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Bahu Mange Insaaf - Novel: बहू मांगे इंसाफ - उपन्यास

by Ved Prakash Sharma

दहेज सदियों से भारतीय समाज का अभिशाप रहा है और दुर्भाग्य से यह अभी भी युवा दुल्हनों की खुशियों को निगल रहा है और वह दुल्हन बन जाएगा। सत्तर और अस्सी के दशक के दौरान, भारत में दहेज हत्याओं की अधिकता दर्ज की गई थी। ये ऐसे मामले थे जिनमें संबंधित बहू पर उसके ससुराल वालों द्वारा हत्या का संदेह किया गया था क्योंकि उसने अपने लालच को पूरा करने के लिए शादी में पर्याप्त दहेज नहीं लाया था। इनमें से ज्यादातर मौतें रसोई घर में जलने से हुई हैं, क्योंकि शायद बहू के लिए अपने वैवाहिक घर की रसोई में काम करना स्वाभाविक माना जाता है और उसके कपड़े गलती से गैस के चूल्हे की आग को पकड़ नहीं पाते हैं। कुछ असामान्य। और इस प्रकार हत्या करने वाले ससुराल वालों के पास यह साबित करने से बचने का एक अच्छा मौका था कि युवती का जलना केवल एक घरेलू कुप्रथा थी।

Baith Ghoda Pani Pee

by Manoj Sahu 'Nidar'

यह पुस्तक बाल-गीतो का संकलन है। जिनके माध्यम से लेखक ने बच्चो की कल्पनाशीलता, रचनात्मकता एवं भाषा कौशल, को विकसित करने का प्रयास किया है। This book is a compilation of children-songs.Through which the author has tried to develop the imagination, creativity and language skills of the children.

Bal Mahabharat Katha

by National Council Of Educational Research Training

This book prescribed by central board of secondary education, India for the students of class 7th subject Hindi, studying through hindi medium. This accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. The book is handy companion of the school and university students desiring to read facts in interesting way. NCERT books are must read for aspirants of competitive and job related examinations in India.

Bal Mahabharat Katha class 7 - NCERT: बाल महाभारत कथा कक्षा 7 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

बाल महाभारत कथा-कक्षा 7 के लिए हिंदी की पूरक पाठ्यपुस्तक - महाभारत की कथा महर्षि पराशर के कीर्तिमान पुत्र वेद व्यास की देन है। व्यास जी ने महाभारत की यह कथा सबसे पहले अपने पुत्र शुकदेव को कंठस्थ कराई थी और बाद में अपने दूसरे शिष्यों को । मानव-जाति में महाभारत की कथा का प्रसार महर्षि वैशंपायन के द्वारा हुआ। वैशंपायन व्यास जी के प्रमुख शिष्य थे। ऐसा माना जाता है कि महाराजा परीक्षित के पुत्र जनमेजय ने एक बड़ा यज्ञ किया। इस महायज्ञ में सुप्रसिद्ध पौराणिक सूत जी भी मौजूद थे। सूत जी ने समस्त ऋषियों की एक सभा बुलाई। महर्षि शौनक इस सभा के अध्यक्ष हुए। एन.सी.ई.आर.टी. इस पुस्तक की रचना के लिए बनाई गई पाठ्यपुस्तक निर्माण समिति के परिश्रम के लिए कृतज्ञता व्यक्त करती है।

Bal Mahabharat Katha class 7 - NCERT - 23: बाल महाभारत कथा ७वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

बाल महाभारत कथा चक्रवर्ती राजगोपालाचार्य की महाभारत कथा का संक्षिप्त रूप कक्षा 7 के लिए हिंदी की पूरक पाठ्यपुस्तक - महाभारत की कथा महर्षि पराशर के कीर्तिमान पुत्र वेद व्यास की देन है। व्यास जी ने महाभारत की यह कथा सबसे पहले अपने पुत्र शुकदेव को कंठस्थ कराई थी और बाद में अपने दूसरे शिष्यों को । मानव-जाति में महाभारत की कथा का प्रसार महर्षि वैशंपायन के द्वारा हुआ। वैशंपायन व्यास जी के प्रमुख शिष्य थे। ऐसा माना जाता है कि महाराजा परीक्षित के पुत्र जनमेजय ने एक बड़ा यज्ञ किया। इस महायज्ञ में सुप्रसिद्ध पौराणिक सूत जी भी मौजूद थे। सूत जी ने समस्त ऋषियों की एक सभा बुलाई। महर्षि शौनक इस सभा के अध्यक्ष हुए। एन. सी. ई. आर. टी. इस पुस्तक की रचना के लिए बनाई गई पाठ्यपुस्तक निर्माण समिति के परिश्रम के लिए कृतज्ञता व्यक्त करती है।

