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Jahnavi: जाह्नवी
by Bharti Gaur‘ख्वाहिशों और सपनों में फर्क’, ‘धर्म और अध्यात्म में फर्क’, ‘प्रेम में होने और प्रेम के होने में फर्क’ की बात करता यह उपन्यास, ये सोचने पर मजबूर करता है कि जीवन जीते-जीते कब हम मरना सीख जाते हैं और जीवन से दूर होते चले जाते हैं। यह उपन्यास हमें बताता है कि वापस लौटकर आने के लिए हमें खुद के अन्दर झाँकने के अलावा और कोई विकल्प नहीं तलाशना चाहिए, सब कुछ इन्सान के अंतर्मन में ही है, वहीं मिलेगा। हमारी मदद हम खुद कर सकते हैं और अगर इस काबिल हैं तो दूसरों को भी रास्ता दिखाया जा सकता है। तलाकशुदा से प्रेम, बाल वैधव्य, बुज़ुर्गों की वर्तमान दशा-दिशा, स्वयं के ख़्वाबों का बिखराव, उनका खो जाना। व्यक्तित्व, जिसे निखारने का वादा इंसान को स्वयं से करना चाहिए, किन्तु जब यही सब बातें आरोप-प्रत्यारोप के रूप में जाह्नवी पर ही भारी पड़ने लगती हैं, तब उसका खुद से जूझना और इन सब से पार पाने का स़फर ही उपन्यास की आत्मा है। इंसान का दोहरा व्यवहार जब आइने के रूप में उसके सामने आकर उस पर लानत भेजता है, तब उसे क्या करना चाहिए?
Gumshuda: गुमशुदा
by Santosh Pathakस्नेहलता यादव की गुमशुदगी का मामूली सा दिखाई देने वाला केस अचानक ही मेरे जी का जंजाल बन गया। हालात, जिनपर मेरा कोई काबू नहीं था, यूं बिगड़ते चले गये कि लड़की का पता लगाने की बजाये मुझे खुद को जेल जाने से बचाने की कवायद में जुटना पड़ा। पुलिस की निगाहों में मैं रेपिस्ट था, खूनी था, और वह बात साबित हो जाना महज वक्त की बात थी, क्योंकि मेरे खिलाफ सबूतों का अंबार लगा हुआ था, और सबूत भी ऐसे जो चींख चींखकर कह रहे थे कि अपराधी मैं ही था। सबसे ज्यादा डैमेजिंग बात मेरे लिए ये थी कि केस की इंवेस्टिगेशन ऑफिसर इंस्पेक्टर गरिमा देशपांडे मेरे खिलाफ थी, इतना खिलाफ कि उसका वश चलता तो अदालत में गुनाह साबित होने से पहले ही मुझे फांसी के फंदे पर लटका देती। ऐसे मुश्किल हालात में सच्चाई की तह तक पहुंच पाना कोई आसान काम नहीं था। मगर पहुंचना फिर भी जरूरी था, क्योंकि बलि का बकरा बनने का मेरा कोई इरादा नहीं था।
Saalok - Devtao Ka Sabse Bada Dar: सालोक: देवताओं का सबसे बड़ा डर
by Saket Kumarसालोक-एक ऐसा अस्त्र जिसका रहस्य ब्रहमा, विष्णु तथा महादेव ने लाखों वर्षो से अपने अंदर छिपा कर रखा था किंतु ये राज अब कलियुग जान चुका है और इससे पहले की इन्द्र तथा बाकि देवताओं को ये बात पता चले उससे पहले ही विष्णु और महादेव को बचाना होगा 'सालोक' को कलियुग से। क्योंकि 'सालोक' मिलने का अर्थ है देवताओ का अंत और अगर देवताओ को ये बात पता चली तो वो खुद को बचाने के लिये पृथ्वी का सर्वनाश कर देंगे। पृथ्वी का सर्वनाश!! यानि इंसानो को सर्वनाश! किंतु जिस इंसानो से विष्णु तथा महादेव इतना प्रेम करते है वो भला ऐसा कैसे होने देंगे। विष्णु के सामने एक कठिन चुनौती है ना वो देवताओ को मरने दे सकते है और