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Tandav Stuti Khand-3 (Kalkikaal Katha): ताण्डव स्तुति खंड-तीन (कल्किकाल कथा)
by Prashant Singhकोई मसीहा कहता है तो कोई अवतार, लेकिन सच यह है कि मुसीबत में हम मानव ही किसी एक मानव में ईश्वर को खोजने लगते हैं और उससे उम्मीद करते हैं कि वह सारी मुसीबतों का हनन कर दे। जब वह मानव ऐसा कर देता है तो आने वाली पीढ़ियों में मानव रूपी भगवान के नाम से जाना जाता है, अवतार या मसीहा के नाम से जाना जाता है। यह कहानी है एक ऐसे ही अवतार की जो तकदीर को भी बदलने की क्षमता रखता है। घायल पृथ्वी तथा रक्तरंजित मानवजाति को बचाने की इस अविस्मरणीय यात्रा में आप कल्कि नामक एक ऐसे नायक के उदय का गवाह बनेंगे जो अतीत व भविष्य की दिशा बदल देगा। मस्तिष्क को झकझोर देने वाली अकल्पनीय व अविश्वसनीय घटनाओं तथा किंवदंतियों से परिपूर्ण इस कहानी में आयामों की भूल-भुलैया में खो चुकी परम कुंजी ही महासंकट को खत्म करने का जरिया होगी। मानव सभ्यता के विभिन्न युगों के रहस्यमय पात्रों की सहायता से परम कुंजी को प्राप्त करने के लिये कल्कि को साक्षात समय से लड़ना होगा और ऐसी रहस्यमयी दुनिया पर विजय पाना होगा जहाँ भौतिकी के नियम भी आत्म-समर्पण कर देते हैं। प्रकृतिका कानून अटल है, निर्णय अटल है। उसके खिलाफ ना कोई सुनवाई है और ना कोई पुनर्विचार अर्जी। प्रकृति की गतिविधियों को नियंत्रित करने का प्रयास किया तो मृत्यु ताण्डव निश्चित है। विज्ञान तथा पौराणिक कथाओं के प्रशंसकों के लिए रचित इस अभूतपूर्व गाथा में भाग्य के चौराहे पर खड़ी पृथ्वी व मानवजाति का भविष्य किस दिशा में जायेगा? आयामों की विकृति को पार कर, क्या कल्कि अनदेखे-अनकहे भीषण संकट का सामना कर पाएगा? चिरंजीवी समूह क्या एलियन प्रजाति को विनाशकारी पथ पर जाने से रोक पाएगा?
Taqdir Ka Tohfa: तक़दीर का तोहफ़ा
by Surender Mohan Pathakइस पुस्तक में दस कहानियाँ हैं, ये हैं - तक़दीर का तोहफ़ा, टीपू सुलतान की डायरी, बीवी का चश्मा, मौत की घड़ी, शतरंज के मोहरे, शिकारी का शिकार, रेलवे क्रॉसिंग, मीनार वाली हवेली, विशालगढ़ एक्सप्रैस और भूत बसेरा। हिंदी अपराध कथा साहित्य के सबसे लोकप्रिय लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक का प्रथम प्रकाशित 'रहस्य कथा संग्रह। सुरेन्द्र मोहन पाठक अपराध कथा साहित्य की दुनिया के सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक हैं। इन्होंने 1950 के दशक के अंत में अपने लेखन की शुरआत की और जासूसी-अपराध कथाओं में लगातार ऐसे कीर्तिमान खड़े किये जिसकी बराबरी करना नामुमकिन है। 300 से भी ज्यादा उपन्यास लिख चुके हैं जिनमें सुनील सीरीज़, विमल सीरीज़ और सुधीर कोहली सीरीज़ ने सबसे ज्यादा चर्चा हासिल की।
Teen Take Ka Upanyas: तीन टके का उपन्यास
by Bertolt Brecht'तीन टके का उपन्यास' दरअसल बेर्टोल्ट ब्रेष्ट के प्रसिद्ध नाटक ‘थ्री पेनी ऑपेरा’ का ही एक विस्तृत और व्यापक संस्करण है. ‘थ्री पेनी आपेरा’ ब्रिटिश नाटककार जॉन गे द्वारा लिखित ‘बेगर्स ऑपेरा’ पर आधारित था. 1728 में लिखे गये ‘बेगर्स ऑपेरा’ के सभी केन्द्रीय चरित्र जैसे मैकहीथ, पीचम, जेनी, पॉली, आदि ब्रेष्ट के ‘थ्री पेनी ऑपेरा’ में थे. 1928 में ब्रेष्ट ने यह उपन्यास पूरा किया. 1934 में उन्होंने इन्हीं चरित्रों और उसी कहानी को लेकर ‘थ्री पेनी नॉवेल’ यानी ‘तीन टके का उपन्यास’ लिखा. जहाँ नाटक में ब्रेष्ट के पास एक-एक चरित्र को विकसित करने का मौका नहीं था, वहीं उपन्यास में उन्होंने हर चरित्र को पूरी तरह विकसित किया और बोलचाल की भाषा में होने के बावजूद इसे ‘एपिकल’ बना दिया।
Teesri Aankh: तीसरी आँख
