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Ganit class 9 - NCERT - 23: गणित ९वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

गणित कक्षा 9वीं का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक का अध्ययन करते समय आप यह देखेंगे कि पाठ्यपुस्तक विकास समिति ने इन तथ्यों को ध्यान में रखा है। विशेष रूप से इस पुस्तक के सृजन से बच्चों को गणित के अन्वेषण के लिए स्थान उपलब्ध कराने और गणितीय रूप में तर्क देने की योग्यता विकसित करने को ध्यान में रखकर किया गया है। साथ ही इस पुस्तक में दो परिशिष्ट-गणित में उपपत्तियाँ और गणितीय निदर्शन दिए गए हैं। इन्हें इस पुस्तक में उन बच्चों के लिए रखा गया है, जो इनके पठन में रुचि रखते हों, और इस समय इसका स्थान केवल ऐच्छिक पठन के लिए ही है। समय अंतराल में इन विषयों को मुख्य पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जा सकता है।

Ganit class 9 - NCERT: गणित कक्षा 9 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

गणित कक्षा 9वीं का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक का अध्ययन करते समय आप यह देखेंगे कि पाठ्यपुस्तक विकास समिति ने इन तथ्यों को ध्यान में रखा है। विशेष रूप से इस पुस्तक के सृजन से बच्चों को गणित के अन्वेषण के लिए स्थान उपलब्ध कराने और गणितीय रूप में तर्क देने की योग्यता विकसित करने को ध्यान में रखकर किया गया है। साथ ही इस पुस्तक में दो परिशिष्ट-गणित में उपपत्तियाँ और गणितीय निदर्शन दिए गए हैं। इन्हें इस पुस्तक में उन बच्चों के लिए रखा गया है, जो इनके पठन में रुचि रखते हों, और इस समय इसका स्थान केवल ऐच्छिक पठन के लिए ही है। समय अंतराल में इन विषयों को मुख्य पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जा सकता है।

Ganit class 9 - S.C.E.R.T. Raipur - Chhattisgarh Board: गणित कक्षा 9 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Raipur C. G. Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

गणित पाठ्यपुस्तक कक्षा 9वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में सात इकाई दी गई है उसमें गणित का इतिहास, बीजगणित, वाणिज्य गणित, त्रिकोणमिति, ज्यामिति, क्षेत्रमिति और साख्यिकी के बारे में बताया गया है। इस पाठ्यक्रम में संख्याकों से आगे संख्या पद्धति को अमूर्त रूप में समझना, संख्याओं के सामान्य नियम खुद से निकाल पाना, समता, चर एवं समीकरण के हल से क्या अर्थ है ऐसे कुछ उदाहरण हैं, तर्कों को गढ़ना, प्रत्येक चरण को तार्किक एवं संक्षिप्त रूप में दर्शा पाना ऐसी क्षमताएं हैं, वृहद रूप में माध्यमिक स्तर के गणित का उद्देश्य अवधारणात्मक ढाँचे को समझना, अपनी बात का तार्किक आधार दे पाने की योग्यता हासिल करना, सटीक एवं संक्षिप्त रूप से अपने विचारों को व्यक्त कर पाना एवं सिद्ध करने व सामान्यीकरण की गणितीय प्रक्रिया व नियमों को समझ पाना है।

Ganit ka Jaadu V Class 5 - Ncert

by Ncert

This is a Mathematics Hindi Medium Textbook for Class 5 Published by Ncert.

Ganit ka Jadu class 2 - Ncert

by Ncert

This book is for Class 2 for the subject Mathematics in Hindi medium. It is a textbook, published by NCERT as per the CBSE specifications.

Ghalib

by Muhammad Mujib

Ghalib has emerged as one of the most prominent Urdu poets. He has given new heights to the Urdu poetry tradition. Ghalib has summed up his innermost thoughts in the most influential style.

