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Sarkas: सर्कस
by Sanjeevप्रतिपल कुछ टूट रहा है, मगर उसी तरह कुछ जुड़ भी रहा है क्या? अगर कुछ जुड़ रहा हो तो वह क्या और कितना है?
Sarojini Naidu
by Padmini SenguptaSarojini Naidu, the Nightingale of India, has created a specific place in English literature. She was a lady for whom English was a simple medium of expression. Although she was taught in English medium, she always condemned the blind mental slavery of the Western World. This is a book to introduce readers to Sarojini Naidu, not only as a politician but also as a poet.
Sarva Dukho Se Mukti: सर्व दु:खों से मुक़्ति
by Dada Bhagwanसांसारिक दुःख किसे नहीं है? हर कोई उससे छूटना चाहता है| लेकिन वह छूट नहीं पाता| उससे छूटने का मार्ग क्या है? ज्ञानीपुरुष के मिलते ही सर्व दुखों से मुक्ति मिलती है| औरों को जो दुःख देता है, वह स्वयं दुखी हुए बिना नहीं रहता| सर्व दुखों से मुक्ति कैसे पाई जाये? सुख दुःख मिलने का कारण क्या है? औरों को सुख देने से सुख मिलता है और दुःख देने से दुःख मिलता है| यह सुख दुःख प्राप्ति का कुदरती सिद्दांत है| जिसे यह सिद्दांत संपूर्ण समझ में आ जाता है, वह किसी को बिलकुल दुःख न देने की जागृति में रह सकता है| फिर मन से भी वह किसी को दुःख नहीं दे सकता| इसके लिए ज्ञानीपुरुष ही यथार्थ क्रियाकारी उपाय बता सकते हैं| संपूज्य श्री दादाश्री, जो इस काल के ज्ञानी हुए, उन्होंने सुन्दर और संपूर्ण क्रियाकारी उपाय बताया है की हर रोज़ सुबह में हृयदपूर्वक पांच बार इतनी प्रार्थना करो कि ‘प्राप्त मन-वचन-काया से इस जगत में किसी भी जीव को किंचित मात्र भी दुःख न हो, न हो, न हो|’इसके बाद आपकी जिम्मेदारी नहीं रहेगी| किसी भी जीव को मारने का हमारा अधिकार बिलकुल ही नहीं है, क्योंकि हम उसे बना नहीं सकते| संसार में दुःख क्यों है? उसका रूट कॉज है अज्ञानता| मैं खुद कौन हूँ? मेरा असली स्वरुप क्या है? यह नहीं जानने से सारे दुःख सर पर आ गए हैं| वास्तव में ‘आत्मज्ञानियों’को इस संसार में एक भी दुःख स्पर्श नहीं होता| यदि आपको सुखी होना हो तो सदा वर्तमान में ही रहना! भूतकाल गया सो गया| वह वापिस कभी नहीं लौटता और भविष्य काल किसी के हाथ में नहीं है| उसे कोई नहीं जानता|तो ‘वर्तमान’में रहे सो सदा ज्ञानी|’गृहस्थ जीवन में बेटे बेटियाँ , पत्नी, माँ-बाप, की ओर से हमें जो दुःख मिलते हैं, वे हमारे ही मोह के रीएकशन्न से मिलते हैं| वीतराग को कुछ भोगना नहीं होता, जीवन में| संपूज्य श्री दादाश्री ने एक सुन्दर बात बताई है कि घर एक कम्पनी है| इस कम्पनी के घर के सारे मेम्बर्स शेयर होल्डर्स हैं| जिसका जितना शेयर, उतना उसके हिस्से में भुगतने का आएगा| फिर सुख हो या दुःख| मुनाफा हो या घाटा| भगवान् ने कहा है की अंतर सुख और बाह्य सुख का बैलेंस रखना चाहिये| बाह्य सुख बढेगा तो अंतर सुख कम हो जायेगा और अंतर सुख बढेगा तो बाह्य सुख कम हो जायेगा| चिंता होने का कारण क्या है? अहंकार, कर्तापन ! वह जाये तो चिंता जाये| कुदरत का न्याय क्या है? हम अपनी भूलों से किस तरह से छूट जाये? निज दोष क्षय किस तरह से किया जाये? इन सारे प्रश्नों को पुज्यश्री ने आसानी से हल करने का रास्ता प्रस्तुत पुस्तक में बताया है |
