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Drishti Paryavaran Evam Paristhithiki Competitive Exam

by Indic Trust

Significantly, it is possible to achieve success for a deep understanding of general studies in the initial examination. It has been confirmed recently I.A.S. 2018 Can be done from the initial examination paper. There is not even a single book in Hindi for a very long time on the ecological ecology that resolves all the complications.

Drishti Prasan Sangrah Competitive Exam

by Indic Trust

This book is a collections long type questions for the prepration of IAS MAINS exams.

Drishti Report Competitive Exam

by Indic Trust

It is important that the year 2013 Came in I.A.S. Major changes were made in the course of the course. I.A.S. Various State Public Service Commissions have also adopted this change course of change with greater change. syllabus The effect of this change was that the weightage of the general study in the main examination was not only the union ,But different State Public Service Commissions also increased. Therefore, it is now necessary for success in these examinations Candidates holding on the subject of general study will be strong.

Drishti Samanya Vigyan - Competitive Exam - NCERT

by Indic Trust

As you may know, it is necessary to have a basic understanding of the subject for success in any exam. The best way to do this is that the subject's VI From XII Upto N.C.E.RT have study carefully.

Drishti To The Point Competitive Exam

by Indic Trust

Notable that year 2013 Came in I.A.S. Major changes were made in the main (main) examination. Before main Two papers of General Studies in Examination ( 300-300 Points were used) , While presently number four ( 250-250 Digit). It is clear that the role of general study in the main examination is very important today. only one Due to being an optional subject, it has been further strengthened that the success of the main exam in general study It is not possible without bringing better points. The year 2013 After the tendency of questions in general examinations in general examinations Think of it, it is clear that most of these questions have been based on current affairs.

Drishtikon: दृष्टिकोण

by Lal Krishna Advani

श्री लालकृष्ण आडवाणी के ब्लॉग सभी आयु वर्ग के पाठकों के लिए प्रासंगिक हैं। जहाँ उनके समकालीनों के लिए इनमें पुरानी स्मृतियाँ हैं, वहीं देश के भविष्य को आकार देने के लिए बेचैन युवाओं के लिए इतिहास संबंधी अंतर्दृष्टि है। वे सरदार पटेल जैसे नेताओं के दौर की उथल-पुथल तथा आधुनिक भारत के निर्माण में उनके विशिष्ट योगदान की जानकारी देते हैं। आडवाणीजी के ब्लॉग दोहरे उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं, इनमें अतीत की झलक है और ये भारतीयों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। ये ब्लॉग दो युगों का मेल कराते हैं—पहला युग वह है, जिससे स्वयं आडवाणी संबंधित हैं, और दूसरा वह, जिसमें वे मार्गदर्शक की भूमिका में हैं। आडवाणी एक प्रभावशाली राजनेता रहे हैं। दशकों लंबे राजनीतिक जीवन में श्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ अहम भूमिका निभाते हुए उन्होंने न केवल भारतीय जनता पार्टी का गठन किया, बल्कि उसका उत्तरोत्तर विकास भी किया। अगर भाजपा आज राष्ट्रीय स्तर पर जानी-पहचानी जाती है, तो उसका श्रेय अटल-आडवाणी की विचारदृष्टि को है, जिन्होंने इसे हाशिए से उठाकर केंद्रीय भूमिका में पहुँचाया। उन्होंने धर्मनिरपेक्षता को पुनर्परिभाषित किया। सोमनाथ से अयोध्या की उनकी ऐतिहासिक यात्रा के कारण देश को धर्मनिरपेक्षता को फिर से परिभाषित करने तथा विरोधियों द्वारा समर्थित छद्म-धर्मनिरपेक्षता से इसे भिन्न समझने पर विवश होना पड़ा। आडवाणी का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण योगदान सार्वजनिक जीवन में उच्च मानदंड स्थापित करने और उनका अनुपालन करने का प्रबल आग्रह है। उन्होंने सदैव राजनीतिक शुचिता और पारदर्शिता की हिमायत की है। आडवाणीजी के ब्लॉग की ताकत उनके व्यक्तित्व की तरह प्रत्यक्ष, निर्भीक और स्पष्टवादी है। वे किसी मुद्दे को दबाने या हलका करने का प्रयत्न नहीं करते। वे तथ्यों को बढ़ा-चढ़ाकर बताने का प्रयास नहीं करते, बल्कि बिलकुल वास्तविक रूप में पेश करते हैं। उनका लेखन उनके मन की तरह स्वच्छ है। उनके ब्लॉग अनेक व्यापक विषयों पर केंद्रित हैं : इतिहास, राजनीति, पुस्तकें, और भी बहुत कुछ। भारतीय राजनीतिक भविष्य में दिलचस्पी रखने वाले लोगों के लिए आडवाणी के ब्लॉग बहुत प्रभावशाली मार्गदर्शक की भूमिका निभा सकते हैं; अन्य पाठकों के लिए भी ये ब्लॉग बहुत दिलचस्प और पठनीय हैं।