by Dr Krishan Gopal"तीसरी आँख" इस उपन्यास के संदर्भ में, डॉ. कृष्ण गोपाल ने इतिहास की भूमिका और राष्ट्र के दर्शन पर गहराई से विचार किया है। वे मानते हैं कि समाज की वास्तविक प्रगति उसकी ऐतिहासिक समझ पर निर्भर करती है, और एक राष्ट्र की दिशा उसके इतिहास, परंपरा, और वैशिष्ट्य पर आधारित होती है। डॉ. हेडगेवार और डॉ. अंबेडकर के दृष्टिकोण से, वे राष्ट्र के उद्देश्य, जिम्मेदारियों, और वैश्विक जागृति में योगदान पर जोर देते हैं। विशेषकर, डॉ. अंबेडकर के कश्मीर संबंधी रुख की आलोचना करते हुए, उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्र की एकता और समान अधिकार की बात को समझना और स्वीकारना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत को कश्मीर की रक्षा करनी चाहिए और कश्मीरियों को समान अधिकार देना चाहिए, लेकिन इसके लिए कश्मीर को भारत के साथ पूर्ण समानता और निष्ठा रखनी होगी।
Terah Anupam Kahaniyan
by Micky PatelThis book is a wonderful collection of the best stories from thirteen Indian languages, all translated into simple, easy to read English and hindi for our young readers. Kids get ready for an exciting and fun reading adventure.
Tilismaa Avishvasniya Mayajal: तिलिस्मा अविश्वसनीय मायाजाल
by Shivendra Suryavanshiमायाजाल- एक ऐसा शब्द, जो हमारी आँखों के सामने रहस्यों से भरी पहेलियों का एक संसार खड़ा कर देता है। जहां एक ओर गणितीय उलझनें होती हैं, तो वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसी वैचारिक पहेलियां, जिनमें उलझना अधिकांशतः लोगों को पसंद होता है। पर क्या हो? जब ऐसी उलझनों और पहेलियों के मध्य आपका जीवन दाँव पर लगा हो। अर्थात अगर आप इन उलझनों को पार ना कर पायें, तो आप हमेशा-हमेशा के लिये इस मायाजाल में कैद हो जाएं। इस पुस्तक में कुछ मनुष्यों के सामने, कुछ ऐसी ही मुसीबतें खड़ी हैं।ऐसे ही अनगिनत सवालो का जवाब है यह पुस्तक। रहस्य, रोमांच, तिलिस्म और साहसिक कार्यों से भरपूर, एक ऐसा हिंदी कथानक, जो विज्ञान के इस युग में भी ईश्वरीय शक्ति का अहसास दिलाता है।
Tiranga Jhanda
by VirajWritten by Viraj, the book Tiranga Jhanda is based on the tricolor flag on Indian Republic. The book consists of four small plays. In all the four plays the writer tells the readers to give everything for their mother country.
Tisca Ashcharya lok Mein
by Eva BellThe book is about a girl Tiska who reached a forest following a bird and she meet a magician Rararumpa. The magician gives a lot of happiness. She also met with children who were learning to be happy. प्रस्तुत पुस्तक में एक लड़की टिस्का की कहानी है जो एक चिड़िया का पीछा करते हुये जंगल पहुंच जाती है और वहाँ उसकी मुलाकात एक जादूगर रारारूम्पा से होती है जो उसे ढेर सारी खुशियां देता है और फिर उन बच्चों से मिली जो सीख रहे हैं कि कैसे खुश रहना चाहिए।
Tom Aur Shararati Kouvi
by Tanuka Bhaumik Endowयह कहानी टॉम नाम के एक कुत्ते और शरारती कौवी की है। कौवी को उड़ता देखकर कुत्ते का मन होता था कि काश मेरे पंख होते और मैं भी उड़ पाता। क्योंकि कौवी जब भी टॉमी को देखती अपने पंख फड़फड़ाने लगती। इसलिए शरारती कौवी को सबक सिखाने के बारे में सोचा करता था। This story is of a dog named Tom and a naughty crow. The dog had a desire to see the flyer as a flyer and I wish I could fly. Because when Kauvee sees Tommy flapping his wings So the thought of teaching a lesson to the mischievous cowboy.