Saryu Hindi Saahity class 12 - RBSE Board: सरयू हिन्दी साहित्य कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerसरयू इस पाठ्यपुस्तक मे सामाजिक, नैतिक, बौद्धिक स्तर के अनुरूप साहित्य रचनाओं के माध्यम से उनके हिंदी भाषा ज्ञान, अर्थ ग्रहण एवं अभिव्यक्ति क्षमता के उत्कर्ष के सार्थक उद्देश्य तथा गद्य खण्ड में विभिन्न कालखंडों के हिंदी के प्रतिनिधि एवं स्तरीय गद्यकारों की सुबोध, रुचिकर एवं प्रेरणास्पद रचनाएँ संकलित हैं। पद्य खंड में हिंदी काव्य के कथ्यगत एवं अनुभूतिपरक परि प्रतिनिधि कवियों की सरस, सुबोध, प्रेरक एवं जीवन के विविध पहलुओं की अर्थ गंभीर अभिव्यंजना करने वाली विशिष्ट कविताओं को संगृहीत किया गया है।
Satya Asatya ke rahshya: सत्य-असत्य के रहस्य
by Dada Bhagwanबहुत सारे लोग, सत्य क्या है और असत्य क्या है, यह जानने के लिए जीवनभर संघर्ष करते रहते है| कुछ बाते, किसी के लिए सत्य मानी जाती है तो कुछ लोग उसे असत्य मानकर उसका तिरस्कार करते है| ऐसी दुविधाओं के बीच, लोग यह सोच में पड़ जाते है कि, आखिर सत्य किसे कहे और असत्य किसे माने| आत्मज्ञानी परम पूज्य दादा भगवान हमें, सत्, सत्य और असत्य, इन तीन शब्दों का भेद समझाते है| वह कहते है कि, सत् मतलब शास्वत तत्व, जैसे की हमारा आत्मा, जो एक परम सत्य है और जिसे बदलना संभव नहीं है| हम साक्षात् आत्मस्वरूप है और यही हमारी सही पहचान है, इसे दादाजी ने सत् कहा है| व्यवहार सत्य, मतलब, रिलेटिव में दिखने वाला सत्य लोगो की अपनी मान्याताओं के आधार पर खड़ा होता है| इसलिए यह लोगो के अपने दृष्टिकोण के आधार पर अलग-अलग होता है| सत्य और असत्य तो हमारी माया और मान्यता से ही खड़ा होता है, और वह एक सापेक्ष संकल्पना ही है, जिसका कोई आधार नहीं होता| सत्,सत्य और असत्य के गुढ़ रहस्यों को जानने, यह किताब ज़रूर पढ़े और अपनी भ्रामक मान्याताओं से छुटकारा पाइए|
Satya Ke Prayog Athava Atmakatha
by M. K. Gandhiइस पुस्तक की प्रस्तावना में गांधीजी में गींधीजी ने लिखा हैः “मेरी बिनती है कि कोई मेरे लेखों को प्रमाणभूत न समझे। मैं सिर्फ इतना चाहता हुँ कि इनमें बताये गये प्रयोगों के दृष्टांतरुप मानकर सब अपने-अपने प्रयोग यथाशक्ति और यथामति करें। मेरा विश्वास है कि इस संकुचित क्षेत्र में आत्मकथा के मेरे लेखों से पाठको को बहुत कुछ मिल सकता है।” राष्ट्रपुता महात्मा गांधी के जीवन और कार्यपद्धति को समझने की अभिलाषा रखनेवाले प्रत्येक भारतीय को यह अमुल्य ग्रंथ अवश्य पढ़ना चाहिये।
Savadhan Rahen Jagaruk Bane!: सावधान रहें, जागरूक बने
by Reserve Bank of Indiaपिछले कुछ वर्षों में, पैसे के आदान-प्रदान के लिए डिजिटल मीडिया का उपयोग बढ़ा है। इससे न केवल उपभोक्ता सुविधा में वृद्धि हुई है, बल्कि वित्तीय समावेशन के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने में भी योगदान मिला है। लेकिन वित्तीय लेनदेन के आगमन के साथ, धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ रही हैं। आम, भोले-भाले नागरिकों की मेहनत की कमाई को चुराने के लिए आर्थिक अपराधी नए-नए तरीके अपना रहे हैं. ये अपराधी मुख्य रूप से ऐसे व्यक्तियों को लक्षित करते हैं जो प्रौद्योगिकी-उन्मुख वित्तीय लेनदेन की दुनिया में नए हैं। पुस्तिका को ऐसे वित्तीय लेनदेन के लिए डिजिटल मीडिया का उपयोग करने वाले नए ग्राहकों का मार्गदर्शन करने और अधिक व्यावहारिक तरीके से मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