Duniya Meri Jeb Mein: दुनिया मेरी जेब में

by James Hadley Chase Kanwal Sharma

जेम्स हैडली चेज़ का उपन्यास "दुनिया मेरी जेब में" (The World in My Pocket) एक रोमांचक अपराध कथा है। कहानी एक साहसी चोर और उसके साथियों की है, जो एक बड़ी बैंक लूटने की योजना बनाते हैं। यह योजना जटिल और जोखिम भरी है, जिसमें हर कदम पर सावधानी बरतनी पड़ती है। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, उनके बीच विश्वासघात, धोखा और लालच के कारण मुश्किलें बढ़ती जाती हैं। चेज़ की लेखनी चरित्र चित्रण और घटनाओं के विस्तार में निहित है, जिससे पाठक अंत तक बंधा रहता है। "दुनिया मेरी जेब में" एक क्लासिक अपराध कथा है जो रहस्य और रोमांच के शौकीनों के लिए बेहद आकर्षक है।

Durva Bhag 1 class 6 - Goa Board: दूर्वा भाग 1 कक्षा 6 - गोवा बोर्ड

by Shikshan Sanchalnalay Goa Sarkar Panaji Goa

कक्षा छह के लिए तैयार की गई दूर्वा भाग-1 पाठपुस्तक है। इस पाठ्यपुस्तक में पाठों की संरचनाएँ पूर्वनिर्धारित और अभिक्रमिक हैं। जिन पाठों में जो संरचनाएँ शिक्षण बिंदु के रूप में प्रमुखतः निर्धारित की गई हैं, उन्हें ही पाठ में स्वभाविक ढंग से उभारने का प्रयास किया गया है। पाठों के साथ लिखित और मौखिक अभ्यास दिए गए हैं। मानक हिंदी वर्णमाला, बारहखड़ी एवं संयुक्ताक्षरों के विभिन्न रूपों को वर्गीकृत करके प्रस्तुत किया गया है। अधिगम की दृष्टि से कठिन माने जानेवाले संयुक्त वर्णों तथा र के तीन रूपों को नवें, दसवें और ग्यारहवें पाठ में सिखाया गया है। पाठ के अभ्यासों में व्याकरणिक भाषा-अभ्यास के बदले भाषा संबंधी सहज प्रयोगों को रखा गया है। बातचीत में प्रयुक्त होनेवाले भाषा-अवयवों, जैसे–'हाँ-नहीं' आदि के अंतर को प्रश्नोत्तर के रूप में बताया गया है। पाठों का संयोजन इस प्रकार किया गया है जिससे विद्यार्थी हिंदी के विभिन्न भाषा रूपों से परिचित हो सकें, पत्र-लेखन के विभिन्न पहलुओं को सिखलाने के लिए अलग से एक पाठ दिया गया है। शब्द और वस्तु से परिचय के साथ शब्द-लेखन करवाने के लिए चित्रों से शब्दों का मिलान करने तथा खाली स्थान भरने संबंधी वर्ग पहेली सरीखे अभ्यास दिए गए हैं ।

Durva Bhag-1 class 6 - NCERT - 23: दूर्वा भाग १ ६वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