Ghananand Aur Sawchhand Kavya Dhara: घनानंद और स्वच्छंद काव्यधारा

by Manoharlal Gaud

प्रस्तुत पुस्तक 'घनानंद और स्वच्छंद काव्यधारा' आगरा विश्वविद्यालय में पी- एच. डी. उपाधि के लिये स्वीकृत हुए मेरे निबंध का मुद्रित स्वरूप है, निबंध में इसके अतिरिक्त रसखान, आलम, बोधा और ठाकुर का भी स्वच्छंद प्रवृत्ति की दृष्टि से अध्ययन किया गया था । इस काल में रीतिबद्ध काव्यधारा के अतिरिक्त जो रीतिमुक्त या स्वछंद काव्यधारा बही, उसकी अनेक विशेषताएं हैं, अनेकविध महत्व है। इसके विशद पर्यालोचन के बिना रीतिकाल का अध्ययन अधूरा हो रह जाता है- यह सभी को मान्य है। आदरणीय पंडित विश्वनाथप्रसाद मिश्र ने इस धारा का उन्नयन घनानंद की कृतियाँ संपादित कर उनको भूमिकामों में तथा अपनी 'बिहारी' पुस्तक में किया है। इसके कवियों की विशद कलात्मक समीक्षा अपेक्षित थी। इस ओर श्रीयुत मिश्र जी ने स्वयं संकेत किया है। प्रस्तुत प्रयास उस अपेक्षा की पूर्ति की दृष्टि से ही किया गया है।

Ghar Wapasi: घरवापसी

by Ajeet Bharti

घर वापसी उन विस्थापित लोगों की कहानी है जो बेहतर भविष्य के लक्ष्य का पीछा करते हुए, अपने समाज से दूर होने के बावजूद, वहाँ से पूरी तरह निकल नहीं पाते। यह कहानी बिहार-उत्तर प्रदेश आदि के गाँवों, छोटे शहरों से शिक्षा और नौकरी की तलाश में निकले युवाओं के आंतरिक और बाह्य संघर्ष की कहानी है। अपने जड़ों की एक चिंता से जूझते हुए कि मगर वो वहीं होते, तो शायद कुछ बदलाव ले आते। एक अंतर्द्वंद्व कि अपने नए परिवार, जिसमें पत्नी-बच्चे और उनका भविष्य है, को ताकूँ, या पुराने परिवार को, जिसमें माँ-बाप से लेकर समाज की भी एक वृहद् भूमिका होती है, लगातार चलता रहता है। समाज भी एक परिवार होता है, वो भी एक माँ-बाप का जोड़ा है जो आप में निवेश करता है। ‘मुझे क्या बनना है‘ के उत्तर का पीछा करते हुए मुख्य पात्र आज के समय में एक बेहतर स्थिति में ज़रूर है लेकिन वो परिस्थितिजन्य ‘बेहतरी‘ है। रिश्तों की गहराई और संवेदनाओं के एक वेग में घर वापसी के पात्र बहते हैं। पिता-पुत्र, पति-पत्नी, अल्पवयस्क प्रेमी-प्रेमिका, दोस्ती जैसे वैयक्तिक रिश्तों से लेकर समाज और व्यक्ति के आपसी रिश्तों की कहानी है घर वापसी।