Sawdhan Neeche Aag Hai: सावधान नीचे आग है
by Sanjeevचन्दनपुर के नीचे आग धधक रही है । लोगों में आग है, उनकी नसों के बिलकुल करीब...आग ही आग...लाल-सुर्ख. ..तपती हुई... । यह आग हो सकता है कि कभी किसी बड़े परिवर्तन का सूत्रपात करे लेकिन अभी तो वह सिर्फ लोगों को जला रही है । तिल-तिल करके जल रहे हैं वे, अपनी छोटी-छोटी अपूर्ण इच्छाओं के साथ । जिन्दगी बीभत्सता की हद तक सड़ी हुई...नर्क. .. । दलालों, सूदखोरों और गुंडों के बीच पिसते, कोयले की गर्द फाँकते, चन्दनपुर के खदान मजूदूर यह अच्छी तरह जानते हैं कि उनके बजाय उनकी औरतों को ही पहले काम क्यों दिया जाता है । ' 'सच तो यह है कि जिनके हाथ में कानून और पावर है, सब चोर हैं । मेहनत, ईमानदारी की कोई कदर नहीं । जो लूट रहा है, लूट रहा है, जो बिला रहा है, बिला रहा है.. .यह समूचा इलाका ही बैठ जाएगा एक दिन जल-जल कर' ' -मेवा के इस कथन में आक्रोश के साथ लाचारी है, खीज है । संजीव की कहानियों में शुगरकोटेड यथार्थ नहीं होता और न ही मनोरंजन । समाज के जिस वर्ग की जिंदगी के बारे में वे लिखते हैं, उसकी पीड़ाओं की तह तक उतर जाते हैं । अब तक दर्जनों चर्चित कहानियों के लेखक संजीव के इस उपन्यास में विषय की गहराई, उसकी समझ और पकड़, शैली और शिल्प के अतिरिक्त जो प्रतिबद्धता है, हर पाठक को उसका कायल होना पड़ेगा ।
Science class 6 - RBSE Board: विज्ञान कक्षा 6 - आरबीएसई बोर्ड
by Rajasthan State Textbook BoardScience Textbook for Class 6, Education book
Science class 7 - RBSE Board: विज्ञान कक्षा 7 - आरबीएसई बोर्ड
by Rajasthan State Textbook BoardScience Textbook for Class 7, Education book
Science class 8 - RBSE Board: विज्ञान कक्षा 8 - आरबीएसई बोर्ड
by Rajasthan State Textbook BoardScience Textbook for Class 8, Education book
Secret 7 ka Romanchak Karnama
by Enid Blyton Dr Sudhir Dixit Rajni DixitWhen a priceless pearl necklace goes missing, the Secret Seven are first off the mark to catch the thief! Why? Because they saw him making his escape. Now all they have to do is find the necklace.
Secret Seven Picha karo
by Enid Blyton Dr Sudhir Dixit Rajni DixitSomething mysterious is going on at Tigger's Barn and the Secret Seven are intrigued. Peter thinks it's all just gossip, but Jack isn't so sure when he overhears a strange conversation. Looks like the seven are on the trail of another exciting adventure.
Seedha Raasta
by JyotiprakashSeedha Raasta is written for the youth of today. The story tells us how a rich boy changes his views about poor in the society. It serves as an inspiration to the youth.
Seemayein Tootati Hain
by Srilal ShuklaDurgadas was convicted in a crime and after his imprisionment there started all the clashes of the ideologies in the family. The prisioning of Durgadas showed the different sides of human nature and the clashes within the human mind of people around him.
