारत में विकास की प्रक्रिया को विहंगम दृष्टि से लेखनीबद्ध करने का यह ऐसा प्रयास है। जिसमें विकास की प्रक्रिया और सामाजिक आंदोलनों के उतार-चढ़ाव के विस्तारित आयाम पर समग्रता से विचार करने की पहल की गई है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने पाठ्यक्रम में ऐसे विषय को स्थान देकर उल्लेखनीय कदम उठाया है। यह पुस्तक न केवल राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के परीक्षार्थियों के लिए बल्कि आम पाठकों के लिए भी एक संग्रहणीय पुस्तक है। इस पुस्तक में पांच इकाइयां हैं। आरंभ की तीन इकाइयां - समकालीन विकास प्रक्रिया से संबंधी। रणनीतियों और सामाजिक संरचनाओं पर उसके प्रभावों से संबंधित हैं। इसमें स्वतंत्र भारत में विकास की प्रक्रिया का विस्तार से वर्णन किया गया है। इसमें विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों जैसे: योजनागत विकास, भूमंडलीकरण और श्रम विशेष आर्थिक क्षेत्र, भारत में नव-मध्यम वर्ग, भूमि सुधार, हरित क्रांति, नक्सलवाद, कृषि संकट तथा भारतीय किसानों पर इसके प्रभाव का विवेचन किया गया है। पुस्तक की चौथी इकाई सामाजिक और नव सामाजिक आंदोलनों के संदर्भ में है। इसके अंतर्गत किसान-महिला- आदिवासी-दलित तथा पर्यावरण आंदोलन, नागरिक स्वतंत्रता आंदोलन एवं मानव अधिकार आंदोलन तथा जनवादी अधिकार आंदोलन पर चर्चा की गई है। पांचवीं इकाई में भोजन का अधिकार, मनरेगा, शिक्षा का अधिकार और सूचना का अधिकार जैसे नवीनतम अधिकार विषयक सरोकारों से संबंधित विषयों पर जानकारी दी गई है।
Samkaleen Pashchatya Darshan - Competitive Exam
by Basant Kumar Lalप्रस्तुत पुस्तक में सामान्यतः बीसवीं शताब्दी के कुछ प्रमुख दार्शनिक विचारों का परिचय मिलता है। पाश्चात्य विचाराकों में एफ. एच. ब्रैडले ने आभास और सत् की समस्या पर विचार किया है इसके भेद को स्पष्ट रूप से समझाने का प्रयास किया है। चार्ल्स सैन्डर्स ने संशय, विश्वास एवं अन्वेषण पर टिप्पणी की। अमरीकी वास्तवाद, के भेद एवं उसके अर्थ को स्पष्ट किया है। हेनरी बर्गसां ने सत् का स्वरूप सर्जनात्मक विकसासवाद प्रज्ञा एवं अन्तर्दृष्टि के बारे में बताया है। मूर तथा रसेल ने ज्ञानमीमांसीय विचार को महत्व दिया है। जिससे जगत के बारे में क्या जाना जा सकता है। अल्फ्रेड नार्थ ह्वाइटहेड ने दार्शनिक चिन्तन का स्वरूप, वैचारिक कोट की व्यवस्था की पहचान, वास्तविक तत्व शाश्वत वस्तु के सहयोग से जगत प्रक्रिया ईश्वर विचार आदि विषयों पर विचार किया है।लुडविग विटगेन्स्टीन ने विकसित दर्शन, विकसित विचार और गिलबर्ट राइल ने विश्लेषणात्मक दर्शन पर अपने विचार प्रस्तुत किये है।इस प्रकार पाश्चात्य दार्शनिक विचारकों ने अलग अलग विषय पर जो अपने विचार व्यक्त किये है उससे इस पुस्तक की अपनी एक अलग पहचान है और पढ़ने वालों को सही जानकारी मिलती है।
Samkalin Bharat -2
by National Council Of Educational Research TrainingThis book prescribed by central board of secondary education, India for the students of class 10th subject Social Science, studying through Hindi medium. This accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. The book is handy companion of the school and university students desiring to read facts in interesting way. NCERT books are must read for aspirants of competitive and job related examinations in India.