ना ही इंसानो का साथ छोड़ सकते है और साथ ही उन्हे खत्म करना है कलियुग को भी। और आज महादेव के सुझाव से लेने जा रहे है वो अपना दसंवा अवतार किंतु ऐसा करते ही वो कलियुग तथा ब्रहमा के बीच हुये समझौते को तोड़ देगें और जिसका अर्थ है इंसानो की मौत। कैसे तोड़ेगें इस चक्रव्युह को विष्णु? और कैसे जन्म लेगा उनका दसंवा अवतार? कैसे आयी पृथ्वी पर सालोक? कौन सी शक्तियां है सालोक में जिसने त्रिदेवों को भी चिंता मे डाल दिया है और कैसे पता चला कलियुग को सालोक के बारे मे? सालोक के इस पुस्तक में परत दर परत खुलते इन सभी रहस्यो के साथ ही जिक्र है किवदंती बन चुके उन देवों का तथा उन शापित इंसानो का जो हजारों सालो से छुप कर रह रहें है किंतु अब उन्हे भी बाहर आना ही होगा। और वे आयेंगे विष्णु के दसंवे अवतार के आवाहन पर। क्योंकि विष्णु भी ये समझ चुके है की उनके सभी अवतार ने अपने अपने युगो मे पैदा हुये दुष्टों को खात्मा किया है किंतु इस बार उनका सामना हुआ है खुद एक युग से कलियुग से।
Rahasyamayi Safar: रहस्यमयी सफ़र
by Devendra Prasadअनजान रहस्यमयी टापू, खौफनाक कहानी और रहस्यमयी सफ़र, डबडबा टापू की भूमि पर जहाँ वीरता और बलिदान की कहानियाँ कदम-कदम पर नज़र आती थी, वहीं अब कदम-कदम पर नज़र आता है, रहस्य और रोमांच से परे एक ऐसा अद्भुत संसार जो अपनी बर्बरता की दास्तां ख़ुद कहता है। वहीं दूसरी तरफ़ है कालुभर टापू, जहाँ शाम के साये गहराने लगते हैं तो हवा में एक रहस्यमयी-सी सरसराहट घुल जाती है। अपनी ही आहट से हृदय की धड़कने रुकने को अक्सर विवश हो जाती है। अटल के घुमक्कड़ी के शौक ने उसे निशा से मिलवाया, जिसके मोहपाश में फँसकर वह पहुँच गया, हर चौबीस साल में जलमग्न हो जाने टापुओं पर। यहाँ उसका सामना हो रहा था ऐसे अतीत से, जिसके वर्तमान में खुद को पाकर, वह अपने भविष्य को लेकर चिंतित हो चला था। कैसा था ये रहस्यमयी सफर? क्या अटल को मिल पाई थी निशा? आखिर कौन थी ये निशा? क्या निशा कोई थी या थी कोई मरीचिका?
Tanjavarche Marathe Raje: तंजातंजावरचे मराठे राजेवरचे मराठे राजे
by Vinayak Sadashiv Vakaskarमद्रासचे विद्वान इतिहासलेखक श्रीयुत सुब्रह्मण्य यांनी हे पुस्तक संशोधनपूर्वक लिहिले असल्याचे श्रीयुत अयंगार या प्रख्यात इतिहासतज्ञांनी आपल्या उपोद्घातात स्पष्ट म्हटलेच आहे. अशा या मूळ इंग्रजी पुस्तकाचा हा अनुवाद आहे. तो करीत असताना अवश्य त्या विशेष माहितीची भर ठिकठिकाणी घातली आहे. त्या मुळे हे पुस्तक आतापर्यंतच्या माहितीच्या निष्कर्षरूपाने मराठी वाचकांपुढे ठेवण्याचा प्रयत्न झालेला आहे. तंजावरचा शिलालेख विस्तृत असून तो मराठी भाषेत खोदविलेला आहे. त्याचे सर्व इंग्रजी भाषांतर श्रीयुत सुब्रड्मण्य यांना न मिळाल्याचे त्यांनी आपल्या भूमिकेत लिहिलेच आहे. तो दुर्मिळ शिलालेख मोठ्या प्रयत्नाने मिळवून मुद्दाम परिशिष्टात दिला आहे. त्यावरून इतिहास अभ्यासूंना अवश्य ते साहाय्य होईल अशी खात्री आहे. शिलालेखाचा सारांश आरंभी दिलाच आहे.