Gita Press Aur Hindu Bharat Ka Nirman: गीता प्रेस और हिन्दू भारत का निर्माण

by Akshaya Mukul

साल 1920 के आरंभिक दशकों में ही व्यवसायी से आध्यात्मिक गुरु बने जयदयाल गोयन्दका और हनुमानप्रसाद पोद्दार नामक मारवाड़ियों ने गीता प्रेस की स्थापना और कल्याण पत्रिका के प्रकाशन की शुरुआत की। साल 2014 के आरंभ तक गीता प्रेस, गीता की तक़रीबन 7.2 करोड़, तुलसीदास की कृतियों की 7 करोड़ और पुराण तथा उपनिषद जैसे धर्मशास्त्रों की 1.9 करोड़ प्रतियां बेच चुका था। यहाँ तक कि अब जबकि उस जमाने की बाकी सभी धार्मिक, साहित्यिक या राजनैतिक पत्रिकाएं प्रेस अभिलेखागार की धूल खा रही हैं, गीता प्रेस से निकलने वाली पत्रिका कल्याण 2,00000 सर्कुलेशन के साथ बाज़ार में है। वहीं इसके अंग्रेजी समकक्ष कल्याण–कल्पतरु का सर्कुलेशन भी 1,00000 से अधिक है। गीता प्रेस ने कट्टर हिंदू राष्ट्रवाद की आवाज़ को बुलंद करने के लिए एक साम्राज्य स्थापित किया और एक लाभ-आधारित तथा निर्धारणीय धर्मनिष्ठा की कल्पना की। महात्मा गांधी समेत लगभग सभी प्रमुख आवाजों और नेताओं को गो हत्या, राष्ट्रभाषा के तौर पर हिंदी का समर्थन और हिंदुस्तानी का बहिष्कार, हिंदू कोड बिल, पाकिस्तान गठन, भारत के पंथनिरपेक्ष संविधान जैसे मुद्दों पर बोलने-लिखने को बाध्य कर दिया। कल्याण और कल्याण–कल्पतरुइस तरह के सभी मामलों पर हिंदू पक्ष का प्रवक्ता था। गीता प्रेस और इसके प्रकाशन द्वारा तैयार किये जा रहे विचारों ने हिंदू राजनैतिक चेतना और वास्तव में हिंदी जन दायरे को गढ़ने में अहम भूमिका निभाई। यह इतिहास हमें हिंदू दक्षिणपंथ की राजनैतिक सर्वश्रेष्ठता के उभार जैसे विवादित और जटिल विषय पर नई दृष्टि प्रदान करता है।आधुनिक भारत के इतिहास में सबसे प्रभावी प्रकाशन उद्यमों में से एक रहे गीता प्रेस पर किया गया यह शोध गीता प्रेस एंड द मेकिंग ऑफ़ हिंदू इंडिया एक मौलिक, पठनीय, और गहराई से किया गया अध्ययन है। विवेकहीन उद्यमियों, शातिर संपादकों, राष्ट्रवादी विचारकों और धार्मिक कट्टरपंथियों के रूप में असाधारण ढंग से चरित्रों का निरूपण करने वाला यह अध्ययन हमारे समय का अत्यावश्यक अध्ययन है।

Gnani Purursh 'Dada Bhagwan' Bhag-1: ज्ञानी पुरुष 'दादा भगवान' (भाग-१)

by Dada Bhagwan

हरेक काल चक्र में बहुत से ज्ञानी और महान पुरुष जन्म लेते हैं, लेकिन उनकी आंतरिक ज्ञान दशा का रहस्य अभी भी गुप्त (अप्रगट) ही रह जाता हैं| प्रस्तुत ग्रंथ “ज्ञानी पुरुष” में परम पूज्य दादाभगवान की ज्ञानदशा के पहले के विविध प्रसंग और उनकी विचक्षण जीवनशैली सहित अद्भुत द्रश्यो का तादृष्य, यहाँ विस्तार से जानने को मिलता हैं | एक सामान्य मानव होतें हुए भी उनके अंदर समाहित असामान्य लाक्षनिकताओ रूपी खजाना बाहर प्रगट हुआ हैं | उनके जीवन के मात्र एक प्रसंग में से अद्भुत आध्यात्मिक खुलासे (स्पष्टिकरण) द्वारा प्रस्तुत ग्रंथ के माध्यम से विश्व-दर्शन कराया हैं | जीवन व्यवहार में सही निर्णयशक्ति की सुझ (समझ) तथा व्यवहारिक समझ की अड़चनों के खुलासे द्वारा अनोखी सुझ का भंडार “ज्ञानी पुरुष” ग्रंथ के माध्यम से जगत को प्राप्त होगा | इस पवित्र ग्रंथ का अध्ययन करके, ज्ञानी पुरुष के जीवन-दर्शन का अद्भुत सफ़र करने का अमूल्य अवसर प्राप्त करेंगे...

Gnani Purush Kee Pahachaan: ज्ञानीपुरुष की पहचान

by Dada Bhagwan

कभी ज्ञानीपुरुष मिल जाए, जो मुक्त पुरुष हैं, परमेनन्ट मुक्तिहै, ऐसा कोई मिल जाए तो अपना काम हो जाता है। शास्त्रों के ज्ञानी तो बहुत है, मगर उससे तो कोई काम नहीं चलेगा। सच्चा ज्ञानी चाहिए, मोक्ष का दान देनेवाला चाहिए।

Godaan

by Premchand

Godan is regarded as one of the greatest Hindi novel of modern Indian literature. Themed around the socioeconomic deprivation as well as the exploitation of the poor village, the novel was the last complete novel of Premchand. The protagonist, Hori, a poor peasant, desperately longs for a cow, a symbol of wealth and prestige in rural India. In a Faustian twist of fate, Hori gets his cow, but ends by paying for it with his life. After his death, the village priests demand a cow from his widow to bring his soul absolution, and peace (Godaan). The narrative can be said to represent the existence of the average Indian farmer under colonial rule, with the protagonist facing cultural and feudal exploitation.