यह पुस्तकमाला कक्षा छह से आठ तक के स्तरों पर द्वितीय भाषा के रूप में हिंदी शिक्षण करने वाले हिंदीतर क्षेत्रों के जवाहर नवोदय विद्यालय सहित सभी विद्यालयों के लिए निर्मित की गई है। कक्षा छह के लिए तैयार की गई दूर्वा भाग-1 की कुछ विशेषताएँ इस प्रकार हैं- इस पुस्तक में भाषा शिक्षण के लिए सर्वप्रथम चित्र के माध्यम से शब्द परिचय करवाया गया है। इसी के साथ लिपि की संरचना और शब्द के उच्चारण को भी विद्यार्थी जान सकता है। इससे सुनने, बोलने और पढ़ने की क्षमता विकसित हो सकेगी। विद्यार्थियों में सुनने, समझने और बोलने की क्षमता को सशक्त बनाने के लिए प्रारंभ में मौखिक पाठों के साथ ग्यारह पाठ दिए गए हैं। इनमें बारंबारता (फ्रीक्वेंसी) की प्रक्रिया अपनाई गई है, ताकि सिखाई जानेवाली भाषा से विद्यार्थी का परिचय उत्तरोत्तर बढ़ सके। बलाघात, अनुतान आदि उच्चारण संबंधी विशेषताओं को सिखलाने के लिए पाठों में वार्तालाप अधिक रखे गए हैं। पाठों की संरचनाएँ पूर्वनिर्धारित और अभिक्रमिक हैं। जिन पाठों में जो संरचनाएँ शिक्षण बिंदु के रूप में प्रमुखतः निर्धारित की गई हैं, उन्हें ही पाठ में स्वभाविक ढंग से उभारने का प्रयास किया गया है, ताकि विद्यार्थी हिंदी भाषा की संरचना से परिचित हो सके, साथ ही अपनी ज्ञात भाषा और हिंदी की संरचनाओं की समानता तथा उनके अंतर की पहचान भी कर सके।

Durva Bhag 2 class 7 - Goa Board: दूर्वा भाग 2 कक्षा 7 - गोवा बोर्ड

by Shikshan Sanchalnalay Panaji Goa

दूर्वा भाग-2 कक्षा 7 के लिए हिंदी की पाठ्यपुस्तक है। यह किताब राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (2005) के आधार पर तैयार किए गए पाठ्यक्रम पर आधारित है। यह पारंपरिक भाषा-शिक्षण की सभी सीमाओं से आगे जाती है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की नयी रूपरेखा भाषा को बच्चे के व्यक्तित्व का सबसे समृद्ध संसाधन मानते हुए उसे पाठ्यक्रम के हर विषय से जोड़कर देखती है। भाषा की शिक्षा मातृभाषा से प्रभावित मात्र ही नहीं होती बल्कि वह द्वितीय भाषा कौशल की समृद्धि में भी लाभप्रद और सहायक सिद्ध होती है। इसी को ध्यान में रखकर विद्यार्थियों के हिंदी की सामान्य संरचनाओं की जानकारी को धीरे-धीरे उसकी विशिष्ट और विपुल संरचनाओं की जानकारी से जोड़ने की कोशिश इसमें की गई है। इसमें यथासंभव सहज और सरल भाषिक संरचनाओं वाले सरस और रोचक पाठों का चयन किया गया है। पाठों के चयन में हिंदी के महत्त्वपूर्ण रचनाकारों की बाल रचनाओं को शामिल कर द्वितीय भाषा के रूप में हिंदी पढ़ने-पढ़ानेवालों को हिंदी की समृद्ध साहित्य परंपरा के प्रति रुचि बढ़ाने की भी कोशिश है। पाठों की भाषा और विषयवस्तु न, केवल महत्त्वपूर्ण है बल्कि अन्य विषयों के ज्ञान को भी अपने में समेटे हुए है, जो विद्यार्थियों की भाषा और साहित्य को पढ़ने-समझने और जानने-बताने की रुचि को बढ़ाने में सहायक होगी।

Durva Bhag 2 class 7 - NCERT: दूर्वा भाग 2 कक्षा 7 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

दूर्वा भाग 2 कक्षा 7 के लिए हिंदी की पाठ्यपुस्तक-द्वितीय भाषा - यह किताब राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (2005) के आधार पर तैयार किए गए पाठ्यक्रम पर आधारित है। यह पारंपरिक भाषा-शिक्षण की सभी सीमाओं से आगे जाती है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की नयी रूपरेखा भाषा को बच्चे के व्यक्तित्व का सबसे समृद्ध संसाधन मानते हुए उसे पाठ्यक्रम के हर विषय से जोड़कर देखती है। भाषा की शिक्षा मातृभाषा से प्रभावित मात्र ही नहीं होती बल्कि वह द्वितीय भाषा कौशल की समृद्धि में भी लाभप्रद और सहायक सिद्ध होती है। इसी को ध्यान में रखकर विद्यार्थियों के हिंदी की सामान्य संरचनाओं की जानकारी को धीरे-धीरे उसकी विशिष्ट और विपुल संरचनाओं की जानकारी से जोड़ने की कोशिश इसमें की गई है। इसमें यथासंभव सहज और सरल भाषिक संरचनाओं वाले सरस और रोचक पाठों का चयन किया गया है। पाठों के चयन में हिंदी के महत्त्वपूर्ण रचनाकारों की बाल रचनाओं को शामिल कर द्वितीय भाषा के रूप में हिंदी पढ़ने-पढ़ानेवालों को हिंदी की समृद्ध साहित्य परंपरा के प्रति रुचि बढ़ाने की भी कोशिश है। पाठों की भाषा और विषयवस्तु न केवल महत्त्वपूर्ण है बल्कि अन्य विषयों के ज्ञान को भी अपने में समेटे हुए है, जो विद्यार्थियों की भाषा और साहित्य को पढ़ने-समझने और जानने-बताने की रुचि को बढ़ाने में सहायक होगी।