Treasure Island
by BPI India Pvt LtdA story depicting the thrilling journey of a boy and how he finds treasure on an island.
Trimantra: त्रिमंत्र
by Dada Bhagwanधर्म में तू-तू मैं-मैं से झगड़े होते हैं। इसे दूर करने के लिए यह निष्पक्षपाती त्रिमंत्र है। इस त्रिमंत्र का मूल अर्थ यदि समझे तो उनका किसी भी व्यक्ति या संप्रदाय या पंथ से कोई संबंध नहीं है। आत्मज्ञानी, केवलज्ञानी और निर्वाण प्राप्त करके मोक्षगति प्राप्त करनेवाले उच्च, जागृत आत्माओं को नमस्कार है। जिन्हें नमस्कार करके संसारी विघ्न दूर होते हैं, अडचनों में शांति रहती है और मोक्ष का लक्ष्य बैठना शुरू हो जाता है। आत्मज्ञानी परम पूज्य दादा भगवान ने निष्पक्षपाती त्रिमंत्र प्रदान किया है। इसे सुबह-शाम ५-५ बार उपयोगपूर्वक बोलने को कहा है। इससे सांसारिक कार्य शांतिपूर्वक संपन्न होते हैं। ज़्यादा अडचनों की स्थित में घंटा-घंटाभर बोलें तो सूली का घाव सुई से टल जाएगा। निष्पक्षपाती त्रिमंत्र का शब्दार्थ, भावार्थ और किस प्रकार यहाँ हितकारी हैं, इसका खुलासा दादाश्री ने इस पुस्तक मं दिया है।
Trishuldhari - Devo Aur Asuro Ki Kahaniyan: त्रिशूलधारी: देवों और असुरो की कहानियाँ
by Satyam Srivastavaदेवों और असुरों की एक ऐसी कहानी, जिसमें ध्रुव-लोक नाम के मिथिकीय देश में भगवान् शिव का त्रिशूल रखा है, जिसे सदियों से कोई भी धारण नहीं कर सका है। भविष्यवाणी, शपथ, वरदान और अभिशाप के साथ न्याय, कर्तव्य और प्रेम के बीच एक साहसिक युद्ध की परिस्थितियाँ बन चुकी हैं। शक्तिशाली त्रिशूल को किसने धारण किया? अवश्यंभावी युद्ध में भगवान् विष्णु किसका पक्ष लेंगे? क्या एक सदाचारी अपनी शपथ का पालन करने के लिए अधर्म करेगा? क्या एक निम्नवर्गीय छात्र के साथ अन्याय होगा? क्या एक राजा अपने पुत्र-प्रेम में बँध जाएगा? धर्म का पालन कौन करता है और कौन डगमगा जाता है? एक युद्ध-कथा इस विषय पर कि मनुष्य होने का अर्थ कया होता है! प्रस्तुत पुस्तक आपको इस महागाथा के मूल तक ले जाती है। देवों और असुरों की सेनाएँ अपनी शक्तियों का प्रदर्शन करने के लिए आमने-सामने खड़ी हैं। सभी के प्रारब्ध आपस में टकराने वाले हैं और एक भीषण संग्राम छिड़ने वाला है।
Triveni Competetive Exam
by Acharya Ramachandra Shukla'Triveni' is a collection of three critical essays by Acharya Ramchandra Shukla. Those essays are: 1. Malik Muhammad Jayasi, 2. Mahakavi Surdas and 3. Goswami Tulsidas. Acharya Shukla is known as an outstanding literary writer, critic, essayist and historian of literature. He was also a skilled translator. The paradigms he set for analyzing and evaluating Hindi literature have not been able to progress beyond this.