Bal Ram Katha class 6 - NCERT - 23: बाल राम कथा ६वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

बाल राम कथा के अध्यायों में भगवान राम के जीवन में घटित सभी महत्वपूर्ण घटनाओं का विवरण दिया गया है, जिसमें उनके वन निष्कासन से लेकर रावण के साथ युद्ध और अयोध्या में उनके राज्याभिषेक तक शामिल हैं। छात्र इन महत्वपूर्ण प्रश्नों से भगवान राम के बारे में बहुत सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। प्रश्न और उत्तर उन्हें अध्यायों की गहरी और अधिक विस्तृत समझ प्रदान करते हैं। वे प्रश्नों का अभ्यास कर सकते हैं और अपनी तैयारी की रणनीति को बढ़ावा दे सकते हैं। चूंकि बाल राम कथा पुस्तक में 12 अध्याय हैं, इसलिए छात्रों के लिए सभी अध्यायों पर समान ध्यान देना महत्वपूर्ण है। वेदांतु के महत्वपूर्ण प्रश्न छात्रों को पूरी किताब को बार-बार पढ़े बिना अभ्यास करने की अनुमति देकर मदद करते हैं। वे अपनी अंतिम परीक्षाओं में आमतौर पर पूछे जाने वाले कुछ प्रश्नों का पता लगाने के लिए प्रश्नों का अध्ययन भी कर सकते हैं। जब परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने की बात आती है तो यह कुछ ऐसा है जो उन्हें बहुत मदद करेगा।

Balayogi Astavakra

by Bhartendu Mishra

बालयोगी अष्टावक्र अपने-आप में भारतीय संस्कृति का एक महत्त्वपूर्ण पात्र है। अष्टावक्र गीता पढ़ते समय मैं बार-बार अष्टावक्र के विषय में कल्पनाएँ करता रहा। कुछ किंवदंतियाँ अष्टावक्र के जीवन के विषय में अवश्य मिलती हैं, किंतु उनके जीवन के विषय में विस्तार से कोई प्रामाणिक कथा नहीं मिलती।

Banbhatt Ki Aatmakatha: बाणभट्ट की आत्मकथा

by Hazari Prasad Dwivedi

आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी की विपुल रचना-सामर्थ्य का रहस्य उनके विशद शास्त्रीय ज्ञान में नहीं, बल्कि उस पारदर्शी जीवन-दृष्टि में निहित है, जो युग का नहीं युग-युग का सत्य देखती है। उनकी प्रतिभा ने इतिहास का उपयोग ‘तीसरी आँख’ के रूप में किया है और अतीत-कालीन चेतना-प्रवाह को वर्तमान जीवनधारा से जोड़ पाने में वह आश्चर्यजनक रूप से सफल हुई है। बाणभट्ट की आत्मकथा अपनी समस्त औपन्यासिक संरचना और भंगिमा में कथा-कृति होते हुए भी महाकाव्यत्व की गरिमा से पूर्ण है। इसमें द्विवेदी जी ने प्राचीन कवि बाण के बिखरे जीवन-सूत्रों को बड़ी कलात्मकता से गूँथकर एक ऐसी कथाभूमि निर्मित की है जो जीवन-सत्यों से रसमय साक्षात्कार कराती है। इसमें वह वाणी मुखरित है जो सामगान के समान पवित्रा और अर्थपूर्ण है-‘सत्य के लिए किसी से न डरना, गुरु से भी नहीं, मंत्रा से भी नहीं; लोक से भी नहीं, वेद से भी नहीं।’ बाणभट्ट की आत्मकथा का कथानायक कोरा भावुक कवि नहीं वरन कर्मनिरत और संघर्षशील जीवन-योद्धा है। उसके लिए ‘शरीर केवल भार नहीं, मिट्टी का ढेला नहीं’, बल्कि ‘उससे बड़ा’ है और उसके मन में आर्यावर्त्त के उद्धार का निमित्त बनने की तीव्र बेचैनी है। ‘अपने को निःशेष भाव से दे देने’ में जीवन की सार्थकता देखने वाली निउनिया और ‘सबकुछ भूल जाने की साधना’ में लीन महादेवी भट्टिनी के प्रति उसका प्रेम जब उच्चता का वरण कर लेता है तो यही गूँज अंत में रह जाती हैद-‘‘वैराग्य क्या इतनी बड़ी चीज है कि प्रेम देवता को उसकी नयनाग्नि में भस्म कराके ही कवि गौरव का अनुभव करे?’’