Samkalin Bharat 1 class 9 - NCERT: समकालीन भारत 1 9वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadसमकालीन भारत 1 9वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल छह अध्याय है। भारत-आकार और स्थिती, भारत का भौतिक स्वरुप, अपवाह, जलवायू, प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी, जनसंख्या आदी के बारे जानकारी दी गई है। छात्रें में भू-स्थानिक कौशल विकसित करने के उद्देश्य से एनसीईआरटी तथा इसरो ने मिलकर ऑनलाइन वेब आधारित भू-स्थानिक पोर्टल स्कूल-भुवन-एनसीईआरटी बनाया है। इस भू-स्थानिक पोर्टल पर भूगोल की पाठ्यपुस्तकों में दिए गए मानचित्र उपलब्ध हैं। यह पोर्टल छात्रें में भू-स्थानिक तकनीक के उपयोग द्वारा भूगोल की विभिन्न संकल्पनाओं को समझने में मदद करता है।
Samkalin Bharat 1 class 9 - RBSE Board: समकालीन भारत 1 9वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerसमकालीन भारत 1 माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान हेतु कक्षा नवमी के हिन्दी विषय हेतु निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरूप तैयार की गई है। 'हिन्दी भाषा' अपने सामर्थ्य में वृद्धि करते हुए विश्व में सम्पर्क भाषा के रूप मे तीव्रता से प्रसारित हो रही है। ऐसी स्थिति में स्वाभाविक है कि अपने प्रदेश के विद्यालयों के विद्यार्थी हिन्दी भाषा के व्यवहार में विशेष दक्षता अर्जित करें। इस पुस्तक में कुल छह अध्याय है। भारत-आकार और स्थिती, भारत का भौतिक स्वरुप, अपवाह, जलवायू, प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी, जनसंख्या आदी के बारे जानकारी दी गई है। छात्रें में भू-स्थानिक कौशल विकसित करने के उद्देश्य से एनसीईआरटी तथा इसरो ने मिलकर ऑनलाइन वेब आधारित भू-स्थानिक पोर्टल स्कूल-भुवन-एनसीईआरटी बनाया है। इस भू-स्थानिक पोर्टल पर भूगोल की पाठ्यपुस्तकों में दिए गए मानचित्र उपलब्ध हैं। यह पोर्टल छात्रें में भू-स्थानिक तकनीक के उपयोग द्वारा भूगोल की विभिन्न संकल्पनाओं को समझने में मदद करता है।
Samkalin Bharat 2 class 10 - NCERT: समकालीन भारत 2 10वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadसमकालीन भारत भाग 2 10वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल सात अध्याय है। संसाधन एवं विकास, वन एवं वन्य जीव संसाधन, जल संसाधन, कृषि, खनिज तथा ऊर्जा संसाधन, विनिर्माण उद्योग, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ आदी के बारे जानकारी दी गई है। छात्रें में भू-स्थानिक कौशल विकसित करने के उद्देश्य से एनसीईआरटी तथा इसरो ने मिलकर ऑनलाइन वेब आधारित भू-स्थानिक पोर्टल स्कूल-भुवन-एनसीईआरटी बनाया है। इस भू-स्थानिक पोर्टल पर भूगोल की पाठ्यपुस्तकों में दिए गए मानचित्र उपलब्ध हैं। यह पोर्टल छात्रें में भू-स्थानिक तकनीक के उपयोग द्वारा भूगोल की विभिन्न संकल्पनाओं को समझने में मदद करता है।
Samkalin Bharat Bhag-1 class 9 - JCERT: समकालीन भारत भाग-१ ९वीं कक्षा - जेसीईआरटी