Chakravyuh: चक्रव्यूह
by Shalini Soniजब इंसान स्वप्न के उड़नखटोले पर बैठकर खुले आसमान में उड़ता है, तो उसे अद्भुत आनंद का अहसास होता है। लेकिन जब यही उड़नखटोला उसे हकीकत के घरातल पर उतारता है, तो धरती की तपेदिक उसके पदों को घायल कर देती है, जिसे सहन कर पाना आसान नहीं होता। आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में, हर बच्चे को भाग लेना अनिवार्य हो गया है, चाहे वह अपनी मर्जी से हो या परिवार की इक्षापूर्ति के लिए। नतीजतन, कभी-कभी उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं मिलते, कभी काबिलियत की कमी के कारण तो कभी चाहत की पूर्ति न होने से। इस दौड़ में कोटा जैसे कोचिंग हब में बच्चों की तादाद बढ़ रही है, जहां से उनका उच्च शिक्षा और स्वाभिमान का सफर शुरू होता है। लेकिन कई बार यह देखा गया है कि जो कुछ भलाई के लिए बनाया गया होता है, वह अक्सर बुराई में परिणत हो जाता है। आज कोटा एक शिक्षा का शहर होने के बजाय आत्महत्या का केंद्र बन रहा है, जो अभी तक चेतावनी नहीं दे रहा है, पर आने वाले कल में एक चिंतनीय विषय बन सकता है। इन्ही बढ़ती कुरीतियों को रोकने की कोशिश में माताएं अपनी जान जोखिम में डाल कर किस तरह साहस का परिचय देती है यह हमें आगे जानने को मिलेगा।
Roopkunwar: रूपकंवर
by Satya Vardhan Dobriyal“रूपकंवर” इस उपन्यास में मैंने देश भर में व्याप्त उस परिदृश्य और हमारे समाज के जाने माने लोगों के मध्य जिस प्रकार के आचार-व्यवहार देखने को मिलता है उसे आप तक लाने का प्रयास किया है। साहित्य के दस रूपक और अठ्ठारह उपरूपकों का इस्तेमाल इस उपन्यास में नहीं किया जा सकता था क्योंकि यह उस प्रकार की कृति नहीं है लेकिन यह रचना एक कलात्मक रचना है ऐसा भीं नहीं कहा जा सकता है। लेकिन जिस प्रकार की कथावस्तु इसमें है उससे पाठक आनंद जरूर उठा सकते हैं और जो संदेश मैं समाज को देना चाहता हूं उसे देने में सफल हो सकता हूं। आप इस उपन्यास को पढ़ते हुए चरित्रों की विशेषताओं का जरा गौर से निरीक्षण करना और फिर आप देखेंगे कि चित्र किस तरह आपके मस्तिष्क में उभर कर आते हैं।
Kurukshetra May 2024
by Publications DivisionKurukshetra May 2024, A Journal on Rural Development" focuses on the theme "Towards Embracing Green Technologies." This edition delves into the adoption and integration of sustainable technologies in rural development. It highlights the importance of green technologies in promoting environmental sustainability and enhancing rural livelihoods.
Yojana March 2024
by YojanaMarch 2024 issue of "Yojana," a development-focused monthly publication. The theme for this issue is "Art + Culture in Digital Age," exploring how digital technologies are influencing and transforming traditional art and cultural practices. It includes articles and discussions on the integration of digital tools in artistic expression, the impact of the internet and social media on cultural dissemination, the preservation of cultural heritage in a digital format, and the new opportunities and challenges faced by artists and cultural practitioners in the digital era.