Bapu Ka Balidan Hamare Liye Khuli Chunauti Hai

by Naveen Narayan Agarwal

This book tells how, when and where Mahatma Gandhi was murdered and what was behind his murder.

Barish Ka Ek Din

by Jacky Jaknore

‘बारिश का एक दिन’एक लड़की की कहानी है। बारिश की आवाज सुनकर छोटी लड़की नींद से जागती है। चारों तरफ भरे हुए पानी को देखकर डर जाती है। मां के कहने पर रस्‍सी को पकड़कर सुरक्षित जगह पर पहुंच जाती है और दूसरों के सामान की भी सुरक्षा करती है।‘Barish ka Ek Din'is the story of a girl. The little girl wakes from sleep to hear the sound of rain. Water is all around her. She is very scared. At the behest of the mother, holding the rope she reaches at a safe place. She also helps others to protect their goods.

Beauty Aur Beast

by BPI India Pvt Ltd

A story of a Beast and a Beautiful girl.

Beticket Muzrim Se Arabpati Banne Ki Kahani: बेटिकट मुजरिम से अरबपति बनने की कहानी

by Rajiv Singh

एक वास्तविक समयकाल के समांतर राजनीतिक और आर्थिक-सामाजिक परिदृश्य में स्थित यह उपन्यास, सपने की शक्ति, विश्वास की शक्ति और प्यार की शक्ति की असाधारण कहानी है। यह कहानी है गाँव के एक वंचित लड़के की, जिससे उसके सपने पूरे करने का प्रत्येक अवसर छीन लिया जाता है, लेकिन जीवन में अनेक मुश्किलों का सामना करते हुए भी वह अपने सपने का पीछा करना नहीं छोड़ता। वर्ष 1978 में उत्तर प्रदेश के एक पिछड़े गाँव में जिला कलेक्टर का दौरा गरीब, श्रमिक परिवार के ग्यारह वर्षीय गोदना को आई.ए.एस. अफसर बनने के लिए प्रेरित करता है। क्या वह अपना सपना पूरा कर पाता है या परिस्थितियों के आगे हार मान लेता है? या फिर वह और अधिक ऊँचाइयाँ प्राप्त कर लेता है? क्या जाति आधारित आरक्षण नीतियों से उसे मदद मिलती है? क्या जाति आधारित राजनीति उसे आकर्षित कर पाती है? क्या वह अपने खिलाफ चली गईं चतुर ‘कॉरपोरेट चालों और साजिशों का सामना कर पाता है?

Bhagat Singh Aur Unke Sathiyon Ke Dastavez: भगतसिंह और उनके साथियों के दस्तावेज

by Jagmohan Singh Chaman Lal

भगत सिंह की विचारधारा और उनकी क्रान्तिकारिता के ज्वलन्त प्रमाण जिन लेखों और दस्तावेजों में दर्ज हैं, वे आज भी पूर्ववत् प्रासंगिक हैं, क्योंकि 'इस' आजादी के बाद भी भारतीय समाज उस आजादी से वंचित है, जिसके लिए उन्होंने और उनके असंख्य साथियों ने बलिदान दिया था। हिन्दी में पहली बार प्रकाशित यह कृति भगत सिंह के भावनाशील पत्रों, विचारोत्तेजक लेखों, ऐतिहासिक दस्तावेजों, वक्तव्यों तथा उनके साथियों और पूर्ववर्ती शहीदों की कलम से निकले महत्वपूर्ण विचारों की ऐसी प्रस्तुति है जो वर्तमान सामाजिक, राजनीतिक स्थितियों की बुनियादी पड़ताल करने में हमारी दूर तक मदद करती है। यह पुस्तक भगत सिंह की विचारधारात्मक भूमिका की समग्रतः हमारे सामने रखती है।

Bhagini Rajyasri

by Surendra Tiwari

‘भगिनी राज्यश्री’ विश्व प्रसिद्ध सम्राट हर्षवर्द्धन और उनकी बहन राज्यश्री के जीवन से जुड़ी घटनाओं पर आधारित उपन्यास है। सीधी, सरल और सहज भाषा में लिखा गया यह उपन्यास निश्चित रूप से किशोर-वय के लिए मनोरंजक और प्रेरणादायक है।रने की दृष्टि से बेहद उपयोगी है।

Bhagwat Geeta: भगवत गीता

by Satyanandji Maharaj Sraswati

भगवत गीता.