by Jharkhand Shaikshik Anusandhan Evam Prashikshan Parishad Ranchi"समकालीन भारत - 1" कक्षा 9 की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक है, जो छात्रों को भारत के भूगोल, जलवायु, वनस्पति, जनसंख्या आदि विषयों की जानकारी प्रदान करती है। यह पुस्तक छात्रों को भारत की भौगोलिक विविधताओं, जनसंख्या वृद्धि, जलवायु परिवर्तन, और संसाधनों के बारे में विस्तृत रूप से समझाती है। इसमें भारत के भौतिक स्वरूप को विभिन्न भौगोलिक विभाजनों में बाँटा गया है, जैसे कि हिमालय पर्वत, उत्तरी मैदान, प्रायद्वीपीय पठार, तटीय मैदान और द्वीप समूह। साथ ही, भारत की प्रमुख नदियों और उनके अपवाह तंत्रों पर भी विस्तार से चर्चा की गई है। पुस्तक में जलवायु और प्राकृतिक वनस्पति के विभिन्न प्रकारों की चर्चा की गई है, जो छात्रों को पर्यावरण और उसकी संरचना के प्रति जागरूक करती है। इस पाठ्यपुस्तक में दी गई जानकारी छात्रों को भारत के समग्र भूगोल और उसके विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करती है। पुस्तक के अंत में अभ्यास और परियोजना कार्य दिए गए हैं, जो छात्रों को विषय की गहरी समझ विकसित करने में सहायक हैं।
Samkalin Bharat Bhag-1 class 9 - NCERT - 23: समकालीन भारत भाग-१ ९वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadसमकालीन भारत 1 9वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल छह अध्याय है। भारत-आकार और स्थिती, भारत का भौतिक स्वरुप, अपवाह, जलवायू, प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी, जनसंख्या आदी के बारे जानकारी दी गई है। छात्रें में भू-स्थानिक कौशल विकसित करने के उद्देश्य से एनसीईआरटी तथा इसरो ने मिलकर ऑनलाइन वेब आधारित भू-स्थानिक पोर्टल स्कूल-भुवन-एनसीईआरटी बनाया है। इस भू-स्थानिक पोर्टल पर भूगोल की पाठ्यपुस्तकों में दिए गए मानचित्र उपलब्ध हैं। यह पोर्टल छात्रें में भू-स्थानिक तकनीक के उपयोग द्वारा भूगोल की विभिन्न संकल्पनाओं को समझने में मदद करता है।
Samkalin Bharat Bhag-2 class 10 - Himachal Pradesh Board: समकालीन भारत भाग-२ कक्षा १० - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaहिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 10 के लिए " समकालीन भारत भाग-२" का डिजिटल संस्करण, 2017 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। शिक्षा में सुधार की आवश्यकता पर ध्यान देते हुए राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा रूपरेखा 2005 और परीक्षा सुधारों पर राष्ट्रीय फोकस समूह के स्थिति पत्र ने परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नों के तरीकों में बदलाव के लिए अपील की है। इस पुस्तक में कुल सात अध्याय है। संसाधन एवं विकास, वन एवं वन्य जीव संसाधन, जल संसाधन, कृषि, खनिज तथा ऊर्जा संसाधन, विनिर्माण उद्योग, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ आदी के बारे जानकारी दी गई है। राष्ट्रीय स्तर पर पाठ्यपुस्तकों के निर्माण का दायित्व एन. सी. ई. आर. टी. को दिया गया है ताकि शिक्षा के राष्ट्रीय स्तर पर समरूपता बनी रहे। हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड, एन.सी.ई.आर.टी. का आभारी हैं क्योंकि उन्होंने हमें उनके द्वारा परिश्रमपूर्वक तैयार की गई पुस्तकों को पुनर्मुदित कर अपने छात्रों तक पहुंचाने का अधिकार दिया है। छात्रें में भू-स्थानिक कौशल विकसित करने के उद्देश्य से एनसीईआरटी तथा इसरो ने मिलकर ऑनलाइन वेब आधारित भू-स्थानिक पोर्टल स्कूल-भुवन-एनसीईआरटी बनाया है। इस भू-स्थानिक पोर्टल पर भूगोल की पाठ्यपुस्तकों में दिए गए मानचित्र उपलब्ध हैं। यह पोर्टल छात्रें में भू-स्थानिक तकनीक के उपयोग द्वारा भूगोल की विभिन्न संकल्पनाओं को समझने में मदद करता है।