Shemushi Prathmo Bhag class 9 - Himachal Pradesh Board: शेमुषी द्वितीयो भागः कक्षा ९ - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaसंस्कृत के नवीन पाठ्यक्रम में निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप नवम कक्षा के लिए शेमुषी (प्रथमो भागः) नामक पाठ्यपुस्तक का प्रणयन किया गया है। नवीन पाठ्यक्रम एवं वर्तमान पुस्तक की विशिष्टताओं में सर्वप्रथम उल्लेखनीय है कि इसमें संस्कृत को एक जीवन्त भाषा के रूप में देखा गया है जिसकी धारा निरन्तर प्रवाहित होती रही है। इसी दृष्टि से इसमें आधुनिक संस्कृत रचनाओं के समावेश के साथ ही साथ अन्य भाषाओं के साहित्य से अनूदित रचनाओं को भी ग्रहण किया गया है। पाठों के आरंभ में पाठ-संदर्भ दिये गये हैं, जिनसे छात्र पाठ-प्रसंग को सरलता से समझ सकेंगे। छात्रों को सीखने के अधिकाधिक अवसर देने के लिए पाठों के अन्त में विविध-प्रश्नों वाली अभ्यासचारिका दी गयी है। छात्र पाठों को स्वयमेव समझ सकें इसके लिए 'शब्दार्थाः' शीर्षक के अन्तर्गत पाठ में आये सभी नवीन तथा कठिन शब्दों के संस्कृत, हिन्दी तथा अंग्रेजी में अर्थ दिये गये हैं। योग्यता-विस्तार के अन्तर्गत ऐसी सामग्री दी गयी है, जिससे छात्र ज्ञान के अग्रिम चरण की ओर सहज ही उन्मुख हो सकें। अध्यापकों के लिए यथेष्ट रूप से शिक्षण-संकेत भी दिये गये हैं ताकि निर्धारित पाठ्यबिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए अध्यापन किया जा सके। पाठों को दृश्य-विधि से स्पष्ट करने के लिए विषयानुकूल चित्रों का समावेश करके पुस्तक को आकर्षक बनाया गया है। इस पुस्तक में कुल 12 पाठ रखे गये हैं जिनमें छह पाठ प्राचीन ग्रन्थों से तथा छह पाठ आधुनिक रचनाओं से हैं। आधुनिक पाठों में भी चार पाठ संस्कृत की मौलिक रचनाओं तथा दो पाठ दूसरी भाषाओं से अनुवाद के रूप में हैं।
Samkalin Bharat Bhag-2 class 10 - Himachal Pradesh Board: समकालीन भारत भाग-२ कक्षा १० - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaहिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 10 के लिए " समकालीन भारत भाग-२" का डिजिटल संस्करण, 2017 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। शिक्षा में सुधार की आवश्यकता पर ध्यान देते हुए राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा रूपरेखा 2005 और परीक्षा सुधारों पर राष्ट्रीय फोकस समूह के स्थिति पत्र ने परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नों के तरीकों में बदलाव के लिए अपील की है। इस पुस्तक में कुल सात अध्याय है। संसाधन एवं विकास, वन एवं वन्य जीव संसाधन, जल संसाधन, कृषि, खनिज तथा ऊर्जा संसाधन, विनिर्माण उद्योग, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ आदी के बारे जानकारी दी गई है। राष्ट्रीय स्तर पर पाठ्यपुस्तकों के निर्माण का दायित्व एन. सी. ई. आर. टी. को दिया गया है ताकि शिक्षा के राष्ट्रीय स्तर पर समरूपता बनी रहे। हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड, एन.सी.ई.आर.टी. का आभारी हैं क्योंकि उन्होंने हमें उनके द्वारा परिश्रमपूर्वक तैयार की गई पुस्तकों को पुनर्मुदित कर अपने छात्रों तक पहुंचाने का अधिकार दिया है। छात्रें में भू-स्थानिक कौशल विकसित करने के उद्देश्य से एनसीईआरटी तथा इसरो ने मिलकर ऑनलाइन वेब आधारित भू-स्थानिक पोर्टल स्कूल-भुवन-एनसीईआरटी बनाया है। इस भू-स्थानिक पोर्टल पर भूगोल की पाठ्यपुस्तकों में दिए गए मानचित्र उपलब्ध हैं। यह पोर्टल छात्रें में भू-स्थानिक तकनीक के उपयोग द्वारा भूगोल की विभिन्न संकल्पनाओं को समझने में मदद करता है।
Kurukshetra March 2024
by Publications DivisionThe March 2024 edition of Kurukshetra Magazine focuses on innovative and profitable farming techniques that are reshaping agriculture worldwide. This issue delves into the realms of bamboo culture, vertical farming, floriculture, and hydroponics, offering insights into how these practices are revolutionizing the agricultural landscape.