Seengawale Gadhe: सींगवाले गधे
by Prem Janmejayप्रेम जनमेजय से मिलकर, बात कर, कभी नहीं लगता कि ये व्यंग्य विधा की राह के पहुँचे हुए मुसाफिर हैं। ऐसा ही श्रीलाल शुक्लजी के साथ था। वे कभी बातचीत में व्यंग्य नामक हथियार का इस्तेमाल नहीं करते थे। ये ऐसे व्यंग्य-गुरु हैं, जो अपनी तिरछी नजर पर मृदुता, मस्ती और मितभाषिता का चश्मा लगाए रहते हैं। कुछ लोगों का खयाल है कि व्यंग्य लेखक एक किस्म के कार्टूनकार होते हैं, जिन्हें सारी दुनिया आँकी-बाँकी दिखाई देती है। एकदम गलत धारणा है यह। जैसे कविता, कहानी, उपन्यास नाटक और निबंध, साहित्य की विधाएँ हैं, वैसे ही व्यंग्य तथा हास्य, व्यंग्य की विधाएँ हैं। कमजोर हाथों में पडक़र ये विद्रूप और फूहड़ हँसी-ठट्ठा का रूप लेती होंगी, लेकिन प्रेम जनमेजय उन इलाकों में जाते ही नहीं हैं। वे हरिशंकर परसाई, शरद जोशी और श्रीलाल शुक्ल की परंपरा में व्यंग्य विधा में संलग्न हैं। उनके लिए व्यंग्य एक गंभीर कार्य और चिंतन है, जिससे वे समाज की विसंगतियों और समय के अंतर्विरोधों पर रोशनी डाल सकें। परिवर्तन काल सुविधा के साथ-साथ सक्रांति काल भी लाता है। प्रेम जनमेजय ने बहुत समझदारी और गहन अध्ययन से अपनी साहित्य-विधा चुनी है। व्यंग्य विधा पर चाहे जितना हमला किया जाए, सब जानते हैं कि बिना व्यंग्य-विनोद के कोई भी रचना पठनीय नहीं हो सकती। प्रेमजी में एक कथातत्त्व समानांतर चलता है। इसी कथा-जाल में वे धीरे से अपना काम कर जाते हैं।
Seepiyan
by Sulekha Kumar Subhadra MalwiThe world of children is very colorful. A stubborn and unbending in their environment, so there is no polite way to show others new. With such characters episodically what takes new twist? Read us, tickler with, laugh with, inspiring, enchanting stories full of diverse entertainment.
Seva Paropkar: सेवा परोपकार
by Dada Bhagwanसेवा का मुख्य उद्देश्य है कि मन-वचन-काया से दूसरों की मदद करना| जो व्यक्ति खुद के आराम और सुविधाओं के आगे औरो की ज़रूरतों को रखता है वह जीवन में कभी भी दुखी नहीं होता| मनुष्य जीवन का ध्येय, दूसरों की सेवा करना ही होना चाहिए| परम पूज्य दादाभगवान ने यह लक्ष्य हमेशा अपने जीवन में सबसे ऊपर रखा कि, जो कोई भी व्यक्ति उन्हें मिले, उसे कभी भी निराश होकर जाना ना पड़े| दादाजी निरंतर यही खोज में रहते थे कि, किस प्रकार लोग अपने दुखों से मुक्त हो और मोक्ष मार्ग में आगे बढे| उन्होंने अपनी सुख सुबिधाओं की परवाह किये बगैर ज़्यादा से ज़्यादा लोगो का भला हो ऐसी ही इच्छा जीवनभर रखी| पूज्य दादाश्री का मानना था कि आत्म-साक्षात्कार, मोक्ष प्राप्त करने का आसान तरीका था पर जिसे वह नहीं मिलता हैं, उसने सेवा का मार्ग ही अपनाना चाहिए| किस प्रकार लोगो की सेवा कर सुख की प्राप्ति करे, यह विस्तृत रूप से जानने के लिए यह किताब ज़रूर पढ़े|
Shaap: शाप
by Dr Rajeev Guptaएक निश्छल युवती की मार्मिक प्रेम कथा; जो कि अपने प्रेमी द्वारा छली गई। पर उसके अंतर्मन से निकली चीत्कार उस युवक के लिए शाप बन गई। सुंदर वाक्य-विन्यास एवं सहज शब्दावली के साथ मानवीय भावनाओं एवं घटनाओं का बड़ी ही सूक्ष्मता से चित्रण करती हुई एक अद्भुत कृति।
Shakti: शक्ती
by Rhonda Byrneद सीक्रेट की लेखिका रान्डा बर्न की इस किताब में अदभुत जीवन जीने का तरीका बताया गया है। इसे वे शक्ति का नाम देती हैं। उनके मुताबिक यदि आपने अपनी इस शक्ति का इस्तेमाल करना सीख लिया तो आपका जादुई जीवन शुरू हो जाएगा।