Godan: गोदान

by Premchand

मुंशी प्रेमचंद ने जो कुछ भी लिखा है, वह आम आदमी की व्यथा कथा है, चाहे वह ग्रामीण हो या शहरी। गांवों की अव्यवस्था, किसान की तड़प, ग्रामीण समाज की विसंगतियां, अंधविश्वास, उत्पीड़न और पीड़ा की सच्ची तस्वीर प्रस्तुत करता है - गोदान। मुंशी प्रेमचंद की चिर-परिचित शैली का जीता-जागता उदाहरण है गोदान, जो जमीन से जुड़ी हकीकतों को बेनकाब करता है। विश्व की सर्वाधिक भाषाओं में अनुवाद होकर बिकने का गौरव केवल गोदान को ही प्राप्त है। ‘गोदान’ का सर्वाधिक प्रमाणिक संस्करण एक संपूर्ण उपन्यास।

Golu Gudup Gudupdas

by Pramod Kumar Sharma

प्रमोद कुमार शर्मा दवारा रचित यह पुस्तक कई रोचक और शिक्षाप्रद कहानियों का संग्रह है।This book, Golu Gudup Gudupdas written by Pramod Kumar Sharma, is a collection of interesting and educational stories.

Gomant Prasoon Bhag 1 class 9 - Goa Board: गोमंत प्रसून भाग १ कक्षा नौवीं - गोवा बोर्ड

by Madhyamik Tatha Uchcha Madhyamik Sikshan Mandal Parvari Goa

गोमंत प्रसून भाग १ कक्षा नौवीं के लिए हिंदी (द्वितीय भाषा) की पाठ्य-पुस्तक तैयार की गई है। प्रस्तुत पुस्तक माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक स्तर के लिए शिक्षा मंडल की नीति-योजना के अनुसार 'हिंदी अभ्यास मंडल' के मार्गदर्शन में 'संपादक मंडल' ने तैयार की है। पुस्तक में गद्य-खंड, पद्य-खंड और पूरक-खंड (वाचन हेतु) आदि तीन खंड दिए गये है।

Gomant Prasoon Bhag 2 class 10 - Goa Board: गोमंत प्रसून भाग २ कक्षा 10 - गोवा बोर्ड

by Goa Madhyamik Va Uchcha Madhyamik Siksha Mandal

गोमंत प्रसून भाग 2 कक्षा दसवीं के लिए हिंदी (द्वितीय भाषा) की पाठ्य-पुस्तक तैयार की गई है। प्रस्तुत पुस्तक माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक स्तर के लिए शिक्षा मंडल की नीति-योजना के अनुसार 'हिंदी अभ्यास मंडल' के मार्गदर्शन में 'संपादक मंडल' ने तैयार की है। पुस्तक में गद्य-विभाग, पद्य-विभाग और पूरक-पठन (वाचन हेतु) विभाग आदि तीन खंड दिए गये है।

Gopal Bhand

by Aacharya Paramhans Pramod

Gopal Bhand is as famous as Birbal in the land of Bengal for his witty jokes and stories. He served under the king Krishna Chandra and rose to big fame He is also known as Birbal of Bengal. This Book has some of his best witty stories. गोपाल भांड अपने मजाकिया चुटकुले और कहानियों के लिए बंगाल की भूमि में बीरबल के रूप में प्रसिद्ध है। उन्होंने राजा कृष्ण चंद्र की सेवा की है और बड़ी प्रसिद्धि पायी। उन्हें बंगाल के बीरबल के रूप में भी जाना जाता है। यह पुस्तक उनकी सर्वश्रेष्ठ मजाकिया कहानियों में से कुछ है।

Gora

by Rabindranath Tagore

Gora is one of the novel by Tagore where he attacks the social taboos. Gora is a very complex novel. The divided society of Hindus has been presented in a very matchless way. Rabindranath Tagore brings out the inner controversies of both the Brahmo samaj and traditional orthodox society. Gora is an advocate of the Hinduism and its practises but opposes all the wrong doing in the society. He is a very patriotic person which is reflected all over in the novel. Readers of Indian classic must read this.