Loktantrik Rajniti class 10 - Himachal Pradesh Board: लोकतांत्रिक राजनीति कक्षा १० - लोकतांत्रिक राजनीति कक्षा १० - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaहिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 10 के लिए "सामाजिक विज्ञान लोकतांत्रिक राजनीति" का डिजिटल संस्करण, 2013 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। यह "राष्ट्रीय पाठ्यक्रम निर्देशिका 2005" के प्रेरणा से लिखा गया है और लोकतंत्र के विभिन्न पहलुओं को छात्रों को परिचित कराने का उद्देश्य रखता है। यह किताब अपनी कथाओं, चित्रों, पहेलियों और कार्टूनों के माध्यम से विद्यार्थियों से हेल-मेल करती है। इस बार दृश्य सामग्री बढ़ा दी गई है और 'प्लस बाक्स' के नाम से एक नयी चीज़ जोड़ी गई है। 'इस किताब का उपयोग ऐसे करें' शीर्षक के अंतर्गत सभी नयी पुरानी विशेषताओं का ज़िक्र किया गया है। इसे ज़रूर पढ़ें। सबसे बड़ी बात यह है कि यह पुस्तक आपको सीख या उपदेश देने की कोशिश नहीं करती। यह आपसे बातचीत करना चाहती है। आप भी मानेंगे कि लोकतंत्र के बारे में सोचने का यही लोकतांत्रिक तरीका है।
Kurukshetra April 2024: कुरुक्षेत्र अप्रैल २०२४
by Publications Divisionअप्रैल 2024 संस्करण, ए जर्नल ऑन रूरल डेवलपमेंट का कुरुक्षेत्र "पर्यटन: समृद्ध ग्रामीण विकास" विषय पर केंद्रित है। यह संस्करण बताता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास और सतत विकास को चलाने के लिए पर्यटन को एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है। कवर में प्रतिष्ठित भारतीय परिदृश्यों और सांस्कृतिक स्थलों की जीवंत छवियां हैं, जो देश भर में विविध पर्यटन संभावनाओं को उजागर करती हैं।
Aage Badhata Kadam Bhag-3 class 10 - Himachal Pradesh Board: आगे बढ़ता कदम भाग-३ कक्षा १० - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaआपके जीवन के इस पड़ाव पर, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड आपको भावी "आपदा प्रबंधकों" के रूप में तैयार करना चाहता है, ताकि आपदाओं से निपटने के लिए हमारे पास विशेषज्ञों की बेहतर टीमें उपलब्ध हों। पुस्तक का प्रारम्भ सूनामी पर एक विशेष अध्याय से किया गया है। इस अध्याय में यह बताया गया है कि सूनामी लहरें क्या होती हैं और उनके प्रभाव से अपनी रक्षा के लिए कौन-कौन से संभावित कदम उठाए जा सकते हैं। इस पुस्तक में विद्यार्थियों को जीवन रक्षा के विभिन्न कौशलों के बारे में व्यावहारिक अनुभव से परिचित कराने का प्रयास किया गया है। कोई आकस्मिक स्थिति उत्पन्न होने पर इस अनुभव के आधार पर अनेकों बेशकिमती जानें बचाई जा सकती हैं। इस पुस्तक में उन विभिन्न वैकाल्पिक संचार प्रणालियों के बारे में भी चर्चा की गई है जिनका प्रयोग आपदा के समय मौजूदा संसार प्रणाली के विफल होने पर किया जा सकता है। सुरक्षित निर्माण की कार्य पद्धतियों को अपनाना और अपनी मौजूदा इमारतों को सुदृढ़ करना जरूरी है। हम आपको यकीन दिलाना चाहेंगे कि समुदाय की सुरक्षा के इस पावन कार्य में आप अकेले नहीं है। अध्याय छह में उन अनेकों सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं के बारे में बताया गया है जिनकी, आपदाओं के प्रबंधन के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है और आवश्यकता पड़ने पर आपकी सहायता कर सकती हैं। उनके बारे में सही जानकारी होने से यह लाभ होगा कि जरूरत पड़ने पर उनकी सहायता लेने में आपको आसानी होगी। अतएव अपने प्रियजनों की सुरक्षा के बारे में विचार करके योजना बनाने के लिए यह सही समय है। अध्याय 7 में कुछेक ऐसे उपायों के बारे में चर्चा की गई है जिनको ध्यान में रखकर ही कोई योजना बनाई जानी चाहिए।
Yojana May 2024
by YojanaThe May 2024 issue of Yojana magazine, a prominent development monthly, delves into the intricate and vibrant world of Indian textiles with the theme "Weaves of India." This edition highlights the rich cultural heritage and traditional craftsmanship that define India's diverse weaving practices.