Durva Bhag-2 class 7 - NCERT - 23: दूर्वा भाग-२ ७वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

दूर्वा भाग 2 कक्षा 7 के लिए हिंदी की पाठ्यपुस्तक-द्वितीय भाषा - यह किताब राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (2005) के आधार पर तैयार किए गए पाठ्यक्रम पर आधारित है। यह पारंपरिक भाषा-शिक्षण की सभी सीमाओं से आगे जाती है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की नयी रूपरेखा भाषा को बच्चे के व्यक्तित्व का सबसे समृद्ध संसाधन मानते हुए उसे पाठ्यक्रम के हर विषय से जोड़कर देखती है। भाषा की शिक्षा मातृभाषा से प्रभावित मात्र ही नहीं होती बल्कि वह द्वितीय भाषा कौशल की समृद्धि में भी लाभप्रद और सहायक सिद्ध होती है। इसी को ध्यान में रखकर विद्यार्थियों के हिंदी की सामान्य संरचनाओं की जानकारी को धीरे-धीरे उसकी विशिष्ट और विपुल संरचनाओं की जानकारी से जोड़ने की कोशिश इसमें की गई है। इसमें यथासंभव सहज और सरल भाषिक संरचनाओं वाले सरस और रोचक पाठों का चयन किया गया है। पाठों के चयन में हिंदी के महत्त्वपूर्ण रचनाकारों की बाल रचनाओं को शामिल कर द्वितीय भाषा के रूप में हिंदी पढ़ने-पढ़ानेवालों को हिंदी की समृद्ध साहित्य परंपरा के प्रति रुचि बढ़ाने की भी कोशिश है। पाठों की भाषा और विषयवस्तु न केवल महत्त्वपूर्ण है बल्कि अन्य विषयों के ज्ञान को भी अपने में समेटे हुए है, जो विद्यार्थियों की भाषा और साहित्य को पढ़ने-समझने और जानने-बताने की रुचि को बढ़ाने में सहायक होगी।

Durva Bhag 3 class 8 - Goa Board: दूर्वा भाग 3 कक्षा 8 - गोवा बोर्ड

by Shikshan Sanchalnalay Panaji Goa

दूर्वा भाग-3 कक्षा आठवीं यह किताब राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा-2005 के आधार पर तैयार किए गए पाठ्यक्रम पर आधारित है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की नयी रूपरेखा भाषा को बच्चे के व्यक्तित्त्व का सबसे समृद्ध संसाधन मानते हुए उसे पाठ्यक्रम के हर विषय से जोड़कर देखती है। हम जानते हैं कि भाषा की शिक्षा मातृभाषा से प्रभावित मात्र ही नहीं होती बल्कि वह द्वितीय भाषा कौशल की समृद्धि में भी लाभप्रद और सहायक सिद्ध होती है। इसलिए बदलते परिवेश एवं संदर्भ में ज्ञान के क्षेत्रों में हो रहे व्यापक परिवर्तन के कारण भी भाषा की शिक्षा को अन्य विषयों की शिक्षा के साथ मिलाजुलाकर देखने की ज़रूरत है। भाषा की महत्ता तो स्वयं सिद्ध है। इसी को ध्यान में रखकर विद्यार्थियों की हिंदी की सामान्य संरचनाओं की जानकारी को धीर-धीरे उसकी विशिष्ट और विपुल संरचनाओं से जोड़ने की कोशिश की गई है। इसमें हिंदी भाषा और साहित्य के विविध रूप-स्वरूप को सरल, सहज और रुचिकर पाठों के माध्यम से विद्यार्थियों के सामने प्रस्तुत किया गया है। हिंदी भाषा और साहित्य की विभिन्न विधाओं और शैलियों के साथ-साथ अन्य-विषयक ज्ञान से संबंधित सामग्रियों से तैयार विभिन्न पाठों द्वारा विद्यार्थियों को हिंदी की समृद्ध परंपरा से स्वाभाविक रूप से जोड़ने की कोशिश की गई है।