Tulnatmak Rajniti Avam Rajnitik Sansthayen - Ranchi University, N.P.U: तुलनात्मक राजनीति एवं राजनीतिक संस्थाएं - राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.
by C. B. Genaतुलनात्मक राजनीति एवं राजनीतिक संस्थाएं विषय विशेषकर हिन्दी-भाषी विश्वविद्यालयों में एक उभरता हुआ विषय है। लेखक ने विषय की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए पुस्तक में विभिन्न विषयों को परम्परागत ढांचे से हटकर एक नये रूप में उदाहरणों और रेखाचित्रों की सहायता से सरल व सुबोध शैली में प्रस्तुत किया है। अधिकांश उदाहरण विकासशील राज्यों और विशेषकर दक्षिण एशिया और भारत से लेकर विषय को सुरूचिपूर्ण बनाने का प्रयास किया गया है। प्रत्येक अध्याय में 'विकासशील देशों' और 'साम्यवादी व्यवस्थाओं' के शीर्षकों के अन्तर्गत सम्बन्धित विषय का विश्लेषण पुस्तक को सन्तुलित दृष्टिकोण उपलब्ध कराने में सहायक रहा है। पुस्तक विद्यार्थियों की आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ विषय की गहराई में जाने की सामग्री भी उपलब्ध कराती है। पाठक को जहां-तहां स्वयं के मूल्यांकनात्मक निष्कर्ष निकालने के लिए भी प्रेरित किया गया है। निष्कर्ष यह है कि पुस्तक में हर विषय का आलोचनात्मक एवं विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण से विवेचन करके पाठक को विषय के विभिन्न पक्षों का ज्ञान कराने की व्यवस्था की गई है। प्रस्तुत पुस्तक विभिन्न भारतीय विश्वविद्यालयों के बी.ए. (ऑनर्स) तथा एम. ए. के विद्यार्थियों के लिए लिखी गई है।
Tulnatmak Rajniti Ki Rooprekha
by O. P Guaba‘तुलनात्मक राजनीति की रूपरेखा’ का उद्देश्य विश्वविद्यालय स्तर के छात्र-छात्राओं को तुलनात्मक राजनीति-विश्लेषण की इन नवीनतम प्रवृत्तियों से परिचित कराना है। इसके अंतर्गत तुलनात्मक राजनीति-विश्लेषण के सैद्धांतिक ढांचे की व्याख्या करते हुए उदारवादी, समाजवादी और विकासशील देशों की राजनीतिक प्रणालियों का सामाजिक-आर्थिक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। इसमें तुलनात्मक राजनीति-विश्लेषण के स्वरूप और विकास की चर्चा करते हुए संस्थात्मक उपागम और प्रणाली-विश्लेषण की व्याख्या की गई है। राजनीतिक अर्थ-व्यवस्था उपागम का वेिचन करते हुए उदारवादी और मार्क्सवादी दष्टिकोणों को स्पष्ट किया गया है। उदारवादी प्रणालियों में ब्रिटिश संसदीय प्रणाली और अमरीकी अध्यक्षीय प्रणाली के राजनीतिक ढांचों का विवरण देते हुए इनके सामाजिक-आर्थिक आधार की जांच की गई है। समाजवादी प्रणालियों में राजनीतिक प्रक्रिया के विशेष लक्षणों की पहचान करके सोवियत संघ के पतन के कारणों पर प्रकाश डाला गया है। सोवियत संघ और जनवादी चीन के विकास-मार्गों की विस्तृत समीक्षा की गई है। विकासशील देशों में राजनीतिक अस्थिरता के कारणों और परिणामों पर विचार किया गया है; एकदलीय प्रणाली के उदय और ह्रास की जांच की गई है; अल्पविकास की प्रकृति और कारणों के बारे में उदारवादी और मार्क्सवादी विश्लेषण का सारांश दिया गया है; नव-उपनिवेशवाद के समकालीन रूपों का सर्वेक्षण किया गया है; और संजातीय तनावों के विश्लेषण के लिए विकास दृष्टिकोण और पराश्रितता-दृष्टिकोण की मान्यताओं का विवेचन किया गया है। अंत में ‘पारिभाषिक शब्दावली’ के अंतर्गत महत्त्वपूर्ण पारिभाषिक शब्दों की व्याख्या की गई है। शासन-प्रणालियों के विवरण को यथासंभव संक्षेप में देकर यथार्थ राजनीति के सामाजिक-आर्थिक विश्लेषण पर विशेष ध्यान दिया गया है।