Arthik Vikas Ki Samajh class 10 - Himachal Pradesh Board: आर्थिक विकास की समझ कक्षा १० - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaहिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 10 के लिए "आर्थिक विकास की समझ" का डिजिटल संस्करण, 2013 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। शिक्षा में सुधार की आवश्यकता पर ध्यान देते हुए राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा रूपरेखा 2005 और परीक्षा सुधारों पर राष्ट्रीय फोकस समूह के स्थिति पत्र ने परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नों के तरीकों में बदलाव के लिए अपील की है। इस पुस्तक में पूछे गए प्रश्न रटने को बढ़ावा देने वाली मूल्यांकन प्रणाली से हटकर पाठकों की रचनात्मक सोच, कल्पनाशीलता, प्रत्युत्तर और विश्लेषण क्षमता को धारदार बनाने वाली प्रणाली अपनायी गई है। यहाँ दिए गए उदाहरणों के आधार पर शिक्षक अतिरिक्त प्रश्नों को भी तैयार कर सकते हैं। इस पुस्तक को तैयार करते समय हमने अनेक संदर्भ सामग्रियों का उपयोग किया है। इसके अलावा समाचार पत्रों की अनेक कतरनों, सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों की रिपोर्टों का भी उपयोग किया है। इनमें से कुछ का उल्लेख शिक्षक के लिए निर्देश में किया गया है और कुछ पुस्तक के अन्त में सुझावित पाठ्य-सामग्रियों में दिए गए हैं।
Shemushi Dviteeyo Bhag class 10 - Himachal Pradesh Board: शेमुषी द्वितीयो भागः कक्षा १० - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaसंस्कृत के नवीन पाठ्यक्रम में निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप नवम कक्षा के लिए शेमुषी प्रथम भाग नामक पाठ्यपुस्तक के अनंतर दशम कक्षा के लिए यह शेमुषी द्वितीय भाग पुनरीक्षित संस्करण (2017) प्रस्तुत किया जा रहा है। इस संकलन में संस्कृत को जीवन्त भाषा के रूप में देखा गया है जिसकी धारा निरन्तर प्रवाहित होती रही है। इसीलिए इसमें आधुनिक संस्कृत रचनाओं के समावेश के साथ अन्य भाषाओं के साहित्य से अनूदित पाठों को भी ग्रहण किया गया है। पाठों के आरम्भ में पाठ-सन्दर्भ दिए गए हैं जिनसे पाठ-प्रसंगों को समझा जा सके। छात्रों को सीखने का अधिकाधिक अवसर मिल सके इसलिए पाठों के अन्त में विविध अभ्यासों वाली प्रश्नावली दी गयी है। छात्र पाठों को स्वयमेव समझ सकें इसके लिए ‘शब्दार्थाः’ शीर्षक के अन्तर्गत पाठ में आए नवीन तथा कठिन शब्दों के संस्कृत तथा हिंदी में अर्थ दिए गए हैं। ‘योग्यता-विस्तार’ के अन्तर्गत ऐसी सामग्री दी गई है जिससे छात्र ज्ञान के अग्रिम चरण की ओर सहज उन्मुख हो सकें। अध्यापकों के लिए पर्याप्त शिक्षण-संकेत दिए गए हैं ताकि निर्धारित पाठ्य बिंदुओं को ध्यान में रखकर अध्यापन कर सकें। पाठों को दृश्य विधि से स्पष्ट करने के लिए विषयानुकूल चित्र भी दिए गए हैं। इस पुस्तक में कुल 12 पाठ रखे गए हैं। इनमें सात पाठ प्राचीन ग्रन्थों से तथा पाँच पाठ आधुनिक मौलिक अथवा अनूदित संस्कृत रचनाओं से लिए गए हैं।
Bharat Aur Samkalin Vishwa Bhag-2 class 10 - Himachal Pradesh Board: भारत और समकालीन विश्व भाग-२ कक्षा १० - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaहिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 10 के लिए "सामाजिक विज्ञान भारत और समकालीन विश्व-2" का डिजिटल संस्करण, 2013 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। इस पुस्तक के पहले दो अध्यायों (खंड 1) में इसी इतिहास को समझने की कोशिश की गई है। यहाँ किस तरह यूरोप में राष्ट्रवाद का विचार उपजा, किस तरह भूभागों को एकजुट किया गया और राष्ट्रीय सरकारें बनाई