Durva Bhag 3 class 8 - NCERT: दूर्वा भाग 3 कक्षा 8 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

कक्षा 8 के लिए हिंदी की पाठ्यपुस्तक, एन.सी.ई.आर.टी. इस पुस्तक की रचना के लिए बनाई गई पाठ्यपुस्तक निर्माण समिति के परिश्रम के लिए कृतज्ञता व्यक्त करती है। परिषद् भाषा सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर नामवर सिंह और इस पुस्तक के मुख्य सलाहकार प्रोफ़ेसर पुरुषोत्तम अग्रवाल की विशेष आभारी है। पाठ्यपुस्तक के विकास में कई शिक्षकों ने योगदान किया, इस योगदान को संभव बनाने के लिए परिषद् उनके प्राचार्यों एवं उन सभी संस्थाओं और संगठनों के प्रति कृतज्ञ है जिन्होंने अपने संसाधनों, सामग्री तथा सहयोगियों की मदद लेने में हमें उदारतापूर्वक सहयोग दिया। परिषद माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रोफ़ेसर मृणाल मीरी एवं प्रोफ़ेसर जी.पी. देशपांडे की अध्यक्षता में गठित निगरानी समिति (मॉनिटरिंग कमेटी) के सदस्यों को अपना मूल्यवान समय और सहयोग देने के लिए धन्यवाद देती है।

Durva Bhag-3 class 8 - NCERT - 23: दूर्वा भाग-३ ८वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

कक्षा 8 के लिए हिंदी की पाठ्यपुस्तक, एन.सी.ई.आर.टी. इस पुस्तक की रचना के लिए बनाई गई पाठ्यपुस्तक निर्माण समिति के परिश्रम के लिए कृतज्ञता व्यक्त करती है। परिषद् भाषा सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर नामवर सिंह और इस पुस्तक के मुख्य सलाहकार प्रोफ़ेसर पुरुषोत्तम अग्रवाल की विशेष आभारी है। पाठ्यपुस्तक के विकास में कई शिक्षकों ने योगदान किया, इस योगदान को संभव बनाने के लिए परिषद् उनके प्राचार्यों एवं उन सभी संस्थाओं और संगठनों के प्रति कृतज्ञ है जिन्होंने अपने संसाधनों, सामग्री तथा सहयोगियों की मदद लेने में हमें उदारतापूर्वक सहयोग दिया। परिषद माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रोफ़ेसर मृणाल मीरी एवं प्रोफ़ेसर जी.पी. देशपांडे की अध्यक्षता में गठित निगरानी समिति (मॉनिटरिंग कमेटी) के सदस्यों को अपना मूल्यवान समय और सहयोग देने के लिए धन्यवाद देती है।

Durva Praveshika class 5 - Goa Board: दूर्वा प्रवेशिका कक्षा 5 - गोवा बोर्ड

by Shikshan Sanchalnalay Parvari Goa

दूर्वा प्रवेशिका कक्षा 5 के लिए हिंदी की पाठ्यपुस्तक है। यह किताब राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (2005) के आधार पर तैयार किए गए पाठ्यक्रम पर आधारित है। यह पारंपरिक भाषा-शिक्षण की सभी सीमाओं से आगे जाती है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की नयी रूपरेखा भाषा को बच्चे के व्यक्तित्व का सबसे समृद्ध संसाधन मानते हुए उसे पाठ्यक्रम के हर विषय से जोड़कर देखती है। भाषा की शिक्षा मातृभाषा से प्रभावित मात्र ही नहीं होती बल्कि वह द्वितीय भाषा कौशल की समृद्धि में भी लाभप्रद और सहायक सिद्ध होती है। इसी को ध्यान में रखकर विद्यार्थियों के हिंदी की सामान्य संरचनाओं की जानकारी को धीरे-धीरे उसकी विशिष्ट और विपुल संरचनाओं की जानकारी से जोड़ने की कोशिश इसमें की गई है। इसमें यथासंभव सहज और सरल भाषिक संरचनाओं वाले सरस और रोचक पाठों का चयन किया गया है। पाठों के चयन में हिंदी के महत्त्वपूर्ण रचनाकारों की बाल रचनाओं को शामिल कर द्वितीय भाषा के रूप में हिंदी पढ़ने-पढ़ानेवालों को हिंदी की समृद्ध साहित्य परंपरा के प्रति रुचि बढ़ाने की भी कोशिश है। पाठों की भाषा और विषयवस्तु न, केवल महत्त्वपूर्ण है बल्कि अन्य विषयों के ज्ञान को भी अपने में समेटे हुए है, जो विद्यार्थियों की भाषा और साहित्य को पढ़ने-समझने और जानने-बताने की रुचि को बढ़ाने में सहायक होगी।