Gosain Bagan Ka Bhoot

by Shirshendu Mukhopadhyay

Gosain Bagan ka Bhoot is such an interesting work that no one can stop it reading once they have it in their hand. It is left to the readers to find the facts about the ghost by themselves. If the readers can find a philanthropic ghost then they can find the answers. For all those who can't find answer they need to read the novel.

Gotya

by N. D. Tamhankar

Books by Tamhankar are widely popular among children in Marathi. The book contains stories about an interesting character Gotya who has many adventures.

Grah Vigyan class 11 - RBSE Board: गृह विज्ञान 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

गृह विज्ञान व्यवहारिक शिक्षा होने के साथ-साथ व्यवसायिक एवं पारिवारिक शिक्षा का विषय भी है। इस विषय के विद्यार्थी अपनी दैनिक जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु विविध क्रियाकलापों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाते हुए अपनी कलात्मक अभिव्यक्ति का प्रदर्शन भी कर सकते है जिससे शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक रूप से स्वस्थ एवं सम्पन्न व्यक्ति, परिवार, समाज तथा राष्ट्र का निर्माण कर सके। राज्य सरकार के निर्देशानुसार नये पाठ्यक्रम के अनुसार कक्षा 11 की पुस्तक लिखी गई है।

Grah Vigyan class 12 - RBSE Board: गृह विज्ञान कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

गृह विज्ञान व्यवहारिक शिक्षा होने के साथ-साथ व्यवसायिक एवं पारिवारिक शिक्षा का विषय भी है। इस विषय के विद्यार्थी अपनी दैनिक जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु विविध क्रियाकलापों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाते हुए अपनी कलात्मक अभिव्यक्ति का प्रदर्शन भी कर सकते है जिससे शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक रूप से स्वस्थ एवं सम्पन्न व्यक्ति, परिवार, समाज तथा राष्ट्र का निर्माण कर सके। राज्य सरकार के निर्देशानुसार नये पाठ्यक्रम के अनुसार 2015 में कक्षा 11 की पुस्तक लिखी गई थी। इसी के अनुसार 2017 में कक्षा 12 की पुस्तक लिखी गयी।

Graphic Design Ek Kahani class 11 - NCERT: ग्राफ़िक डिज़ाइन एक कहानी 11वीं कक्षा - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

कक्षा 11 के लिए 'ग्राफिक डिज़ाइन एक कहानी' विषय की यह पुस्तक दृश्य जागरूकता और ग्राफिक संवेदनशीलता के बारे में है। वैसे तो प्रत्येक व्यक्ति अपनी जागरूकता का प्रयांग कुछ सीमा तक अवश्य करता है, मगर ग्राफिक डिज़ाइनर इस सीमा से आगे तक जाता है, और उसे अपन चारा और उपलब्ध जानकारी का यथासंभव सर्वोत्तम रीति से रूपाकित करने में अपेक्षाकृत अधिक गहराई ताक निरीक्षण करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाता है। इस पुस्तक का उद्देश्य केवल यह बताना हो नहीं है कि 'डिज़ाइन कैसे करें' बल्कि यह ग्राफिक कला, डिज़ाइन और ग्राफिक डिजाइन के विकास और उसके दर्शन का भी समझाती है।

Gregore Mendel: Jean Vigyan Ke Janak

by Narsingh Dyal

ग्रिगोर मेंडेल एक युगप्रवर्तक विज्ञानी है। ग्रिगोर मेंडेल ने आनुवंशिकता के सिद्धांतों की स्‍थापना की है। इन्‍हे जीन विज्ञान के जनक के नाम से भी जाता है।Grigor Mendel is an epochistologist. Grigor Mendel is established the principal of heredity. He is also known by ‘The Father of the Jean science’.

Grihadaha

by Sharat Chandra Chattopadhyay

Grihdaha is an exploration of noble and complex human emotions and relationships and the triumph of love suffused with pain and suffering. Both the narratives make for an easy reading with their imaginative descriptions, lucid language and artistic cohesion. Due to the intence of emotions it has caught the imaginations of people of all ages.

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