गईं। यह दशकों तक चलने वाली प्रक्रिया थी जिसमें बहुत सारे युद्ध और क्रांतियाँ हुई, बहुत सारे वैचारिक संघर्ष और राजनीतिक टकराव हुए। यूरोप की चर्चा (अध्याय 1) से हम अपना ध्यान भारत (अध्याय 2) में राष्ट्रवाद के विकास पर केंद्रित करेंगे, जहाँ राष्ट्रवाद का स्वरूप उपनिवेशवाद तथा साम्राज्यवाद विरोधी आंदोलनों से तय हुआ था। खंड 2 में हम अर्थव्यवस्थाओं और आजीविकाओं पर विचार करेंगे। पिछले साल आपने चरवाहों और वनवासियों के बारे में पढ़ा था, जिन्हें बीते ज़माने के अवशेषों की तरह देखा जाता है जबकि वास्तव में वे इसी आधुनिक दुनिया का हिस्सा हैं जिसमें हम रहते हैं। इस साल हम उन घटनाओं पर विचार करेंगे जिन्हें आधुनिकता का प्रतीक माना जाता है- वैश्वीकरण और औद्योगीकरण। इस भाग में हम इन बदलावों के इतिहास के विविध आयामों की पड़ताल करेंगे। अध्याय 4 में आप देखेंगे कि किस तरह भूमंडलीकृत विश्व एक लंबे और जटिल इतिहास से उपजा है। प्राचीन काल से ही तीर्थयात्री, व्यापारी, मुसाफिर अपने साथ सामानों, जानकारियों और दक्षताओं को लिए दूर-दूर तक जाते रहे हैं। खंड 3 में आप मुद्रण संस्कृति के इतिहास को पढ़ेंगे। छपी हुई चीजों से घिरे हुए हम लोगों को यह कल्पना करना भी मुश्किल दिखाई पड़ सकता है कि एक जमाने में प्रिंटिंग जैसी चीज होती ही नहीं थी। अध्याय 5 में इस बात पर विचार किया गया है कि किस तरह समकालीन दुनिया का इतिहास छपाई तकनीक के विकास के साथ अभिन्न रूप से जुड़ा रहा है। वहाँ आप देखेंगे कि छपाई ने सूचनाओं और विचारों, बहसों और चर्चाओं, विज्ञापन और प्रचार तथा नाना प्रकार के नए साहित्य के प्रसार को किस तरह संभव बनाया है।
Vigyan class 10 - Himachal Pradesh Board: विज्ञान कक्षा १० - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaहिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 10 के लिए "विज्ञान" का डिजिटल संस्करण, 2013 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण, अम्ल, क्षारक एवं लवण, धातु एवं अधातु, कार्बन एवं उसके यौगिक, तत्वों का आवर्त वर्गीकरण, जैव प्रक्रम, नियंत्रण एवं समन्वय, जीव जनन कैसे करते हैं, आनुवंशिकता एवं जैव विकास, प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन, मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार, विद्युत, विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव, ऊर्जा के स्रोत, हमारा पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन। इसमें मानक पाठ्यक्रम के विषय शामिल हैं जैसे रासायनिक प्रतिक्रियाएं और समीकरण, धातु और अधातु, अम्ल, क्षार और लवण, कार्बन, आवर्त सारणी, जीवन प्रक्रियाएं, प्रजनन, आनुवंशिकता, प्रकाश, बिजली, मानव आंख, ऊर्जा, चुंबकत्व, पर्यावरण और संसाधन प्रबंधन। सीखने को आसान बनाने के लिए, किताबें चित्रों से सुसज्जित हैं जो छात्रों को स्पष्ट विचार बताती हैं। इसी तरह, पुस्तक में दिए गए उदाहरण अच्छी तरह से वर्णित हैं और उत्पन्न होने वाले किसी भी भ्रम को दूर करने में मदद करते हैं। यह पुस्तक हल किए गए और अनसुलझे प्रश्नों के साथ भी आती है ताकि छात्र स्वयं का परीक्षण कर सकें और अपने कौशल में सुधार कर सकें।