Dusht Kaua

by Sanjeev Thakur

"दुष्ट कौआ" यह एक दुष्‍ट कौवें की कहानी हैं। जो घोंसले में रहने वाले पक्षियों के अण्‍डों को फोड़कर नुकसान पहुँचाता था। वह एक के बाद एक सबके पास मदद माँगने जाता है और अंत में वह शरमा कर जंगल की ओर उड़ जाता है। This is a story about a cruel crow who used to destroy the eggs of other birds and run away to the forest.

Dwandageet

by Ramdhari Singh Dinkar

Written by Dinkar from the years 1932 to 1939 and finally published in 1939, this is one of the best poems written by the poet.

Edison (Adrishya Niyamon Ke Gyata)

by Tejgyan Global Foundation

This book is not only Thomas Edisons biography. This is portrayal of a man who fund out his internal capabilities. This book is not only about Edison success factors that have made the highlights, but also his lifes many tales.

EHI01 Aamul Parivartanvaadi Pravattiyan Rashtravaad aur Mahatama Gandhi - IGNOU

by Ignou

This unit will tell the readers about the growth of marxism and socialism. This also explains about the scientific socialism. The first world war took place in the same time so it traces the causes of world war also. Russian revolution, causes and effects have been discussed in detail for the benefit of student of history. This era also saw the rise of revolutionaries and its effect on India can also be seen. Readers will the the emergence of Gandhi at the end of the unit.

EHI01 Prabhuta Sampann Rajya ki Ore - IGNOU

by Ignou

This is the 7th book of EHI01 with emphasis on these topics. Chapter 34. Divatiya Vishwa Yudhdh ke Dauran Bhartiya Rashtravaad; Bharat Chhodo Andolan tatha Ajad Hind Fauj, Chapter 35. Swatantrata ki ore; 1945-1947, Chapter 36. sampradayikta aur Bharat ka vibhajan, Chapter 37. Loktantrik Shasan Pranali ki sthapana.

EHI01 Rashtravaad Vishwa Yudhdho ke Madhya-2 - IGNOU

by Ignou

This unit traces the Indian Naitional Movement during 1920 and 1930. Unit 23 studies the effect of literature on National movement. further chapters discuss about revolutionalry and terrorist movement in the late 1920. Congress started the second revolution in 1930. causes of start of non cooperation movement have also been discussed. communist moement has also been analysed in this unit.

EHI01 Rashtravaad Vishwa Yudhdho ke Madhya-3 - IGNOU

by Ignou

This is the 6th book of EHI01 with emphasis on these topics. Chapter 29 : Sanvaidhanik Sudhar 1921-1935, Chapter 30: 1937 ke chunav tatha congress mantrimandal, Chapter 31: Bhartiya Poonjivaad ka uday; Swatantrata Sangram me uski Bhumika, Chapter 32 : Desi riyasato me Jan Sangharsh,Chapter 33 : Divatiya Vishwa Yudhdh; kaaran, vistaar tatha parinam.

EHI01 Rastravad Vishwa Yudhdho ke Dauraan-1 - IGNOU

by Ignou

This unit discusses about the constitutional development happening between 1892 to 1920. Non cooperation movement and khilafat movement are discussed in detail. Regional movements like akali and non brahmin movement have also been discussed. swaraj party, its rise and fall has been discussed. The rise of communalism during national movement have also been analysed in this unit.

EHI01 Samrajyavaad,Upniveshvaad tatha Rashtravaad - IGNOU

by Ignou

This unit analyses the rise of colonialism and nationalism in India. With the nationalism it also traces the history of the movement of 1857 in India. Expansionism of Britishers have been discussed and analysed. Administrative and colonial rule have also been discussed and analysed in a very simple way.

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