Bhagya Twister: भाग्य ट्विस्टर

by Owen Jones

वेन का जन्म उत्तरी वेल्स के एक सुदूर खेत में एक जंगली, तूफानी रात में हुआ था। परिवार चाहता था कि उसकी डिलीवरी अस्पताल में हो क्योंकि वह बड़ा होने वाला था और ग्विनेड का पहला बच्चा था, लेकिन उसकी माँ और दादी रियानोन ने सोचा कि यह बहुत खतरनाक हो सकता है। परिवार की बाइबिल के अनुसार, उनके सभी परिवार 324 वर्षों के लिए फार्म, द ड्रैगन्स गार्डन में पैदा हुए थे - और वे सभी या तो चुड़ैल या जादूगर थे...

Bharat 2015

by Rajendra Bhatta Remi Kumari Bhuvnesh

This is an annual publication by Govt. of India giving details of the development in the field of urban development, Industry, art and culture, economy, health, education etc. The information provided are authenticated by Govt. and is important for researches and educationists. Civil service aspirants find this publication to be one of the most desired peace of information for the examination.

Bharat Aur Samkalin Vishv 2 class 10 - NCERT: भारत और समकालीन विश्व 2 10वीं कक्षा - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भारत और समकालीन विश्व 2 कक्षा 10वीं का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में पहले दो अध्यायों (खंड 1) में इसी इतिहास को समझने की कोशिश की गई है। खंड II में हम अर्थव्यवस्थाओं और आजीविकाओं पर विचार करेंगे। पिछले साल आपने चरवाहों और वनवासियों के बारे में पढ़ा था, जिन्हें बीते ज़माने के अवशेषों की तरह देखा जाता है जबकि वास्तव में वे इसी आधुनिक दुनिया का हिस्सा हैं। खंड III में आप मुद्रण संस्कृति के इतिहास को पढ़ेंगे। छपी हुई चीजों से घिरे हुए हम लोगों को यह कल्पना करना भी मुश्किल दिखाई पड़ सकता है कि एक जमाने में प्रिंटिंग जैसी चीज होती ही नहीं थी।

Bharat Aur Samkalin vishwa-2

by National Council Of Educational Research Training

This book prescribed by central board of secondary education, India for the students of class 10th subject Social Science, studying through hindi medium. This accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. The book is handy companion of the school and university students desiring to read facts in interesting way. NCERT books are must read for aspirants of competitive and job related examinations in India.

Bharat Aur Samkalin Vishwa Bhag - 1

by National Council Of Educational Research Training

This book prescribed by central board of secondary education, India for the students of class 9th subject Social Science, studying through hindi medium. This accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. The book is handy companion of the school and university students desiring to read facts in interesting way. NCERT books are must read for aspirants of competitive and job related examinations in India.

Bharat Aur Samkalin Vishwa Bhag-1 class 9 - Himachal Pradesh Board: भारत और समकालीन विश्व भाग-१ कक्षा ९ - हिमाचल प्रदेश बोर्ड

by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshala

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 10 के लिए "सामाजिक विज्ञान भारत और समकालीन विश्व-1" का डिजिटल संस्करण, 2013 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। इस किताब के खंड 1 में कुछ ऐसी घटनाओं और प्रक्रियाओं पर ध्यान दिया गया है जो आधुनिक विश्व को समझने की दृष्टि से काफ़ी महत्त्वपूर्ण हैं। इस साल खंड में आप फ्रांसीसी क्रांति, रूसी क्रांति और नात्सीवाद के बारे में पढ़ेंगे। खंड 2 में नाटकीय घटनाओं पर दृष्टिपात करते हुए हम लोगों के जीवन की सामान्य बातों - उनकी आर्थिक गतिविधियों और आजीविका के स्वरूप - तक जाएंगे। इस हिस्से में आप देखेंगे कि जनजातीय समुदायों और चरवाहों के लिए समकालीन विश्व का क्या मतलब रहा है; उन्होंने इन बदलावों का सामना किस तरह किया और उन्हें किस तरह प्रभावित किया।