Bharat Aur Samkalin Vishwa Bhag-1 class 9 - Himachal Pradesh Board: भारत और समकालीन विश्व भाग-१ कक्षा ९ - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaहिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 10 के लिए "सामाजिक विज्ञान भारत और समकालीन विश्व-1" का डिजिटल संस्करण, 2013 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। इस किताब के खंड 1 में कुछ ऐसी घटनाओं और प्रक्रियाओं पर ध्यान दिया गया है जो आधुनिक विश्व को समझने की दृष्टि से काफ़ी महत्त्वपूर्ण हैं। इस साल खंड में आप फ्रांसीसी क्रांति, रूसी क्रांति और नात्सीवाद के बारे में पढ़ेंगे। खंड 2 में नाटकीय घटनाओं पर दृष्टिपात करते हुए हम लोगों के जीवन की सामान्य बातों - उनकी आर्थिक गतिविधियों और आजीविका के स्वरूप - तक जाएंगे। इस हिस्से में आप देखेंगे कि जनजातीय समुदायों और चरवाहों के लिए समकालीन विश्व का क्या मतलब रहा है; उन्होंने इन बदलावों का सामना किस तरह किया और उन्हें किस तरह प्रभावित किया।
Kurukshetra March 2024: कुरुक्षेत्र मार्च २०२४
by Publications Divisionकुरुक्षेत्र मार्च २०२४ पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु “लाभदायक खेती” हैं। खेती को लाभदायक बनाने के लिए नवीनतम कृषि तकनीकों को अपनाने के साथ-साथ कृषि लागत में कमी करना और उत्पादन बढ़ाना बेहद जरूरी है जिसके लिए मिट्टी की जांच, जैविक खादों का अधिक उपयोग, उन्नतशील प्रजातियों के बीजों को प्रयोग में लाना, अधिक मुनाफा देने वाली फसलों का चयन, फसल विविधीकरण और फसल चक्र अपनाने जैसे कुछ महत्वपूर्ण सुझाव इस अंक में विशेषज्ञों द्वारा दिए गए हैं। उम्मीद है कि इस अंक में शामिल खेती को लाभदायक बनाने के सुझाव और सफलता की कहानियाँ सुधि पाठकों को उत्साहित और प्रेरित करेंगी।
Aapda Prabandhan Bhag-2 class 9 - Himachal Pradesh Board: आपदा प्रबंधन भाग-२ कक्षा ९ - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaहिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 9 के लिए " पदा प्रबंधन भाग-२" का डिजिटल संस्करण, 2013 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। अब हम यह सीखेंगे कि आपदाओं के दुष्प्रभावों को कम कैसे करें जिससे कि उनका प्रभाव समुदायों पर कम हो तथा संकट को आपदा बनने की संभावना से रोका जा सके। समुदाय एक दल के रूप में कैसे काम कर सकते हैं और सक्षम आपदा प्रबंधक बन सकते हैं (समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन)। यह इसलिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि आपदा की स्थिति में जवाबी कार्रवाई करने वालों में समुदाय सबसे आगे आता है। आगे हमें यह भी समझने की आवश्यकता है कि हम विद्यालयों के लिए आपदा प्रबंधन योजनाएं कैसे तैयार करें तथा जवाबी कार्रवाई के कौशल के लिए स्वयं को कैसे प्रशिक्षित करें ताकि संकट के समय हम अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकें। अंततः विद्यार्थी तथा अध्यापक के रूप में हमारा यह कर्तव्य बनता है कि हम अपने परिवार तथा पड़ोसियों को सजग एवं शिक्षित करें ताकि हम सब मिलकर एक सुरक्षित भारत का निर्माण कर सकें।
Yojana April 2024
by YojanaThe April 2024 edition of "Yojana," a development monthly magazine, is themed "Our Ecosystem." This edition focuses on various aspects of the ecosystem, emphasizing the importance of biodiversity and conservation efforts. The cover features vibrant imagery of different elements of the ecosystem, including: wildlife, flora, bird migration.
Kurukshetra April 2024
by Publications DivisionThe Kurukshetra of the April 2024 edition, A Journal on Rural Development focuses on the theme "Tourism: Enriching Rural Development." This edition explores how tourism can be leveraged as a powerful tool to drive economic growth and sustainable development in rural areas. The cover features vibrant images of iconic Indian landscapes and cultural sites, highlighting the diverse tourism potential across the country.