Samkalin Bharat Bhag-2 class 10 - JCERT: समकालीन भारत भाग-२ १०वीं कक्षा - जेसीईआरटी
by Jharkhand Shaikshik Anusandhan Evam Prashikshan Parishad Ranchiसमकालीन भारत - 2 कक्षा 10 की भूगोल पाठ्यपुस्तक है, जो भारत के विभिन्न भौगोलिक, पर्यावरणीय और आर्थिक पहलुओं पर केंद्रित है। पुस्तक में कुल सात अध्याय हैं, जो संसाधनों, वन्य जीवन, जल संसाधनों, कृषि, खनिज और ऊर्जा संसाधनों, विनिर्माण उद्योगों और परिवहन जैसे महत्वपूर्ण विषयों को कवर करते हैं। पहला अध्याय संसाधन एवं विकास में संसाधनों के प्रकार और उनके सतत उपयोग की चर्चा है, जिसमें संसाधन नियोजन की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। दूसरा अध्याय वन और वन्य जीव संसाधन भारत की जैव विविधता, लुप्तप्राय प्रजातियों और संरक्षण की आवश्यकता को रेखांकित करता है। जल संसाधन पर तीसरा अध्याय जल की कमी, जल संरक्षण और प्रबंधन के उपायों की आवश्यकता पर केंद्रित है। चौथे अध्याय कृषि में कृषि के प्रकार, फसलों की विविधता और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में कृषि के योगदान की चर्चा की गई है। पांचवा अध्याय खनिज और ऊर्जा संसाधन विभिन्न प्रकार के खनिज और ऊर्जा संसाधनों, उनके वितरण और संरक्षण की आवश्यकता को समझाता है। विनिर्माण उद्योग पर छठा अध्याय उद्योगों के राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्व और पर्यावरणीय समस्याओं का वर्णन करता है। अंत में, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ नामक सातवां अध्याय परिवहन और संचार सेवाओं की महत्ता, और उनके देश की अर्थव्यवस्था में योगदान को स्पष्ट करता है। यह पुस्तक छात्रों को भारत के समकालीन मुद्दों और संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग के महत्व को समझाने का प्रयास करती है।
Samkalin Bharat Part-2 class 10 - NCERT - 23: समकालीन भारत भाग-२ १०वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadसमकालीन भारत भाग 2 10वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल सात अध्याय है। संसाधन एवं विकास, वन एवं वन्य जीव संसाधन, जल संसाधन, कृषि, खनिज तथा ऊर्जा संसाधन, विनिर्माण उद्योग, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ आदी के बारे जानकारी दी गई है। छात्रें में भू-स्थानिक कौशल विकसित करने के उद्देश्य से एनसीईआरटी तथा इसरो ने मिलकर ऑनलाइन वेब आधारित भू-स्थानिक पोर्टल स्कूल-भुवन-एनसीईआरटी बनाया है। इस भू-स्थानिक पोर्टल पर भूगोल की पाठ्यपुस्तकों में दिए गए मानचित्र उपलब्ध हैं। यह पोर्टल छात्रें में भू-स्थानिक तकनीक के उपयोग द्वारा भूगोल की विभिन्न संकल्पनाओं को समझने में मदद करता है।