Bharat Aur Samkalin Vishwa Bhag-1 class 9 - JCERT: भारत और समकालीन विश्व भाग-१ ९वीं कक्षा - जेसीईआरटी

by Jharkhand Shakshuka Anusandhan Evam Prashikshan Parishad Ranchi

भारत और समकालीन विश्व - 1 (कक्षा 9) की पुस्तक का उद्देश्य इतिहास के माध्यम से यह समझना है कि आधुनिक विश्व किस प्रकार विकसित हुआ। इसमें बताया गया है कि हमारे चारों ओर जो परिवर्तन हो रहे हैं, वे इतिहास की लंबी घटनाओं और प्रक्रियाओं का परिणाम हैं। पुस्तक में विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं पर चर्चा की गई है, जो आधुनिक समाजों और अर्थव्यवस्थाओं को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं। पुस्तक दो खंडों में विभाजित है। पहले खंड में ऐतिहासिक घटनाओं और क्रांतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जैसे कि फ्रांसीसी क्रांति, रूसी क्रांति, और नात्सीवाद का उदय। ये घटनाएँ केवल एक देश तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उन्होंने वैश्विक स्तर पर समाज और राजनीति को प्रभावित किया। फ्रांसीसी क्रांति ने समानता, स्वतंत्रता और भाईचारे के विचारों को जन्म दिया, जो बाद में दुनिया भर में लोकतांत्रिक आंदोलनों के प्रेरणास्रोत बने। इसी तरह, रूसी क्रांति ने समाजवाद के विचार को जन-मानस में स्थापित किया और कई देशों के उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलनों को प्रेरित किया। दूसरे खंड में लोगों के जीवन और उनकी आजीविका पर ध्यान दिया गया है। इसमें आदिवासी समुदायों और घुमंतू चरवाहों जैसे समाजों पर औपनिवेशिक शासन और आधुनिक आर्थिक बदलावों का प्रभाव दिखाया गया है। इस खंड में बताया गया है कि कैसे आधुनिकता केवल बड़े शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि ग्रामीण और आदिवासी समाजों में भी आई। यह खंड उन सामाजिक समूहों का इतिहास प्रस्तुत करता है जो पारंपरिक रूप से इतिहास की मुख्य धारा से बाहर रखे जाते हैं। यह पुस्तक केवल घटनाओं का वर्णन नहीं करती, बल्कि उन सामाजिक और आर्थिक प्रक्रियाओं को भी उजागर करती है, जिन्होंने आज के समकालीन विश्व का निर्माण किया है।

Bharat Aur Samkalin Vishwa Bhag-1 class 9 - NCERT - 23: भारत और समकालीन विश्व भाग 1 कक्षा 9 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भारत और समकालीन विश्व भाग 1 कक्षा 9वीं का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में दो खंड है, खंड 1 में कुछ ऐसी घटनाओं और प्रक्रियाओं पर ध्यान दिया गया है जो आधुनिक विश्व को समझने की दृष्टि से काफ़ी महत्त्वपूर्ण हैं। खंड 2 में नाटकीय घटनाओं पर दृष्टिपात करते हुए हम लोगों के जीवन की सामान्य बातों - उनकी आर्थिक गतिविधियों और आजीविका के स्वरूप - तक जाएंगे। इस हिस्से में आप देखेंगे कि जनजातीय समुदायों और चरवाहों के लिए समकालीन विश्व का क्या मतलब रहा है; उन्होंने इन बदलावों का सामना किस तरह किया और उन्हें किस तरह प्रभावित किया। अगले साल आप औद्योगीकरण और शहरीकरण, पूँजीवाद और उपनिवेशाद के बारे में और विस्तार से जानेंगे।

Bharat Aur Samkalin Vishwa Bhag-2 class 10 - Himachal Pradesh Board: भारत और समकालीन विश्व भाग-२ कक्षा १० - हिमाचल प्रदेश बोर्ड