Sharireek Evam Svasthya Shiksha Class 10 - RBSE Board: शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा 10वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerमाध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर द्वारा शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा विषय को अनिवार्य विषय के रूप में लागू किया गया है । बोर्ड द्वारा गठित इस विषय की पाठ्यक्रम समिति द्वारा नवीन पाठ्यक्रमानुसार विद्यार्थियों की आवश्यकता को ध्यान में रखकर अथक मेहनत के साथ पुस्तक लेखन किया गया है । पुस्तक में शारीरिक शिक्षा की आवश्यकता एवं महत्व तथा व्यायाम के मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव को समझाया गया है । स्वास्थ्य शिक्षा के अर्थ एवं उद्देश्यों को, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं तथा उनके निराकरणों एवं संतुलित भोजन के कब खायें, नहीं खायें व कितना खायें के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी विद्यार्थियों की दी गई है । वर्तमान जीवन शैली का स्वास्थ्य पर प्रभाव एवं जीवन मूल्यों की शिक्षा में आवश्यकता तथा योगासन, प्राणायाम की जीवन में महत्ता आदि की भी पुस्तक में छात्रों को उपयोगी जानकारी दी गई है । साथ ही जिम्नास्टिक्स एवं पिरामिड तथा प्रचलित व्यायामों, प्रमुख खेलों का चित्र सहित वर्णन भी किया गया है।
Sharireek Evam Svasthya Shiksha class 9 - RBSE Board: शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा 9वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerशारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा कक्षा 9वीं यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, प्रस्तुत पुस्तक में शारीरिक शिक्षा की उपादेयता, राष्ट्रीय आवश्यकता व शारीरिक विकास का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है तथा आकर्षक, रोचक व सुस्पष्ट चित्रों द्वारा विषयों की समीक्षा व उसके क्रियात्मक स्वरूप का सरल एवं सुगम भाषा में निर्देशन किया गया है । पुस्तक में स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य, महत्व, संतुलित भोजन, प्राथमिक उपचार, मानव शरीर वृद्धि एवं विकास तथा विद्यालय में प्रचलित व्यायाम व विभिन्न खेलों का इतिहास एवं नियम आदि को क्रमवार बताते हुए उन्हें सुविधानुसार साधनों द्वारा क्रियान्वित करने का प्रयास किया गया है । पुस्तक के प्रत्येक अध्याय के अन्त में महत्वपूर्ण बिन्दु सारांश रूप में दिये गये हैं एवं भाषा सरल, सहज, ललित एवं रूचिकर है ।
Sharireek Shiksha class 11 - RBSE Board: शारीरिक शिक्षा 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerमाध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर द्वारा 11 वीं कक्षा में शारीरिक शिक्षा को विषय के रूप में लागू किया गया है। बोर्ड द्वारा गठित इस विषय की पाठ्यक्रम समिति द्वारा नवीन पाठ्यक्रमानुसार शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों का ध्यान रखते हुए अध्यापन अनुभव आधार पर इस पुस्तक का लेखन किया गया है। पुस्तक में शारीरिक शिक्षा की अन्य विषयों से तुलना करते हुए शारीरिक शिक्षा के विभिन्न आयामों को समाविष्ट करने का प्रयास किया गया है। समसामयिक वैश्वीकरण के इस युग में खेलों का उत्तरोत्तर विकास हुआ है और खेल नियमों में भी परिवर्तन आया है, जिसकों दृष्टिगत रखते हुए खेलों के इतिहास एवं उनके नवीनतम नियमों की जानकारी भी दी गयी है।
Sharireek Shiksha class 12 - RBSE Board: शारीरिक शिक्षा कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerमाध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर द्वारा शारीरिक शिक्षा विषय को 12वीं कक्षा में विषय के रूप में लागू किया गया है। बोर्ड द्वारा गठित इस विषय की पाठ्यक्रम समिति ने उच्च माध्यमिक स्तर पर नवीन पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए इस पुस्तक का लेखन किया गया है। पुस्तक के प्रत्येक अध्याय के अन्त में महत्वपूर्ण बिन्दु सारांश में दिये गये हैं एवं उनकी भाषा सरल व रुचिकर है।