Samkalin Bharat-1 class 9 - Himachal Pradesh Board: समकालीन भारत-१ कक्षा ९ - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshala"समकालीन भारत- 1" एक भूगोल पाठ्यपुस्तक है जो कक्षा 9 के लिए हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित की गई है। अगस्त 2013 से अक्टूबर 2020 तक कई संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों के साथ, यह पुस्तक भारत के भौतिक विशेषताओं, जलवायु, प्राकृतिक वनस्पति, वन्यजीव, और जनसंख्या के बारे में विस्तृत भूगोलिक जानकारी प्रदान करती है। ₹50.00 कीमत पर, यह छात्रों के लिए एक सस्ता स्रोत प्रस्तुत करती है। मानचित्रों पर आंतरिक विवरण को सही रूप से प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी का उल्लेख करते हुए, प्रकाशक सुनिश्चित करता है कि भारत के मानचित्रों पर आंतरिक विवरण सही तरीके से प्रस्तुत किए जाते हैं। यह पाठ्यपुस्तक छात्रों को उनके देश के विभिन्न भूगोलिक पहलुओं को समझने में मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में कार्य करती है।
Samkalin Vishwa Rajniti Class 12 - NCERT - 23: समकालीन विश्व राजनीति १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad"समकालीन विश्व राजनीति" पुस्तक वैश्विक राजनीति के बदलते परिदृश्य को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करती है। यह शीत युद्ध के अंत, वैश्वीकरण, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, पर्यावरणीय चुनौतियों, आतंकवाद, सुरक्षा, और भारत की विदेश नीति जैसे प्रमुख विषयों को समाहित करती है। पुस्तक शीत युद्ध के दौरान अमेरिका और सोवियत संघ के बीच शक्ति संतुलन, गुटनिरपेक्ष आंदोलन और बर्लिन दीवार के पतन पर प्रकाश डालती है। वैश्वीकरण और आर्थिक उदारीकरण के प्रभावों को समझाते हुए यह विश्व व्यापार संगठन (WTO), अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक की भूमिकाओं की व्याख्या करती है। साथ ही, संयुक्त राष्ट्र (UN) और क्षेत्रीय संगठनों जैसे यूरोपीय संघ (EU) और आसियान (ASEAN) की भूमिका को भी रेखांकित करती है। पुस्तक जलवायु परिवर्तन, सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) और अंतरराष्ट्रीय समझौतों जैसे पेरिस संधि पर चर्चा करती है। आतंकवाद, साइबर युद्ध और आधुनिक सुरक्षा रणनीतियों को समझाते हुए यह भारत की विदेश नीति, अमेरिका, रूस और चीन के साथ संबंधों का भी विश्लेषण करती है। अंततः, यह बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था, उभरती आर्थिक शक्तियों (BRICS) और डिजिटल युग में राजनीति की भूमिका को उजागर करती है, जिससे यह पुस्तक समकालीन राजनीति को समझने के लिए अनिवार्य बन जाती है।
Samkalin Vishwa Rajniti class 12 - NCERT: समकालीन विश्व राजनीति कक्षा 12 - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadसमकालीन विश्व राजनीति 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठपुस्तक में नौं अध्याय दिए है, हर अध्याय की शुरुआत में ‘परिचय’ दिया गया है। हर अध्याय में मानचित्र, सारणी, आरेख, बॉक्स, कार्टून तथा अन्य रूप-रचनाओं (प्रदर्शों) का भी इस्तेमाल किया है। प्रत्येक अध्याय में आपको निश्चित सीमा में सूचनाएँ मिलेंगी। इसके साथ-साथ हर अध्याय में विश्व राजनीति को समझने में उपयोगी अवधारणाओं से आपकी भेंट होगी जैसे- शीतयुद्ध; वर्चस्व की धारणा; अंतर्राष्ट्रीय संगठन; राष्ट्रीय सुरक्षा और मानवीय सुरक्षा; पर्यावरणीय सुरक्षा; वैश्वीकरण आदि।