by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshala

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 10 के लिए "सामाजिक विज्ञान भारत और समकालीन विश्व-2" का डिजिटल संस्करण, 2013 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। इस पुस्तक के पहले दो अध्यायों (खंड 1) में इसी इतिहास को समझने की कोशिश की गई है। यहाँ किस तरह यूरोप में राष्ट्रवाद का विचार उपजा, किस तरह भूभागों को एकजुट किया गया और राष्ट्रीय सरकारें बनाई गईं। यह दशकों तक चलने वाली प्रक्रिया थी जिसमें बहुत सारे युद्ध और क्रांतियाँ हुई, बहुत सारे वैचारिक संघर्ष और राजनीतिक टकराव हुए। यूरोप की चर्चा (अध्याय 1) से हम अपना ध्यान भारत (अध्याय 2) में राष्ट्रवाद के विकास पर केंद्रित करेंगे, जहाँ राष्ट्रवाद का स्वरूप उपनिवेशवाद तथा साम्राज्यवाद विरोधी आंदोलनों से तय हुआ था। खंड 2 में हम अर्थव्यवस्थाओं और आजीविकाओं पर विचार करेंगे। पिछले साल आपने चरवाहों और वनवासियों के बारे में पढ़ा था, जिन्हें बीते ज़माने के अवशेषों की तरह देखा जाता है जबकि वास्तव में वे इसी आधुनिक दुनिया का हिस्सा हैं जिसमें हम रहते हैं। इस साल हम उन घटनाओं पर विचार करेंगे जिन्हें आधुनिकता का प्रतीक माना जाता है- वैश्वीकरण और औद्योगीकरण। इस भाग में हम इन बदलावों के इतिहास के विविध आयामों की पड़ताल करेंगे। अध्याय 4 में आप देखेंगे कि किस तरह भूमंडलीकृत विश्व एक लंबे और जटिल इतिहास से उपजा है। प्राचीन काल से ही तीर्थयात्री, व्यापारी, मुसाफिर अपने साथ सामानों, जानकारियों और दक्षताओं को लिए दूर-दूर तक जाते रहे हैं। खंड 3 में आप मुद्रण संस्कृति के इतिहास को पढ़ेंगे। छपी हुई चीजों से घिरे हुए हम लोगों को यह कल्पना करना भी मुश्किल दिखाई पड़ सकता है कि एक जमाने में प्रिंटिंग जैसी चीज होती ही नहीं थी। अध्याय 5 में इस बात पर विचार किया गया है कि किस तरह समकालीन दुनिया का इतिहास छपाई तकनीक के विकास के साथ अभिन्न रूप से जुड़ा रहा है। वहाँ आप देखेंगे कि छपाई ने सूचनाओं और विचारों, बहसों और चर्चाओं, विज्ञापन और प्रचार तथा नाना प्रकार के नए साहित्य के प्रसार को किस तरह संभव बनाया है।

Bharat Aur Samkalin Vishwa Bhag-2 class 10 - JCERT: भारत और समकालीन विश्व भाग-२ १०वीं कक्षा - जेसीईआरटी

by Jharkhand Shaikshik Anusandhan Evam Prashikshan Parishad Ranchi

"भारत और समकालीन विश्व - 2" (कक्षा 10) झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् द्वारा प्रकाशित है और इसमें आधुनिक इतिहास के महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है। इसमें राष्ट्रवाद के उदय, उपनिवेशवाद, और वैश्विक स्तर पर सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों पर विस्तार से चर्चा की गई है। पुस्तक के पहले खंड में यूरोप में राष्ट्रवाद के उदय को समझाया गया है, जहाँ 19वीं सदी के दौरान राष्ट्र-राज्यों की अवधारणा विकसित हुई। फ्रांसीसी क्रांति के बाद, यूरोप में राजनीतिक और सामाजिक विचारों में बड़ा बदलाव आया, जिसने राष्ट्रवाद को एक प्रमुख ताकत बना दिया। यूरोप में सत्ता संघर्ष, क्रांतियाँ और स्वतंत्रता की आकांक्षाएँ नए राष्ट्रों के निर्माण की प्रक्रिया को तेज करती रहीं। पुस्तक का दूसरा खंड जीविका, अर्थव्यवस्था और समाज पर केंद्रित है। इसमें वैश्वीकरण और औद्योगीकरण के इतिहास को विस्तार से बताया गया है, जहाँ वैश्विक व्यापारिक नेटवर्क, संसाधनों का शोषण और उपनिवेशों में श्रमिकों के संघर्ष पर चर्चा की गई है। तीसरे खंड में मुद्रण संस्कृति के विकास का उल्लेख है, जिसने विचारों के प्रसार, समाज में जागरूकता और राजनीतिक आंदोलनों को गति दी। मुद्रण तकनीक ने न केवल साहित्य और पत्रकारिता को बढ़ावा दिया, बल्कि राजनीतिक चेतना और राष्ट्रवादी विचारधारा को जन-जन तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कुल मिलाकर, यह पुस्तक छात्रों को आधुनिक इतिहास के महत्वपूर्ण घटनाओं और प्रक्रियाओं को समझने में मदद करती है और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तनों का व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करती है।

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